Patna: बिहार में फिर से 2884 नए मरीज मिले हैं. जिससे अब कुल आंकड़ा 112759 हो गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से ताजा अपडेट जारी की गई है. वहीं, एक्टिव केस की बात करें तो बिहार में फिलहाल 31460 कोरोना के एक्टिव मरीज हैं.

इससे पहले बीते दिन मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में पिछले 24 घंटे के भीतर 16 लोगों की मौत हुई. इसके बाद ही राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 558 हो गई है. जिन जिलों में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले हैं उसमें राजधानी पटना में सबसे ज्यादा 422 पॉजिटिव मरीज मिले है. वहीं, बिहार के बेगूसराय में 103, पूर्वी चंपारण 181, मधुबनी 115, मुजफ्फरपुर में 173, पूर्णिया में 104, रोहतास में 118, सहरसा में 108 और सीतामढ़ी में 113 मामले शामिल हैं.

Chhapra: जिले के लहलादपुर प्रखंड के लौवा पंचायत के वार्ड संख्या 01 में जिला जदयू के अध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ने बाढ़ पीड़ितों के बीच सूखा राशन का वितरण किया. जहां श्री राजू ने बताया कि जिले में बाढ़ विभीषिका का दंश झेल रहे प्रखंडों में जिले के पदाधिकारियो के अलावा हमारे सभी जद यू के पदाधिकारी, कार्यकर्ता पीड़ितों की सेवा में धन बल, तन मन के साथ लग गए है.

अध्यक्ष ने कहा कि पीड़ितों की मदद में हमारे जुझारू साथी प्रशासन से हर संभव मदद दिलाने में जुटे हुए है. जिले के सभी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रो में सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर राहत शिविर चलाए जा रहे है. समाजिक कार्यकर्ता भी अपने स्तर से लगे हुए है. इस वैश्विक महामारी कोरोना में दूसरी तरफ हमारे किसानों का फसल बर्बाद हो गया है. वही हजारो का आशियाना तबाह है. सभी बिन्दुओ पर हमारी सरकार संवेदनशील है. मौके पर जिला जद यू महासचिव जावेद अब्बास, जयप्रकाश यादव, जद यू अध्यक्ष उमा शंकर चौधरी, जिला महासचिव दीपक कुमार, कुमार वैभव, गुड्डू खा सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे.

• अपने आस-पास साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल
• डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
• केंद्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन
Chhapra: वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे में डेंगू को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। जगह-जगह रुके बारिश के पानी से अब मच्छरजनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया का प्रकोप बढने की संभावना प्रबल हो गई है। आमतौर पर अगस्त एवं सितंबर माह से डेंगू का प्रकोप बढने लगता है। इसके लिए मरीजों की जांच के साथ उनके इलाज के लिए अस्पतालों में अलग वार्ड भी बनाया गया है। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी कर लोगों से कोरोना वायरस महामारी के दौर में डेंगू से बचाव की सलाह दी है। गाइडलाइन में बताया गया है कि डेंगू का इलाज संभव है, इसलिए इसके इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही करना ठीक नहीं होगा। डेंगू के ईलाज के प्रति किसी तरह की लापरवाही आगे चलकर गंभीर समस्या बन सकती है। स्वास्थ मंत्रालय ने इस बीमारी के लक्षण और रोकथाम के लिए उपाय भी बताएं है।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कोरोना संक्रमण और डेंगू दोनों में ही रोगी को बुखार आता है। डेंगू के बुखार में उल्टी, सूजन एवं रैशेज होते हैं। डेंगू के गंभीर लक्षण में बार-बार उल्टी आना, सांस तेज चलना, बदन व पेट में दर्द, मसूड़ों में खून निकलना एवं कमजोरी आदि शामिल है। उन्होने बताया लोगों की थोड़ी सी सतर्कता डेंगू के गंभीर नतीजों से बचाव कर सकती है। मच्छर जनित रोगों से बचाव में बेहतर साफ- सफाई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इसकी प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है। अपने घर को स्वच्छ रखना तो स्वभाविक है लेकिन साथ में अपने आस-पास भी गंदगी व पानी नहीं जमा होने दें। उन्होंने बताया साफ़ पानी में डेंगू के मच्छर के पनपने की संभावना अधिक होती है। इसलिए घर में जहां भी जमा हो जैसे कूलर व अन्य इस प्रकार की कोई भी जगह तो उसे साफ़ जरूर करें एवं आवश्यकतानुसार मिट्टी का तेल भी पानी में डाल सकते हैं।

ये हैं डेंगू के लक्षण

• अचानक तेज बुखार आना
• सिरदर्द और आंखों में दर्द होना
• मांसपेशियों और जोड़ों में भयानक दर्द
• शरीर में चकत्ते निकलना
• ठंड लगना और बुखार आना
• त्वचा पर लाल चकत्ते बनना
• भूख न लगना
• गले में खराश
• असामान्य रूप से कान, मसूड़ों और पेशाब आदि से ख़ून बहना

कैसे फैलता है डेंगू

डेंगू एडीज एजिप्टी मादा मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में और रात कभी भी काटता है। इस रोग के वायरस चार प्रकार के होते हैं, जिन्हें सिरोटाइप कहा जाता है। जब मादा मच्छर द्वारा संक्रमित व्यक्ति को काटा जाता है। इसके बाद जब यही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तब यह वायरस व्यक्ति में चला जाता है और इस तरह यह चक्र लगातार चलता रहता है।

डेंगू से बचने के उपाय
• रोकथाम का सबसे सरल उपाय यह है कि मच्छरों के काटने से खुद को बचाया जाएं.
• दिन में मच्छर के काटने से बचने वाले उत्पादों का प्रयोग करें
मच्छरदानी लगाकर सोएं.
• बाहर जाते समय पूरी बांह और लंबी पैंट का प्रयोग करें. शरीर को मच्छर के काटने से बचने के लिए कीटनाशक का प्रयोग करें.
• जब आप डेंगू प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें तो शरीर के अधिकांश भागों को ढंक कर रखें.
• मच्छरों की प्रजनन क्षमता को कम करने के लिए पानी के कंटेनर को ठीक तरह से हमेशा कवर करके रखें.

Chhapra: पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोविड-19 का दंश झेल रही है. उसी दरमियान बिहार में विधानसभा के चुनाव कराए जाने की तैयारियां अंतिम चरण में है. कोरोना संक्रमण के साथ साथ बिहार में बाढ़ की भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है. ऐसे में चुनाव आयोग का राज्य में चुनाव कराने की समझ विवेक से परे है.

ज्ञात हो कि बिहार के अधिकतर जिले कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ-साथ राज्य में आई भीषण बाढ़ के कारण संबंधित जिले के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. उक्त बातें एआईएसएफ के अमित नयन ने कही.

उन्होने कहा कि लोगों के घरों में पानी आ गया है. आम जनों का सड़कों पर निकलना किसी खतरे से कम नहीं है. विभिन्न पावर ग्रिडों में जलजमाव के कारण विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है या इनकी आपूर्ति काफी कम हो गई है, या कहे तो किसी किसी फीडर में इलेक्ट्रिक सप्लाई ही नहीं हो रहा है. जिससे आम जनों का जीवन अव्यवयस्थित हो गया है. ग्रामीण इलाके के लोग भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. इस दरमियान अगर उनके बच्चे, बुजुर्ग या खुद के अस्वस्थ हो जाने पर उन्हें स्वास्थ्य सेवा लेने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.

उन्होने कहा कि बिहार में जिस स्तर से कोरोना का संक्रमण बढ़ते जा रहा है, ऊपर से बाढ़ की दस्तक, इन सभी के बीच राज्य में चुनाव कराना खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है. निर्वाचन आयोग को इस पर गंभीरता से विचार करते हुए फिलहाल बिहार विधानसभा के चुनाव को इस वर्ष के लिए टाल देना चाहिए.

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का कहर जारी है. देश में अबतक करीब 28 लाख लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं और 52 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 64,531 नए मरीज सामने आए और 1092 लोगों की मौतें हो गई.

स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 27 लाख 67 हजार 274 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 52,889 लोगों की मौत हो चुकी है. एक्टिव केस की संख्या 6 लाख 76 हजार हो गई और 20 लाख 37 हजार 870 लोग ठीक हो चुके हैं. ICMR के मुताबिक 18 अगस्त तक कोरोना वायरस के लिए कुल 3 करोड़ 17 लाख 42 हजार 782 सैंपल टेस्ट किए गए, जिनमें से 8 लाख 1 हाजर 518 सैंपल की टेस्टिंग कल की गई.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना के प्रतिदिन नए मामलों और बीमारी के कारण होने वाली मौत के मामलों में 13 अगस्त से गिरावट देखी गई है. हालांकि मंत्रालय ने कोई ढिलाई बरते जाने को लेकर चेतावनी दी और कहा कि पांच दिन की गिरावट महामारी के संदर्भ में एक छोटी अवधि है. हालांकि मंत्रालय के दावों के बाद आज एक बार फिर 64 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं.

