बिहार में दूसरी शादी को लेकर जारी हुआ नया गाइडलाइन, पढ़िये

बिहार में दूसरी शादी को लेकर जारी हुआ नया गाइडलाइन, पढ़िये

पटना: कोई सरकारी कर्मी अपने पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह या इससे संबंधित करार नहीं कर सकते. इस तरह की शादी से उत्पन्न संतान अनुकंपा आधारित नौकरी की हकदार नहीं होगी. राज्य सरकार में किसी स्तर के कर्मी की दूसरी शादी तभी वैद्य मानी जायेगी, जब इसके लिए पहले सरकार से अनुमति ली गयी हो. अगर दूसरी शादी की पर्सनल लॉ से मान्यता मिल गयी हो और सरकार से अनुमति नहीं मिली है, तो यह शादी मान्य नहीं होगी.

सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डॉ बी राजेंदर ने इससे संबंधित आदेश सभी विभागों के प्रमुख, डीजीपी, अनुमंडलीय आयुक्त व सभी जिलाधिकारियों को जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि सरकार से अनुमति लेकर इस तरह का दूसरा विवाह विधिसम्मत होने पर ही ऐसी स्थिति में जीवित पत्नियों या इनके बच्चे अनुकंपा आधारित नियुक्ति के लिए मान्य होंगे. इसमें भी पत्नी का स्थान पहले माना जायेगा.

प्रधान सचिव ने कहा है कि दूसरी शादी से जुड़े अनुकंपा आधारित नियुक्ति का लाभ तभी मिलेगा, जब वे सभी योग्यता पर खरे उतरते हो. इस तरह के मामलों में सरकार के स्तर से तय तमाम नियम-कायदों का पालन करना अनिवार्य होगा. अगर किसी मामले में एक से अधिक विवाह वैद्य हो, तब भी सभी जीवित पत्नियों का अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए आश्रितों की श्रेणी में पहला स्थान ही होगा. परंतु ऐसी स्थिति में पहली पत्नी का पहला स्थान होगा.

0Shares

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें