नगर निगम की लचर व्यवस्था से तंग आकर, नाले के पानी को बैतरणी नदी बनाकर किया पूजा पाठ सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन

Chhapra: शहर से लेकर गांव तक विगत 3 दिनों से रुक रुक कर कभी कभार हो रही बारिश ने गंवके लोगों को जहां खुशी दी है वही शहर के लोगों के लिए यह बरसात जी का जंजाल बन गया है. करोड़ों रुपए सफाई के नाम पर खर्च करने वाले नगर निगम के क्षेत्र में जलजमाव आम बात है. मुख्य सड़कों पर डबल डेकर निर्माण के बहाने अपनी कमी दूसरो पर मडकर अपनी पीठ थपथपा रही निगम सरकार की सद्बुद्धि को लेकर अब जलजमाव वाले इलाके के लोग सद्बुद्धि यज्ञ जैसे कार्य करते नजर आ रहे है.

शहर से सटे छपरा नगर निगम क्षेत्र वार्ड 19 दहियावां शिया मस्जिद के दक्षिण इनई तेलपा रोड पर बारिश के बाद जलजमाव है. जब शहर में ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न होती है तब यही रास्ता आम नागरिकों के लिए आने जाने के लिए सबसे अच्छा मार्ग साबित होता है. लेकिन इसकी स्थिति ऐसी हो गई है कि इस रास्ते से गुजरना मतलब जान जोखिम में देने के बराबर है. इस रोड पर महीनों भर से गंदे नाले का पानी जमा है. जिसकी वजह से मुहल्ले वासियों के साथ साथ आम नागरिकों को भी भारी समस्या से जूझना पड़ रहा है.

जलजमाव के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारी जैसे हैर्जा, डेंगू, कर्लरा, मलेरिया का डर यहां रहने वाले लोगों को सता रहा है. पूरे मुहल्ले के लोग भयभीत है.

सावन का महीना है ऐसे में यहां स्थित शिव मंदिर में भक्तो की भीड़ जुटती है लेकिन इसपर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है जिससे की इसकी साफ सफाई की जाए.

स्थानीय लोगों ने तंग आकर सड़क पर जमे नाले के पानी को बैतरणी नदी की संज्ञा देते हुए उसकी पूजा पाठ की. रविवार को इस नाले के पानी के किनारे पूजा पाठ कर नगर निगम के जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक कर्मियों के साथ साथ विधायक और सांसद को भी सद्बुद्धि हो इसके लिए सद्बुद्धि हवन किया गई.

अब देखना है कि इसके बाद भी स्थानीय लोगों को जलजमाव से निजात मिलती है की नही.जनप्रतिनिधियों में सद्बुद्धि का असर आता है की नही यह देखने वाली बात है. फिलहाल स्थानीय लोग इसी जलजमाव में जीने को मजबूर है.

  • सारण जिला में 15.07.22 को सदर अस्पताल में घटित हत्या की घटना सहित गरखा और डेरनी का एक – एक हत्या कांड एवं खैरा थाना के डकैती कांड में वांछित है।
  • इलाहाबाद उ0 प्र0 से वर्ष 2015 में एक करोड़ के लूट में गए थे जेल।
Chhapra: भगवान बाजार थानान्तर्गत सदर अस्पाताल , छपरा के परिसर में कुछ असमाजिक तत्वों के द्वारा आपसी विवाद में एक स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिस संबंध में वादी के फर्दब्यान के आधार पर भगवान बाजार थाना कांड सं0-352/22 , दिनांक- 16.07.22 दर्ज अनुसंधान प्रारंभ किया गया। इस घटना को पुलिस अधीक्षक , सारण के द्वारा तत्क्षण संज्ञान लेते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी , सदर एवं थानाध्यक्ष , भगवान बाजार थाना को कांड के अनुसंधान में त्वरित कार्रवाई करने हेतु दिशा – निर्देश दिया गया जिसके आलोक में भगवान बाजार थाना द्वारा कांड का त्वरित अनुसंधान एवं कार्रवाई कर कांड में संलिप्त घटना के मुख्य अभियुक्त कृष्णा राय पिता- शत्रुधन राय उर्फ टोनी राय , सा0 भलुही थाना मढौरा जिला सारण को गिरफ्तार किया गया।
कृष्णा राय डेरनी एवं गरखा थाना में हत्या के मामले में तथा खैरा थाना में एक डकैती के मामले में फरार चल रहे थे। वर्ष 2015 में कृष्णा राय उ0 प्र0 के इलाहाबाद जिला के सुराव थाना से एक करोड़ के नगद लूट में जेल जा चुके है। इनका अपराधिक इतिहास उड़िसा , छतिसगढ़ एवं उ0 प्र0 से भी पता किया जा रहा है।
ज्ञातव्य हो की इस कांड में संलिप्त 01 अभियुक्त को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर न्यायीक हिरासत में भेजा जा चुका है एवं इस कांड में संलिप्त अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए सघन छापामारी की जा रही है।
 गिरफ्तार अभियुक्त का नाम एवं पता
1. कृष्णा राय , पिता- शत्रुधन राय उर्फ टोनी राय , सा0 भलुही , थाना मढौरा , जिला सारण।
» गिरफ्तार अभियुक्त कृष्णा राय का अबतक ज्ञात आपराधिक इतिहासः
1. मकेर थाना कांड सं0-126 / 15 , धारा -395 / 415 भा0 द0 वि0
2. मशरख थाना कांड सं0-317 / 15 , धारा -392 / 34 भा0 द0 वि0
3. भगवान बाजार थाना कांड सं0-391 / 17. धारा -399 / 402 भा0 द0 वि0 एवं 25 ( 1 – बी ) 26 / 35 आर्म्स
4. गरखा थाना कांड सं0-20 / 17 धारा -399 / 402 भा0 द0 वि0
5. गरखा थाना कांड सं0-360 / 17 धारा -394 / 304 / 120 ( बी ) भा0 द0 वि0
6. खैरा थाना कांड सं0-1 / 22 धारा 395 भा0 द0 वि0
7. डेरनी थाना कांड सं0-91 / 17 धारा 302 / 34 भा0 द0 वि0 एवं 27 आर्म्स एक्ट
8. गरखा थाना कांड सं0-287 / 17 धारा -302 / 34 भा0 द0 वि 0 एवं 27 आर्म्स एक्ट

सुपौल: रतनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत भगवानपुर पंचायत के वार्ड नंबर 09 निवासी ब्रह्मदेव मेहता की 22 वर्षीय पुत्री लक्ष्मी कुमारी ने प्रेम-प्रसंग में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. कमरे में सो रही मृतका को जब उसके पिता ने आवाज लगायी तो वह नहीं जगी और न ही कोई आवाज दी. इसके बाद जब वह गेट खोलकर अंदर गये तो अंदर का दृश्य देखकर दंग रह गये. देखा कि लड़की फांसी के फंदे से लटकी हुई है. मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा बताया जा रहा है. पुलिस मामले की गहन छानबीन में जुट गयी है. वहीं मृतका के तथाकथित ब्वाय फ्रेंड को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है.

एसडीपीओ पंकज कुमार मिश्रा भी घटना स्थल पर पहुंचे. जिन्होंने घर वालों से मामले की जानकारी ली. शुरुआती छानबीन में लड़की के बेड पर से एक मोबाइल फोन मिला. जिसके जांच में पता चला कि युवती अपने बॉयफ्रेंड को वीडियो कॉल एवं वॉइस मैसेज की थी. जिसमें कहा गया था कि मैं फांसी लगाऊंगी तो मेरे मौत का कारण आप ही होंगे. इस दौरान पुलिस ने कागजी प्रक्रिया करके शव को पोस्टमार्टम के लिए सुपौल भेज दिया.

गोपालगंज: मांझा थाना क्षेत्र के कोइनी गांव से चार दिन पूर्व लापता युवक की हत्या करने के बाद शव को रेलवे स्टेशन के पास झाड़ियों के पास से फेंक दिया गया. मृतक की पहचान मांझा थाना क्षेत्र के कोइनी गांव के खजांची महतो के पुत्र रवि महतो (30 वर्ष) रूप में हुई है. शव बरामद होने के बाद उग्र ग्रामीण कोइनी के पास एनएच-27 को जाम कर हंगामा करने लगे. इस दौरान लोगों ने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हाइवे पर आगजनी व जाम से दोनों तरफ लंबी दूरी के दर्जनों वाहन कई घंटों तक जाम में फंसे रहे.

घंटों मशक्कत के बाद पूर्व मंत्री व स्थानीय विधायक रामप्रवेश राय और मांझा थानाध्यक्ष विशाल आनंद की पहल पर लोग शांत हुए. पुलिस ने कांड में लिप्त दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है. बाकी की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है. स्थानीय लोगों ने बताया कि रवि महतो गत 21 जुलाई की दोपहर घर से बाइक से निकला था. उसके बाद घर नहीं लौटा. परिजनों ने उसकी खोजबीन की, लेकिन कोई अता-पता नहीं लगा. इसके बाद परिजनों ने थाने में युवक के लापता होने की शिकायत की.

Chhapra: भेल्दी थाना क्षेत्र के कोरेया गांव में बिजली के जर्जर तार में शॉर्ट सर्किट होने से एक युवक चपेट में आ गया. जिससे उसकी मौत मौके पर ही हो गयी. मृतक कोरेया गांव निवासी रमेश सिंह का पुत्र किशन कुमार (14 वर्ष) है. घटना के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल छपरा भेज दिया.

Chhapra: अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठन लायंस क्लब्स इंटरनेशनल की सारण की सभी इकाइयां मिलकर कारगिल विजय दिवस के अवसर पर दिनांक26 जुलाई को सदर अस्पताल, छपरा में मेगा ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन करेंगे । इस अवसर पर लायंस क्लब छपरा सारण, छपरा टाउन, छपरा सिटी, छपरा स्मार्ट सिटी, छपरा फेमिना, खैरा सारण, एकमा, दिघवारा, अमनौर, छपरा ग्रेटर, छपरा राघोजी, महाराजगंज रघुशांति, छपरा सहारा, छपरा शुभारंभ सहित सभी लायंस क्लब इस आयोजन के हिस्सा होंगे । इस पुनीत कार्य में सारण के लियो क्लब छपरा सारण , छपरा टाउन एवं छपरा फेमिना भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे । इन सभी क्लबों के साथ बैठक करते हुए इस कैंप के चेयरपर्सन पूर्व जिलापाल डॉ. एस. के. पांडेय ने कहा कि यह कैंप ऐतिहासिक होगा जिसमें सारण जिले के सभी 14 लायंस क्लब तथा तीन लियो क्लब हिस्सा लेकर अधिकाधिक रक्तदान करेंगे और दूसरों से करवा सकेंगे । डॉ पांडेय ने बताया कि रक्तदान से हम दूसरों को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ स्वयं के लिए भी स्वास्थ्य लाभ लेते हैं । इस अवसर पर बैठक में उपस्थित लियो चेयरपर्सन मनोज कुमार वर्मा संकल्प ने कहा कि इस शिविर में आम व्यक्ति भी रक्तदान कर इस पुनीत कार्य का हिस्सा बन सकता है । रीजन चेयरपर्सन प्रह्लाद कुमार सोनी ने बताया कि इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलापाल डॉ मधेश्वर सिंह होंगे । जोन चेयरपर्सन कुंवर जायसवाल एवं लियो क्लब छपरा टाउन के अध्यक्ष अभिषेक ने कहा कि सभी रक्त दाताओं को प्रशस्ति-पत्र एवं मोमेंटो दिए जाएंगे । लायंस क्लब छपरा सारण के अध्यक्ष प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि इस शिविर की तैयारियां पूरी कर ली गई है ।

सारण में अवैध पटाखा फैक्ट्री में बम ब्लास्ट, 4 लोगों की मौत

Chhapra: सारण में अवैध पटाखा फैक्ट्री में बम ब्लास्ट हुआ है। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गयी है। घटना सारण जिले के खैरा थाना क्षेत्र के खोदाईबाग बाजार स्थित मस्जिद के पास हुई है।

उल्लेखनीय हो कि खैरा थाना क्षेत्र के खोदाईबाग बाजार रियाज मियां नामक पटाखा कारोबारी के घर पर धमाका हुआ है। धमाका इतना जबरदस्त था कि पूरा घर ही क्षतिग्रस्त हो गया है। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गयी है।

मिली जानकारी रियाज मियां घर में पटाखा लाकर बेचा करता था। शादी विवाह के मौके पर पटाखा बेचने का काम करता है। ब्लास्ट इतना जबरदस्त था कि उसका घर तक ढह गया। इस धमाके की आवाज आसपास के तीन किलोमीटर दूर तक सुनाई देने की बात लोगों के द्वारा कही जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार इस विस्फोट में 4 लोगों की मौत हो गयी है. जिनमे 2 पुरुष एक महिला और एक बच्ची शामिल है।

