मीरजापुर, 23 सितंबर (हि.स.)। शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन मंगलवार विंध्यधाम भक्ति और आस्था की उमंग में सराबोर रहा। मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर सहित नगर के अन्य देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता सुबह से ही लगना शुरू हो गया। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। भक्तों ने व्रत रखकर मां की उपासना की और विधि-विधान से आराधना कर सुख, समृद्धि एवं मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा।

विंध्यधाम में अलसुबह से ही घंटा-घड़ियाल की गूंज और जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। मां ब्रह्मचारिणी के दरबार को आकर्षक रूप से सजाया गया है। देवी प्रतिमाओं के चारों ओर फूलों की झालरें और रंग-बिरंगी रोशनी भक्तों के मन को भक्ति भाव से भर दे रही हैं। श्रद्धालु दर्शन-पूजन के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठानों में भी भाग ले रहे हैं।

विंध्यधाम में दूसरे दिन की भीड़ ने प्रशासन की परीक्षा भी ली। जिला प्रशासन व पुलिस ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मंदिर परिसर से लेकर घाट और मुख्य मार्गों तक पुलिस बल तैनात है। महिला पुलिसकर्मी भीड़ को नियंत्रित करने में सक्रिय दिखीं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने भी एंबुलेंस और मेडिकल टीम की व्यवस्था की है ताकि किसी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

स्थानीय बाजार में भी रौनक देखने को मिली। प्रसाद, चुनरी, नारियल और श्रृंगार सामग्री की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ी। बाहर से आए श्रद्धालु मां के दरबार में दर्शन कर खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं।

श्रद्धालुओं का मानना है कि मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से साधक को तप, त्याग और संयम की शक्ति प्राप्त होती है। नवरात्र का यह दिन अध्यात्म और साधना के मार्ग पर चलने का प्रेरणा स्रोत माना जाता है।

सुबह से ही विंध्यधाम भक्ति के रंग में रंगा रहा और भक्तों की भीड़ से माता का दरबार कृपा और श्रद्धा का अनोखा संगम प्रस्तुत करता रहा।

Chhapra: विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में नवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन तीनों लोकों में सभी को सौभाग्य प्रदान करने वाली मां जगदम्बे की पूजा, दिव्य स्त्रीत्व का सम्मान करने तथा छात्रों के बीच सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए किया गया।

इस दौरान विद्यालय के यू० के० जी० से छठी कक्षा तक के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी शिक्षिका के मार्गदर्शन में नव दुर्गा के सभी स्वरूपों में आकर्षक ढंग से माँ दुर्गा के भक्ति गीतो पर नृत्य व झांकियां प्रस्तुत किया।

सभी छोटे बच्चों के आकर्षक स्वरूपो ने उपस्थित सभी दर्शकों का मन मोह लिया। बच्चों ने माता के सुंदर गीतों पर डांडिया भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान बच्चो ने माता के सभी रूपों के बारे में बताया, साथ ही नवरात्रो की नौवों दिन की विशेषता पर चर्चा किया गया।

विद्यालय के निदेशक सह रिविलगंज प्रखंड प्रमुख डॉ राहुल राज ने देवी दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करते हुए विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों को नवरात्रि एवं दशहरा की शुभकामनाएं दी तथा उन्हें मां के कल्याणकारी स्वरूप को आत्मसात करने तथा उनके अनमोल जीवन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि विद्यालय में इस तरह के विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम एवं प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, ताकि बच्चों के अंदर छिपी हुई प्रतिभा में निखार आ सके। इस प्रकार के आयोजन से बच्चों का मनोबल बढ़ता है तथा उनमें और बेहतर करने की क्षमता भी बढ़ती है।

मौके पर विद्यालय की प्राचार्या, शिक्षक, शिक्षिका तथा अनेकों विद्यार्थीगण मौजूद रहे।

पटना, 22 सितंबर (हि.स.)। बिहार में पिछले एक दशक यानी 10 वर्ष के दौरान जमीन, मकान और फ्लैट जैसे संपत्तियों के निबंधन से होने वाला राजस्व दोगुने से अधिक हो गया है। राज्य के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आधिकारिक आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है।

