मशरक : मशरक अंचल पदाधिकारी ललित कुमार सिंह सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए. जिन्हें इलाज के लिए निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया.

घटना को लेकर बताया जाता है कि सीओ मशरक ललित कुमार सिंह शनिवार को सुबह टहलने के लिए मशरक-मलमलिया मुख्य पथ एसएच- 73 पर निकले थे. इसी बीच अनियंत्रित बाइक ने धक्का मार दिया. सड़क किनारे गिरे सीओ को बेचैनी में देख राहगीर ने निजी क्लीनिक में भर्ती कराया जहां इलाज किया गया.

डाॅ ने कहा कि सीओ ललित कुमार सिंह का पैर फैक्चर हो गया है. जिसका इलाज किया जा रहा है.

Chhapra: हिंदी-भोजपुरी एवं उर्दू के मशहूर व मारूफ़ शायर व कवि डाॅ ऐनुल बरौलवी की चार पुस्तकों – टहलते ख़्वाब, आँखिन भादो मास, साँच जिनगी के एवं सुरुज मुट्ठी में पुस्तक का विमोचन ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रजनीश कुमार राय ने किया. डाॅ ऐनुल बरौलवी रचित ये चारों पुस्तकें हिंदी और भोजपुरी ग़ज़ल-संग्रह हैं. पुस्तक लोकार्पण में ख़ुद शायर डाॅ० ऐनुल बरौलवी और छपरा के जाने-माने शिक्षक नदीम अहमद भी शामिल थे.

साथ ही कार्यालय के कर्मचारियों में मो० रियाज़ुद्दीन अहमद, अब्दुल जब्बार, मो० अफ़ज़ल आदि शामिल थे.

अपने विचार प्रकट करते हुए ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रजनीश कुमार राय ने कहा कि ग़ज़ल पद्य की एक बहुत ही महत्वपूर्ण विधा है. जिसे बह्र और मीटर में क़ाफ़िया और रदीफ़ के योग से कहा जाता है. आज के दौर में ग़ज़ल कहने वालों की तादाद बहुत है. इससे पता चलता है कि यह एक मशहूर काव्य – विधा है.

डाॅ० ऐनुल बरौलवी की ग़ज़लें मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं से ओत-प्रोत हैं. इनकी ग़ज़लें समाजी, सियासी, इश्क़-हक़ीक़ी, इंसानी जज़्बात ओ एहसासात से पूर्ण हैं. पहले की ग़ज़लें महबूब से गुफ़्तगू करती थीं और महलों की चारदीवारी में क़ैद थीं. लेकिन आज ग़ज़लें महलों की चारदीवारी से बाहर निकल कर आम जन-मानस की व्यथा और दर्द, मज़दूर और मज़लूम के हालात बयाँ करती हैं. डाॅ ऐनुल बरौलवी की ग़ज़लों में ये सारी ख़ूबियाँ मौज़ूद हैं. ईश्वर डाॅ ऐनुल बरौलवी को दीर्घायु करे और सतत् इनकी लेखनी चलती रहे. मैं इनको बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ.

शिक्षक नदीम अहमद ने अपने विचार रखते हुए कहा कि डाॅ० ऐनुल बरौलवी साहब एक मशहूर ओ मारूफ़ अदीब ओ शायर के साथ साथ एक नेक और अच्छे इन्सान हैं. अपनी दो दो अदबी और समाजी संस्थायें चलाने के साथ ही दूसरी संस्थाओं को भी सहयोग करते रहते हैं. ये अपनी रिटायर्ड ज़िन्दगी का सही सदुपयोग कर रहे हैं। ख़ुदा इनको सलामत रखे.

छपरा: स्थानीय खोभारी साह उच्च विद्यालय के प्रांगण में राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत गणित, विज्ञान, प्रौद्योगिकी विषय में छात्रों की सहभागिता को बढ़ाने के उद्देश्य से विज्ञान क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता का उद्घाटन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सावित्री कुमारी ने दीप प्रज्वलित कर किया.

इस अवसर पर प्रखंड क्षेत्र के सभी मध्य एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कक्षा 6 से 12 वी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र छात्राओ ने भाग लिया.

जिसमें एसएनजी रामपुर अटौली की सृष्टि एवं सबाना खातून द्वारा पानी में आग लगाने, अंजलि एवं सानिया जायसवाल द्वारा गोबर गैस, अफसाना खातून द्वारा ब्लेड से पानी गर्म करना, छोटी कुमारी द्वारा विद्युत धारा प्रवाहित करना, अथर्व, राहुल, रवि एवं शांडिल्य द्वारा दीवाल प्रोजेक्टर तथा पूजा कुमारी द्वारा बैटरी से चलने वाली कार का निर्माण किया गया था.

निर्णायक मंडली में शामिल उच्च विद्यालय के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार, सत्येंद्र कुमार, अरुण प्रसाद, केदार राय एवं ओम प्रकाश गुप्ता सहित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने छात्र-छात्राओं द्वारा किए गए अविष्कार का अवलोकन किया. साथ ही साथ उनके द्वारा निर्मित आविष्कारों के बारे में जानकारी हासिल की गई. इसके अलावा अन्य बच्चों में भी इस कार्यक्रम के आयोजन से ललक पैदा हुई.

निर्णायक मंडली द्वारा अंतिम रूप से चयनित छात्र छात्राओं में से आफरीन खातून, नीतू कुमारी, अंजली कुमारी, सुमन कुमारी एवं पूजा कुमारी को क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ एवं पंचम स्थान प्रदान किया गया.

इस अवसर पर प्रखंडाधीन उच्च विद्यालय के शिक्षकों में वीरेंद्र शाह, संतोष कुमार, दिलीप कुमार सिन्हा, इमाम अली अंसारी, जय नाथ राम, लेखापाल रविंद्र कुमार एवं भैरव कुमार मुख्य रूप से उपस्थित थे.

– छपरा जंक्शन पर टीम का हुआ जोरदार स्वागत

Chhapra: भारत स्काउट गाइड के नेशनल लेवल सर्विस कैंप में बिहार का प्रतिनिधित्व करने के बाद भारत स्काउट गाइड, सारण की 3 सदस्यीय टीम छपरा लौटी. जहां टीम का स्वागत स्काउट मास्टर अमन राज और स्काउट अमन सिंह सहित अन्य स्काउट एवं गाइड ने किया. बताते चलें कि हरियाणा के पलवल जिला में 7 दिसंबर से 13 दिसंबर तक आयोजित नेशनल लेवल सर्विस कैंप में सारण की टीम ने बिहार का प्रतिनिधित्व किया है. इस टीम में सारण जिले से डिस्ट्रिक्ट ओपन ट्रूप के सीनियर स्काउट दीपू कुमार,अनूप कुमार और इंद्रजीत कुमार शामिल रहे.वहीं इस शिविर मे पूरे भारत के अलग अलग राज्यों के प्रतिभागी भाग लिये.

शिविर से वापसी के बाद उन्होंने बताया कि वहां उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला, जिसे वे अपने जीवन में उतारने का पूरा प्रयास करेंगे. इस अवसर पर स्काउट मास्टर अमन राज ने बताया कि स्काउट गाइड को समय-समय पर विशेष प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है. जिससे कि वे सामाजिक गतिविधियों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते रहें. साथ की आपदा या किसी भी परिस्थिति में समाज के लिए मददगार साबित हो सके.

Chhapra:  कृषि विभाग ने जिले में कालाबाजारी रोकने के लिए सभी उर्वरक दुकानों पर पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी है । इसके तहत सदर प्रखंड के 18 दुकानों पर पदाधिकारियों के निगरानी में किसानों को खाद का वितरण कराया जा रहा है। इस आशय की जानकारी देते हुए प्रखंड कृषि पदाधिकारी कपिल प्रसाद ने बताया कि जिला कृषि पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में उनके द्वारा लगातार उर्वरक दुकानों का निरीक्षण भी किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अंबिका खाद बीज भंडार, मां गायत्री इंटरप्राइजेज ,गणपति फर्टिलाइजर, पूजा फर्टीलाइजर,राजकुमार खाद बीज भंडार,रौशन ट्रेडर्स सहित कई दुकानों का निरीक्षण कर दुकानदारों को उचित मूल्य पर किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इन दुकानों पर तैनात कृषि विभाग के कृषि समन्वयक व अन्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसानों की समस्याओं पर निगरानी रखें और किसी कीमत पर निर्धारित मूल्य से अधिक नही लिया जाए। प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि सदर प्रखंड में चंबल का उत्तम क्वालिटी का डीएपी उपलब्ध है जिसे किसान निर्धारित मूल्य प्राप्त कर सकते हैं।

Chhapra: शहर के विकास नगर चांदमारी रोड स्थित सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल (सीपीएस) ने एक मिसाल कायम करते हुए यह घोषणा की है कि अगले सत्र में विद्यालय द्वारा 51 बालिकाओं को निशुल्क नामांकन देने जा रहा है।

सीपीएस के चेयरमैन डॉ हरेन्द्र सिंह ने बताया कि जंहा समाज की आधी आबादी आधारभूत शिक्षा पाने में असमर्थ है वंही सीपीएस परिवार ने जनकल्याण में अपनी सहभागिता देते हुए यह घोषणा कि है कि अगले सत्र 2022-23 में कक्षा एक से नौंवी तक के 51 मेधावी छत्राओं को नुशुल्क नामांकन दिया जाएगा जिससे तकरीबन दस लाख का विद्यालय के ऊपर वित्तीय बोझ आएगा जिसका वहन विद्यालय बेटियों के लिए स्वयं करेगा। डॉ हरेन्द्र सिंह ने इस निर्णय के पीछे यह कारण बताया कि अक्सर नामांकन के समय यह देखा जाता है कि माता पिता पैसे के अभाव में बेटों का नामांकन करा लेते है लेकिन बेटियों को अच्छी शिक्षा से वंचित कर देते है, जिसका दूरगामी परिणाम समाज में अशिक्षा के रूप में देखने को मिलता है। डॉ हरेन्द्र सिंह ने बताया कि किसी भी बच्चे की पहली शिक्षक उसकी माँ होती है और जब एक बेटी पढ़ती है तो पूरा परिवार शिक्षित होता है। विद्यालय की इस इस घोषणा से सभी ने करतल ध्वनियों से स्वागत किया।

विद्यालय के प्रबंधक श्री विकाश कुमार और प्राचार्य श्री मुरारी सिंह ने बताया की बालिका मेधा परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म 20 दिसंबर से विद्यालय के कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है जिसकी परीक्षा 23 जनवरी को होगी एवं परिणाम राष्ट्रीय बालिका दिवस के दिन 24 जनवरी को प्रकाशित किया जाएगा।

Chhapra: भोजपुरी के शेक्सपियर के नाम से मशहूर लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की जयंती समारोहपूर्वक मनाई गयी. इस अवसर पर उनके पैतृक गाँव कुतुबपुर में जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों के द्वारा माल्यार्पण किया गया.

वही छपरा शहर के भिखारी ठाकुर चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया गया. इस अवसर पर विधान पार्षद डॉ वीरेन्द्र नारायण यादव, आयुक्त सारण प्रमंडल, जिलाधिकारी राजेश मीणा समेत गणमान्य लोगों ने माल्यार्पण किये. लोक कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी.   

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Chhapra: केंद्र सरकार द्वारा लगातार पेट्रोल, डीज़ल, घरेलू गैस एवं खाद्य पदार्थों के मूल्य वृद्धि तथा बेरोजगारी के विरोध में सारण जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में  पदयात्रा कार्यक्रम आयोजित किया गया.

पदयात्रा सलेमपुर चौक से होते हुए नगरपालिका चॉक से थाना चौक एवं समाहरणालय के रास्ते महंगाई के खिलाफ नारा लगाते पुनः नगरपालिका चौक पर समापन किया गया. 

कार्यक्रम का नेतृत्व जिलाध्यक्ष डॉ कामेश्वर प्रसाद सिंह ने किया. इस अवसर पर डॉ शंकर चौधरी, डॉ जयराम सिंह, मिथिलेश शर्मा, मधुकर, सुभाष राय उर्फ झरिमन राय, सुरेश कुमार यादव, कादिर खान, मीना सिंह, डॉ ज्ञानेश्वर, तरुण तिवारी, फैसल अन्वर, सुग्रीव शाह, शैलेश सिंघानिया आदि उपस्थित थें .

शाहजहांपुर/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शाहजहांपुर में उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे ‘गंगा एक्सप्रेस-वे’ की आधारशिला रखी। छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे मेरठ के बिजौली गांव के निकट से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव तक जायेगा।

यह परियोजना देश भर में तेज गति से कनेक्टिविटी प्रदान करने संबंधी प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित है। गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जो राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ेगा।

594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत का अनुमान है। इस पर शाहजहांपुर में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी भी निर्मित की जाएगी।

– अत्याधुनिक कनस्तर मिसाइल की मारक क्षमता 1000 किलोमीटर से 2000 किलोमीटर तक होगी
– अग्नि-4 और अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल तकनीक से विकसित हुई है नई मिसाइल

नई दिल्ली: भारत ने शनिवार सुबह अग्नि शृंखला की सबसे नई पीढ़ी की ”अग्नि प्राइम” मिसाइल का तीसरा सफल परीक्षण ओडिशा तट पर किया। अत्याधुनिक अग्नि प्राइम को 4,000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-4 और 5,000 किलोमीटर की अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीक से विकसित किया गया है। यह अग्नि श्रेणी की मिसाइलों की नई पीढ़ी का उन्नत संस्करण है। कनस्तर वाली इस मिसाइल की मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर के बीच है।

प्रवक्ता के अनुसार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आज सुबह 10:55 बजे ओडिशा के बालासोर तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल ”अग्नि प्राइम” का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। पूर्वी तट पर स्थित विभिन्न टेलीमेट्री और रडार स्टेशनों ने मिसाइल पर नजर रखी। मिसाइल ने उच्च स्तर की सटीकता के साथ सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। ”अग्नि प्राइम” अग्नि श्रेणी की मिसाइलों का एक नई पीढ़ी का उन्नत संस्करण है। यह एक कनस्तर वाली मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर के बीच है।

डीआरडीओ ने पिछले साल सितम्बर और अक्टूबर में छह सप्ताह के भीतर 12 मिसाइलें लॉन्च करके दुनिया को अचंभित कर दिया था। डीआरडीओ ने कोरोना महामारी से पहले पहला परीक्षण 05 मार्च को और दूसरा परीक्षण इसी साल 28 जून को ओडिशा तट के एकीकृत परीक्षण रेंज में किया था। यह मिसाइल तकनीक सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) थी, जो भारत को लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल विकसित करने में मदद करेगी। ”अग्नि प्राइम” को 4000 किलोमीटर की दूरी वाली अग्नि-4 और 5000 किलोमीटर की अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीक से विकसित किया गया है।

अग्नि परियोजना से जुड़े एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि अग्नि-I सिंगल-स्टेज की मिसाइल है जबकि ”अग्नि प्राइम” मिसाइल दो चरणों वाली है। ठोस ईंधन वाली इस मिसाइल को उन्नत रिंग-लेजर गायरोस्कोप पर आधारित जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम के जरिये निर्देशित किया जाएगा। दोनों चरणों में समग्र रॉकेट मोटर्स और मार्गदर्शन प्रणाली इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स से लैस हैं। डबल-स्टेज अग्नि प्राइम में एक कनस्तर संस्करण होगा, जिससे इसे सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से फायर किया जा सकता है। नई प्रौद्योगिकियों के एकीकरण के कारण पिछले संस्करण की तुलना में कम वजन वाली यह मिसाइल मारक क्षमता के मामले में अधिक घातक होगी।

भारत की पहली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के रूप में अग्नि- I का पहला परीक्षण मई 1989 में किया गया था। 700 किलोमीटर से 900 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-I को 2004 में सशस्त्र बलों में शामिल किया गया था। सफल प्रायोगिक परीक्षणों के बाद अग्नि प्राइम मिसाइल के सशस्त्र बलों में अग्नि-I मिसाइल की जगह लेने की उम्मीद है। भारत के पास फिलहाल सबसे महत्वाकांक्षी अग्नि शृंखला में पांच मिसाइलें हैं।

खेतों में उगी थी हथियारों की फसलः पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से जन्मी एक पहेली आजतक अनसुलझी है, जिसे पुरुलिया आर्म्स ड्रॉप केस के नाम से जाना जाता है। घटना के समय इसे लेकर विवादों का तूफान उठ खड़ा हुआ था। सरकार भी घटना से सकते में थी।

इस सनसनीखेज मामले में 18 दिसंबर 1995 की सुबह पुरुलिया में लोगों ने खेतों में हथियारों का जखीरा देखा। बड़ी संख्या में अत्याधुनिक किस्म के हथियार बड़े-बड़े बक्सों में रखे गये थे। हथियार इतने थे कि हर खास-ओ-आम की आंखें फटी रह गयीं। सैकड़ों की संख्या में एके-47, रॉकेट लॉन्चर, टैंक विध्वंसक गोले और करीब ढाई लाख कारतूस थे। इन हथियारों को एक विमान से वहां गिराया गया था।

यह विमान पश्चिम बंगाल से थाईलैंड रवाना हुआ था और चार दिनों बाद इसी विमान को मुंबई में लैंड कराया गया। इनमें सवार छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। तमाम पड़ताल के बाद डेनमार्क निवासी किम डेवी नामक व्यक्ति को मुख्य आरोपी बनाया गया लेकिन किम डेवी उसी समय फरार हो गया, जिसकी वर्षों तक भनक नहीं लगी। एक दशक बाद अचानक उसे अपने देश डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में देखा गया। हालांकि अब वह कहां है, किसी को नहीं पता। डेवी कभी भारत की गिरफ्त में नहीं आया।

यह घटना आज भी अनसुलझी पहेली है। इसे लेकर अलग-अलग तरह के कयास लगाए जाते रहे हैं। सवाल था कि हथियार किसने और किस मकसद से गिराए? क्या यह किसी धार्मिक संगठन के लिए भेजा गया था या फिर म्यांमार के काचिन विद्रोहियों के लिए था?

अन्य अहम घटनाएंः

1398ः आमिर तैमूर ने सुल्तान नुसरत शाह से दिल्ली की गद्दी छीन ली।

1756ः छत्तीसगढ़ की संत परंपरा में सर्वोपरि माने जाने वाले संत गुरु घासीदास का जन्म।

1865ः अमेरिका में कानूनी रूप से दास प्रथा को गैर कानूनी घोषित किया गया।

1887ः भोजपुरी के समर्थ लोक कलाकार भिखारी ठाकुर का जन्म।

1960ः नई दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय का उद्घाटन।

1989ः महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने एकदिवसीय क्रिकेट का अपना पहला मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेला।

2007ः भारत के सुप्रसिद्ध शिल्पकार व चित्रकार सदानंद बकरे का निधन।

2004ः जाने-माने भारतीय क्रिकेटर विजय हजारे का निधन।

2011ः मशहूर कवि और शायर अदम गोंडवी का निधन।

पटना: मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मो. कुद्दुस ने शुक्रवार को कुलाधिपति सह राज्यपाल को इस्तीफा भेज दिया।

प्रो. कुद्दुस ने विवि के तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रो. एसपी सिंह पर कॉपी खरीद एवं सुरक्षा एजेंसी की नियुक्ति के मामले में वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल से शिकायत की थी। मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जांच के लिए राज्यपाल से अनुरोध किया था।

प्रो. कुद्दुस ने बताया कि उनके कुलपति बनने के बाद वित्तीय अनियमितता पर शिकंजा कसा गया। इसके कारण विवि के परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव, सहायक कुलसचिव का असहयोगात्मक रवैया रहा है। 18 दिसंबर से विवि की बीए, बीएससी, आलिम-फाजिल, बीएड सहित विभिन्न कोर्स की परीक्षा को लेकर तिथि निर्धारित कर दी गई थी। इसके बाद भी अब तक परीक्षा केंद्र चयन, पर्यवेक्षक सहित परीक्षा संबंधित गोपनीय कार्य को नहीं किया जा रहा था।

उन्होंने कहा कि कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक को हटाने को लेकर राजभवन से कई बार पत्राचार किया, लेकिन राजभवन से कार्रवाई नहीं हुई। तत्कालीन प्रभारी कुलपति के वित्तीय अनियमितता को लेकर भी पूरी शिकायत की। इसमें भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीते दिनों सिंडिकेट की बैठक में भी आंतरिक स्रोत से अनियमित कर्मियों को भुगतान करने को कहा गया। यह पूरी तरह वित्तीय अनियमितता है। फिलहाल मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो, कुद्दुस ने इस्तीफा के बाद अभी किसी को प्रभार नहीं दिया गया है।