14 सूत्री मांगों को लेकर वार्ड संघ ने दिया प्रखंड मुख्यालय पर धरना

इसुआपुर: अपनी 14 मांगों को लेकर वार्ड संघ ने इसुआपुर मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया. जिसमें सैकड़ो वार्ड उपस्थित हुए. धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए इसुआपुर वार्ड संघ अध्यक्ष मदन सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा हम लोगों के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है.

मुखिया और अधिकारियों द्वारा हम लोगों को योजनाएं नहीं दि जा रही है.जिसे वार्ड संघ बर्दाश्त नहीं कर सकता. अपनी मांगों के लिए हम लोग पटना में प्रदर्शन करेंगे .बैठक को छपरा से आए चंदन प्रसाद, मोहम्मद रकीब, अमरेंद्र प्रसाद ने भी संबोधित किया.

बैठक में शशि भूषण राय, अर्जुन ठाकुर, इमाम मेहंदी ,चंदन शर्मा, अभिषेक पांडे, जितेंद्र सिंह ,सतीश मेहरा, रेखा देवी ,रंजू देवी, संगीता देवी, सुरेश राय, शबनम खातून सहित सैकड़ो वार्ड उपस्थित थे.

समय पर परीक्षा नही होने के कारण पॉलिटेक्निक छात्रों का भविष्य अधर में, बीसीईसीईबी की इंट्रेस एग्जाम पास करने के बाद भी नहीं हो रहा नामांकन

Chhapra: पॉलीटेक्निक कॉलेज में समय पर परीक्षा नही होने का खामियाजा इन दिनों छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. बीसीईसीईबी द्वारा बीटेक लैटरल एंट्री की परीक्षा पास कर अच्छी रैंकिंग पाने के बावजूद चयनित छात्रों का नामांकन नही हो पाया. जिससे ना सिर्फ छात्र मायूस है बल्कि उन्हें अपने भविष्य को लेकर चिंता सता रही.

छात्रों का कहना है कि सरकार के निर्देश पर संचालित पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में परीक्षा का आयोजन करना विभाग का काम है लेकिन समय पर परीक्षा आयोजन नही होने से उनका नामांकन इंट्रेंस में अच्छे रैंक आने के बावजूद कॉलेज में नहीं हो पाया. विभागीय लापरवाही के कारण हजारों छात्रों का कैरियर अधर में हुई.

इस संदर्भ में गवर्मेंट पॉलीटेक्निक कॉलेज सीवान की छात्रा नमिता कुमारी ने बताया कि उनसे पॉलीटेक्निक कॉलेज सीवान से सत्र 2020-23 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से पढ़ाई कर रही है. इस सत्र के 5 सेमेस्टर की परीक्षाएं निर्धारित समय पर हुई लेकिन जुलाई 23 में 6ठे सेमेस्टर की परीक्षा होनी थी जो अबतक नही हुई. इसी बीच बीसीईसीआई द्वारा बीटेक लैटरल एंट्री की परीक्षा सरकार ने आयोजित की जिसमे अपीयरिंग छात्र भी परीक्षा पास कर अपना नामांकन करवा सकते थे. जिसमे शामिल छात्र परीक्षा पास कर गए रैंक के अनुसार नामांकन के लिए कॉलेज भी निर्धारित कर दिया गया. साथ ही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन टाइम शेड्यूल भी जारी कर दिया गया.

छात्रा नमिता ने बताया कि डॉक्यूमेंट जांच के दौरान 6ठे सेमेस्टर का प्रमाण पत्र नहीं रहने के कारण उनकी सीट रद्द कर दी गई है. हालांकि ऐसे छात्रों की संख्या हजारों में है जिनके प्रमाण पत्रों की जांच के क्रम में सीट कैंसल की गई है.

छात्र छात्राओं का कहना कि परीक्षाओं का आयोजन करना सरकार और संस्थाओं का काम है. दोनों ही परीक्षाएं एक ही संस्थान द्वारा ली जाती है ऐसे में पहले पॉलीटेक्निक महाविद्यालय की परीक्षाओं का आयोजन किया जाना चाहिए था तब इंट्रेंस परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए थी.

उनका कहना है कि सरकार इस मामले में पहल करें. इंट्रेस एग्जाम पास करने वाले छात्रों का नामांकन लिया जाए, साथ ही साथ 6 ठे सेमेस्टर की परीक्षा लेकर परिणाम घोषित किया जाए. अन्यथा की स्थिति में विभागीय लापरवाही के कारण हजारों छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो चला है इससे ना सिर्फ छात्रों का कैरियर बर्बाद होगा बल्कि कई छात्र के आर्थिक कारणों से पढ़ाई भी छोड़ने पर विवश हो जायेगे.

पोस्ट ऑफिस में पैसा जमा करने आए पूर्व सैनिक से चकमा देकर डिक्की से उड़ाए दो लाख रुपए

इसुआपुर : इसुआपुर मुख्य डाकघर में पैसा जमा करने आए पूर्व सैनिक के मोटरसाइकिल के डिक्की से अज्ञात अपराधियों ने दो लाख रुपए चकमा देकर उड़ा लिए. थाना क्षेत्र के प्यारेपुर ग्राम निवासी पूर्व सैनिक राजेश्वर राय पिता धर्मनाथ राय ने बताया कि वह सोमवार को दिन में 1बजे 2 लाख रुपए जमा करने अपने मोटरसाइकिल से इसुआपुर डाक ऑफिस में आए थे. लेंकिन कैशियर ने रुपए लेने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा कि कैशियर ने बताया की लिंक फेल है जिससे पैसा जमा नहीं हो सकता है. इस बाबत जब कैशियर से पूछा गया तो उसने कहा कि उनका केवाईसी नहीं हुआ था जिससे पैसा जमा नहीं हो सका. तब वह रुपया लेकर पोस्ट ऑफिस के कार्यालय से बाहर निकले तथा अपने मोटरसाइकिल की डिक्की में रुपया रख कर जैसे ही सड़क पर चढ़ने लगे की अज्ञात अपराधियों ने उनके डिक्की से रुपए का झोला निकाल लिया तथा भाग निकले.

इस घटना से वहां के लोगों में दहशत फैल गया है. इसके लिए पीड़ित ने लिखित शिकायत इसुआपुर थाने को दी है. वहां उपस्थित व्यवसायियों ने बताया कि डाकघर में सुरक्षा का कोई व्यवस्था नहीं है.

वही उपस्थित कुछ लोगो ने कहा कि एक भी चौकीदार डाकघर के सुरक्षा के लिए नहीं रहता है. जिससे यहां पर कभी भी अप्रिय घटना घटने की संभावना बनी रहती है और आज कि इस घटना ने तो इसुआपुर के लोगों को हिला कर रख दिया है.

इस बाबत थाना अध्यक्ष मिहिर कुमार ने बताया कि थाने में प्राथमिक दर्ज कर ली गई है तथा मामले मामले का जांच की जा रही है. जल्द से जल्द इस मामले में शामिल अपराधियों को गिरफ़्तार कर लूट की रकम बरामद की जाएगी.

दरभंगा, 11 सितम्बर (हि.स.)। महापर्व छठ को लेकर बिहार के लोगों के दिलों में एक खास स्थान रखता है। ऐसे में बिहार से बाहर रह रहे लोगों को छठ के मौके पर अपने घर आने की खास लालसा होती है। लेकिन हर वर्ष की भांति इस साल भी उत्तर बिहार के एकमात्र हवाईअड्डे दरभंगा के लिए देश के सभी महानगरों से आने का किराया आसमान छू रहा हैं। दिल्ली से दरभंगा आने वाली फ्लाइट का टिकट शुल्क 16,486 है ,मुम्बई से दरभंगा आने वाली फ्लाइट का टिकट का शुल्क 24,046 है।

इसके अलावा बेंगलुरु से दरभंगा आने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट के टिकट का प्राइस 11 नवम्बर को 15,120 है। हैदराबाद से दरभंगा आने वाली टिकट का प्राइस 22,955 है। साथ ही इसी टिकट का प्राइस 16 नवंबर को बेंगलुरु से दरभंगा के लिए 14,070 रुपये है। दिल्ली से दरभंगा के लिए 12,172 रुपये, और हैदराबाद से दरभंगा के लिए 20,015 रुपये है। कोलकता से दरभंगा आने के लिए 21,683 रुपये खर्च करने होंगे।

