Chhapra: शहर के रामजयपाल महाविद्यालय के संस्थापक रामजयपाल सिंह यादव की जयंती हर्ष के साथ मनाई गई.

मुख्य द्वार पर स्थापित स्वर्गीय यादव की विशालकाय प्रतिमा पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों व कर्मियों ने फूल-माला चढ़ा कर जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

जयंती के अवसर पर जेपीविवि राजनीतिक विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ लालबाबू यादव, मौके पर पूर्व मंत्री उदित राय, डॉ सीपी यादव, डॉ आर पी बब्लू, डॉ रामप्रसाद यादव, डॉ राजू प्रसाद, अमित कुमार, आलोक कुमार, राजकुमार यादव, कुमार विश्व विभूति, देवेश कुमार, राजीव कुमार, मुकेश रंजन, संजय कुमार उपस्थित थे.

छपरा: जिले में शिक्षा के बेहतर विकास एवं छात्रों में गुणात्मक विकास को लेकर प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन की छपरा इकाई द्वारा जिला सम्मेलन का आयोजन किया गया.

स्थानीय विवाह भवन में आयोजित इस जिला सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन होली किड्स इंटरनेशनल की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना के बाद एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद समाइल अहमद, जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद, डिस्ट्रिक्ट फैमली जज आर पी सिंह, एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सीमा सिंह, महासचिव हरेंद्र सिंह एवं सचिव सत्येंद्र कुमार वर्मन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.

इस अवसर पर अपने संबोधन में जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने कहा कि देश में दो तरह की शिक्षा प्रणाली है एक वह जो सरकारी तंत्र के द्वारा संचालित होती है वहीं दूसरी निजी संस्थानों द्वारा. लेकिन दोनों प्रणालियों का मुख्य उद्देश्य छात्रों के बेहतर भविष्य निर्माण एवं उनमें शैक्षणिक के साथ सामाजिक सरोकार का विकास करना है.

उन्होंने गुरुग्राम में हुए छात्र के साथ घटना का स्मरण कराते हुए कहा कि प्राइवेट स्कूल संचालकों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि वह अपने अधीनस्थ कर्मियों की काउंसलिंग बार-बार करते रहे. बस के चालक और कंडक्टर को रखने में सतर्कता बरतें. जिससे कि वह अभिभावकों का विश्वास बरकरार रखें.

जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी संस्थान में एक बार दाग लगने के बाद बदनामी होती है जिसको लेकर संस्थान को सजग रहने की जरूरत है.

डीएम हरिहर प्रसाद ने कहा कि प्राइवेट स्कूल विद्यालय का व्यवसायीकरण ना करें जिससे कि वह भी सरकारी विद्यालय न बने. वह हमेशा छात्र, विद्यालय, जिला, प्रदेश एवं देश की समृद्धि के लिए विकास करें.

इसके साथ ही जिलाधिकारी ने आगामी 21 जनवरी को आयोजित मानव श्रृंखला निर्माण में सभी विद्यालय प्रधानाध्यापकों से शत प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया.

जिला सम्मेलन में आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए वात्सल्य की निदेशिका सीमा सिंह ने कहा कि प्राइवेट स्कूल का शिक्षा के विकास में बहुत बड़ा योगदान है.

उन्होंने कहा कि शिक्षकों की बड़ी जिम्मेवारी है कि वह छात्रों में शैक्षणिक विकास के साथ संस्कार को भी जागृत करें. उन्होंने कहा कि पूर्व के शैक्षणिक व्यवस्था और आज के शैक्षणिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है और यह निजी संस्थानों के शिक्षा के प्रति समर्पण से हुआ है.

उन्होंने कहा कि जिले में शैक्षणिक के साथ-साथ अन्य विधाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों का चयन करें उसे मूलभूत सुविधाओं के साथ साथ शैक्षणिक सुविधाओं से भी बेहतर भविष्य के लिए एसोसिएशन मदद करेगा.

उन्होंने जिला सम्मेलन के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि जिले में शैक्षणिक विकास एवं छात्रों के बेहतर उज्जवल भविष्य को लेकर यह सम्मेलन आयोजित है.

इसके अलावे सभा को महासचिव हरेंद्र सिंह, सचिव सत्येंद्र कुमार बर्मन ने संबोधित किया.

इस अवसर पर सेंट जोसेफ के देव कुमार सिंह, संस्कृति द मॉडल स्कूल के संदीप कुमार, शाहिद जमाल, डॉ सुरेश प्रसाद सिंह, सीपीएस के प्राचार्य मुरारी सिंह सहित जिले के सैकड़ों स्कूल के निदेशक एवं प्राचार्य उपस्थित थे.

मंच का संचालन सीपीएस के विकास कुमार द्वारा किया गया.

Chhapra: सर्दी का सितम सर चढ़ के बोल रहा है. हाड़ कंपाने वाली ठंड ने रविवार को शहरवासियों को ठिठुरने को मजबूर कर दिया. दिन भर लोग आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए थे कि अब भगवान भास्कर दर्शन देंगे लेकिन दिन भर भगवान भास्कर ने दर्शन नही दिए. धूप नही निकलने से पारा और गिर गया.

दिन भर लोगों ने अलाव व हीटर का सहारा लिया. ठंड के मद्देनजर लोग घर से बाहर निकलने से कतराते रहे. दिन में भी सुबह जैसा नजारा रहा. कोहरा से तो निजाद मिली लेकिन बर्फीली हवाओं ने शहरवासियों के हौसले को डिगा दिया. लोगों का मानना है कि इस वर्ष ठंड का सितम कुछ ज्यादा ही मेहरबान है. विगत सालों में ऐसी ठंड नही पड़ी थी जितनी इस वर्ष ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ रखा है.

Chhapra: सूबे में एक बार फिर से एक और सामाजिक कुरीति के खिलाफ सरकार ने अभियान छेड़ा है. इसको सफल बनाने और जन जन तक इसको लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आगामी 21 जनवरी को राज्य व्यापी मानव श्रृंखला का आयोजन हो रहा है. इस अभियान के माध्यम से सरकार इस सामाजिक कुरीति को दूर करने के लिए व्यापक जागरूकता लाने का प्रयास कर रही है.

क्या कहते है जिलाधिकारी

जिले में मानव श्रृंखला के निर्माण को लेकर इन दिनों जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा है. जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने बताया कि जिले में मानव श्रृंखला के निर्माण और व्यापक जन जागरूकता के लिए तैयारी की जा रही है. इस क्रम में समाज के सभी वर्गों का सहयोग अपेक्षित है. जिलाधिकारी ने कहा कि इस सामाजिक कुरीति के खात्मे के लिए युवाओं का योगदान जरूरी है. युवा देश के भविष्य है और आने वाले समय में वे समाज में अहम भूमिका निभाएंगे. इसलिए जरूरी है कि इस तरह के अभियान में उनकी सहभागिता और उनको जागरूक करने के लिए प्रयास किये जायें.

आधुनिक पीढ़ी पीछी पीढ़ी की मानसिकता को बदल कर समाज का बेहतर निर्माण कर सकती है. इस तरह के अभियान में युवाओं की सहभागिता बहुत महत्व रखती है. युवा ही देश का भविष्य है इस लिए उसे जागरूक करना जरूरी है.

बात दें कि सारण जिले में बाल विवाह एवं दहेज उन्मूलन के समर्थन में इस बार 480 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला के निर्माण की तैयारी की जा रही है. इसके लिए लगभग 13 लाख 27 हजार 5 सौ लोग भाग लेंगे.

Chhapra: महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने मुख्यमंत्री के काफिले पर हुए हमले की निंदा की है. सांसद सिग्रीवाल ने ट्विटर पोस्ट के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस घटना को घोर निंदनीय बताया है.

ट्वीट में उन्होंने घटना की निंदा की.

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बता दें कि बक्सर जिले के नंदर गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समीक्षा यात्रा के दौरान उनके काफिले पर पत्थरबाजी की घटना हुई. मुख्यमंत्री को वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया.

कलकत्ता के बंगाली कायस्थ परिवार में 12 जनवरी 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानंद का पूरा नाम नरेंद्रनाथ दत्त था. उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था. स्वामीजी के माता और पिता के अच्छे संस्कारो और अच्छी परवरिश के कारण स्वामीजी के जीवन को एक अच्छा आकार और एक उच्चकोटि की सोच मिली.

स्वामीजी का ध्यान बचपन से ही आध्यात्मिकता की ओर था. उनके गुरु रामकृष्ण का उनपर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा, जिनसे उन्होंने जीवन जीने का सही उद्देश जाना, स्वयम की आत्मा को जाना और भगवान की सही परिभाषा को जानकर उनकी सेवा की और सतत अपने दिमाग को भगवान के ध्यान में लगाये रखा.

विवेकानंद ने रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जो आज भी भारत में सफलता पूर्वक चल रहा है.

“उठो, जागो और तब तक रुको नहीं 

जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये !!”

स्वामी विवेकानंद द्वारा कहे इस वाक्य ने उन्हें विश्व विख्यात बना दिया था. और यही वाक्य आज कई लोगो के जीवन का आधार भी बन चूका है. इसमें कोई शक नहीं की स्वामीजी आज भी अधिकांश युवाओ के आदर्श व्यक्ति है. उनकी हमेशा से ये सोच रही है की आज का युवक को शारीरिक प्रगति से ज्यादा आंतरिक प्रगति करने की जरुरत है.

भारतीय संस्कृति की सुगंध को विदेशों में बिखेरनें वाले स्वामी विवेकानंद जी को उनकी जयंती पर नमन.

Chhapra(Kabir): इन दिनों कड़ाके की ठंड में भी बच्चे व युवा पतंगबाजी का खुमार सर चढ़ कर बोल रहा है. कोई अखबार को काटकर पतंग में साटने के लिए पूंछ बनता है तो कोई लई से फटी पतंग को चिपकाता दिखता है. हाथों में लटाई और पतंग इसके बाद शुरू हो जाता है पतंग उड़ाने का दौर.

समय के साथ पतंगबाजी के सामानों में बदलाव तो हुआ है लेकिन उत्साह में कोई कमी नही दिख रही है. तरह तरह के मांझे की जगह चाइनीज धागों ने जरूर ले ली है. पतंग के दाम में वृद्धि हुई है लेकिन फिल्मों के नाम, हीरो, हीरोइन, क्रिकेटर आदि की तस्वीर लगी डिजिटल प्रिंट वाली पंतग की धूम है.

पतंगबाजों ने छपरा टुडे से बात करते हुए कहा कि अब पहले की तरह कोई मांझे में समय देना नही चाहता, क्योंकि मांझे से मजबूत प्लास्टिक के धागे बाजार में उपलब्ध है. ऐसा नही है कि अभी मांझा नही किया जाता है लेकिन समय को देखते हुए बाजार से खरीदना आसान होता है.

भतमंझा की बात करें तो पतंगबाज जीतोड़ मेहनत करके पतंगबाजी के लिए धागा को तैयार करते थे. शीशे को बारीक पिसा जाता था. धागे को भात और शीशे से गुजारते हुए लटाई में लपेटा जाता था. मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी के लिए इसकी खास तैयारी की जाती थी.

Chhapra: जगदम कॉलेज के पूर्व प्राचार्य शिक्षाविद स्व सुशील कुमार सिंह के सम्मान में आयोजित होने वाले बैडमिंटन प्रतियोगिता का उद्घाटन जेपीविवि के कुलपति डॉ हरिकेश सिंह करेंगे.

जगदम कॉलेज में प्रति वर्ष आयोजित होने वाले इस प्रतियोगिता का उद्घाटन आगामी 12 जनवरी को किया जायेगा. प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ी अपना पंजीयन 11 जनवरी तक करा सकते है. चार दिवसीय बैटमिंटन प्रतियोगिता का समापन 15 जनवरी को होगा. जिसमे सारण पुलिस कप्तान हरकिशोर राय विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित करेंगे.

स्व सुशील कुमार सिंह स्मारक समिति के सचिव ब्रजकिशोर सिंह, वरिष्ठ पत्रकार राकेश कुमार सिंह, रमेश कुमार सिंह, सत्यनारायण ठाकुर आदि प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं.

Chhapra: ठंढ के मद्देनजर जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने जिले के सभी निजी व सरकारी विद्यालयों को आगामी 13 जनवरी तक पठन-पाठन स्थगित करने का आदेश जारी किया हैं.

बुधवार को जारी किये गये आदेश में कहा गया है कि कक्षा एक से आठ तक के सभी निजी व सरकारी विद्यालय के पठन-पाठन का कार्य बाधित रहेगा. मालूम हो कि इसके पूर्व 10 जनवरी तक प्राथमिक विद्यालय को बंद रखने का आदेश जिला प्रशासन द्वारा दिया गया था.

बढ़ते ठंढ व शीतलहर को देखते हुए एहतियात के तौर पर प्रशासन ने उक्त निर्णय लिया हैं.

Chhapra: जिले में बढ़ते ठंड के कहर से लोगों को राहत मिलती नही दिख रही है. बढती सर्दी का सितम लोगों पर जम कर कहर बरपा रही है. इसी बीच शहर में मंगलवार की रात कुछ छात्रों ने ज़रूरत मंदों के बीच कम्बल का वितरण किया. इन्होने सड़क किनारे रात गुजरने वाले बुजुर्गों के साथ-साथ रिक्शे चालकों को भी कम्बल प्रदान किया. छात्रों ने शहर में विभिन्न जगह घूम-घूम कर कई ज़रूरतमंदों की मदद की, जो ठंड से ठिठुर रहे थे.

बताते चलें कि किसी निजी कोचिंग संस्था के शिक्षक द्वारा सहयोग से इन छात्रों ने कम्बल का वितरण किया है. ऐसा करने से  ज़रूरत मंदों को ठंड से थोड़ी राहत मिली होगी.

केपटाउन: केपटाउन में साउथ अफ्रीका ने भारत को पहले  टेस्ट में  72 रनों से पराजित कर दिया है. भारतीय टीम दूसरी पारी में अफ्रीका द्वारा मिलें  208 रनों के लक्ष्य का पीछा करने में नाकाम रही . टीम के टीम बल्लेबाज़ मात्र  135 रनों पर ढेर हो गये.  दूसरी पारी में भारत की तरफ से  आश्विन ने  सबसे ज्यादा  41 रन बनाए. वहीं कप्तान कोहली ने  28 रनों का योगदान दिया .अफ्रीका की तरफ से तेज़ गेंदबाज़ फिलांडर ने सबसे ज्यादा 6 विकेट तथा पहली पारी में 3 विकेट लिए

इस तरह अफ्रीका तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे हो गया है. सीरीज का अगला मैच अब  13 जनवरी से सेंचुरियन में  खेला जायेगा.

Chhapra (Kabir): शहर के विभिन्न बाजारों में तिल, गजक, तिल के लड्डू, चूड़ा और गुड़ आदि की खरीदारी लोग कर रहे है. घरों में बन रहे तिल की लाई की खुशबू मकर संक्राति का पर्व के नजदीक होने का एहसास दिला रही है. 

मौना चौक स्थित गुड़ और चूड़ा का मुख्य बाज़ार काफी रौनक देखी जा रही है. दुकानदारों ने भी ग्राहकों को लुभाने के लिए आकर्षक तरीके से दुकानों को सजा रखा है. 

दुकानों के अलावे चौक-चौराहों, मुख्य सड़कों के किनारे ठेले पर भी तिल, तिलकुट आदि बिकते दिखाई दे रहे है. ठेले वालों ने भी बेहतर और शानदार तरीके से सज़ा रखा है. 

एक नज़र सामानों के दाम पर
मकर संक्रांति को लेकर बाज़ारों में फरही और गुड़ 35 से 40 रूपये प्रति किलो, भूजा हुआ चूड़ा 30 से 35 रूपये किलो, बासमती चावल का चूड़ा 75 से 80 रूपये किलो, करतनी चावल का चूड़ा 40 से 45 रूपये प्रति किलो और तिलकुट 120 रूपये से 220 रूपये प्रति किलो तक बिक रहा है.