– राज ठाकरे ने बढ़ाया मिलन का हाथ, लेकिन उद्धव ठाकरे ने रखी शर्त

मुंबई, 19 अप्रैल (हि.स.)। महाराष्ट्र में शनिवार को शिवसेना यूबीटी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के बीच राजनीतिक गठबंधन होने के संकेत मिलने लगे हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने साफ कहा कि उनके बीच कोई बड़े मसले नहीं हैं, इसलिए वे उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं। शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी गठबंधन के लिए तैयार होने की इस शर्त के साथ हामी भरी है कि राज ठाकरे को भाजपा और शिंदे समूह से दूर रहना होगा।

मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपने मित्र और फिल्म अभिनेता महेश मांजरेकर के पॉडकास्ट में एक साक्षात्कार दिया था। इसमें महेश मांजरेकर ने सीधे राज ठाकरे से उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन के बारे में पूछा था। इस सवाल का जवाब देते हुए राज ठाकरे ने कहा, “हमारे बीच विवाद, झगड़े, बातें छोटी-मोटी हैं। महाराष्ट्र उससे कहीं बड़ा है। महाराष्ट्र और मराठी लोगों के अस्तित्व के लिए वे उद्धव ठाकरे के साथ काम कर सकते हैं। राज ठाकरे ने कहा कि उनके अंदर कोई ईगो नहीं है, महाराष्ट्र की भलाई के लिए वे उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।

राज ठाकरे के इस बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं साथ आने के लिए तैयार हूं। मैंने भी सभी विवादों को भूला दिया, लेकिन पहले यह तय कर लें कि मेरे साथ आना आपके हित में है या भाजपा के साथ। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि यदि वह मेरे साथ आना चाहते हैं, तो शिंदे सेना और भाजपा को छोड़ दें। इस तरह उद्धव ठाकरे ने फिर से दोनों ठाकरे के एक होने की गेंद राज ठाकरे के ही पाले में डाल दी है।

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को अपनी राजनीतिक यात्रा के पीछे की गहरी प्रेरणाओं के बारे में खुलकर बात की और पूर्व प्रधानमंत्री एवं अपने परदादा पंडित जवाहरलाल नेहरू से प्रेरणा लेने की बात कही। यह बातचीत पूर्व सांसद संदीप दीक्षित के साथ “पॉडकास्ट-शैली” में की गई है। इसमें राहुल ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें सत्ता नहीं बल्कि सत्य की खोज ज्यादा प्रेरित करती है। उन्होंने पारिवारिक कहानियों, व्यक्तिगत प्रथाओं और नेहरू, महात्मा गांधी, डॉ भीमराव आंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल और सुभाष चंद्र बोस जैसे नेताओं की स्थायी विरासत पर विचार किया।

राहुल गांधी ने कहा कि संदीप दीक्षित के साथ इस पॉडकास्ट-शैली की बातचीत में मैं इस बारे में बात करता हूं कि मुझे क्या प्रेरित करता है- सत्य की खोज- और यह खोज मेरे परदादा जवाहरलाल नेहरू से कैसे प्रेरित है। वह केवल एक राजनेता नहीं थे। वह एक साधक, एक विचारक, एक ऐसा व्यक्ति था जो खतरे में मुस्कुराते हुए आगे बढ़ा और मजबूत होकर निकला। उनकी सबसे बड़ी विरासत सत्य की उनकी अथक खोज में निहित है- एक सिद्धांत, जिसने उनके द्वारा अपनाई गई हर चीज को आकार दिया। उन्होंने हमें राजनीति नहीं सिखाई, उन्होंने हमें डर का सामना करना और सच्चाई के लिए खड़ा होना सिखाया। खोज करने, सवाल करने, जिज्ञासा में निहित रहने की जरूरत, यह मेरे खून में है।

नेहरू का जिक्र करते हुए राहुल कहते हैं कि मेरी दादी उन्हें “पापा” कहती थीं। उन्होंने मुझे कहानियां सुनाईं कि कैसे वह अपने पसंदीदा पहाड़ों में एक ग्लेशियर में लगभग गिर गए थे, कैसे जानवर हमेशा हमारे परिवार का हिस्सा थे या कैसे उन्होंने कभी भी व्यायाम का एक घंटा भी नहीं छोड़ा। मेरी मां अभी भी बगीचे में पक्षियों को देखती हैं। मैं जूडो करता हूं। ये सिर्फ़ शौक नहीं हैं- ये हमारी पहचान है। हम निरीक्षण करते हैं। हम अपने आस-पास की दुनिया से जुड़े रहते हैं। और जो हम सबसे गहराई से रखते हैं, वह है शांत शक्ति के साथ चुनौतियों का सामना करने की प्रवृत्ति।

राहुल गांधी कहते हैं कि यही वह है, जो गांधी, नेहरू, आंबेडकर, पटेल और बोस वास्तव में सिखा रहे थे: डर से दोस्ती कैसे करें। समाजवाद नहीं, राजनीति नहीं- सिर्फ़ साहस। गांधी एक ऐसे साम्राज्य के सामने खड़े हुए, जिसके पास सिर्फ़ सच्चाई थी। नेहरू ने भारतीयों को उत्पीड़न का विरोध करने और अंततः स्वतंत्रता प्राप्त करने का साहस दिया। कोई भी महान मानवीय प्रयास- विज्ञान, कला, प्रतिरोध- यह सब भय का सामना करने से शुरू होता है। और यदि आप अहिंसा के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो सत्य ही आपका एकमात्र हथियार है। चाहे उनके साथ कुछ भी किया गया हो, वे इससे पीछे नहीं हटे। यही बात उन्हें महान नेता बनाती है।

राहुल ने कहा कि चाहे मैं बिल गेट्स से बात कर रहा हूं या चेतराम मोची से, मैं उनसे एक ही जिज्ञासा के साथ मिलता हूं। क्योंकि वास्तविक नेतृत्व नियंत्रण के बारे में नहीं है। यह करुणा के बारे में है। और आज के भारत में जहां सत्य असुविधाजनक है, मैंने अपना चुनाव कर लिया है। मैं इसके लिए खड़ा रहूंगा। चाहे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।

सारण जिला में कुल 2116 स्थलों पर 18 “महिला संवाद” रथ के माध्यम से होगा कार्यक्रम का आयोजन
जीविका के माध्यम से आगामी 2 महीनों में सारण जिला के सभी निर्धारित 2116 स्थलों पर होगा “महिला संवाद” कार्यक्रम का आयोजन
जिलाधिकारी ने महिला संवाद रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
chhapra : ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत जीविका के माध्यम से पूरे बिहार राज्य में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन आज से किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ आज मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार के द्वारा पटना में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में किया गया। इस कार्यक्रम का लाइव वेबकास्टिंग सभी जिलों में किया गया जिसमें जिलाधिकारी, उपविकास आयुक्त सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सरकार द्वारा क्रियान्वित योजनाओं एवं कार्यों के विषय में महिलाओं को जानकारी प्रदान करना है। महिलाओं को अपने गांव या टोलों की समस्याओं एवं आकांक्षाओं को चिन्हित कर उसकी प्राथमिकता निर्धारण करने हेतु अवसर प्रदान करना भी एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। संवाद के दौरान प्राप्त समस्याओं का विभिन्न स्तरों पर त्वरित समाधान किया जाएगा। प्राप्त सूचनाओं के आधार पर सरकार की योजनाओं के सूत्रण एवं नीति निर्धारण में महिलाओं की आकांक्षाओं को बेहतर ढंग से समाहित करने का प्रयास सरकार द्वारा किया जाएगा। इस उद्देश्य से “महिला संवाद रथ” के माध्यम से विभिन्न स्थलों पर कार्यक्रम का आयोजन कर महिलाओं के साथ संवाद किया जाएगा।
सारण जिला में 18 “महिला संवाद रथ” के माध्यम से इस कार्यक्रम का आयोजन 2116 निर्धारित स्थलों पर किया जाएगा। आगामी दो महीनों में सभी निर्धारित 2116 स्थलों पर इस कार्यक्रम का आयोजन जीविका के सक्रिय सहयोग से सुनिश्चित किया जाएगा।
कार्यक्रम के उद्घाटन के उपरांत जिलाधिकारी अमन समीर ने समाहरणालय परिसर से “महिला संवाद” रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उपविकास आयुक्त, डीपीएम जीविका सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

डॉ अंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत शनिवार से एक एक कर सभी महादलित टोलों में होगा विशेष विकास शिविर का अयोजन
महादलित टोलों में विकास योजनाओं के अध्ययन एवं लोगों की आकांक्षाओं को जानने के लिये लगेगा विशेष विकास शिविर
शिविर के सफल अयोजन को लेकर जिलाधिकारी ने की बैठक
छपरा: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत महादलित विकास मिशन के तत्वावधान में जिला प्रशासन द्वारा जिला के सभी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति टोलों में डॉ अम्बेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत विशेष विकास शिविर का आयोजन किया जायेगा।
इस आयोजन का उद्देश्य उन टोलों में विकास योजनाओं का अध्ययन, वंचित एवं पात्र लोगों को लाभ दिलाना तथा लोगों की आकांक्षाओं को जानना है। विभिन्न विभागों से संबंधित कुल 22 तरह की योजनाओं/सेवाओं का लाभ सभी पात्र लोगों को दिया जाना है।
इसकी शुरुआत 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर सदर छपरा प्रखंड के तेनुआ पंचायत महतो मुसहरी महादलित टोला में हो चुकी है।
इस अभियान के तहत शनिवार (19 अप्रैल) से सभी महादलित टोलों में एक-एक कर शिविर का अयोजन किया जायेगा।शिविर का आयोजन प्रत्येक बुधवार एवं शनिवार को किया जायेगा। प्रत्येक महादलित टोले के लिये एक नोडल अधिकारी रहेंगे। साथ ही शिविर में विभिन्न विभागों से संबंधित प्रखंड/पंचायत स्तरीय पदाधिकारी एवं कर्मी भी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे।
जिलाधिकारी अमन समीर ने आज सभी संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक कर शिविर के सफल आयोजन सुनिश्चित करने को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
इस अवसर पर उपविकास आयुक्त, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, डीपीओ आईसीडीएस सहित अन्य विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अन्य प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारी जुड़े थे।

चीतों का इंतजार होगा खत्म : 20 अप्रैल को गांधीसागर अभ्‍यारण्‍य में आयेंगे कूनों से दो चीतें

मंदसौर:  चीता प्रोजेक्ट के लिए लंबे समय से गांधी सागर में तैयारी की जा रही थी। आखिरकार वह दिन आ गया, जब चीतें गांधी सागर में दिखाई देंगे। बीस अप्रैल को कूनों से दो चीतें गांधी सागर लाए जाएंगे। इसके लिए सीएम मोहन यादव भी मंदसौर के गांधीसागर आएंगे। इसके अलावा सीएम अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे। फिलहाल दौरा कार्यक्रम अधिकरिक रूप से तय नहीं हुआ है।

जिले को सीमा पर स्थित गांधीसागर अभ्‍यारण्‍य के रामपुरा पठार में 20 अप्रैल को कूनों में जन्मे दो नर चीतों को गांधीसागर में छोड़ा जाएगा। इसके लिए सीएम डॉ. मोहन यादव आएंगे। यहां कई योजनाओं का भूमिपूजन व लोकार्पण भी करेंगे। शुक्रवार को सांसद सुधीर गुप्ता ने बताया कि सीएम का कार्यक्रम लगभग तय है। गांधीसागर अभ्‍यारण्‍य में ईको सिस्टम बनाए रखने के लिए रामपुरा पठार क्षेत्र में चीतों को बसाने की कवायद 2 साल से चल रही है। इसके लिए 8 हजार 900 हेक्टेयर में बाड़ा एवं चीतों के लिए क्वारेंटाइन बोमा तैयार है। कई बार अफ्रीका व दिल्ली से टीमें दौरा करके गई । जनवरी में केंद्र से आई 7 सदस्यीय टीम ने ओके रिपोर्ट भी मार्च में शासन को सौंप दी थी। अब चीतों का इंतजार खत्म होने वाला है। गुरुवार को नीमच सीआरपीएफ कार्यक्रम में आए सीएम डॉ. यादव ने जनप्रतिनिधियों को बताया कि 20 अप्रैल को वे वापस रामपुरा में आएंगे।

यूपी से पूर्णिया शादी समारोह में जा रही बस ने खड़ी ट्रक में मारी टक्कर ,चार रेफर, 21 घायल

अररिया: फारबिसगंज के रामपुर पावर ग्रीड के पास फोरलेन एनएच 27 पर सड़क के किनारे खड़ी ट्रक में तेज रफ्तार बस ने शुक्रवार सुबह पीछे से जाेरदार टक्कर मार दी,जिसमें बस में सवार करीबन 21 यात्री जख्मी हो गए।बस में सवार लोग उत्तरप्रदेश के अम्बेडकरनगर के टांडा से पूर्णिया मधुबनी बेटी काे लेकर शादी के लिए जा रहे थे। पूर्णिया मधुबनी में एक होटल में आज शादी होनी थी।घायल में दुल्हन कुमारी शिल्पा भी शामिल है।हादसे की सूचना के बाद एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा और थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह दल बल के साथ पहुंचे और सभी घायलों को इलाज के लिए फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया,जहां चार की नाजुक हालत देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है।

अस्पताल में 21 लोगों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।घायलों में राजेश वर्मा,राकेश वर्मा,वधू कुमारी शिल्पा,अंजलि वर्मा,इंदु कुमारी,निधि कुमारी,आरती देवी,अभिषेक यादव,श्याम शर्मा,आभा वर्मा,इंद्रजीत वर्मा,गायत्री वर्मा,तारा देवी,अखिलेश कुमार, लता भारती,श्यामराम,आरती देवी,अली हुसैन,लीलावती देवी,विजय लक्ष्मी सहित अन्य शामिल हैं। वहीं लीलावती देवी,श्यामराम,इंदु कुमारी निधि कुमारी की नाजुक हालत देखते हुए बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है।

लड़की के पिता घायल राजेश वर्मा ने बताया कि उनकी बेटी कुमारी शिल्पा का पूर्णिया के मधुबनी में आज शादी होनी है। शादी समारोह में भाग लेने के लिए उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर के टांडा से हमलाेग बस से पूर्णिया जा रहे थे।बस में करीबन 35 की संख्या में लोग थे। इसी क्रम में फारबिसगंज रामपुर के पास सड़क के किनारे खड़ी ट्रक में बस ने पीछे से टक्कर मार दी, जिसमें करीबन 21 घायल हुए हैं।बाकी अन्य को भी चोटें आई है।उन्होंने कहा कि गाड़ी काफी तेज गति में थी और जब तक बस का ड्राइवर ब्रेक लगाता,बस ने ट्रक में ठोकर मार दी।

फारबिसगंज अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुकेश कुमार साहा ने बताया कि श्री श्रृंगी ऋषि बाबा बस ने सड़क के किनारे खड़ी ट्रक में टक्कर मार दी।उन्होंने बताया कि ट्रक का गुल्ला थोड़ी देर पहले ही टूटा था,जिसके कारण वह सड़क पर खड़ी थी।उन्होंने बताया कि फिलहाल सभी घायलों को अस्पताल भिजवाया गया है।वहीं रेफर हुए मरीजों को समुचित इलाज के लिए हायर सेंटर भिजवाने भी व्यवस्था की गई है।

सभी अनुमंडलों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने के लिए चलेंगी 166 डीलक्स बसें

– अगले महीने से शुरू होगा परिचालन

पटना: राज्य के सभी 101 अनुमंडलों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने के लिए जल्द ही डीलक्स बसों का परिचालन शुरू होगा।अगले महीने के दूसरे हफ्ते से ये बसें सड़कों पर दौड़ेंगी।

बीएसआरटीसी (बिहार राज्य पथ परिवहन निगम) 6 शहरों के अनुमंडलों को 109 जोन में बांटकर कुल 166 बसों को चलाने की तैयारी कर रहा है। ये सभी बसें पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर और गया की पंचायतों को जिला मुख्यालयों से जोड़ेंगी। इनके परिचालन का पूरा रूट निर्धारित कर लिया गया है। अभी सभी बसें परमिट फेज में हैं। जल्द ही इन सभी का परमिट क्लियर कर दिया जाएगा।


बीएसआरटीसी से मिली जानकारी के मुताबिक, ये सभी बसें डीजल से चले वाली और नॉन-एसी होंगी, जिनमें 40 लोग बैठ सकेंगे। साथ ही बस में कैमरा, पैनिक बटन और जीपीएस ट्रैकर भी लगा होगा। इन बसों के शुरू होने से लोगों की पहुंच जिला मुख्यालयों के साथ ही राजधानी तक भी सुगम हो जाएगी। आने वाले दिनों में प्रखंड स्तर से भी बस सुविधा शुरू करने की योजना बन रही है।

इनमें सबसे अधिक 32 बसें राजधानी से अन्य अनुमंडलों के लिए रवाना होंगी। पटना से रक्सौल, नरकटियागंज, जयनगर, गोपालगंज, दरभंगा, रांची, गुमला, नवादा, राजगीर, आरा-रांची, आरा-धनबाद, आरा-वाराणसी, बिहारशरीफ-रांची, बिहारशरीफ-बोकारो, पटना-हावड़ा, पटना-वाल्मीकिनगर-भैंसालोटन के लिए बसें चलेंगी।

पूर्णिया से कुल 25 बसें एक ट्रिप में चलेंगी। भागलपुर से 24, दरभंगा से 24 बस, मुजफ्फरपुर से 30 और गया जिले से 31 डीजल बसें अलग-अलग समय पर चलेंगी। यह सभी बसें राज्य के सभी जिलों को जोड़ने के साथ आगे राजधानी से जुड़ेंगी। इनमें पटना, दरभंगा और गया के अनुमंडलों से झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लिए भी बस चलाने की तैयारी है।

घरेलू विवाद में पति ने गड़ासे से कर दी पत्नी की निर्मम हत्या

डेहरी आन सोन:  रोहतास जिले के नासरीगंज थाना क्षेत्र के बलिया तांतो टोला में आज घरेलू विवाद में पति ने चारा काटने वाले गड़ांसा से कई जगह वार कर पत्नी की निर्मम हत्या कर दी। घटना को अंजाम देकर आरोपित पति अपने दो बच्चों को लेकर फरार हो गया। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।

पुलिस के अनुसार मृतका उक्त गांव निवासी विकास कुमार की 26 वर्षीय पत्नी सुनीता देवी थी। बताया जाता है कि घरेलू विवाद को लेकर पति पत्नी में हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि विकास कुमार ने गुस्से में आकर घर में रखे गड़ासे से कई वार कर पत्नी की हत्या कर डाली। सूचना पर विक्रमगंज के एसडीपीओ कुमार संजय, इंस्पेक्टर कुणाल कृष्ण, थानाध्यक्ष अमित कुमार, एसआइ सुबोध कुमार, पीएसआइ रूपम कुमारी, डायल 112 व एफएसएल की टीम घटनास्थल पर पहुंच मामले की छानबीन में जुट गई है।

सुनीता की शादी 2018 में विकास से हुई थी व दोनों की दो पुत्री व एक पुत्र है। बड़ी बेटी पांच वर्षीय शिवानी कुमारी व छोटी आठ माह की संतोषी कुमारी के अलावा एक चार वर्षीय पुत्र शिवम कुमार भी है। ग्रामीणों ने बताया कि विकास की जबसे शादी हुई है, तब से अपनी पत्नी के साथ अक्सर मारपीट करता था।

सुनीता अपनी माता पिता की इकलौती पुत्री थी, जिसका मायका राजपुर थाना क्षेत्र के अमरपुर गांव में है। हत्या करने के बाद आरोपित पुत्री शिवानी व पुत्र शिवम को लेकर फरार हो गया है। घटना के समय छोटी पुत्री आठ माह की संतोषी मां की गोद में बैठ कर दूध पी रही थी। खून से लथपथ छोटी को ग्रामीणों व स्थानीय लोगों ने मां के शव से अलग किया। घटना के समय पति पत्नी और बच्चे ही घर में थे।

एसडीपीओ ने बताया कि घटना स्थल से हत्या में उपयोग किया गड़ासा जब्त कर लिया गया है। थानाध्यक्ष अमित कुमार के अनुसार शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल सासाराम भेज दिया गया है। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। सुनीता के स्वजन भी सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।

महिला संवाद कार्यक्रम : सरकारी योजनाओं की जानकारी से महिला प्रफुल्लित हुई

सहरसा: महिला सशक्तिकरण और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा संचालित “महिला संवाद कार्यक्रम” का शुभारंभ शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025 को किया गया । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में 50 संवाद रथों को हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम का आगाज़ किया ।


इसी क्रम में, सहरसा जिले के सभी 10 प्रखंडों में 12 संवाद रथों के माध्यम से 24 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है । अगले 60 दिनों तक, 16 जून 2025 तक, ये संवाद रथ जिले के 1468 ग्राम संगठनों तक पहुंचकर महिलाओं के साथ संवाद स्थापित करेंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य- महिला संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी प्रदान करना और उनके गांवों या टोलों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित करना है ।

इस संवाद के माध्यम से प्राप्त समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने और सरकार की नीतियों में महिलाओं की आकांक्षाओं को बेहतर ढंग से समाहित करने का लक्ष्य है ।आज सहरसा में आयोजित संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया । संवाद रथ हर निर्धारित ग्राम संगठन में जाकर महिलाओं से उनकी समस्याओं, आकांक्षाओं और सुझावों को सुन रहा है । महिलाओं को राज्य सरकार की योजनाओं और उनके लाभों की जानकारी दी गई ।

इस संवाद कार्यक्रम ने महिलाओं को उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को साझा करने का एक मंच प्रदान किया । कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को अपनी आवाज उठाने का अवसर मिला, जिससे न केवल उनकी समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने में मदद मिलेगी ।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित महिलाओं ने सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की । उन्होंने बताया कि उन्हें जीविका, महिला उद्यमिता, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी मिली । कई महिलाओं ने संवाद के दौरान अपने जीवन में सरकार की योजनाओं से आए सकारात्मक बदलावों को साझा किया । सतत जीविकोपार्जन योजना से लाभान्वित महिला, हाल ही में शिक्षक, नर्स और पुलिस व अन्य विभाग में नौकरी पाने वाली महिलाओं ने भी अपनी सफलता की प्रेरक कहानियां साझा की।कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं ने इन अनुभवों से प्रेरणा ली और सरकार की पहल की सराहना की ।

उन्होंने एक सुर में कहा कि सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और विकास के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रही है । सभी महिलाओं ने संवाद कार्यक्रम को एक सकारात्मक और परिवर्तनकारी पहल बताया, जो न केवल समस्याओं को हल करने में सहायक है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो रहा है ।कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने इस पहल की सराहना की और इसे सशक्त समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

संवाद कार्यक्रम ने न केवल उनकी समस्याओं का समाधान करने का विश्वास दिलाया, बल्कि उन्हें राज्य सरकार के साथ सीधे जुड़ने का अवसर भी दिया।महिला संवाद कार्यक्रम का यह प्रयास न केवल महिलाओं के जीवन में बदलाव लाएगा, बल्कि समाज को सशक्त और प्रगतिशील बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री ने शहीद वीर कुंवर सिंह आजादी पार्क का किया निरीक्षण

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शहीद वीर कुंवर सिंह आजादी पार्क जाकर 23 अप्रैल 2025 को आयोजित होनेवाले वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पार्क को पूरी तरह मेंटेन रखें ताकि यहां पर आनेवाले लोगों को सहूलियत हो और वे आनंदित महसूस करें।

इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने 23 अप्रैल को शौर्य दिवस पर जेपी गंगा पथ के पास आयोजित होनेवाले एयर शो कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। एयर शो कार्यक्रम को देखने के लिए सभ्यता द्वार के सामने जेपी गंगा पथ पर बैठने की व्यवस्था की जा रही है। यह जगह प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सामने जेपी गंगा पथ अंडरपास से पूरब की तरफ सभ्यता द्वार के नजदीक गंगा नदी के किनारे है। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर भीड़ प्रबंधन एवं सुरक्षा व्यवस्था के बेहतर इंतजाम को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि पटना में पहली बार 23 अप्रैल को शौर्य दिवस पर सूर्य किरण एरोबैटिक टीम, हॉक-132 जेट विमानों द्वारा आकाश में करतबों का प्रदर्शन करेगी। जेपी गंगा पथ पर लगभग एक घंटा का यह भव्य एयर शो होगा।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ‘महिला संवाद’ का किया शुभारंभ

पटना, 18 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ‘महिला संवाद’ का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा सभी माताओं / बहनों/ बेटियों को संबोधित किये गये पत्र का विमोचन भी किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के लिये महिला संवाद जागरूकता वाहनों को एक अणे मार्ग से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

जागरूकता वाहन की चारों तरफ से ब्रांडिंग की गयी है। इससे गांव में कार्यक्रम करने के दौरान या एक गांव से दूसरे गांव में जागरूकता वाहन की आवजाही के दौरान सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण से संबंधित किये गये कार्यों के प्रति आम लोगों का ध्यान आकृष्ट होगा।

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया था कि जिले के सभी गांवों में योजनाओं की स्थिति की जानकरी लेने एवं समस्याओं का निदान करने के लिए वरीय पदाधिकारियों को स्थल पर भेजा जाए। इसी क्रम में महिला संवाद का आयोजन किया जा रहा है जहां वरीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में समुदाय की समस्याओं पर चर्चा होगी।

स्थल पर जाकर वरीय पदाधिकारी वहां की समस्याओं से अवगत होंगे एवं उसका समाधान भी करेंगे।

राज्य के सभी गांवों में महिला संवाद का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम लगभग 70 हजार स्थानों पर होगा जिसमें 02 करोड़ से अधिक महिलाएं भाग लेंगी। इस कार्यक्रम में गांव की सभी महिलाओं को बुलाया जाएगा।

कार्यक्रम में राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिए जितने कार्य किए गए हैं, उन सभी बातों की जानकारी दी जाएगी तथा योजनाओं के बारे में जागरुकता फैलायी जाएगी। सरकार द्वारा किए गए कार्यों को वीडियो फिल्म के माध्यम से दिखाया जाएगा। इसके लिए हर कार्यक्रम स्थल पर जागरुकता वाहन तैनात किया जाएगा जिसमें बड़े टीवी स्क्रीन पर वीडियो फिल्म दिखाई जाएगी। बड़े टेलीविजन के साथ लगभग 600 जागरुकता वाहन का प्रयोग किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान प्राप्त सुझावों एवं अपेक्षाओं को संकलित किया जाएगा। संकलित सुझावों एवं अपेक्षाओं को प्रखंड इकाई द्वारा जिला इकाई को भेजा जाएगा। जो अपेक्षाएं नीतिगत विषय से संबंधित हैं उन्हें सरकार के समक्ष आवश्यक निर्णय हेतु प्रस्तुत किया जाएगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने हरित पौधा भेंटकर स्वागत किया।

ग्रामीण विकास के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने महिला संवाद के संबंध में मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुतीकरण दिया।

कार्यक्रम में ‘महिला संवाद’ से संबंधित एक वीडियो फिल्म प्रस्तुत की गयी।

Chhapra: पुरातत्व निदेशालय के द्वारा धिसूचना जारी कर छपरा शहर से सटे पश्चिम बानियापुर रोड में स्थित डच करिंगा मकबरा को पुरातात्विक स्थल के रूप में सुरक्षित घोषित किया गया है. 

बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के पुरातत्व निदेशालय की अधिसूचना द्वारा “करिंगा मक़बरा प्राचीन स्मारक” को सुरक्षित घोषित करने का प्रस्ताव ” बिहार प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल, अवशेष तथा कलानिधि अधिनियम, 1976″ के प्रावधान के तहत अधिसूचित किया गया था।

सुरक्षित घोषित करने के प्रस्ताव के आलोक में आपत्ति, सुझाव आमंत्रित किया गया था। जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा इसी अप्रैल माह में अनापत्ति संसूचित की गई थी।

अनापत्ति प्राप्त होने के उपरांत पुरातत्व निदेशालय की 16 अप्रैल को निर्गत अधिसूचना द्वारा “करिंगा मकबरा” को पुरातात्विक स्थल के रूप में सुरक्षित घोषित किया गया है. 

डच मकबरा

डच मकबरा एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। यह मकबरा करीब 300 साल पुराना है और इसे डच गवर्नर जैकबस वान होर्न की याद में बनाया गया था। यह मकबरा छपरा शहर से 5 किलोमीटर दूर कारिंगा गांव में स्थित है। मकबरे में फ़ारसी और डच शैली की वास्तुकला देखने को मिलती है। डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने 17वीं और 18वीं शताब्दी में छपरा में व्यापारिक केंद्र स्थापित किया था। मकबरे में फ़ारसी और डच शैली की वास्तुकला देखने को मिलती है। यह मकबरा एक एकड़ से अधिक ज़मीन में फैला हुआ है, जिसमें मकबरा, कब्रिस्तान और एक तालाब शामिल है।