• दस्त के कारण होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य करना है लक्ष्य

• अंतर्विभागीय समन्वय और सहयोग से पखवाड़े को सफल करने के निर्देश

• राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने पत्र जारी कर दिया निर्देश

Chhapra: दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से राज्य में सघन दस्त नियंत्रण पखवारा का आयोजन किया जाएगा। वर्तमान में कोविड-19 महामारी की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए पखवाड़े का आयोजन 16 से 29 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है। जारी पत्र में बताया गया है कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आवश्यक है कि कार्यक्रम के अंतर्गत की जाने वाली गतिविधियों का सूक्ष्म कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण किया जाए । डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग की समझ द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है। सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान अंतर्विभागीय समन्वय द्वारा डायरिया के रोकथाम के उपायों, डायरिया होने पर ओआरएस जिंक के प्रयोग, उचित पोषण तथा समुचित इलाज के पहलुओं पर क्रियान्वयन किया जायेगा।

लक्षित लाभार्थी
• समस्त पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे
• पांच वर्ष की उम्र तक के समस्त बच्चे जो पखवाड़े के दौरान दस्तरोग से ग्रसित हों

इन क्षेत्र पर दिया जायेगा विशेष जोर
पखवाड़ा के दौरान कुछ विशेष क्षेत्रों में अभियान पर अधिक बल दिया जायेगा। जैसे- उपकेंद्र जहां पर एएनएम न हो अथवा लंबी छूटी पर हो, सफाई की कमी वाले स्थानों पर निवास करने वाली जनसंख्या क्षेत्र अति संवेदनशील क्षेत्र- शहरी, झुग्गी-झोपड़ी, कठिन पहुंच वाले क्षेत्र, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्‌टे वाले क्षेत्र, अनाथालय तथा ऐसा चिन्हित क्षेत्र जहां दो-तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाये गये हों। छोटे गांव, टोला, बस्ती, कस्बे जहां साफ-सफाई, साफ पानी की आपूर्ति एवं व्यवस्था की सुविधाओं की कमी हो।

समुदायिक व गांव स्तर पर होगी गतिविधि
आशा कार्यकर्ता द्वारा भ्रमण के लिए माइक्रोप्लान तैयार किया जायेगा। जिसमें पाचं वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सूची बनायी जायेगी। माईक्रोप्लान की समीक्षा संबंधित नोडल पदाधिकारी एवं जिला स्टेयरिंग कमिटी द्वारा की जाएगी। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस पैकेट का वितरण किया जायेगा। कोविड-19 महामारी को देखते हुए आशा द्वारा नान- कंटेनमेंट जोन के घरों में ओआरएस का वितरण किया जायेगा। कंटेनमेंट जोन में ओआरएस का वितरण के लिए प्रोटोकॉल का पालन किया जायेगा।

परिवार के सदस्यों की होगी काउंसलिंग

आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान परिवार के सदस्यों के समक्ष ओआरएस घोल बनाना एवं इसके उपयोग की विधि, इससे होने वाले लाभ को बताना, साफ-सफाई , हाथ धोने के तरीके की जानकारी दी जायेगी। इसक साथ हीं परिवार इन बिन्दुओं पर परामर्श दी जायेगी।
• जिंक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यकत रूप से काराया जाये। दस्त बंद हो जाने के उपरांत भी जिंक की खुराक 2 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार 14 दिनों तक जारी रखा जाये
• जिंक और ओआरएस के उपयोग के उपरांत भी दस्त ठीक न होने पर बच्चे को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जायें
• दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, उपरी आहार तथा भेजन जारी रखा जाये
• उम्र के अनुसार शिशु पोषण संबंधी परामर्श दिया जायेगा
• पीने के लिए साफ एवं सुरक्षित पयेजल का उपयोग करें
• खाना बनाने एवं खाना खाने से पर्वू और बच्चे का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ धोयें
• डारिया होने पर ओआरएस और जिंक का उपयोग करने से बच्चों में तीव्र सुधार होता है
• बच्चे के मल का निस्तारण सुरक्षित स्थान पर जल्द से जल्द कर दिया जाये
• दस्त का फैलने से रोकने के लिए शौचालय का प्रयोग करना चाहिए