राज्य के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2024-25 तक की अवधि में कुल एक करोड़ 22 लाख 66 हजार दस्तावेजों का निबंधन हुआ, जिससे राज्य सरकार को 49 हजार 606 करोड़ 69 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।

आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2015-16 में लगभग 11 लाख दस्तावेजों के निबंधन से 3 हजार 562 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। वहीं, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 16 लाख 61 हजार दस्तावेजों के निबंधन से 7 हजार 648 करोड़ 88 लाख रुपये की आय हुई है। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 14 लाख से अधिक दस्तावेजों के निबंधन से 6 हजार 170 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में सितंबर तक 7 लाख 57 हजार दस्तावेज निबंधित हुए हैं, जिससे 3 हजार 418 करोड़ 52 लाख रुपये की आय हो चुकी है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि दस्तावेज निबंधन की संख्या और उससे होने वाली आय में निरंतर वृद्धि हो रही है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से निबंधन प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया गया है। इससे लोग घर बैठे आसानी से ऑनलाइन निबंधन कराने के साथ संबंधित दस्तावेजों को भी डाउनलोड कर सकते हैं।

पटना, 22 सितंबर (हि.स.)। बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक चलाए गए महा–अभियान को राज्यवासियों से जबरदस्त समर्थन मिला है। इस अभियान के दौरान कुल 44 लाख 95 लाख 887 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें सर्वाधिक आवेदन जमाबंदी में त्रुटि सुधार के लिए आए हैं।

राजस्व विभाग को प्राप्त आवेदनों में जमाबंदी त्रुटि सुधार के 33,72,694, ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने लिए, 5,74,252 (पांच लाख चौहत्तर हजार दो सौ बावन), उत्तराधिकार नामांतरण के लिए 2,97,195 (दो लाख संतानवे हजार एर सौ पंचानवे)और बंटवारा नामांतरण के लिए कुल 2,51,746 (दो लाख इक्यावन हजार सात सौ छिहत्तर) आवेदन शामिल हैं।

जिलावार प्रदर्शन की बात करें तो औरंगाबाद जिले के लोगों ने 3,00,608 आवेदनों के साथ पूरे राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया। इसके बाद गोपालगंज (2,24,608), दरभंगा (2,17,799), समस्तीपुर (2,11,416), गया (2,05,372) और पटना (2,00,662) का स्थान आता है। शीर्ष 10 जिलों में इनके अलावा अररिया, सुपौल, मधुबनी, पूर्वी चंपारण और सिवान भी शामिल हैं। अन्य जिलों में सीतामढ़ी, नालंदा, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, रोहतास, बांका, खगड़िया, जमुई और वैशाली ने भी उल्लेखनीय भागीदारी की है।

इस महा–अभियान के अंतर्गत रैयतों को उनके घर तक जमाबंदी पंजी की प्रति उपलब्ध कराई गई। इस दौरान जमाबंदी में त्रुटि सुधार, ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने, उत्तराधिकार एवं बंटवारा नामांतरण के आवेदन लिए गए। अब इन आवेदनों का अंचलस्तर पर ऑनलाइन संधारण किया जा रहा है।

इस बीच विभाग ने निर्देश जारी कर कहा है कि शिविरों में ऑफलाइन लिए गए सभी आवेदनों को 26 सितम्बर तक महा-अभियान पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड कर दिए जाएं। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने प्रमंडलीय आयुक्तों और सभी समाहर्त्ताओं को पत्र लिखकर यह स्पष्ट किया है कि अंतिम दिनों में भीड़ और तकनीकी समस्या के कारण कई स्थानों पर आवेदन ऑफलाइन लिए गए थे, जिन्हें अब निर्धारित समय सीमा के भीतर ऑनलाइन करना जरूरी है।

यह जिम्मेदारी अंचलाधिकारियों की होगी और कार्य केवल उन्हीं कर्मियों के लॉगिन से किया जाएगा, जिन्हें अंचलाधिकारी ने अधिकृत किया है। आवेदनों के अपलोड होने पर आवेदक को पूर्ववत एसएमएस से सूचना दी जाएगी। विभाग ने 22 से 27 सितंबर 2025 तक शिविरों में प्राप्त प्रपत्रों और आवेदनों के संधारण की जांच का भी निर्णय लिया है।

Chhapra: शारदीय नवरात्र का पावन पर्व आज से आरंभ हो गया है। सुबह से ही पूरे देश में घरों, मंदिरों और पूजा पंडालों में भक्तों ने कलश स्थापना कर मां दुर्गा की आराधना शुरू की। श्रद्धालु व्रत रखकर, मंत्र-जाप और भजन-कीर्तन के साथ भक्ति में लीन नजर आए। वातावरण मां दुर्गा के जयकारों और घंटा-घड़ियाल की ध्वनि से गूंज उठा।

मां शैलपुत्री की आराधना

नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व होता है। इन्हें पर्वतराज हिमालय की पुत्री कहा गया है, इसी कारण नाम पड़ा “शैलपुत्री”। माता वृषभ पर सवार होकर एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल पुष्प धारण किए अपने भक्तों को दर्शन देती हैं। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की उपासना से साधक को दृढ़ता, शांति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर भक्तजन उपवास रखते हैं और दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ विशेष अनुष्ठान कर मां से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

नौ दिनों तक मां के नौ रूपों की साधना

नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। इन नौ रूपों की साधना कर भक्त अपने जीवन से नकारात्मकता को दूर कर दिव्यता और शक्ति की प्राप्ति करते हैं।

मंदिरों और पंडालों में रौनक

नवरात्र को लेकर मंदिरों और पूजा पंडालों में विशेष सजावट की गई है। जगह-जगह भव्य पंडाल बनाए गए हैं, जिनमें मां दुर्गा की मनमोहक प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। रोशनी, सजावट और भक्ति गीतों से पूरा माहौल आध्यात्मिक रंग में रंग गया है। श्रद्धालु परिवार सहित पंडालों में पहुंचकर मां के दर्शन कर रहे हैं और भजन-कीर्तन में शामिल हो रहे हैं।

प्रशासन की तैयारियां

त्योहार को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क है। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों और बड़े पंडालों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सफाई और बिजली आपूर्ति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कई जगहों पर महिला सुरक्षा बल और स्वयंसेवक भी तैनात किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

शारदीय नवरात्र न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। मान्यता है कि इसी काल में मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर धर्म और सत्य की स्थापना की थी। इसलिए नवरात्र को शक्ति की उपासना का पर्व कहा जाता है। यह पर्व भक्ति, तप और आत्मशुद्धि का अवसर भी है।

आस्था और विश्वास का पर्व

नवरात्र के दिनों में भक्त मां दुर्गा से सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं। मान्यता है कि मां की सच्चे मन से की गई उपासना से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पंडालों और मंदिरों में उमड़ी भीड़ यह दर्शाती है कि मां की भक्ति लोगों के हृदय में गहराई तक रची-बसी है।

Chhapra: युवा क्रांति रोटी बैंक के 7 साल पूरे होने का जश्न 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

इस आशय की जानकारी संस्था के संस्थापक ई० विजय राज ने दी।  उन्होंने कहा कि हर शाम जरुररमंदो के नाम से सालो भर छपरा शहर में जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरण करने के साथ छपरा वासियों के लिए स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान शिविर, सरकारी कैंपसों में वृक्षारोपण, कपड़ा,कंबल वितरण का कार्यक्रम होते रहता है।

हर साल की तरह इस साल भी सप्ताहिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। 5 अक्टूबर को ब्लड डोनेशन, 6 अक्टूबर कपड़ा वितरण, 7 अक्टूबर को सदर अस्पताल में फल वितरण, 8 को शिक्षा सामग्री वितरण, 9 अक्टूबर को वृक्षारोपण व 10 अक्टूबर को युवा क्रांति रोटी बैक की सातवां वर्षगांठ चंद्रावती पैलेस छपरा में होना सुनिश्चित हुआ है।

मौके पर युवा क्रांति रोटी बैंक अध्यक्षा नीतू गुप्ता, उपाध्यक्ष बिंदिया जायसवाल, संरक्षक कृष्णा श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी अर्जुन सिंह, राशिद रिज़वी, सदस्य राम बाबू सिंह, विवेक चौहान, अभिषेक नर्सरी, सौरव श्रीवास्तव, संदीप मनमन, ओम शरण श्रीवास्तव, सागर आदि उपस्थित थे।

नई दिल्‍ली, 22 सितंबर (हि.स)। देश में वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें आज से लागू हो गईं। नवरात्रि के पहले दिन से लागू इन दरों में मुख्य रूप से अब पांच फीसदी और 18 फीसदी की दो दो श्रेणी हैं। लग्जरी और विलासितापूर्ण वाली वस्तुओं पर अलग से 40 फीसदी कर लगेगा। सिगरेट, तंबाकू और अन्य संबंधित वस्तुओं को छोड़कर नई कर दरें आज से प्रभावी हो गईं। इससे हर आयु वर्ग और हर समुदाय के लोगों को बड़ी राहत मिली है।

रसोई में इस्तेमाल होने वाले सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां और उपकरणों और वाहनों समेत करीब 400 वस्तुएं सस्ती हो गई हैं। रोजमर्रा की जरूरतों का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली प्रमुख कंपनियों ने जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मे स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की है। उन्होंने इस अवसर की पू्र्व संध्या पर पांच बजे देश के नाम संबोधन में कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे। कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे। पिछले एक वर्ष में जीएसटी और आयकर में छूट के कारण देशवासियों को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई। इससे बाजार में उपभोक्ता विश्वास और मांग में इजाफा हुआ है।

देश में इससे पहले जीएसटी के चार स्लैब- पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी लागू थे। कुछ महंगी चीजों पर अलग से सेस लगता था। सरकार ने 12 फीसदी वाले 99 फीसदी सामान को 5 फीसदी में और 28 फीसदी वाले 90 फीसदी आइटम को 18 फीसदी में शिफ्ट कर दिया है। इससे आम लोगों को हर महीने थोड़ी राहत मिलेगी। आज साबुन, पाउडर, कॉफी, डायपर, बिस्कुट, घी और तेल जैसी दैनिक जरूरत की वस्तुएं सस्ती हो गईं। पनीर, मक्खन, नमकीन, जैम, कैच-अप, सूखे मेवे, कॉफी और आइसक्रीम जैसी चीजों पर अब कम टैक्स लगेगा। पहले इन वस्‍तुओं पर 12 फीसदी या 18 फीसदी जीएसटी लगता था, अब इन्हें पांच फीसदी की स्लैब में रखा गया है। ग्लूकोमीटर, डायग्नोस्टिक किट्स और ज्यादातर दवाओं पर जीएसटी सिर्फ पांच फीसदी हो गया है। पहले ये 12 या 18 फीसदी की स्लैब में थे।

सीमेंट पर जीएसटी की दर अब 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई है। टीवी, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसी चीजों पर भी टैक्स कम हुआ है। पहले इन पर 28 फीसदी जीएसटी था। अब ये18 फीसदी के स्लैब में हैं। छोटी कारों पर अब 18 फीसदी और बड़ी गाड़ियों पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। पहले एसयूवी और एमपीवी जैसी गाड़ियों पर 28 फीसदी टैक्स के साथ 22 फीसदी सेस भी लगता था। जीएसटी कटौती के बाद अब कुल टैक्स घटकर करीब 40 फीसदी हो गया है। सैलून, गा सेंटर, फिटनेस क्लब, हेल्थ स्पा जैसी सेवाओं पर जीएसटी 18 से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। हेयर ऑयल, साबुन, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टैल्कम पाउडर, शेविंग क्रीम, आफ्टरशेव लोशन जैसी चीजों पर अब सिर्फ पांच फीसदी जीएसटी लगेगा।

नई दिल्ली, 21 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कल से लागू होने वाले सुधारों को ‘बचत उत्सव’ बताते हुए आज कहा कि नागरिक देवो भव: की सोच पर आधारित ‘कर सुधारों’ से देश के लोगों के ढाई लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बचेंगे और आत्मनिर्भरता की दिशा में स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को गति मिलेगी।

मोदी ने सोमवार को शारदीय नवरात्रि के साथ जीएसटी की नयी दरों के लागू होने की पूर्व संध्या पर रविवार शाम को राष्ट्र के नाम संदेश में त्योहारों के इस मौसम में “सबका मुंह मीठा करने वाले और देश के हर परिवार की खुशियां बढ़ाने वाले” जीएसटी के अगली पीढ़ी के सुधार लागू होने पर देश के कोटि-कोटि परिवारजनों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी सुधारों से रोजमर्रा की ज्यादातर जरूरत की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि ज्यादातर सामान अब 5 प्रतिशत के टैक्स दायरे में आएगा। इससे खाना-पीना और यहां तक कि घूमना-फिरना भी सस्ता हो जाएगा। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर स्वदेशी वस्तुओं की अपील करते हुए कहा कि देश के लोग भारत में बनी वस्तुओं को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए आत्मनिर्भर भारत बेहद जरूरी है।

उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता को स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली। वैसे ही देश की समृद्धि को भी स्वदेशी के मंत्र से ही शक्ति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में छोटे, मझोले एवं लघु उद्योगों (एमएसएमई) की भूमिका को रेखांकित किया और उन्हें देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ ही वैश्विक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भारत के स्वर्णिम काल में भी इन्हीं उद्योगों ने भारत की साख बनाई थी। उन्हें भारत का वही गौरव वापस लौटना है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह से जीएसटी आने से पहले देश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक सामान भेजना महंगा और कठिन होता था। बेंगलुरु से हैदराबाद सामग्री भेजने की बजाय बेंगलुरु से यूरोप और यूरोप से हैदराबाद भेजना ज्यादा आसान होता था। कई तरह के टैक्स जंजाल थे, जिसकी कीमत आखिरकार ग्राहक को उठानी पड़ती थी। उनकी सरकार ने आते ही सभी हितधारकों से बातचीत कर जीएसटी लाए और इसमें लगातार सुधार जारी है। उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने राज्यों में विनिर्माण गतिविधियों में तेज़ी लाकर आत्मनिर्भर भारत पहल और स्वदेशी कार्यक्रम का सक्रिय समर्थन करें। निवेश आकर्षित करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर ध्यान केंद्रित करें।

प्रधानमंत्री अपने भाषण की शुरूआत शक्ति की उपासना के पर्व नवरात्रि की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं से की और कहा कि नवरात्रि के पहले ही दिन से देश आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा रहा है।

उन्होंने कहा कि 22 सितंबर की सुबह से देश में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि इसके साथ ही पूरे देश में जीएसटी बचत उत्सव शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस उत्सव से लोगों की बचत बढ़ेगी और अपनी पसंद का सामान खरीदना आसान होगा। इससे गरीब, मध्यम वर्ग, नव मध्यम वर्ग, युवा, किसान, महिलाएं, दुकानदार, व्यापारी और उद्यमी सभी को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस त्योहार के मौसम में हर परिवार की खुशियां बढ़ेंगी और देशवासियों को जीएसटी बचत उत्सव की शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सुधार भारत की विकास यात्रा को गति देंगे, कारोबार को आसान बनाएंगे, निवेश को आकर्षक बनाएंगे और हर राज्य को विकास की दौड़ में बराबर का भागीदार बनाएंगे।

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि दशकों तक लोग और व्यापारी ऑक्ट्रॉय, एंट्री टैक्स, सेल्स टैक्स, एक्साइज, वैट, सर्विस टैक्स जैसे दर्जनों करों के जाल में फंसे रहते थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्थिति से देश को निकालना बहुत जरूरी था। इसलिए जब 2014 में उन्हें जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने जीएसटी को प्राथमिकता दी। सभी पक्षों से चर्चा की गई, और “एक राष्ट्र-एक टैक्स” का सपना साकार हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है। समय बदलने और देश की जरूरतें बढ़ने के साथ ही अगली पीढ़ी के सुधार जरूरी हो जाते हैं। इसी कारण अब नए जीएसटी सुधार लागू किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि अब सिर्फ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब रहेंगे। इसका मतलब है कि रोजमर्रा की ज्यादातर चीजें सस्ती होंगी। खाने-पीने का सामान, दवाइयाँ, साबुन, ब्रश, पेस्ट, स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी सेवाएं या तो टैक्स-फ्री होंगी या केवल 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। पहले 12 प्रतिशत टैक्स वाली लगभग सभी चीजें अब 5 प्रतिशत श्रेणी में आ गई हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और नव मध्यम वर्ग के रूप में देश की प्रगति में भूमिका निभा रहे हैं। अब जीएसटी में राहत से गरीब और नव मध्यम वर्ग को दोहरा फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि घर बनाना, टीवी-फ्रिज खरीदना, स्कूटर-बाइक-कार लेना सब सस्ता होगा। घूमना-फिरना भी आसान होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की समृद्धि के समय एमएसएमई और कुटीर उद्योग देश की रीढ़ थे। भारत की मैन्युफैक्चरिंग और क्वालिटी दुनिया में पहचान रखती थी। हमें वह गौरव वापस पाना है। छोटे उद्योग जो भी बनाएं, वो हर कसौटी पर बेहतरीन होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें मेड इन इंडिया सामान खरीदना चाहिए, जिसमें देश के युवाओं की मेहनत हो। हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना है और हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है। उन्होंने कहा कि गर्व से कहें “मैं स्वदेशी खरीदता हूं, मैं स्वदेशी बेचता हूं।” यही हर भारतीय का स्वभाव बनना चाहिए।

अंत में प्रधानमंत्री ने नवरात्रि और जीएसटी बचत उत्सव की शुभकामनाएं दीं।

Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का सोमवार से शुभारंभ हो रहा है। मां दुर्गा की आराधना के इन नौ दिनों को लेकर शहर से लेकर गांव तक श्रद्धा और भक्ति का माहौल देखने को मिल रहा है। शहर के श्यामचौक, नगरपालिका चौक, तेलपा टेंपू स्टैन्ड और पंकज सिनेमा के पास समेत कई स्थानों पर पूजा पंडालों का निर्माण जारी है और पूजा की भव्य तैयारियां की जा रही है।

नवरात्र को लेकर बाजारों में भी रौनक बढ़ गई है। पूजा सामग्री, वस्त्र और सजावटी सामान की खरीदारी जोरों पर है। भक्तिमय वातावरण के बीच पूरा शहर नवरात्रि के उत्साह में सराबोर नजर आ रहा है।

नवरात्रि कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त

22 सितंबर को शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस दिन मां दुर्गा के आह्वान के लिए कलश स्थापना की जाएगी।
शास्त्रों के अनुसार, कलश स्थापना का प्रमुख शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। यह अवधि लगभग 1 घंटा 56 मिनट की है और इसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

इसके अलावा, कलश स्थापना का दूसरा शुभ समय अभिजीत मुहूर्त में रहेगा, जो सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक होगा।

धार्मिक मान्यता है कि इन पावन क्षणों में कलश स्थापना करने से पूरे नवरात्रि पर्व में शुभ फल की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि का पर्व देशभर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की साधना और आराधना की जाती है, जिनका प्रत्येक दिन विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 22 सितंबर, सोमवार से हो रहा है। खास बात यह है कि इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन पड़ने के कारण यह पर्व नौ नहीं, बल्कि पूरे दस दिनों तक चलेगा।

इस बार देवी मां गजवाहन (हाथी) पर विराजमान होकर अपने भक्तों के बीच पधारेंगी। हाथी की सवारी को सुख, समृद्धि और शुभता का द्योतक माना गया है। वहीं, विदाई के समय मां दुर्गा नरवाहन अर्थात भक्तों के कंधों पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी, जो एक विशेष संदेश समेटे हुए है।

Patna: बिहार महादलित विकास मिशन के अन्तर्गत कार्यरत विकास मित्रों पर बिहार सरकार मेहरबान हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा करते हुए कहा है कि प्रत्येक विकास मित्र को टैबलेट क्रय हेतु एकमुश्त 25 हजार रूपए की राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही विकास मित्रों का परिवहन भत्ता 1900 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 2500 रूपए प्रतिमाह एवं स्टेशनरी भत्ता 900 रूपए से बढ़ाकर 1500 रूपए किए जाने का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया से जानकारी देते हुए कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर चलते हुए समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग तक सरकार की विभिन्न विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में विकास मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए बिहार महादलित विकास मिशन के अन्तर्गत कार्यरत प्रत्येक विकास मित्र को टैबलेट क्रय हेतु एकमुश्त 25 हजार रूपए की राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है ताकि उन्हें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभुकों के डाटा संधारण एवं अन्य कामकाज में सुविधा हो सके।

इसके साथ ही विकास मित्रों का परिवहन भत्ता 1900 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 2500 रूपए प्रतिमाह एवं स्टेशनरी भत्ता 900 रूपए से बढ़ाकर 1500 रूपए किए जाने का निर्णय लिया गया है। इससे उन्हें क्षेत्र भ्रमण के साथ-साथ दस्तावेजों के संग्रहण में सुविधा होगी।

साथ ही महादलित, दलित, अल्पसंख्यक एवं अति पिछड़ा वर्ग के बच्चों तक शिक्षा का लाभ तथा अक्षर आंचल योजना के अधीन महिलाओं को साक्षर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे शिक्षा सेवकों (तालिमी मरकज सहित) को डिजिटल गतिविधियों के संपादन हेतु स्मार्ट फोन क्रय करने के लिए 10-10 हजार रूपए की राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

साथ ही शिक्षण सामग्री मद में भुगतान की जा रही राशि को 3405 रूपए से बढ़ाकर 6 हजार रूपए प्रति केन्द्र प्रतिवर्ष किए जाने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि इससे विकास मित्रों एवं शिक्षा सेवकों के मनोबल में वृद्धि होगी और वे अधिक उत्साह एवं लगन से अपने कार्यों का निष्पादन करेंगे।

Chhapra: राजेन्द्र कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक रहें प्रो (डॉ) एच के वर्मा की याद में कॉलेज में शोक सभा का आयोजन किया गया।

प्राचार्य डॉ उदय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में शोक सभा आयोजित किया गया। जिसमें महाविद्यालय के सभी शिक्षक व कर्मी शामिल होकर दो मिनट का मौन रख कर दिवंगत आत्मा के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कीं।

उल्लेखनीय है डॉ वर्मा एक उच्च कोटि के शिक्षाविद के साथ लंबे समय तक टाईम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार थे। शोक संवेदना व्यक्त करते हुए प्राचार्य डॉ पांडेय ने कहा कि प्रो एच के वर्मा के निधन से सारण के शैक्षणिक, सामाजिक, खेल-कूद एवं पत्रकारिता जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।

शोक सभा मे डॉ राजीव कुमार मिश्रा, डॉ आलोक कुमार वर्मा, डॉ पुनम सिंह, डॉ संजय कुमार, डॉ प्रशांत कुमार सिंह, डॉ सुनील पांडेय, डॉ सुनील प्रसाद , हरिहर मोहन सहित कॉलेज के सभी कर्मी शामिल थे।

पटना, 18 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद डेहरी-ऑन-सोन में शाहाबाद और मगध प्रक्षेत्र के 10 जिलों के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का लक्ष्य सरकार बनाना नहीं, बल्कि दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाना है।

अमित शाह ने कहा कि 10 जिलों के सभी कार्यकर्ता संकल्प लें कि वो मोदी की नेतृत्व में बिहार में सरकार बनाएंगे। नीतीश की सरकार ने जो कुछ बिहार के लिए किया है। उसे घर-घर तक पहुंचाएंगे। इसके बाद अमित शाह ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि आपकी आवाज राहुल गांधी तक जाना चाहिए। घुसपैठिये को वोट का अधिकार है क्या, घुसपैठियों को राशन मिलना चाहिए, उनको आय़ुष्मान कार्ड मिलना चाहिए, उनको वोट देने का अधिकार है क्या? अमित शाह के इन सवालों पर वहां मौजूद लोगों ने नहीं में जवाब दिया। ये आएंगे तो घुसपैठिये बढ़ाएंगे, राजग आएगा तो बिहार को बढ़ाएगा। दो तिहाई बहुमत से विजय करने का संकल्प लीजिए।

अमित शाह ने कहा कि राजग को इस बार शाहाबाद की 80 प्रतिशत सीटों पर जीत दर्ज करना है। उन्होंने बिहार का भविष्य नरेन्द्र मोदी से जोड़ने की अपील की। शाह ने कहा कि अन्य दलों में नेता चुनाव जीतते हैं। हमारी पार्टी में कार्यकर्ता चुनाव जीतते हैं और कार्यकर्ता ही नीचे से ऊपर तक पहुंचते हैं। भाजपा में एक बूथ का अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन सकता है। हम यहां पर जितनी मजबूती से संकल्प करेंगे, भाजपा उतनी ही मजबूत होगी, राजग मजबूत होगा और राजग जितना मजबूत होगा बिहार भी उतना ही खुशहाल बनेगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बिहार का विकास और समृद्धि राजग का लक्ष्य है। यह चुनाव सरकार बनाने का नहीं है। यह चुनाव दो तिहाई से ज्यादा बहुमत के साथ सरकार बनाने का है। 10 जिलों के सभी कार्यकर्ता आज से संकल्पित होकर जाएं कि हम मोदी जी के नेतृत्व में बिहार में मजबूत राजग सरकार बनाएंगे। नीतीश कुमार और मोदी जी की सरकार ने जो कुछ बिहार की जनता के लिए किया है उसे उसे घर-घर तक लेकर जाएंगे और लोगों को बताएंगे।

अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी विश्व भर में एक मात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने लगातार 24 साल तक राज्य और देश के मुखिया के रूप में काम किया। मैं इस बात का गवाह हूं कि 24 सालों में एक भी छुट्टी उन्होंने नहीं ली। लगातार दिन रात काम किया है। यह बहुत बड़ी बात है। कुछ नेता छह माह में विदेश नहीं जाएं तो उन्हें रात में नींद नहीं आती है। आप समझ रहे हैं ना कि मैं किसके बारे में बात कर रहा हूं। अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने देश को पहले रखा, देश के बाद पार्टी को रखा, पार्टी के बाद कार्यकर्ता को रखा, खुद या अपने परिवार के लिए कुछ नहीं सोचा।

अमित शाह ने कहा कि मोदी की सरकार में साल 2014 से 2024 में बिहार को 9 लाख 85 हजार करोड़ रुपये मिला। नीतीश कुमार की राजग सरकार ने 125 यूनिट बिजली फ्री कर दी। दिव्यागों को पेंशन बढ़ाया। आशा वर्कर का मानदेय बढ़ाया। रसोई, रात्रि प्रहरी और शारीरिक शिक्षकों को लाभ दिया। राजग की सरकार ने जो काम किए, लालू जी पूरा जीवन में करें तो इतना नहीं कर सकते हैं।

शाह ने लालू पर सीधे हमला बोलते हुए कहा कि इन्होंने चारा घोटाला किया। लैंड फॉर जॉब स्कैम किया। जेल में घोटाला किया। इतने भ्रष्टाचार के आरोप जिसपर लगे हों वो कभी बिहार का भला कर सकता है क्या? एक और भ्रष्टाचार वाली सरकार है और दूसरी तरफ मोदी जी की सरकार है जिसपर एक भी भ्रष्टाचार के दाग नहीं है। बिहार को नरेन्द्र मोदी के साथ जोड़ दीजिए। यहीं रास्ता है बिहार को पूर्ण विकसित करने का।

सभा को प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने भी संबोधित कियाl मौके पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री प्रेम कुमार, संतोष कुमार,विनोद तावड़े भी मौजूद थेl।