भाजपा को लगा झटका, चार बार के विधायक रहे जनार्दन यादव ने थामा जन सुराज का दामन

भाजपा को लगा झटका, चार बार के विधायक रहे जनार्दन यादव ने थामा जन सुराज का दामन

Araria 01 अक्टूबर(हि.स.)। चुनाव के मौसम में पाला बदलने का काम भी शुरू हो गया है। अररिया के नरपतगंज से चार बार भाजपा विधायक रहे जनार्दन यादव ने भाजपा से इस्तीफा देने के बाद जन सुराज का दामन थाम लिया है।

जनार्दन यादव ने सैकड़ों समर्थकों के साथ जन सुराज का दामन थामा

उन्होंने जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय कुमार सिंह के समक्ष पटना स्थित जन सुराज के कार्यालय में जन सुराज का दामन थामा। जनार्दन यादव ने सैकड़ों समर्थकों के साथ जन सुराज का दामन थामा है। प्रशांत किशोर और उदय कुमार सिंह ने पीला गमछा ओढ़ाकर उन पार्टी में स्वागत किया।

जनार्दन यादव अररिया जिला में भाजपा के पुराने सिपहसलार रहे हैं। जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में लड़े गए छात्र आंदोलन की उपज रहे जर्नादन यादव ने पिछले दिनों पार्टी में उपेक्षा और अनदेखी का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। तबसे ही उनके जन सुराज में जाने की संभावना लगाई जा रही थी।

जनार्दन यादव ने 1977 में पहली बार जीत दर्ज की थी

जनसंघ के काल से ही पार्टी से जुड़े जनार्दन यादव छात्र आंदोलन के दौरान मीसा के तहत दो बार जेल गए थे। भागलपुर केंद्रीय कारा में काफी दिनों तक उन्होंने बंदी के रूप में समय बिताया था। छात्र आंदोलन के बाद 1977 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने पहली बार जीत दर्ज की थी। लेकिन चुनाव लड़ने के लिए निर्धारित कम उम्र के कारण पटना हाईकोर्ट ने उन्हें अयोग्य करार दे दिया था। फलस्वरूप हाईकोर्ट के निर्णय के आलोक में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर फिर से 1980 में हुए मध्यावधि चुनाव में पार्टी न उनपर भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया।

2015 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने उन्हें टिकट दिया

इस चुनाव में जनार्दन यादव की चुनाव लड़ने की तय उम्र सीमा पार कर गई थी।पार्टी के भरोसे को भी जनार्दन यादव ने कायम रखते हुए 1980 के मध्यावधि चुनाव में जीत दर्ज किया। 1980 के बाद 2000 और 2005 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के टिकट से नरपतगंज विधानसभा से जीत दर्ज की। 2015 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने उन्हें टिकट दिया था, लेकिन उस चुनाव में जीतने में कामयाब नहीं रहे। जिसके बाद से ही पार्टी में वो हाशिए पर चलते चले गए। 2010 में नरपतगंज से भाजपा ने देवयंती यादव और 2020 के चुनाव में जयप्रकाश यादव को नरपतगंज से उम्मीदवार बनाया और इन दोनों चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में दोनों उम्मीदवारों ने पार्टी को निराश नहीं किया और विजयी रहे। पार्टी और संगठन में लगातार उपेक्षा को लेकर वे आवाज बुलन्द करते रहे,लेकिन पार्टी में वे धीरे धीरे हाशिए पर चलते चले गए।

पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की कोई पूछ नहीं है: जनार्दन यादव

जनार्दन यादव ने कहा कि वर्तमान समय में बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है। चाहे थाना हो, प्रखंड कार्यालय या अन्य सरकारी विभाग, बिना रिश्वत कोई काम नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि फारबिसगंज और नरपतगंज के वर्तमान भाजपा विधायक जनता की सेवा में सक्षम नहीं रहे और कार्यालयों में कामकाज ठीक से नहीं हो रहा था। दोनों विधानसभा की जनता बार बार अपने कामकाज को लेकर उनके पास आते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अररिया जिले के पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की कोई पूछ नहीं है। उन्होंने कहा कि नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र से चार बार उन्हें प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। फलस्वरूप क्षेत्र की जनता आज भी कई कार्यों से को लेकर उनके पास पहुंचते हैं, लेकिन वर्तमान समय में सरकारी कार्यालयों में बिना चढ़ावे के कोई कार्य नहीं होता। उन्होंने भाजपा संगठन में बाहरी तत्वों के घुसपैठ हो जाने से पार्टी के मूल स्वरूप में बदलाव आने की बात कही।उन्होंने कहा कि पार्टी के पुराने समर्पित कार्यकर्ता भाजपा से दूर जा रहे हैं। उन्होंने जन सुराज पार्टी के सिपाही के रूप में पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम करने की बात कही और जिला में फिर से जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह बबन के नेतृत्व में जन सुराज के संगठन को मजबूती प्रदान करने की बात कही। उल्लेखनीय हो कि जन सुराज के जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह बबन भी भाजपा के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं और संगठन में दो बार जिलाध्यक्ष की भी भूमिका निभाया था।उन्होंने भी पार्टी में उपेक्षा पर इस्तीफा देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय कुमार सिंह के समक्ष जन सुराज का दामन थाम लिया था।

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