ये लक्षण दिखाई देने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र ले जायें

• बच्चा ज्यादा बीमार लग रहा हो
• पानी जैसा लगातार दस्त का हो रहा हो
• बार-बार उल्टी हो रहा हो
• अत्याधिक प्यास लग रहा हो
• पानी न पी पाना
• बुखार होना
• मल में खून आ रहा हो

नई दिल्ली: रेलवे ने कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया है. उत्तर रेलवे ने लखनऊ डिवीजन के प्रयागराज-फाफामऊ स्टेशनों के बीच चलने वाली कई ट्रेनों के रूट को बदला है. रेलवे ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि ट्रैक दोहरीकरण कार्य के कारण इस रूट की ट्रेनों के परिचालन में बदलाव करने का निर्णय लिया गया है.

सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है. रेलवे ने ट्वीट करके जानकारी दी कि लखनऊ डिवीजन के प्रयागराज-फाफामऊ स्टेशनों के बीच ट्रैक के दोहरीकरण के लिए प्री-नॉन इंटरलॉकिंग और नॉन इंटरलॉकिंग का कार्य किया जाएगा. इस कारण 7 सितंबर 2020 तक ट्रेनों के आवागमन के लिए ये रूट ब्लॉक करने का निर्णय लिया गया है. आगे रेलवे ने कहा कि इस रूट की ट्रेनों को डॉयवर्ट मार्ग से चलाने का काम किया जाएगा.

पटना: कोरोना काल में चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने नयी गाइडलाइंस को मंजूरी दे दी है. नयी गाइडलाइंस के मुताबिक अब सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए चुनावी बैठक करने की छूट होगी. आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श के बाद इसे मंजूरी दी है. चुनाव आयोग कोरोना महामारी के दौरान चुनाव कराने के लिए तीन दिनों के भीतर व्यापक दिशा-निर्देश तैयार करेगा.

आयोग ने एक बयान में कहा कि कोरोना काल के दौरान चुनाव और उपचुनाव के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी करने के मसले पर मंगलवार को आयोग की बैठक में चर्चा की गयी और इसमें राजनीतिक दलों द्वारा दिये गये सुझावों पर विचार किया गया. साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा दिये गये सुझावों और सिफारिशों पर भी विचार किया गया.

इन सभी पर विचार करने के बाद आयोग ने तीन दिनों के भीतर व्यापक दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया है. आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि इन दिशानिर्देशों के आधार पर चुनाव कराने वाले राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को चुनावों के दौरान स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोरोना से संबंधित उपायों के लिए संबंधित राज्य या जिले के लिए एक व्यापक योजना तैयार करनी चाहिए.

Chhapra: रिविलगंज थाना क्षेत्र के सिताब दियारा के शोभा छपरा गांव में दहेज के लिए विवाहिता को ससुराल वालों ने जिंदा जलाकर सोमवार की रात हत्या कर दी और फरार हो गये. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया व परिजनों को सौंप दिया. बताया जाता है कि शोभा छपरा गांव निवासी विनोद पांडेय की पत्नी 34 वर्षीय रीता देवी की जलाकर हत्या की गयी है.

इस मामले में मृतका के भाई सीवान जिले के सिसवन थाना क्षेत्र के चांदपुरा गांव निवासी अक्षय कुमार पांडेय ने उसके पति, सास तथा ससुर के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है. दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि दहेज के लिए रीता देवी को उसके ससुराल वालों के द्वारा प्रताड़ित किया जाता था. मृतका के दो बच्चे भी हैं. घटना के बाद से नामजद किये गये सभी आरोपित फरार है. जिनको गिरफ्तार करने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.

