फंदे से लटका मिला शिक्षक का शव, जांच में जुटी पुलिस

जहानाबाद: बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त एक शिक्षक ने अपने किराए के मकान में फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली है, यह मामला जहानाबाद जिले का है यह शिक्षक जहानाबाद जिले में पदस्थापित थे।

बताया जाता है कि सुबह करीब दो बजे शिक्षक पत्नी से पानी पीकर दूसरे रूम में सोने चला गया। सुबह जब पत्नी घर साफ करने गई तो आंख दृश्य देख फटी की फटी रह गई। दृश्य देख चिल्ला उठी तो और लोग आएं तो देखा कि शिक्षक मृत पड़े हुए हैं। वहीं, मृतक के परिजनों ने बताया कि अभिषेक परसबिगहा थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय ग्राम गोनवां में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। लेकिन शिक्षा विभाग ऑफिस में ही ड्यूटी लगा रखा था। जिसके कारण वह मानसिक रूप से परेशान रहता था।

हालांकि आत्महत्या करने का और क्या मामला है, जो जांच के बाद ही पता चल सकेगा। वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षक काफी क़र्ज़ में डूबे रहने के कारण भी बताया जाता है और परिजनों से अलग जहानाबाद में किराए के मकान में रह रहा था।

फिलहाल पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हेतु ले गई। वहीं, परिजनों में चित्कार मच गया है, सभी का रो-रो कर बुरा हाल बना हुआ है। पुलिस आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुट गई है।

घटना को लेकर मृतक के चाचा ने बताया कि शिक्षक नौकरी लगने के बाद वह पश्चिमी गांधी मैदान में अपनी पत्नी और एक छोटी बेटी के साथ किराए के मकान में रहता था। उसका पोस्टिंग सदर प्रखंड के उत्क्रमित विद्यालय गोनवां में था। लेकिन विभाग द्वारा उस पर प्रेशर बनाकर ऑफिस के कार्य में लगाया जाता था। विभागीय प्रेशर के कारण वह काफी तनाव में रहता था।

Chhapra: भाजपा नेता राणा यशवंत प्रताप सिंह के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला दहन किया गया। साथ ही नगर थाना चौक से नगरपालिका चौक तक आक्रोश यात्रा भी निकला गया।

इस दौरान लोगों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के अंदर सनातन धर्मोंलंबियों पर अमानवीय रूप से अत्याचार हो रहा है।  मुर्शिदाबाद में हिंदुओं के घरों पर व्यापक रूप से जिहादियों के द्वारा हमला किया जा रहा हैं बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के साथ जिस प्रकार से दुर्व्यवहार एवं अमानवीय घटनाएं प्रकाश में आई है जोकि मानवता को शर्मसार किया हैं। जिसको लेकर हिंदू समाज के अंदर व्यापक आक्रोश है।

इस आक्रोश यात्रा से राणा यशवंत प्रताप सिंह ने मांग की ममता बनर्जी को राष्ट्रपति के द्वारा बर्खास्त किया जाए और पश्चिम बंगाल के अंदर राष्ट्रपति शासन लागू कर कर हिंदुओं का संरक्षण किया जाए। साथ ही वह वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2025 जो कि संवैधानिक रूप से पारित हो चुका है जिसको बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुखर होकर अस्वीकार कर रही है इसलिए मुख्यमंत्री के रूप में यह असंवैधानिक रूप से अपने व्यवहार का परिचय दे रही है जिसके कारण उनका बर्खास्त करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि दलित समाज नाम राजनीति करने वाले उन नेताओं से पूछना चाहता हूं कि आज पश्चिम बंगाल में बर्बरता पूर्वक हमारे दलित हिंदू भाई को मारा जा रहा है तो क्यों मूकदर्शक बने हुए हैं। 

इस मौके पर समाज सेवी मधु जी, मनोज सिंह, अशोक सिंह भादपा, अखिलेश सिंह, नंदन कुमार सिंह, अनिल शर्मा, जयप्रकाश गुप्ता, अमित जयसवाल, अधिवक्ता रविकांत सिंह, अधिवक्ता ज्ञानेश पाण्डेय, दिवाकर भारती, अमरेंद्र सिंह, प्रभात मिश्रा, परशुराम सिंह, मुन्ना महतो, शांतनु सिंह, विनय कुमार तिवारी, अजीत शर्मा, मनीष सिंह, विश्वजीत सिंह, समीर जयसवाल, अंकित सिंह आदि सैकड़ों लोग मौजूद थे।

ईलाज के लिए गया कैदी फरार

Chhapra: छपरा सदर अस्पताल में इलाज के लिए गया कैदी मौका पाकर फरार हो गया. घटना के बाद पुलिस सक्रियता से कैदी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.

घटना को लेकर बताया जाता है कि विगत 18.04.25 को भगवान बाजार को सूचना प्राप्त हुई कि भेल्दी थाना कांड सं0-373/21, के विचाराधीन बंदी आशीष श्रीवास्तव, पिता- उमेशचंद्र श्रीवास्तव, साकिन- शिवनगर कॉलोनी, थाना-गोरखनाथ, जिला- गोरखपुर, राज्य उत्तर प्रदेश को इलाज हेतु सदर अस्पताल, छपरा में भर्ती करवाया गया। जहाँ इनका इलाज पुलिस अभिरक्षा में करवाया जा रहा था।

इसी क्रम में इलाजरत बंदी आशीष श्रीवास्तव पुलिस को चकमा देकर सदर अस्पताल, छपरा से फरार हो गये है।

इस संबंध में अधीक्षक, मंडल कारा, छपरा के लिखित आवेदन के आधार पर भगवान बाजार थाना कांड सं0-201/25, दिनांक-18.04.25, धारा-262 बी०एन०एस० दर्ज किया गया है। फरार बंदी के गिरफ्‌तारी हेतु लगातार छापामारी की जा रही है।

Chhapra: सारण जिले के मांझी प्रखंड के आदर्श ग्राम बरेजा में 20 फाइलेरिया के मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का वितरण किया गया। साथ हीं मरीजों सेल्फ केयर के बारे में जानकारी दी गयी। ग्राम पंचायत प्लानिंग एंड फैसलिटेशन फोरम (GPPFT) का गठन किया गया।

इस आयोजन की अध्यक्षता पंचायत के मुखिया राजेश पांडेय ने की। कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायत स्तर पर जन सहभागिता सुनिश्चित करते हुए सतत विकास लक्ष्यों को लागू करना था। बैठक में सतत विकास के 17 लक्ष्यों एवं उनसे जुड़ी 9 प्रमुख थीमों पर विस्तार से चर्चा की गई। विशेष रूप से “स्वस्थ पंचायत” विषय पर केंद्रित परिचर्चा में पंचायत को एक स्वस्थ, सशक्त एवं रोग मुक्त समुदाय के रूप में विकसित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए।

फाइलेरिया मुक्त पंचायत बनाने के लिए विशेष रणनीति पर चर्चा
कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा पंचायत को “स्वस्थ पंचायत” के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया गया। इस क्रम में फाइलेरिया मुक्त पंचायत बनाने के लिए विशेष रणनीति पर चर्चा हुई। पंचायत क्षेत्र के फाइलेरिया पीड़ितों की पहचान एवं लाइन लिस्टिंग की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया। सभी चिन्हित मरीजों को एमएमडीपी किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई। किट के प्रभावी उपयोग, व्यायाम एवं स्वच्छता नियमों पर विस्तृत जानकारी साझा की गई।

फाइलेरिया से पीड़ित 20 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण
बरेजा पंचायत में फाइलेरिया से पीड़ित 20 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। किट वितरण के पश्चात मरीजों को उसका सही उपयोग कैसे करें, दिनचर्या में किन बातों का ध्यान रखें और रोग की गंभीरता से कैसे बचा जा सकता है, इन बिंदुओं पर चिकित्सकीय परामर्श दिया गया। इसके अलावा 20 फाइलेरिया के मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। मरीजों के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए यूडीआईडी (UDID) पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कार्यपालक सहायक को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

इस बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण से जुड़े कई विभागों की महत्वपूर्ण भागीदारी रही। मुखिया राजेश पांडेय, उप मुखिया, सभी वार्ड सदस्य, पंचायती राज विभाग से प्रतिनिधि, विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, स्वास्थ्य विभाग से सीएचओ, एएनएम, आशा, आशा फैसिलिटेटर, बाल विकास परियोजना से एलएस, आंगनबाड़ी सेविकाएं, जीविका से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, पिरामल फाउंडेशन प्रोग्राम लीड अरविन्द पाठक, पीओ-सीडी पंकज कुमार समेत अन्य मौजूद थे।

– भारत के समुद्री सुरक्षा हितों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में त्रिंकोमाली तट महत्वपूर्ण केंद्र

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। भारत की ​ओर से चिंता​ जताए जाने के बाद श्रीलंका ने पाकिस्तान के साथ नौसैनिक अभ्यास रद्द कर दिया​ है।​ यह अभ्यास श्रीलंका के त्रिंकोमाली तट पर किया ​जाना था।​ भारत ने पाकिस्तानी नौसेना ​के चीन की पीएलए नौसेना के साथ घनिष्ठ सहयोगऔर त्रिंकोमाली में पाकिस्तानी युद्धपोतों की यात्रा ​को लेकर श्रीलंका के सामने चिंता जता​ई थी। त्रिंकोमाली श्रीलंका के उत्तर पूर्वी तट पर स्थित है और इसे भारत के समुद्री सुरक्षा हितों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है।

​दरअसल, प्रधानमंत्री​ नरेन्द्र मोदी​ 04 अप्रैल को श्रीलंका​ की यात्रा पर गए थे, जहां ​उन्होंने भारत की वित्तीय सहायता से पूरी हुई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन ​किया था। ​पीएम मोदी की इस यात्रा से पहले श्रीलंका और पाकिस्तान की नौसेनाओं ने अपनी नियमित गतिविधियों के अनुरूप त्रिंकोमाली के तट पर अभ्यास करने की योजना बनाई थी।​ इसकी जानकारी मिलने पर भारत ने प्रस्तावित अभ्यास पर ​श्रीलंका के सामने अपनी चिंताएं रखी थीं।​ भारत का कहना था कि पाकिस्तान और श्रीलंका की नौसेनाओं के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं और दोनों देशों के युद्धपोत युद्धाभ्यास के अलावा नियमित रूप से एक-दूसरे के बंदरगाहों पर जाते हैं।

भारत ने इस बात पर भी चिंता जताई थी कि अगस्त​, 2022 में हंबनटोटा बंदरगाह पर चीनी मिसाइल और उपग्रह ट्रैकिंग जहाज ​’युआन वांग​’ के डॉकिंग ने श्रीलंका कूटनीतिक विवाद को जन्म दिया था।​ इसके बाद अगस्त​, 2023 में कोलंबो बंदरगाह पर डॉक किए गए एक अन्य चीनी युद्धपोत ने भी नई दिल्ली में कुछ चिंताएं पैदा की थीं। इसके बावजूद पिछले कुछ वर्षों में भारत त्रिंकोमाली के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को विकसित करने में श्रीलंका को सहायता देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।​ हालांकि, श्रीलंका या पाकिस्तान की ओर से इस योजना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया​ है लेकिन श्रीलंका​के सामने भारत की ओर से चिंता जताए जाने के बाद यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई।

सैन्य विशेषज्ञों ने भारत के लिए त्रिंकोमाली के रणनीतिक महत्व को समझाते हुए कहा कि इसमें बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर हिंद महासागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दबदबा बनाने की क्षमता है​, इसलिए भारत ने प्रस्तावित अभ्यास पर चिंता व्यक्त करके सही किया है। भारत विशेष रूप से त्रिंकोमाली में तेल टैंक फार्मों को पुनर्जीवित करने पर विचार कर रहा है, जो दुनिया के बेहतरीन प्राकृतिक बंदरगाहों में से एक है।​ इसी महीने मोदी की कोलंबो यात्रा के दौरान भारत, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने त्रिंकोमाली को​’ऊर्जा केंद्र​’के रूप में विकसित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी समझौते को अंतिम रूप दिया​ है, जिसका व्यापक उद्देश्य इसके आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करना है।

आगामी फिल्म ‘फुले’ को लेकर ब्राह्मण समुदाय पर फ़िल्म निर्देशक अनुराग कश्यप के एक बयान के लिए बाद सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया। इस बयान के बाद अनुराग कश्यप और उनके परिवार को कई धमकियां भी मिलीं। कई लोगों ने अनुराग के बयान की निंदा की और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

अब अनुराग ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर एक लंबा पोस्ट शेयर करके माफी मांग ली है। अनुराग कश्यप ने साफ कहा, “ये माफ़ी पूरी पोस्ट के लिए नहीं है, बल्कि उस एक लाइन के लिए है। उस लाइन में एक अलग संदर्भ जोड़ा गया, जिससे बहुत नफ़रत फैली। मेरी राय चाहे कितनी भी साफ़ क्यों न हो, अगर उससे मेरी बेटी की सुरक्षा प्रभावित होती है, तो वो राय मेरे लिए मायने नहीं रखती।” “मैं अपने बयान पर कायम हूं, लेकिन अगर मेरे परिवार को मेरी वजह से परेशानी हो रही है, तो मुझे माफ़ कर दीजिए। मुझे डांट दीजिए, लेकिन मेरे परिवार को कोई परेशानी मत दीजिए। अगर आप मुझसे माफ़ी चाहते हैं, तो मैं माफ़ी मांगता हूं। जो लोग शुद्ध मूल्यों और धर्म का प्रचार करते हैं, उन्हें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए, बस यही मेरी अपेक्षा है।”

अनुराग के बयान से मचा विवादअनुराग ने कुछ दिन पहले फिल्म ‘फुले’ की पृष्ठभूमि में एक पोस्ट लिखी थी। इससे विवाद उत्पन्न हो गया। अनुराग ने लिखा, “धड़क 2 की स्क्रीनिंग के दौरान सेंसर बोर्ड ने कहा कि मोदी ने जाति व्यवस्था को खत्म कर दिया है। इसी आधार पर संतोष फिल्म भी भारत में रिलीज नहीं हुई। अब ब्राह्मण समुदाय को फिल्म ‘फुले’ पर आपत्ति है, लेकिन भाई, अगर जाति व्यवस्था खत्म हो गई तो ब्राह्मण कहां से आ गए? आप कौन हैं? आप क्यों तकलीफ में हैं?”

“यदि जाति व्यवस्था नहीं होती तो ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का अस्तित्व क्यों होता?। एक बात तो यह है कि यहां कोई ब्राह्मण नहीं है, क्योंकि मोदी के अनुसार भारत में कोई जाति व्यवस्था नहीं है। या फिर वे सब एक दूसरे को मूर्ख बना रहे हैं? आपको पहले मिलकर यह तय करना चाहिए कि भारत में जाति व्यवस्था है या नहीं। लोग मूर्ख नहीं हैं। “क्या आप ब्राह्मण हैं या आपके पूर्वज थे जो अब यहां नहीं हैं…क्या निर्णय लेंगे?” इससे अनुराग के प्रति नाराजगी पैदा हो गई। अब जब अनुराग ने माफी मांग ली है तो यह कहना गलत नहीं होगा कि मामला खत्म हो गया है।

अक्षय कुमार की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘केसरी चैप्टर-2’ 18 अप्रैल को स्क्रीन पर आ गई। हर किसी की दिलचस्पी थी कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर क्या कमाल करेगी। करण सिंह त्यागी के निर्देशन में बनी इस ऐतिहासिक फिल्म में दर्शकों को कोर्ट रूम ड्रामा देखने को मिलेगा। फिलहाल फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धीमी गति से आगे बढ़ती नजर आ रही है।

सैनिलक की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म पहले दिन सिर्फ 7.5 करोड़ रुपये ही कमा पाई है। फिल्म ने अग्रिम बुकिंग से भी 2 करोड़ रुपये कमाए हैं। आंकड़े बताते हैं कि ‘केसरी चैप्टर-2’ अक्षय कुमार की पिछली फिल्म ‘स्काई फोर्स’ की पहले दिन की कमाई को पार करने में नाकाम रही है। फिल्म ‘केसरी चैप्टर-2’ के पहले दिन के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही है। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वीकेंड में दर्शक फिल्म को कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।

फिलहाल बॉक्स ऑफिस पर ‘केसरी चैप्टर-2’ के अलावा ‘जाट’ और ‘सिकंदर’ फिल्में हैं। ‘जाट’ ने पहले दिन करीब 9.5 करोड़ की कमाई की। सलमान खान की ‘सिकंदर’ ने पहले दिन 26 करोड़ रुपये कमाए हैं। इन दोनों फिल्मों की तुलना में ‘केसरी-2’ का कलेक्शन काफी कम है। यह फिल्म उन बैरिस्टर की कहानी पर आधारित है, जिन्होंने 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अदालत में लड़ाई लड़ी थी। अक्षय इस फिल्म में नायर की भूमिका निभा रहे हैं। आर. माधवन फिल्म में एक ब्रिटिश वकील की भूमिका निभा रहे हैं और अनन्या पांडे दिलरीत गिल की भूमिका में दिखाई दे रही हैं।

पिछले कुछ सालों से अक्षय कुमार की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर प्रदर्शन करने में असफल रही हैं। इसलिए खिलाड़ी कुमार के फैंस को ‘केसरी चैप्टर-2’ से काफी उम्मीदें थीं। अब यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट होगी या फ्लॉप, यह तो वीकेंड की कमाई से ही साफ होगा

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। केंद्र सरकार ने धार्मिक संस्थानों और पर्यटन सेवाओं के नाम पर हो रही ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में जनता को सचेत करने के लिए शनिवार को चेतावनी जारी की।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने जनता को ऑनलाइन बुकिंग धोखाधड़ी के बारे में सचेत किया है। विशेष रूप से ऐसे मामलों को लेकर सचेत किया गया है, जिनमें देश में धार्मिक तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को निशाना बनाया जा रहा है। आई4सी ने एक बयान में कहा कि यह धोखाधड़ी फर्जी वेबसाइटों, भ्रामक सोशल मीडिया पेजों, फेसबुक पोस्ट और गूगल जैसे सर्च इंजनों पर पेड विज्ञापनों के जरिए की जा रही हैं। इन घोटालों में पेशेवर दिखने वाली लेकिन फर्जी वेबसाइटें, सोशल मीडिया प्रोफाइल और व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर केदारनाथ, चारधाम के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग, तीर्थयात्रियों के लिए गेस्ट हाउस और होटल बुकिंग, ऑनलाइन कैब या टैक्सी सेवा बुकिंग और हॉलिडे पैकेज और धार्मिक यात्राएं जैसी सेवाएं देने का दावा करते हैं। इन प्लेटफार्मों के माध्यम से भुगतान करने पर लोगों को जब बुकिंग की कोई पुष्टि या सेवा प्राप्त नहीं होती और संपर्क के लिए दिए गए नंबर पहुंच से बाहर हो जाते हैं, तो उन्हें ठगे जाने का एहसास होता है।

आई4सी ने लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने और सुरक्षा उपायों का पालन करने की सलाह दी है। आई4सी के अनुसार, लोग कोई भी भुगतान करने से पहले हमेशा वेबसाइट की प्रामाणिकता की जांच करें। गूगल, फेसबुक या व्हाटसएप पर प्रायोजित या अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले सत्यापन करें। केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टल या विश्वसनीय ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से बुकिंग की क्रॉस-चेकिंग करें। ऐसी वेबसाइटों की शिकायत तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें या किसी भी धोखाधड़ी के मामले में 1930 पर कॉल करें।

केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवाओं के लिए आधिकारिक बुकिंग केवल https://www.heliyatra.irctc.co.in के माध्यम से की जा सकती है। वहीं सोमनाथ ट्रस्ट की सेवाओं और गेस्ट हाउस बुकिंग के लिए आधिकारिक वेबसाइट somnath.org है।

इन घोटालों को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र बहु-आयामी रणनीति अपना रहा है। आई4सी ने कहा कि घोटाले का पता लगाने के लिए गूगल, व्हाट्सएप, फेसबुक जैसे आईटी मध्यस्थों के साथ नियमित रूप से स्कैम सिग्नल का आदान-प्रदान किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि साइबर अपराध के हॉटस्पॉट की पहचान की जा रही है तथा जिन राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों से अपराध की शुरुआत हो रही है, उन्हें सतर्क और संवेदनशील बनाया जा रहा है।

नागरिकों की सुरक्षा के लिए फर्जी वेबसाइटों या विज्ञापनों और नकली सोशल मीडिया अकाउंट की पहुंच को बंद किया जा रहा है। इसके अलावा परेशानी मुक्त शिकायत की सुविधा के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर संदिग्धों की जांच और रिपोर्टिंग सुविधा विकसित की गई है।

कोलकाता, 19 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दंगा पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें आश्वस्त किया कि भविष्य में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव कदम उठाएगी।

एनसीडब्ल्यू प्रमुख रहाटकर ने मुर्शिदाबाद के बेतबोना इलाके में पीड़ितों से बात करते हुए कहा, “डरने की कोई बात नहीं है। देश और आयोग आपके साथ है। खुद को अकेला मत समझिए।” उन्होंने बताया कि आयोग इस दौरे की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगा।

पीड़ित महिलाओं ने आयोग को बताया कि दंगों के दौरान उन्हें किस प्रकार की यातनाएं झेलनी पड़ीं। उन्होंने मांग की कि जिले के संवेदनशील इलाकों में स्थायी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कैंप स्थापित किए जाएं और पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराई जाए। इससे एक दिन पहले शुक्रवार को आयोग की टीम ने मालदा जिले के राहत शिविर का भी दौरा किया, जहां मुर्शिदाबाद दंगों के कारण विस्थापित हुए लोग शरण लिए हुए हैं।

गौरतलब है कि एनसीडब्ल्यू ने मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज, सुती, धूलियन और जंगीपुर इलाकों में 11 और 12 अप्रैल को भड़की हिंसा पर स्वत: संज्ञान लिया था। मुस्लिम बहुल इलाकों में वक्फ अधिनियम में संशोधन को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच हुई इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे। आयोग ने अपने दौरे में हिंसा प्रभावित महिलाओं की स्थिति का आकलन किया और केंद्र से कार्रवाई की सिफारिश की है।

लखनऊ, 19 अप्रैल (हि.स.)। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक नई खेल संस्कृति विकसित हुई है। पहले भारत के खिलाड़ी जीतने से अधिक भागीदारी से संतुष्ट हो जाते थे मगर आज भारत के खिलाड़ी पूरी दुनिया में जहाँ कहीं जाते हैं, उन्हें गंभीरता से लिया जाता है। इस बदलाव के पीछे बड़ी वजह सरकार की स्पोर्ट्स फ्रेंडली नीतियां भी हैं।

शनिवार को केडी सिंह बाबू स्टेडियम में आयोजित सांसद खेल महाकुम्भ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि खेलो इण्डिया के माध्यम से आज के बदलते भारत में गांवों व छोटे शहरों की प्रतिभाओं को खुलकर आगे आने का मौका मिल रहा है। खेलो इंडिया के तहत तीन हजार से अधिक खिलाड़ियों को प्रतिमाह 50 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है, जो उन्हें प्रशिक्षण, आहार, कोचिंग, किट, आवश्यक उपकरण और अन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है। जमीनी स्तर पर लगभग 1,000 खेलो इंडिया केंद्रों में हज़ारों खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं।

रक्षामंत्री ने कहा कि आज हमारी सरकार 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों का आयोजन गुजरात में करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। वहीं, अन्य विश्व स्तरीय खेलों का भी आयोजन भारत में हो, इसके भी प्रयास चल रहे हैं। जहाँ तक उत्तर प्रदेश का सवाल है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अगले नेशनल गेम्स के आयोजन के लिए प्रयास करना चाहिए। आज पूरा देश, नेशन फर्स्ट को पहले रखकर खिलाड़ियों की तरह सोच रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य रखा है।

खेल और खिलाड़ियों के प्रति समाज की धारणा बदलीराजनाथ सिंह ने कहा कि आज खेलों और खिलाड़ियों के प्रति समाज की धारणा बदली है। आज माता-पिता अपने बच्चों को लिएंडर पेस, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, रोहित शर्मा, पीवी सिंधु, गुकेश और नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ी और एथलीट के रूप में देखना चाहते हैं।

लखनऊ स्पोर्टिंग कल्चर के लिए विख्यातउन्होंने कहा कि लखनऊ शहर अपने स्पोर्टिंग कल्चर के लिए केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश-विदेश में जाना जाता था। जिन महान हॉकी खिलाड़ी केडी सिंह बाबू के नाम से यह स्टेडियम जाना जाता है, उन्होंने यहाँ काफ़ी लम्बा समय बिताया। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद ने भी लखनऊ की खेल संस्कृति को सँवारा है। उनके बेटे अशोक कुमार और विख्यात ओलंपियन जमन लाल शर्मा की यह कर्मभूमि रही है। भारत का पहला एस्ट्रो टर्फ भी इसी लखनऊ के स्पोर्ट्स कॉलेज में अस्सी के दशक में लगाया गया।

लखनऊ में आजकल इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल के मुकाबले हो रहे हैं, मगर एक समय था जब इसी डीसिंह बाबू स्टेडियम में शीशमहल ट्रॉफी नाम से एक क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन होता था और टीम इंडिया के बड़े खिलाड़ी लखनऊ में खेलते नजर आते थे। आज यह सांसद खेल महाकुंभ भी लखनऊ के स्पोर्टिंग कैलेंडर में जुड़ गया है।

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। भारत ने शनिवार को बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय की हत्या की कड़ी निंदा की है। भारत ने वहां की अंतरिम सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि वह बिना किसी भेदभाव के अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भारत के रुख को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा, “हमने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या को व्यथित रूप से देखा है। यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के पैटर्न का अनुसरण करती है, जबकि पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी दंड से बचकर घूमते हैं।”

जायसवाल ने आगे लिखा, “हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना किसी बहाने या भेदभाव के हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करे।”

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंसा की ताजा घटना में दिनाजपुर जिले में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय को शुक्रवार रात उनके घर से अगवा कर लिया गया और बाइक सवार हमलावरों के समूह ने बेरहमी से पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी। भाबेश चंद्र रॉय बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष थे। वह इलाके के हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भी थे।

– राज ठाकरे ने बढ़ाया मिलन का हाथ, लेकिन उद्धव ठाकरे ने रखी शर्त

मुंबई, 19 अप्रैल (हि.स.)। महाराष्ट्र में शनिवार को शिवसेना यूबीटी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के बीच राजनीतिक गठबंधन होने के संकेत मिलने लगे हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने साफ कहा कि उनके बीच कोई बड़े मसले नहीं हैं, इसलिए वे उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं। शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी गठबंधन के लिए तैयार होने की इस शर्त के साथ हामी भरी है कि राज ठाकरे को भाजपा और शिंदे समूह से दूर रहना होगा।

मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपने मित्र और फिल्म अभिनेता महेश मांजरेकर के पॉडकास्ट में एक साक्षात्कार दिया था। इसमें महेश मांजरेकर ने सीधे राज ठाकरे से उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन के बारे में पूछा था। इस सवाल का जवाब देते हुए राज ठाकरे ने कहा, “हमारे बीच विवाद, झगड़े, बातें छोटी-मोटी हैं। महाराष्ट्र उससे कहीं बड़ा है। महाराष्ट्र और मराठी लोगों के अस्तित्व के लिए वे उद्धव ठाकरे के साथ काम कर सकते हैं। राज ठाकरे ने कहा कि उनके अंदर कोई ईगो नहीं है, महाराष्ट्र की भलाई के लिए वे उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।

राज ठाकरे के इस बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं साथ आने के लिए तैयार हूं। मैंने भी सभी विवादों को भूला दिया, लेकिन पहले यह तय कर लें कि मेरे साथ आना आपके हित में है या भाजपा के साथ। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि यदि वह मेरे साथ आना चाहते हैं, तो शिंदे सेना और भाजपा को छोड़ दें। इस तरह उद्धव ठाकरे ने फिर से दोनों ठाकरे के एक होने की गेंद राज ठाकरे के ही पाले में डाल दी है।