जब दरभंगा एयरपोर्ट बन गया तब लोगों के दिलों में आशा जगी कि वह आसानी से अपने घर जा सकते हैं। लेकिन, इस सबके एक तरफ जहां उड़ान योजना के तहत शुरू हुए दरभंगा एयरपोर्ट के बारे में सरकार यह दावा करती है। हमने यह एयरपोर्ट बनाकर हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई यात्रा करने का अवसर प्रदान किया।दूसरी और इसका किराया आसमान छू रहा है। आमतौर पर फ्लाइट्स के टिकट बुकिंग के लिए कहा जाता है कि अगर लंबे अवधि के टिकट की बुकिंग कराई जाए तो टिकट सस्ता उपलब्ध होता है। लेकिन दरभंगा एयरपोर्ट इस सब के मामले में बहुत अलग प्रतीत होता है।

दरभंगा में विमानों का परिचालन उड़ान योजना के तहत किया जा रहा है।राज्य सरकार यहां एटीएफ पर मात्र एक प्रतिशत वैट वसूलती है। ऐसे में अन्य बड़े हवाई अड्डों की तुलना में यहां से हवाई किराया सस्ता होना चाहिए, लेकिन स्थिति इसके उलट है।

पटना, 11 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महाराष्ट्र के ठाणे के बालकुम इलाके में बहुमंजिला इमारत की लिफ्ट गिरने की घटना में बिहार के समस्तीपुर जिले के रहनेवाले 04 मजूदरों की हुई मौत पर सोमवार को शोक प्रकट किया है।उन्होंने इस घटना को काफी दुखद बताया है।

मुख्यमंत्री ने इस घटना में मृत मजदूरों के शोक संतप्त परिवारों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने इस घटना में बिहार के मृतक मजदूरों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 02-02 लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने दिल्ली में बिहार के स्थानिक आयुक्त को स्थिति का जायजा लेने तथा हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने एवं मृत मजदूरों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव पहुंचाने के लिये सभी समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।

इसुआपुर में राशि के अभाव में लोहिया स्वच्छ मिशन फ्लॉप होने के कगार पर, अबतक नही बना एसएलडब्लू

इसुआपुर :बिहार सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट लोहिया स्वच्छ मिशन इसुआपुर में फ्लॉप दिख रही है. इसके तहत दो वर्ष पूर्व निपनिया पंचायत तथा रामपुर अटौली पंचायत में शुरू किया गया था. जहां यह प्रोग्राम पैसे के अभाव में कछुए के चाल से चल रहा है. वही प्रखण्ड के अन्य पंचायतों में यह प्रोग्राम पूर्णतः असफल दिख रहा है. पंचायतों में लाखों रुपये लागत से कचरा प्रबंधन का मैटेरियल जैसे बैटरी से चलने वाला कचरा ढोने वाला ऑटो गाड़ी, दर्जनों ठेला, बाल्टी, सहित अन्य सामग्री बेकार पड़े है तथा आसमान के नीचे सड़ रहे हैं.

इस बाबत पूछने पर कई मुखिया ने कहा कि कचरा प्रबंधन के लिए कचरा रखने वाला एसएलडब्लू जमीन के अभाव में अभी तक नहीं बना है. जब तक एसएलडब्लू नहीं बन जाता है कचरा रखा कहां जाएगा. इसीलिए प्रोग्राम शिथिल पड़ा है।

इस बाबत पूछने पर बीडीओ संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि जहाँ भी जमीन एलॉट किया जाता है गांव वाले विरोध कर दे रहे है.

वही ग्रामीणों का कहना है कि गांव के किनारे कचरा कैसे फेका जा सकता है. कचरे के बदबू से कई तरह की बीमारियां हो सकती है. एक तरफ गांव को स्वच्छ रखने के लिए कचरा उठाया जा रहा है वही दूसरी तरफ गांव के किनारे कचरा फेक देने से गांव स्वच्छ कैसे रहेगा यह चिंता का विषय है.

नई दिल्ली, 09 सितंबर (हि.स.)। नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की कूटनीति की सफलता के रूप में सभी सदस्य देश एक संयुक्त घोषणापत्र जारी करने पर सहमत हुए तथा अफ्रीकी संघ को संगठन के 21वें सदस्य के रूप में शामिल किया गया।

शिखर सम्मेलन के पहले दिन नेताओं के बीच विचार-विमर्श के बाद जारी घोषणापत्र सर्वसम्मति के बाद अमल में आया, जो वैश्विक दक्षिण (विकासशील देशों) की समस्याओं पर केन्द्रित था। यूक्रेन युद्ध के कारण विभिन्न देशों में मतभेद और ध्रुवीकरण से ऊपर उठने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मेजबान मुख्य वार्ताकार (शेरपा) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत को इस संबंध में दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और इंडोनेशिया का सक्रिय सहयोग मिला।

पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में पिछले बाली शिखर सम्मेलन के विपरीत संयुक्त वक्तव्य जारी होने की संभावना कम है। शिखर सम्मेलन की आज की कार्यवाही और संयुक्त घोषणापत्र के संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, मुख्य वार्ताकार (शेरपा) अमिताभकांत ने मीडिया को संबोधित किया।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जी20 मुख्यतः विश्व अर्थव्यवस्था और आर्थिक मामलों पर विचार-विमर्श का मंच है लेकिन इसमें समकालीन विश्व घटनाक्रम पर भी गौर किया गया है।

संयुक्त वक्तव्य में यूक्रेन युद्ध से दुनिया विशेषकर वैश्विक दक्षिण पर पड़ रहे विपरीत असर की मुख्य रूप से चर्चा की गई। यूक्रेन युद्ध के कारण ईंधन, खाद्यान्न और उर्वरकों की उपलब्धता और आपूर्ति संबंधी दिक्कतों पर संयुक्त वक्तव्य में चिंता व्यक्त की गई। हालांकि यूक्रेन युद्ध के लिए रूस के खिलाफ सीधे रूप से कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की गई।

जयशंकर से पूछा गया कि बाली के विपरीत नई दिल्ली सम्मेलन में रूस का सीधे रूप से उल्लेख क्यों नहीं किया गया। इस पर उन्होंने कहा, “बाली बाली था और नई दिल्ली नई दिल्ली है।” इसे स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में बहुत कुछ बदला है। नई दिल्ली सम्मेलन मुख्यतः आज की समस्याओं पर केन्द्रित है।”

जयशंकर से पूछा गया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नई दिल्ली नहीं आने से क्या इस शिखर सम्मेलन का महत्व कम हुआ। विदेश मंत्री ने उत्तर दिया कि हर देश यह तय करता है कि किसी सम्मेलन में उसकी ओर से कौन प्रतिनिधित्व करे। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि कौन सा देश विचार-विमर्श में किस तरह योगदान करता है। जयशंकर ने शिखर सम्मेलन में चीन की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश का योगदान सकारात्मक रहा तथा सम्मेलन के परिणामों के लिए यह अच्छा था।

उन्होंने कहा कि सम्मेलन में आतंकवाद और आतंकवादियों को धन मुहैया कराए जाने से विश्व शांति को उत्पन्न खतरे पर विशेष रूप से चर्चा की गई। सभी तरह के आतंकवाद को खतरा मानते हुए सामूहिक उपायों पर जोर दिया गया तथा आतंकवादियों को धन मुहैया कराए जाने से रोकने के लिए एफएटीएफ को समर्थन दिया गया।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने शिखर सम्मेलन के लिए वसुधैव कुटंबकम का आदर्श वाक्य तय किया था। इसी के अनुरूप सम्मेलन में विचार-विमर्श हुआ। यह मेजबान देश के रूप में हमारे लिए संतोष की बात है। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन के सिलसिले में देशभर में आयोजित होने वाली विभिन्न बैठकों के जरिए इस संगठन के विचार-विमर्श के साथ जनता को सहभागी बनाया गया।

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने शनिवार को जी20 शिखरवार्ता के बाद एक पत्रकार वार्ता में कहा कि नई दिल्ली जी20 लीडर्स घोषणापत्र मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर केन्द्रित है।

विदेश मंत्री ने कहा कि घोषणापत्र सतत् विकास लक्ष्यों की प्रगति में तेजी लाने के लिए एक कार्ययोजना लाया है। इसमें स्थिर भविष्य के लिए हरित विकास के समझौते की कल्पना की गई है। उन्होंने बताया कि यह यह स्थायी विकास के लिए जीवनशैली पर उच्च-स्तरीय सिद्धांतों, हाइड्रोजन के स्वैच्छिक सिद्धांतों, टिकाऊ लचीली नीली अर्थव्यवस्था के लिए चेन्नई सिद्धांतों और खाद्य सुरक्षा और पोषण पर डेक्कन सिद्धांतों का समर्थन करता है। जी20 घोषणा पत्र में परिवर्तन, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने के साथ प्रौद्योगिकी की समावेशी भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने जी20 अध्यक्षता को समावेशी और व्यापक बनाने का प्रयास किया है। यह संतोष का विषय है कि भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ जी20 का स्थाई सदस्य बना है। यह बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के वर्तमान यथार्थ को उजागर करता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिखर सम्मेलन में अर्थव्यवस्था और आर्थिक मामलों में लिये गए फैसलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में कर्ज की समस्या से जूझ रहे देशों की मदद करने के उपायों पर भी फैसले किए गए। उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श में जन केन्द्रित आर्थिक व्यवस्था के महत्व को स्वीकार किया गया। सम्मेलन में विचार-विमर्श की मूल भावना यह थी कि कोई भी वर्ग और देश उपेक्षित न रहे।