  • अध्यक्ष कबीर ने कहा- अनुपयोगी वस्तुओं की पूंजी का निवेश करें और आजीवन पुण्य रूपी ब्याज अर्जित करें

Chhapra: अंतर्राष्ट्रीय स्वयं सेवी संस्थान लायंस क्लब छपरा टाउन और लियो क्लब छपरा टाउन द्वारा कपड़ा बैंक की शुरुआत शहर में की गई. इसका उद्घाटन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजय अवस्थी और पीडीजी लायन डॉक्टर एस के पांडे ने किया. लायंस क्लब छपरा टाउन के सदस्यों की यह पहल है. शहर में रोटी बैंक की तरह कपड़ा बैंक भी हो जिसके तहत अनुपयोगी वस्त्रों का उपयोग हो सके और जरूरतमंदों को मिल सके.

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अध्यक्ष कबीर ने कहा कि कपड़ा बैंक की शुरुआत छपरा में पहली बार की गई है। जिन लोगों के पास अनुपयोगी वस्त्र हैं। वह दान कर सकते हैं और उन वस्त्रों को कपड़ा बैंक के द्वारा जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाएगा। हमें स्लोगन भी दिया है कि आपकी मदद चाहिए जरूरतमंदों की मदद के लिए। अनुपयोगी वस्तुओं की पूंजी का निवेश करें और आजीवन पुण्य रूपी ब्याज अर्जित करें। कपड़ा बैंक को कपड़ा देने के लिए बैनर पर दिए गए नंबर पर संपर्क किया जा सकता है एवं नगरपालिका चौक स्थित कुमार आइस पार्लर के समीप कपड़ा दान कर सकते हैं।

उद्घाटनकर्ता जिलापाल संजय अवस्थी ने कहा कि बिहार में बहुत कम जगहों पर इस तरीके का पहल किया गया है। काफी शानदार और सेवा का कार्य है। पिछले दिनों भी क्लब ने बाढ़ पीड़ितों की मदद की है। वही लायन डॉक्टर एस के पांडे ने कहा कि यह शुरुआत युवा सोच के साथ बहुत आगे तक जाएगा। इस तरीके का प्रोजेक्ट काफी कम देखा जाता है। लेकिन लायंस क्लब छपरा टाउन की सराहनीय पहल है। इससे हम सब को जोड़ना चाहिए और असहाय लोगों की मदद करनी चाहिए।

इस अवसर पर कोषाध्यक्ष गोविंद सोनी, दिनेश कुमार, संजीव कुमार, सतीश कुमार पांडे, अकबर अली, धीरज सिंह, विजय राज, दिनेश कुमार, मनोज वर्मा संकल्प, एस जेड रिज़वी, ध्रुव कुमार पांडे, अजय कुमार सिन्हा, राजीव दास, वासुदेव गुप्ता, सोना लाल सिंह, लियो अध्यक्ष विकास आनंद, अली अहमद, राशिद रिज़वी, मनीष मनी आदि उपस्थित थे।

Chhapra: सारण के एसपी हरकिशोर राय का तबादला हो गया है उनके स्थान पर 2010 बैच की भारतीय पुलिस सेवा की पदाधिकारी धूरत सायली सावलाराम को सारण का नया एसपी बनाया गया है.

गृह विभाग ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए है. सारण के निवर्तमान एसपी हरकिशोर राय को अब भोजपुर का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है. वही नई एसपी सयाली फिलहाल अररिया के एसपी पद पर तैनात थी.

वर्ष 2010 बैच की आईपीएस अधिकारी धुरत सायली सावालाराम मूल रूप से महाराष्ट्र की रहने वाली हैं. वो बिहार कैडर की आईपीएस हैं. राजधानी पटना की सिटी एसपी ईस्ट के पद पर रह चुकी धूरत सायली ने कई महत्वपूर्ण आपराधिक मामलों का खुलासा कर खासी पहचान बनाई है.

हाल ही में राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर 25 जनवरी को राष्ट्रपति दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में धूरत सायली को सम्मानित किया. धूरत सायली सांवलाराम को 2019 के लोकसभा चुनाव में रचनात्मक और सुरक्षा प्रबंध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए यह सम्मान दिया गया.

पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले ही सियासी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं. बताया जा रहा है कि बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक सोमवार को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले थे. हालांकि इससे पहले ही श्याम रजक पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से ही निकाल दिया गया है.

बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने पार्टी से निकाल दिया है. सोमवार को श्याम रजक इस्तीफा देने वाले थे, हालांकि उससे पहले ही जेडीयू ने उन पर एक्शन ले लिया है. प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने ये कार्रवाई की है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने फुलवारी विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्याम रजक को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए दल से निष्कासित कर दिया है.