मृतकों में मुलाजिम अली ( 35) पिता रहमतुल्ला उर्फ टेनी मिया, शबाना बेगम (30) पति मुलाजीम अली, साबिर अली (30) पिता रहमतुल्लाह रहमतुल्ला उर्फ टेनी मिया शामिल हैं. दो घायलों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. वही घटनास्थल से मलबा हटाने का कार्य जारी है. बताया जा रहा है कि मलबे के नीचे और भी लोग दबे हो सकते हैं।

इस शक्तिशाली बम धमाके में जमींदोज हुए घर का मलवा हटाने का काम किया जा रहा है।

ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि मरने वाली की संख्या बढ़ सकती है। इस घटना से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। मौके पर पहुंची पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर ही है।

प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो कई लोग बिल्डिंग के मलबे में दब गए हैं । वहीं रिहायशी इलाके में इस से पटाखा फैक्ट्री चलने को लेकर लोग सवाल भी उठ रहे हैं ।

बताते चलें कि इस क्षेत्र में फैक्ट्री में पटाखा बनाने के दौरान विस्फोट का यह पहला मामला नहीं है । इससे पहले भी खैरा थाना क्षेत्र में बम बनाने के दौरान विस्फोट हो चुका है । इससे पहले खोदाई बाग के ओलहनपुर में पहले भी दो बार हो बम विस्फोट हो चुका है । लोगों की मानें तो यहां करीब 12 अवैध पटाखा फैक्ट्रियां संचालित किए जा रहे हैं ।

Input Agency

खोदाईबाग में विस्फोट, मकान गिरा कई लोगों के मरने को सूचना, एसडीपीओ ने पहुंचकर लिया जायजा

नगरा: थाना क्षेत्र के खोडाईबाग स्थित मस्जिद के पास पटाखा कारोबारी के घर में विस्फोट होने के बाद पूरा मकान ढह गया. इस विस्फोट के बाद मकान गिरने से दो लोगों की मौत हो गई. हालांकि मरने वालो की वास्तविक संख्या नही मिली है यह मकान का मालवा हटने बाद ही पता चल पाएगा. जिसमे मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है.

विस्फोट के बाद जहां इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म है वही पुलिस के साथ मढ़ौरा एसडीपीओ द्वारा मौके पर पहुंच पूरी जानकारी ली गई. उधर विस्फोट के बाद मकान के मलबे को हटाया जा रहा है.

स्थानीय लोगों के मकान के मलबे में कई लोग दबे पड़े हैं, जिन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

घटना रविवार को सुबह की बतायी जा रही है. जिस मकान में धमाका हुआ है, उसमें पटाखा बनाने का काम होता था. लगातार एक घंटे से लगातार विस्फोट हो रहे थे, जिसके कारण न तो पुलिस और न ही आम लोग उन मकानों के आसपाने जाने की हिम्मत जुटा पा रहे थे.

भारत कुमार के नाम से मशहूर दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार ने भारतीय सिनेमा में अपनी एक अलग और खास पहचान बनाई है। 24 जुलाई, 1937 को पाकिस्तान के एबटाबाद में जन्मे मनोज कुमार देश के बंटवारे के बाद भारत आकर बस गए। फिल्मों में अपने अभिनय से लोगों को देशभक्ति का एहसास कराने वाले मनोज कुमार का असली नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था। वह सिर्फ एक अच्छे अभिनेता ही नहीं, बल्कि निर्माता और निर्देशक भी हैं और इन सब से बढ़कर वह एक सच्चे देशभक्त हैं, जिसकी छाप उन्होंने अपने फिल्मों में भी छोड़ी। मनोज कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर फिल्म उपकार बनाई, जो शास्त्री के दिए हुए नारे जय जवान जय किसान पर आधारित थी।

मनोज कुमार ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत साल 1957 में फिल्म ‘फैशन’ से की थी। इस फिल्म में मनोज कुमार अभिनेता प्रदीप कुमार और माला सिन्हा के साथ मुख्य भूमिका में नजर आए थे। इसके बाद मनोज कुमार कई फिल्मों में नजर आए, लेकिन उन्हें असली पहचान साल 1965 में आई फिल्म ‘शहीद’ से मिली। यह एक देशभक्ति फिल्म थी। इस फिल्म में वह भगत सिंह के किरदार में नजर आए थे। इस फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया। मनोज कुमार को ज्यादातर देशभक्ति फिल्में करने के कारण उन्हें हिंदी सिनेमा में ‘भारत कुमार’ के नाम से सम्बोधित किया जाता है।

मनोज कुमार की प्रमुख फिल्मों में हिमालय की गोद में, उपकार, नील कमल, गुमनाम, पूरब और पश्चिम, पत्थर के सनम, बलिदान, शोर, रोटी कपड़ा और मकान, क्रांति, देशवासी आदि शामिल हैं। फिल्मों में अभिनेता के तौर पर पहचान बनाने के बाद मनोज कुमार एक निर्माता और निर्देशक के रूप में भी सफल रहे। उनके द्वारा निर्देशित व निर्मित फिल्मों में पूरब और पश्चिम, शोर, रोटी कपड़ा और मकान, क्रांति और जयहिंद आदि शामिल हैं। फिल्म उपकार के लिए मनोज कुमार को नेशनल अवॉर्ड दिया गया है। मनोज कुमार को फिल्मों में उनके योगदान के लिए आठ बार फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा भारत सरकार ने मनोज कुमार को साल 1992 में पद्मश्री और साल 2015 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मनोज कुमार की पत्नी का नाम शशि गोस्वामी है। मनोज कुमार और शशि गोस्वामी के दो बच्चे विशाल और कुणाल हैं। मनोज कुमार के बेटे कुणाल अभिनेता हैं। मनोज कुमार इन दिनों फिल्मों से दूर हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। आज भी राष्ट्रीय पर्व पर मनोज कुमार की फिल्मों के देशभक्ति गाने अक्सर सुने जाते हैं।

देश-दुनिया के इतिहास में 24 जुलाई का अहम स्थान है। भारत के लिए यह तारीख शह और मात के खेल शतरंज के लिए अविस्मरणीय है।

शतरंज में अपने धैर्य से प्रतिद्वंद्वी को गलती करने पर मजबूर करने वाली एस विजयलक्ष्मी ने वर्ष 2000 में 24 जुलाई को ही देश की पहली महिला ग्रैंडमास्टर होने का गौरव हासिल किया था।

25 मार्च 1979 को जन्मीं विजयालक्ष्मी ने कम उम्र से ही शतरंज के टूर्नामेंट जीतने शुरू कर दिए थे। राष्ट्रीय खिताब के अलावा वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने फन का लोहा मनवाने में कामयाब रहीं। इससे पहले शतरंज की बात हो तो हमें केवल विश्वनाथन आनंद का ही नाम याद आता रहा है। विजयालक्ष्मी ने महज साढ़े तीन साल की उम्र में ही अपने पिता से शतरंज सीखना शुरू कर दिया था।

सात साल की उम्र में विजयालक्ष्मी ने अपने जीवन के पहले शतरंज टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। 1988 और 1989 में उन्होंने अंडर-10 इंडियन चैंपियनशिप जीतकर दुनिया को अपनी प्रतिभा दिखाई।

1995 विजयालक्ष्मी के लिए कुछ बड़ा लाने वाला रहा। इस साल उन्होंने इंटरनेशनल वुमन मास्टर टाइटल अपने नाम किया। इसके बाद उनकी ख्याति विदेश में भी होने लगी। 1998 में विजयालक्ष्मी ने एनिबल ओपन में रूसी ग्रैंड मास्टर मिखाइल कोबालिया को हराकर सनसनी मचाई।

24 जुलाई 2000 को विप्रो इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर चेस चैंपियनशिप में विजयालक्ष्मी ने नौवें राउंड में पी. हरिकृष्ण से मैच ड्रॉ कर पहली महिला ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया।

विजयालक्ष्मी सबसे ज्यादा शतरंज ओलिंपियाड जीतने वाली भारतीय भी हैं। विजयालक्ष्मी ने 30 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। 2001 में उन्हें भारत सरकार ने अर्जुन पुरस्कार से नवाजा।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1793: फ्रांस ने कॉपीराइट कानून बनाया।
823: चिली में दास प्रथा समाप्त।
1870: अमेरिका में पहली रेल सेवा की शुरुआत।
1890: सोवा बाजार क्लब ने पहली बार किसी इंग्लिश फुटबाल टीम (ईस्ट सरे) के खिलाफ जीत दर्ज की।
1911: हैरम बेहन ने माया सभ्यता के लुप्त शहर माचुपिच्चु को खोज की।
1923: लौसन की संधिः स्विट्जरलैंड में ग्रीस, बुल्गारिया और प्रथम विश्व युद्ध में शामिल अन्य देशों के बीच हुई इस संधि के दौरान आधुनिक तुर्की की सीमाओं को व्यवस्थित किया गया।
1932: रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान की स्थापना।
1938: इंस्टेंट कॉफी की खोज।
1969: अपोलो-11 अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर वापस लौटा।
1974: अमेरिका की शीर्ष अदालत ने तत्कालीन राष्ट्रपति निक्सन को वाटरगेट मामले से जुड़े सभी टेप जांच एजेंसियों के हवाले करने का आदेश दिया।
1987: मशहूर उपन्यासकार जेफरी आर्चर ने डेली स्टार अखबार के खिलाफ लाखों पाउंड का मानहानि का मुकदमा जीता।
1989: लोकसभा में विपक्ष के लगभग सभी सदस्यों का इस्तीफा।
1999: अमेरिकी अंतरिक्ष यान कोलंबिया का सफल प्रक्षेपण।
2000: एस विजयालक्ष्मी शतरंज की पहली महिला ग्रैंडमास्टर बनीं।
2005: कोरियाई क्षेत्र को परमाणु हथियारों से मुक्त करने पर उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच आम सहमति।
2008ः फ्रांस के ट्रिकेस्टिन परमाणु संयंत्र में हुए रिसाव से लगभग 100 व्यक्ति प्रभावित।
2012ः मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी ने हिशम कंदिल को प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
2013ः सुपर हेडिमेट्री के वैज्ञानिक सिद्धांत को लार्ज हैड्रोन कोलाइडर के साथ प्रयोगों के बाद चुनौती दी गई।
2014 यूक्रेन के प्रधानमंत्री आर्सेनी यात्सेनियुक का इस्तीफा।

जन्म
1911ः बांसुरी वादक पन्नालाल घोष।
1924ः उर्दू के शायर नाजिश प्रतापगढ़ी।
1928ः गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता केशुभाई पटेल।
1937ः फिल्म अभिनेता मनोज कुमार।
1943ः लोकसभा के पूर्व महासिचव जीसी मल्होत्रा।
1945ः विप्रो के अध्यक्ष अजीम प्रेमजी।
1985ः स्नूकर प्लेयर पंकज आडवाणी।

निधन

1980ः अभिनेता उत्तम कुमार।

1939ः असम के सामाजिक कार्यकर्ता तरुण राम फुकन।

2017ः इसरो के पूर्व अध्यक्ष उडुपी रामचन्द्र राव।

2017ः वैज्ञानिक और शिक्षाविद् यशपाल।

2020ः नृत्यांगना और कोरियोग्राफर अमला शंकर।

दिवस

राष्ट्रीय आयकर दिवस

मुज़फ़्फ़रपुर: आजादी का अमृत महोत्सव के तहत रेलवे की ओर से चल रहे ऑइकॉनिक वीक के अंतिम दिन शनिवार को मुजफ्फरपुर जंक्शन से बेतिया के लिए हेरिटेज स्पेशल ट्रेन चली। रिमझिम फुहारों के बीच एडीआरएम संजीव कुमार रॉय, स्टेशन निदेशक मनोज कुमार व अधीक्षक अखिलेश कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर प्रदर्शनी ट्रेन को रवाना किया।

हेरिटेज ट्रेन जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर खड़ी होते ही यात्री देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो गए। सत्याग्रह आंदोलन के दौरान मुजफ्फरपुर जंक्शन से ट्रेन द्वारा महात्मा गांधी की चंपारण यात्रा को समर्पित हेरिटेज ट्रेन में आजादी के आंदोलन के प्रमुख ऐतिहासिक क्षणों को दर्शाया गया है।

ट्रेन में लगी तस्वीरों व कथाओं द्वारा यात्रियों को आजादी के संघर्षों से अवगत कराया गया। ट्रेन की बोगियों में महात्मा गांधी के अलावा शहीद ए आजम भगत सिंह, सुखदेव, चितरंजन दास, बालगंगाधर तिलक, विपिनचंद्र पाल, सरदार वल्लभभाई पटेल व सावित्री बाई फूले आदि का जीवन परिचय भी लिखा है।

इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों व उनके संदेशों को भी जगह दिया गया है। मौके पर रेल अधिकारियों ने स्वतंत्रता सेनानी पंडित मधुसूदन झा, स्व. राम संजीवन ठाकुर के पौत्र साकेत शुभम व रेणू देवी को सम्मानित किया।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को जनप्रतिनिधियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जैसा कि किसी भी परिवार में होता है, कभी-कभी संसद में भी मतभेद हो जाते हैं। लेकिन हम सभी ‘संसद परिवार’ के सदस्य हैं जिनकी सर्वोच्च प्राथमिकता देश के बड़े संयुक्त परिवार के हित में काम करते रहना है।

संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आज राष्ट्रपति कोविंद के सम्मान में विदाई समारोह आयोजित किया गया। राज्यसभा के सभापति एम. वैंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोविंद का माला पहनाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी और संसद के दोनों सदनों के सदस्य उपस्थित रहे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि विशाल संयुक्त परिवार में मतभेदों को सुलझाने के लिए शांति, सद्भाव और संवाद के तरीके अपनाने चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अपनी बात रखने के कई तरीके उपलब्ध है। इसमें शांति और अहिंसा से बना सत्याग्रह एक मजबूत हथियार है। साथ ही हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम दूसरे पक्ष को भी सम्मान दें। हम अपने अधिकारों का प्रयोग गांधीवादी तरीके से करें।

कोविंद ने 2020 में आई वैश्विक महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमारे लिए भविष्य के कुछ सबक छोड़ कर गई है। हमें समझना चाहिए कि हम प्रकृति का अभिन्न हिस्सा है। मनुष्य प्रकृति से अलग और ऊपर नहीं है। पर्यावरण में असंतुलन ही कई समस्याओं का कारक बनता है। साथ ही कोरोना महामारी ने हमें यह भी समझाया है कि विश्व एक परिवार है और आपसी सहयोग पर ही हम सब का अस्तित्व निर्भर है। इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने 18 महीनों में 200 करोड़ टीकाकरण की उपलब्धि का विशेष उल्लेख किया।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि हम सब ने मिलकर हाशिए पर गए लोगों के लिए बहुत कुछ किया है, लेकिन अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। अंबेडकर के सपनों को साकार करने के लिए समभाव के साथ सरकार ने प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मिट्टी के घरों में छत से टपकता पानी, पानी के लिए मीलों पैदल चलना और रात में लालटेन जलाना अब पुरानी यादों का हिस्सा हो गया है। सरकार के प्रयासों से लोगों को पक्के मकान मिल रहे हैं, हर घर बिजली और नल से जल पहुंच रहा है।

कोविंद ने कहा कि लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ ही उनमें नई आकांक्षाएं पैदा हो रही हैं। ऐसा भेदभाव रहित सुशासन से ही संभव हो पाया है। महिला सशक्तिकरण से बेटियां आगे बढ़ रही हैं। उन्हें आशा है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस बदलाव में और तेजी लाएगी।

उन्होंने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और आशा व्यक्त की कि वे सर्वोच्च लोकतांत्रिक परंपराओं को आगे बढ़ाएंगी। उनका अनुभव और विवेक देशवासियों का मार्गदर्शन करेगा। उनका सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचना कई लोगों में नई आकांक्षायें पैदा करता है।

कोविंद ने अपने संबोधन में पुरानी स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि इसी केंद्रीय कक्ष में विभिन्न सहयोगियों के साथ उन्होंने कई यादगार पल बिताये हैं। उन्होंने कहा कि देश के सर्वोच्च पद पर अपने दायित्वों का निर्वहन बिना सभी के सहयोग के संभव नही था। कोविंद ने कहा कि उन्होंने अपनी क्षमता से कर्तव्यों के निर्वहन का पूरा प्रयास किया । उन्होंने कहा कि संविधान में अपने अटूट विश्वास और अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों की प्रेरणा से यह संभव हो सका।