Chhapra: सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में चल रहे हैं दो दिवसीय प्रांतीय संस्कृति महोत्सव का समापन शनिवार को हुआ।

इस अवसर पर विद्या भारती, बिहार के संगठन मंत्री ख्याली राम और प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुधा बाला, प्रदेश सचिव मुकेश नंदन, प्रदेश सह सचिव रामलाल सिंह, विद्यालय प्रबंधकारणी समिति के उपाध्यक्ष डॉ हरेंद्र कुमार वर्मा, सचिव सुरेश प्रसाद सिंह उपस्थित थें। 

विभाग निरीक्षक, सिवान विभाग राजेश कुमार रंजन द्वारा पारंपरिक अतिथि परिचय का कार्य संपन्न किया गया। रमेश चंद्र शुक्ला, जिला निरीक्षक, कोसी विभाग द्वारा मंच का संचालन किया गया।

इस अवसर पर संगठन मंत्री ख्यालीराम ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोई मेला, महोत्सव या पर्व मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य होता है कि हम एक दूसरे से संपर्क में आए और अपनी पहचान बरकरार रखते हुए अपने संस्कृति को जिंदा रख सकें। ताकि हमारा नन्हे – मुन्ने भैया बहन पश्चात संस्कृति का नकल नहीं कर सके। क्योंकि जैसी संस्कृति होगी वैसी मनोवृति बनती है। संस्कृति महोत्सव से हमारे भैया बहनों को विभिन्न प्रकार के विधा को सीखने और समझने का मौका मिलता है। इस महोत्सव का वृत – कथन प्रदेश सह सचिव रामलाल सिंह ने दिया। आभार ज्ञापन ललित राय विभाग निरीक्षक, मुजफ्फरपुर विभाग ने दिया।

परिणाम की घोषणा आशुतोष कुमार मिश्रा (प्रांत प्रमुख ,संस्कृति ज्ञान) ने किया।

संस्कृत ज्ञान प्रश्न मंच शिशु वर्ग मे सरस्वती विद्या मंदिर रिंग बंध सीतामढ़ी, फारबिसगंज, नरकटियागंज, बाल वर्ग में फारबिसगंज, नरकटियागंज, नौतन और किशोर वर्ग में फारबिसगंज, नरकटियागंज, रिंग बंध सीतामढ़ी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त किया।

संस्कृत प्रश्न मंच में शिशु वर्ग महाराजगंज, नरकटियागंज, बरहरा कोठी, बाल वर्ग में माधव नगर सिवान, नरकटियागंज, लक्ष्मी नगर सीतामढ़ी, किशोर वर्ग में रिंग बांध सीतामढ़ी, नरकटियागंज, फारबिसगंज क्रमशः प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया।

अंग्रेजी प्रश्न मंच में शिशु वर्ग में शाहपुर पटोरी, रिंग बंध सीतामढ़ी, दर्शन नगर छपरा। बाल वर्ग में विजय हता सिवान, रिंग बंध सीतामढ़ी, बालिका पूर्णिया और किशोर वर्ग में फारबिसगंज रिंग बांध सीतामढ़ी और महाराजगंज ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त किया।

आशु भाषण में किशोर वर्ग में बाघमारा, दर्शन नगर छपरा और बटाहा ने क्रमश प्रथम, द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया।

मूर्ति कला में बाल वर्ग में रिंग बांध सीतामढ़ी, अरेराज और बटाहा किशोर वर्ग में रिंग बांध सीतामढ़ी, बटाहा, अरेराज क्रमशः प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया ।

कथा कथन में रिंग बंध सीतामढ़ी, दर्शन नगर छपरा, फारबिसगंज और बाल वर्ग में बटाहा, सीतामढ़ी, दर्शन नगर छपरा ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त किया।

लोक नृत्य में प्रथम स्थान बरवत सेना, बेतिया ने किया और आचार्य पत्र वचन में प्रथम स्थान विजय व्रत कंठ सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बटाहा ने प्राप्त किया।

इस अवसर पर विभिन्न विद्यालय से आए हुए भैया बहन, संरक्षक आचार्य बंधु- भगनी, स्थानीय विद्यालय के आचार्य बंधु – भगनी एवं विद्यालय के मीडिया प्रभारी अनिल कुमार आजाद उपस्थित थे।

Chhapra:  रेलवे प्रशासन द्वारा यात्री जनता की सुविधा हेतु गाड़ी सं 14617 बनमंखी- अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस को प्रायोगिक आधार पर ठहराव 09 सितम्बर,2023 शनिवार से अगली सूचना तक एकमा स्टेशन पर दिया गया है।

इस अवसर पर शनिवार को एकमा स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में सांसद महराजगंज जनार्दन सिंह सिग्रीवाल द्वारा गाड़ी संo 14617 बनमंखी- अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस को एकमा स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

इस अवसर पर आयोजित उदघाटन समारोह में सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने अपने सम्बोधन में बनमंखी- अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस को सारण जिले के एकमा स्टेशन पर ठहराव देने के लिए रेल मंत्री एवं रेल प्रशासन का आभार व्यक्त किया ।

उन्होंने कहा की एकमां स्टेशन पर पहले बहुत कम यात्री सुविधाएँ थी और मेरे लगातार प्रयास के बाद क्रमिक रूप से एकमा स्टेशन पर विभिन्न सुविधाएं दी गयी। इसी प्रकार मेरे ही प्रयास से एकमा स्टेशन पर अवध आसाम एक्सप्रेस, मौर्या एक्सप्रेस,पाटलिपुत्र एक्सप्रेस और आज जनसेवा एक्सप्रेस को ठहराव मिला है। आज मेरे ही प्रयास का परिणाम है कि एकमा स्टेशन को भारतीय रेलवे ने अमृत भारत योजना के तहत पुनर्विकास स्टेशन योजना में शामिल किया गया है जिसकी घोषणा रेल मंत्रालय द्वारा शीघ्र ही हो जाएगी। उन्होने क्षेत्रीय जनता से अपील की एकमा स्टेशन पर अर्निंग का पूरा ध्यान रखें ताकि ठहराव कायम रहे इसके लिए अधिक से अधिक यात्री अपना उचित टिकट लेकर ही रेल यात्रा करें।

उन्होंने बताया कि एकमा के यात्रियों की माँग एवं मेरे लगातार अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप रेलवे प्रशासन द्वारा यात्री जनता की सुविधा हेतु गाड़ी सं० 14617 बनमंखी- अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस को छपरा – सीवान रेल खण्ड पर पड़ने वाले एकमा रेलवे स्टेशन पर दो मिनट का ठहराव मिला है।

इसी क्रम में 09 सितम्बर, 2023 से एकमा स्टेशन पर गाड़ी सं० 14617 बनमंखी- अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस गाड़ी 16:25 बजे पहुंचकर दो मिनट का ठहराव लेकर16:27 बजे अमृतसर के लिए प्रस्थान करेगी। इस गाड़ी के ठहराव से एकमा समेत आस-पास की जनता को भी सीवान, भटनी, गोरखपुर, गोण्डा, बुढ़वल, सीतापुर, बरेली, मुरादाबाद, सहारणपुर, अम्बाला कैन्ट, जालंदर सिटी तथा अमृतसर तक सीधी यात्रा का प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और यात्रियों को बहुत सुविधा होगी।

इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव, सहायक मंडल इंजीनियर/सीवान राजेश कुमार मिश्रा,सहायक सुरक्षा आयुक्त /छपरा मुकेश सिंह, सहायक वाणिज्य प्रबंधक अजय कुमार सुमन, सहायक मंडल सिगनल एवं दूरसंचार  गौरव श्रीवास्तव, सहित वरिष्ठ पर्वेक्षक,स्टेशन के रेलवे कर्मचारी एवं भाड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थिति थे।

कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन जनसम्पर्क अधिकारी वाराणसी अशोक कुमार ने किया।

पटना/पूर्वी चंपारण,09सितम्बर(हि.स.)। बिहार की पूर्वी चंपारण पुलिस ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा पीएफआई के आतंकी मॉड्यूल मामले में चिन्हित अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। मोतिहारी पुलिस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर पीएफआई के राज्य सचिव रेयाज मारूफ को चकिया थाना क्षेत्र के सुभाष चौक से गिरफ्तार किया है।

रियाज की गिरफ्तारी मोतिहारी पुलिस की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है,क्योंकि बिहार एटीएस और एनआईए इसे लंबे समय से तलाश रही थी।चकिया नगर परिषद के वार्ड-13 के कुअंवा गांव निवासी रियाज मारूफ शनिवार की सुबह मछली खरीदने चकिया बाजार पहुंचा था।इसी दौरान गुप्त सूचना मिलने के बाद चकिया पुलिस ने चकिया के सुभाष चौक के समीप गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरफ्तारी के बाद उसे गुप्त स्थान पर रख कर पूछताछ कर रही है।

मोतिहारी पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी की सूचना एनआईए और एटीएस को दे दी है।जिनके सत्यापन के बाद अग्रेतर कारवाई की जायेगी।

मोतिहारी एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने बताया कि रियाज मारूफ की गिरफ्तारी की सूचना बिहार एटीएस और एनआईए को दी गयी है।रियाज की तलाश काफी लंबे समय से की जा रही थी,लेकिन अक्सर वह चकमा देकर निकल जा रहा था।वही फरारी के दौरान भी लगातार युवाओ को प्रतिबंधित पीएफआई से जोड़ने का काम कर रहा था।

पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई के टेरर मॉड्यूल का पिछले साल खुलासा हुआ था। इस मामले को लेकर पटना के फुलवारी शरीफ थाने में केस दर्ज हुआ था, जिसमें पुलिस ने 26 लोगों को आरोपी बनाया था। बाद में यह केस एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके बाद बिहार के विभिन्न जिलों समेत पूरे देश में एनआईए ने पीएफआई से जुड़े लोगों पर दबिश दी थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने पीएफआई को पूरे देश में बैन कर दिया था।

एनआईए को इस बात की जानकारी मिली थी कि पीएफआई को बैन किए जाने के बावजूद उसके कुछ सदस्य चोरी छिपे इसे एक्टिव करने की तैयारी कर रहे है। जिसके बाद से एनआईए लगातार पीएफआई से जुड़े लोगों की तलाश कर रही है। एनआईए की टीम बिहार के अलग अलग जिलों में लगातार दबिश दे रही है। पिछले दिनों एनआईए मोतिहारी और कटिहार से पीएफआई से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

एनआईए की टीम ने पिछले दिनों मोतिहारी पुलिस की मदद से पूर्वी चंपारण के चकिया में छापेमारी कर पीएफआई से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार लोगों के पास से उनकी बंदूकें भी एनआईए ने जब्त किया था। इससे पहले पकड़े गए मेहसी निवासी मो. याकूब की निशानदेही पर एनआईए की टीम ने चकिया अफसर कॉलोनी में छापेमारी कर मो. शाहिद और मो. कैश को गिरफ्तार किया था। दोनों कपड़ा और बालू-गिट्टी के कारोबार की आड़ में पीएफआई की गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।

इससे पहले पीएफआई मामले में एनआईए ने मधुबनी में दबिश दी थी। 10 सदस्यों की टीम मधुबनी के बेनीपट्टी स्थित मकिया गांव पहुंची थी, जहां एनआईए की टीम ने मकतब विद्यालय के शिक्षक और उसकी दो बेटियों को पकड़ा था और पीएफआई से कनेक्शन सामने आने के बाद शिक्षक और उसकी दो बेटियों से एनआईए की टीम ने बेनीपट्टी थाने में पूछताछ की थी। शिक्षक मो. उज्जैर का बेटा अफगानिस्तान जाने की फिराक में था, जिसे दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा गया है। मो. उज्जैर का बेटा इंटरनेट के माध्यम से परिवार के लोगों से बात कर रहा था।

Chhapra: सेहत केंद्र, राजेन्द्र कॉलेज, छपरा के तत्वावधान में पोषण सप्ताह के अंतर्गत एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसका शीर्षक ” युवावस्था में पोषण का महत्व” था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने करते हुए कहा कि किसी भी समाज एवं राष्ट्र की प्रगति युवाओं पर निर्भर हैं। युवावस्था वह संवेदनशील अवस्था हैं, जहा उचित पोषण द्वारा, उनके मानसिक, शारीरिक विकास को बढ़ावा दिया जाता हैं।

सेहत केंद्र की नोडल पदाधिकारी डