जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक
पर्यवेक्षण गृह एवं विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में रोस्टर के अनुसार चिकित्सक करें चिकित्सीय परीक्षण
Chhapra: जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में आज जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक आहुत की गई। जिला में दो बाल देख रेख एवं संरक्षण के संस्थान जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित हैं। पर्यवेक्षण गृह रेड क्रॉस भवन में किराये पर संचालित है। इसमें 07 से 18 वर्ष तक के विधि विवादित किशोर को किशोर न्याय परिषद, के आदेश से आवासित कराये जाते हैं। वर्त्तमान में 56 किशोर यहाँ आवासित हैं।
विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान छपरा में किराये के भवन में संचालित है।
इसमें 0 से 6 वर्ष तक के देख रेख वाले बच्चों को बाल कल्याण समिति के आदेश से आवासित कराये जाते हैं। वर्त्तमान में यहाँ 6 बच्चे आवासित हैं। जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, परवरिश योजना, स्पांसरशिप योजना एवं पीएम केयर्स योजना संचालित है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत कुल 6001 लाभुकों को भुगतान किया गया है।
बताया गया कि बाल कल्याण समिति सारण में मई माह में कुल 65 बालक/बालिकाओं को प्रस्तुत किया गया है। मई माह में 44 बालकों का पुनर्वासन किया गया है।
विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान द्वारा 01 जनवरी 2024 से 15 मई 2025 तक कुल 16 बालक/बालिकाओं को दत्तक ग्रहण में दिया गया है। जिसमें 02 बालक/बालिकाओं को अंतर्देशीय दत्तक ग्रहण एवं 14 बालक/बालिकाओं को देशीय दत्तक ग्रहण में दिया गया है।
जिलाधिकारी ने इन सभी संस्थानों के बेहतर साफ सफाई हेतु नगर निगम को आवश्यक सहयोग करने को कहा। पर्यवेक्षण गृह के जीर्णोद्धार कार्य को गुणवत्तापूर्ण तरीके से सुनिश्चित कराने को कहा गया।
बैठक में नगर आयुक्त,सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।

मां और शिशु की सुरक्षा के लिए गर्भावस्था में एचआईवी और सिफलिस जांच है बेहद जरूरी: सिविल सर्जन
• नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है यह निःशुल्क सुविधा
• कोई भी महिला डर या झिझक न रखें
छपरा: गर्भवती महिलाओं की सेहत और उनके गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा के लिए समय पर एचआईवी (HIV) और सिफलिस जांच कराना बेहद आवश्यक है। यह अपील सारण के सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने की है। उन्होंने कहा कि ये दोनों संक्रमण शुरुआती अवस्था में बिना लक्षण के भी हो सकते हैं और अगर समय रहते इनका पता नहीं चला तो संक्रमण मां से शिशु में स्थानांतरित होकर गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं या नवजात की मृत्यु तक का कारण बन सकता है।
कोई भी महिला डर या झिझक न रखें:
डॉ. सिन्हा ने कहा, “गर्भवती महिलाओं को एचआईवी और सिफलिस की जांच अवश्य करानी चाहिए ताकि यदि संक्रमण हो तो समय रहते इलाज शुरू हो सके और संतान सुरक्षित रह सके। यह जांच राज्य सरकार द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।” उन्होंने कहा कि कोई भी महिला डर या झिझक न रखें, और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर ये जांच अवश्य करवाएं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के माध्यम से गांव-गांव में इस संबंध में जागरूकता फैलाई जा रही है।
एचआईवी संक्रमण के प्रमुख कारण:
• असुरक्षित यौन संबंध
• संक्रमित सुई या सिरिंज का प्रयोग
• संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाना
• संक्रमित मां से गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान शिशु में संक्रमण का फैलना
विवाह से पहले जांच है जरूरी
सिविल सर्जन ने यह भी कहा कि विवाह से पूर्व युवक और युवती दोनों को एचआईवी की जांच जरूर करवा लेनी चाहिए। यदि दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो विवाह सुरक्षित है। लेकिन यदि किसी एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो सुरक्षा और भावी संतान की दृष्टि से विवाह नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर किसी युवती की शादी किसी एचआईवी संक्रमित युवक से हो जाती है और उसे इसकी जानकारी न हो, तो वह गर्भधारण के दौरान संक्रमित हो सकती है और उसका शिशु भी जन्म के समय संक्रमित हो सकता है।”
मातृत्व से पहले जिम्मेदारी जरूरी
सिविल सर्जन ने अंत में दोहराया कि एचआईवी और सिफलिस की जांच मातृत्व की जिम्मेदारी का पहला कदम है। इससे न केवल मां का जीवन सुरक्षित रहता है, बल्कि भावी पीढ़ी को भी संक्रमण से बचाया जा सकता है।

03 से 05 जून तक मतदाता जागरूकता हेतु चलाया जाएगा विशेष स्वीप अभियान
chhapra: 03 जून को विश्व साईकिल दिवस के अवसर पर साईकिल रैली से लेकर 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ” वोट फ़ॉर अर्थ, वोट फ़ॉर डेमोक्रेसी” थीम के साथ त्रिदिवसीय विशेष स्वीप अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियों का होगा आयोजन
03 जून, 2025 को विश्व साईकिल दिवस के अवसर पर मतदाता जागरूकता साईकिल रैली का आयोजन किया जायेगा।दिव्यांगजनों के लिए भी ट्राई साईकिल रैली का आयोजन किया जायेगा। महिलाओं की सहभागिता से महिला सशक्तिकरण साईकिल रैली आयोजित की जायेगी।जिला/प्रखंड एवं मतदान केंद्र स्तर पर साईकिल रैली का आयोजन होगा।
विभिन्न स्तरों पर मतदाता शपथ, रंगोली, रील मेकिंग आदि का भी आयोजन किया जायेगा।
04 जून 2025 को पार्क एवं सामुदायिक केन्द्रों में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम, मतदाता संवाद रथ, स्वीप आइकॉन द्वारा सोशल मीडिया लाइव,मेंहदी/पोस्टर/रंगोली/रील प्रतियोगिता आदि गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा।
05 जून 2025 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मतदाता वृक्षारोपण अभियान, ग्रीन वोटर वॉक/ मतदाता जागरूकता मार्च, स्वच्छता अभियान एवं मतदाता शपथ तथा “एक वोट, एक पौधा अभियान” के तहत स्वैच्छिक रूप से नव मतदाता द्वारा पौधा रोपण किया जायेगा।
इन कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर उपविकास आयुक्त सह अध्यक्ष जिला स्वीप कोर कमेटी की अध्यक्षता में स्वीप कोषांग की बैठक आहुत की गई। सभी स्तर के पदाधिकारियों को संबंधित गतिविधियों का उद्देश्यपूर्वक आयोजन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।

छपरा: शिशु पार्क छपरा को मेंटेनेंस हेतु नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा वन विभाग को हस्तांतरित किया गया है।

इस पार्क के बेहतर विकास एवं इसके अनुश्रवण हेतु एक पर्यवेक्षण समिति बनाई जायेगी। यह निर्णय आज जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में आहुत बैठक में लिया गया।

समिति का होगा गठन

इस समिति में वन प्रमंडल पदाधिकारी, नगर आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी सदर छपरा, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर छपरा, सहायक निदेशक उद्यान, जिला मत्स्य पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता विद्युत छपरा पश्चिम, जनप्रतिनिधि आदि शामिल रहेंगे।

यह समिति इस पार्क के विकास एवं मेंटेनेंस का अनुश्रवण करेगी तथा इसके बेहतर प्रबंधन हेतु आवश्यक सलाह देगी।

Patna, 2 जून (हि.स.)। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि सोनपुर मेला स्थल, सारण में पर्यटकीय सुविधाओं के विकास और आधुनिकीकरण के लिए 24.28 करोड़ रुपये की योजना को प्रशासनिक स्वीकृत दी गई है।

सीबीडीडी  के तहत सोनपुर मेला विकास की योजना को स्वीकृति दी गई है

साेमवार काे यहां उपमुख्यमंत्री चौधरी ने बताया कि स्वदेश दर्शन स्कीम 2.0 की उप-योजना (सीबीडीडी ) के तहत सोनपुर मेला विकास की योजना को स्वीकृति दी गई है। इससे स्थानीय रोजगार और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढावा मिलेगा।

कैशलेस भुगतान, वर्चुअल दर्शन और स्मार्ट पार्किंग जैसी सेवाओं का निर्माण किया जाएगा

सम्राट चौधरी कहा कि सरकार सोनपुर मेले को देशभर में ही नहीं , बल्कि वैश्विक पर्यटन के लिए डिजिटल और पर्यावरण-संवेदनशील स्थल के रूप में विकसित कर रही है। सम्राट चौधरी  ने बताया कि इस योजना के तहत प्रवेश द्वार, हाट निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, घाट तक संपर्क, पार्किंग और शटल सेवा का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नये स्वरूप में प्लास्टिक मुक्त मेला क्षेत्र, अपशिष्ट प्रबंधन, सौर ऊर्जा और पर्यावरण जागरूकता अभियान जैसी हरित पहल पर भी काम किया जाएगा। वहीं डिजिटल पहल के तहत मेला मोबाइल ऐप, कैशलेस भुगतान, वर्चुअल दर्शन और स्मार्ट पार्किंग जैसी सेवाओं का निर्माण किया जाएगा।

व्यापार के नए अवसर सृजित होंगे और सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होगी

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में सारण जिले का सोनपुर मेला स्थल एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। सरकार के प्रयासों से यहां पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। मेला स्थल के समग्र विकास से आने वाले पर्यटकों को उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं मिलेंगी,व्यापार के नए अवसर सृजित होंगे और सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होगी।

इसे एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है

उल्लेखनीय है कि सोनपुर में गंगा-गंडक नदी के संगम पर हर वर्ष शरद ऋतु में कार्तिक पूर्णिमा ( इस वर्ष 5 नवंबर) पर महीने भर चलने वाला मेला लगता है। इसे एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है। यह मेला हाथी-घोड़ा, गाय-बैल और दूसरे पशुओं की खरीद-बिक्री के लिए प्रसिद्ध रहा है।

 

Jammu, 02 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्री माता वैष्णो देवी जी मंदिर के आधार शिविर कटरा से कश्मीर के लिए ट्रेन सेवा का उद्घाटन 6 जून को कर सकते हैं। इसके बाद कटरा और बारामूला के बीच वंदे भारत ट्रेन चलना शुरू हो जाएगी। अधिकारियों ने बताया है कि कश्मीर के लिए ट्रेन सेवाओं के शुभारंभ की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और प्रधानमंत्री 6 जून को घाटी के लिए पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं।

ट्रेन सेवा का शुभारंभ 19 अप्रैल को होना था, लेकिन उस दिन खराब मौसम की भविष्यवाणी के मद्देनजर इसे स्थगित कर दिया गया था।

अधिकारियों ने कहा कि 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलने वाली श्री अमरनाथ जी की तीर्थयात्रा के लिए इस मार्ग को खोलना उपयोगी साबित हो सकता है। खासकर तब जब इस मौसम में समय से पहले और भारी मानसून आने की खबरें हैं जिससे रामबन और बनिहाल के संवेदनशील हिस्से के बीच जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो सकता है।

यात्रियों को कटरा से श्रीनगर की ओर जाने में मदद मिल सकती है

उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक खुलने से श्री अमरनाथ जी के यात्रियों को कटरा से श्रीनगर की ओर जाने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो तीर्थयात्रियों की भीड़ को कम करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। खासकर राजमार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में।

कटरा और बारामूला के बीच केवल वंदे भारत ट्रेन चलने की उम्मीद है

अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में कटरा और बारामूला के बीच केवल वंदे भारत ट्रेन चलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री कटरा से बारामूला और बारामूला से कटरा के लिए वर्चुअली ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। वे कटरा स्टेडियम में एक रैली को संबोधित करेंगे। कटरा से ट्रेन सेवाओं को हरी झंडी दिखाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी के चिनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल और रियासी जिले में रेलवे ट्रैक पर पहले केबल स्टे ब्रिज का दौरा करने की संभावना है।

कार्य पूरा होने के बाद घाटी के लिए ट्रेन का जम्मू से परिचालन शुरू कर दिया जाएगा

सूत्रों के अनुसार, शुरुआत में यह ट्रेन कटरा से बारामूला तक चलेगी। हालांकि, जम्मू रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाने सहित विस्तार कार्य पूरा होने के बाद घाटी के लिए ट्रेन का जम्मू से परिचालन शुरू कर दिया जाएगा, जो संभवतः अगस्त-सितंबर में शुरू होगा।कटरा से बारामूला तक ट्रेन के कई सफल ट्रायल रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के जवानों को ले जाने वाली एक ट्रेन भी श्रीनगर तक ट्रैक पर चली थी।

पिछले साल फरवरी में 48.1 किलोमीटर लंबा बनिहाल-सांगलदान खंड चालू किया गया था

पहलगाम आतंकी हमले के बाद ट्रैक का नया सुरक्षा ऑडिट किया गया और सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है, जिसमें अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना शामिल है। कुल 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना में से 209 किलोमीटर को चरणों में चालू किया गया, जिसमें 118 किलोमीटर का काजीगुंड-बारामुल्ला खंड का पहला चरण अक्टूबर 2009 में चालू किया गया। इसके बाद जून 2013 में 18 किलोमीटर का बनिहाल-काजीगुंड, जुलाई 2014 में 25 किलोमीटर का उधमपुर-कटरा और पिछले साल फरवरी में 48.1 किलोमीटर लंबा बनिहाल-सांगलदान खंड चालू किया गया था।

कश्मीर को एक नई विशेष रूप से डिजाइन की गई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिलेगी

46 किलोमीटर लंबे संगलदान-रियासी सेक्शन पर काम पिछले साल जून में पूरा हो गया था, जिससे रियासी और कटरा के बीच कुल 17 किलोमीटर का हिस्सा बचा जो करीब तीन महीने पहले पूरा हो गया, जिसके बाद वंदे भारत समेत कई ट्रेनों के ट्रायल शुरू हो गए। इस परियोजना पर 41,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। 4 जनवरी को कटरा-बनिहाल सेक्शन पर इलेक्ट्रिक ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया। रेलवे ने पिछले कुछ महीनों में ट्रैक के विभिन्न खंडों पर कई ट्रायल किए हैं, जिनमें अंजी खाद और चिनाब पुल के दो प्रमुख मील के पत्थर शामिल हैं। कश्मीर को एक नई विशेष रूप से डिजाइन की गई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिलेगी। यह नई सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन कटरा और श्रीनगर को जोड़ेगी। कटरा और श्रीनगर को जोड़ने वाली नई सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन जम्मू-कश्मीर में तीसरी ऐसी ट्रेन होगी।

भद्रवाह 1 जून हि.स.। ऑपरेशन सद्भावना के तहत एक दयालु आउटरीच प्रयास में भद्रवाह में स्थित भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स इकाई ने जम्मू और कश्मीर के भद्रवाह के उच्च ऊंचाई वाले घास के मैदानों में रहने वाले आदिवासी खानाबदोशों के लिए एक निःशुल्क चिकित्सा और पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। यह शिविर समुद्र तल से 7,850 फीट की ऊंचाई पर स्थित जय घाटी में आयोजित किया गया था।

इस पहल का उद्देश्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।

हर साल अपने पशुओं के साथ ऊपरी इलाकों में प्रवास करने वाले 300 से अधिक आदिवासियों को सेना और एसडीएच भद्रवाह के डॉक्टरों और पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम से चिकित्सा देखभाल और मुफ्त दवाइयाँ मिलीं. अधिकारियों ने कहा कि यह पहल स्थानीय आबादी के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने और कठिन इलाकों में रहने वाले हाशिए पर पड़े समूहों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सेना के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है। भारतीय सेना सभी नागरिकों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। ऑपरेशन सद्भावना के तहत हमारा लक्ष्य बुनियादी सेवाओं में अंतर को पाटना और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का समर्थन करना है।

स्थानीय लोगों ने आभार व्यक्त किया

स्थानीय लोगों ने आभार व्यक्त किया और क्षेत्र में समर्थन और आश्वासन के स्रोत के रूप में सेना की निरंतर उपस्थिति पर प्रकाश डाला। एक आदिवासी करीम ने कहा कि हम उन सैनिकों के आभारी हैं जो न केवल आपूर्ति के साथ बल्कि देखभाल और करुणा के साथ इन पहाड़ों में आते हैं।एक अन्य आदिवासी रहमान अली ने कहा कि ऊंचे-ऊंचे घास के मैदान अक्सर बुनियादी सेवाओं से कटे रहते हैं। सेना हमारे साथ है। हम सुरक्षित महसूस करते हैं और हम खुश हैं। हम यहां इस चिकित्सा शिविर का आयोजन करने के लिए सेना के आभारी हैं। रहमान ने कहा कि हमें यहां बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस इलाके में कोई अस्पताल या डिस्पेंसरी नहीं है। लेकिन आज भारतीय सेना ने इन पहाड़ों में एक मेडिकल कैंप स्थापित किया है। इससे हमें बहुत मदद मिली हमारी स्वास्थ्य जांच हुई और दवाइयां मुफ्त में दी जा रही हैं। हम भारतीय सेना के आभारी हैं।

Chhapra: उषा श्रीप्रकाश मेमोरियल एजुकेशनल एवं सोशल वेलफेयर ट्रस्ट और क्लियर दृस्टि के द्वारा निशुल्क जांच शिविर का आयोजन छपरा विधानसभा के जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि सिताब दियरा गांव में किया गया।

पूर्व महापौर ने किया शिविर का उद्घाटन

छपरा नगर निगम की पूर्व महापौर राखी गुप्ता, वरुण प्रकाश, डॉ अमित चौधरी, डॉ सतीश चंद्र, बंटी कुमार, मंजू देवी, स्वाति देवी, रीना देवी, डॉ प्रियंका, कुंवर जायसवाल, मनीष मणि, अभिषेक किशोर, पप्पू द्वारा किया गया।

शिविर के माध्यम से लगभग चार सौ से अधिक लोगों ने चिकित्सीय परामर्श पाया। दवा और चश्मा निशुल्क लोगों को दिया गया।

पूर्व मेयर राखी गुप्ता ने बताया कि यह आयोजन 32 वीं बार किया गया है। शहर के बाद गांव की जनता की बारी है। बहुत सारे लोग गांव से मेरे घर पहुंचकर लाभ लेते थे। अब गांव की जनता का सेवा करना है। जनता की सेवा के लिए लगातार कैंप का आयोजन किया जा रहा है। मेरे द्वारा चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भी लगातार आम जनता के लिए कैंप लगाकर लोगों को सेवा प्रदान किया जा रहा है।

अब तक लगभग 4 हज़ार से अधिक लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन निशुल्क कराया जा चुका है। जिन लोगों को मेजर प्रॉब्लम आंखों से है उन लोगों का ऑपरेशन भी प्राइवेट अस्पताल में कराया गया है। जनता की सेवा में हम तत्पर हैं।

Bihar: राज्य के 47 IAS अधिकारियों का ट्रांसफर

Patna: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले सरकार ने बड़े पैमाने पर प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला कर दिया है। बिहार सरकार ने एकसाथ राज्य के 47 IAS अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से तबादले की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस अधिसूचना के बाद पटना के डीएम समेत करीब-करीब सभी जिलों के जिलाधिकारी बदल गए हैं।

सरकार ने पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह को प्रमोशन देते हुए पटना प्रमंडल का आयुक्त बना दिया है। डा. चंद्रशेखर सिंह लंबे समय से पटना डीएम का पद पर तैनात थे। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2010 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनकी जगह गया के डीएम त्यागराजन एस.एम को पटना का डीएम बना दिया है। त्यागराजन 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।

इसके अलावा दरभंगा के डीएम राजीव रौशन को सारण प्रमंडल का आयुक्त बनाया है जबकि आईसीडीएस के निदेशक कोशल किशोर को दरभंगा प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है। वहीं मुंगेर के डीएम अवनिश कुमार सिंह को मुंगेर प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है। राज कुमार को तिरहुत प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है। वह पहले कम्फेड पटना के प्रबंध निदेश के पद पर तैनात थे।

एससी एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिला स्तरीय निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की हुई बैठक

Chhapra: जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में आज अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिला स्तरीय निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आहुत की गई।

जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्ष 2018 से 2025 तक इस अधिनियम के तहत दर्ज कुल 2455 कांडों में से 2101 मामलों में पीड़ित/आश्रित को देय मुआवजे के प्रथम क़िस्त की राशि का भुगतान किया गया है। 345 मामलों में संधि/सुलह की गई है। सिर्फ वर्ष 2025 के 9 मामलों में प्रथम क़िस्त के मुआवजे का भुगतान लंबित है। जिलाधिकारी ने इन मामलों में त्वरित भुगतान की कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। वर्ष 2025-26 में कुल 129 मामलों में अभी तक 84.19 लाख रुपये मुआवजे का भुगतान किया गया है।

इस अधिनियम के तहत दर्ज मृत्यु के मामलों में 54 निकटम आश्रितों को नियमानुसार पेंशन का भुगतान किया जा रहा है।सभी का माह अप्रैल 2025 तक के पेंशन का भुगतान किया जा चुका है। तीन आश्रितों को सरकारी नौकरी दी गई है। दो अन्य मामलों में आश्रितों को नौकरी देने हेतु कार्रवाई प्रक्रियाधीन है, जिसे अविलंब पूरा करने का निदेश दिया गया।

बैठक में विधायक गड़खा, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय जिला कल्याण पदाधिकारी, समिति के अन्य सदस्यगण तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न थाना प्रभारी जुड़े थे।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया गया जागरूकता अभियान

– जिला और प्रखंडस्तर पर स्वास्थ्य केंद्रों में चला अभियान

– विभिन्न जानलेवा बीमारियों की जड़ है तम्बाकू का सेवन

– स्वास्थ्यकर्मियों ने तंबाकू उत्पादों को न लेने की खायी शपथ

Chhapra: विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर जिला स्तर व प्रखंड स्तर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके तहत सभी पीएचसी पर लोगों को तंबाकू से होने वाले शारीरिक नकुसान के बारे में जानकारी दी गयी। वहीं छपरा सदर अस्पताल में एएनएम छात्राओं द्वारा जागरूकता रैली निकाली गई। इसके साथ हीं पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। मौके पर एनसीडीओ डॉ भूपेंद्र कुमार ने कहा कि किसी भी तरह का तंबाकू उत्पाद स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हितकर नहीं है. एक तरफ यही व्यक्ति में असाध्य रोगों को जन्म देता है दूसरी ओर इससे निकलने वाला कचरा वातावरण को दूषित करता है। तम्बाकू के सेवन के प्रति रुचि आजकल न सिर्फ युवाओं में बल्कि स्कूली बच्चों में बढती जा रही है।तम्बाकू सेवन बहुत से गंभीर बीमारियों की जड़ है। इसलिए इसको रोकने और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 31 मई को पूरे विश्व में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। कहा कि विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की शुरुआत डब्ल्यूएचओ द्वारा 1987 में की गयी थी। इस दिन का उद्देश्य तंबाकू सेवन के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है। इस मौके पर एनसीडीओ डॉ. भूपेंद्र कुमार, साइकोलॉजिस्ट डॉ. निधि कुमारी, डॉ. वरूण सिंह, राजीव गर्ग समेत अन्य मौजूद थे।

विभिन्न जानलेवा बीमारियों की जड़ है तम्बाकू का सेवन:

सिविल सर्जन सागर दुलाल सिन्हा ने बताया तम्बाकू सेवन बहुत सी नुकसानदायक बीमारियों की जड़ है। कैंसर जैसी बीमारी भी तम्बाकू के सेवन से ही होती है। फेफड़ों की बीमारियां जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फिसेमा होने की मुख्य वजह धूम्रपान ही है। क्रोनिक यानी लम्बे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े एवं सांस की नली के कैंसर होने की सम्भावना ज्यादा होती है। दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े के कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा है। जिसकी मुख्य वजह अत्यधिक धूम्रपान का करना ही होता है। खैनी, पुड़िया, जर्दा, पीला पत्ती आदि के सेवन से मुंह का कैंसर(ओरल कैंसर) की संभावना बनी रहती है। इन सभी तरह की रोगों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए धूम्रपान का खत्म होना ही सबसे जरूरी विकल्प है। तम्बाकू उत्पादों का सेवन सार्वजनिक स्थानों पर रोकने के लिए सरकार द्वारा कानून बनाया गया है। इसके लिए तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा लागू किया गया है। कोटपा के तहत तम्बाकू के साव स्थानों इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाने पर लोगों को धारा 4, 5, 6 तथा 7 के तहत कानूनी कार्यवाही व आर्थिक दंड वसूला जा सकता है।

सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू सेवन रोकने के लिए सरकार द्वारा बनाया गया है कानून :

साइकोलॉजिस्ट डॉ. निधि कुमारी ने बताया तम्बाकू सेवन बहुत सी नुकसानदायक और बीमारियों की जड़ है। कैंसर जैसी बीमारी तंबाकू के सेवन से ही होती है। फेफड़ों की बीमारियां जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फिसेमा होने की मुख्य वजह धूम्रपान ही है। क्रोनिक यानी लम्बे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े एवं सांस की नली के कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है। दुनिया में कैंसर से होने वाली मृत्यु में फेफड़े के कैंसर के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। जिसका मुख्य वजह अत्यधिक धूम्रपान का करना है। जैसे – खैनी, पुड़िया, जर्दा, पीला पत्ती आदि के सेवन से मुंह का कैंसर (ओरल कैंसर) की संभावना बनी रहती है। इन सभी तरह की रोगों को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए धूम्रपान का खत्म होना ही सबसे बड़ा और पहला विकल्प है।

तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा) के तहत तय किया गया कानून :

• सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 200 रुपये की जुर्माना देय है (धारा – 4).

– •तम्बाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर 1 से 5 साल की कैद व 1000 से 5000 तक का जुर्माना देय है (धारा- 5).

– •18 वर्ष से कम आयु वर्ग के अवयस्कों को तम्बाकू पदार्थ बेचने वालों को 200 रुपये जुर्माना लगाया जाता है (धारा- 6).

– •बिना चित्रित व पैकेट के 85% भाग पर मुख्य रूप से न छपे वैधानिक चेतावनी के तम्बाकू पदार्थ बेचने पर 2 से 5 साल की कैद व 1000 से 10000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है (धारा- 7)।

शिक्षक स्थानान्तरण: 20 जून तक शिक्षकों को मिल जायेगा नया स्कूल, 30 जून से पहले करना होगा योगदान

Patna: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने कहा कि स्थानांतरित किए गए सभी एक लाख, 30 हजार शिक्षकों को आगामी 20 जून तक उनके नए स्कूलों का आवंटन कर दिया जाएगा। नव स्थानांतरित शिक्षक आगामी 30 जून से पहले अपने नए स्कूलों में योगदान कर दें। उनके स्कूल आवंटन की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानांतरित शिक्षकों को अब उनके पुराने स्कूलों से विरमित होने की कोई जरूरत नहीं है। वे जैसे ही अपने नए स्कूल में अपना योगदान देंगे, वे पुराने स्कूल से अपने आप विरमित हो जाएंगे

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ अपने साप्ताहिक कार्यक्रम शिक्षा की बात-हर शनिवार में शिक्षकों, छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। अपर मुख्य सचिव ने स्थानांतरित शिक्षकों से यह भी अपील की है कि वे अपनी पदस्थापना के लिए बेवजह जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय का चक्कर नहीं लगाएं। क्योंकि पूरी पादर्शिता के साथ स्थानांतरित शिक्षकों को स्कूलों का आवंटन किया जा रहा है।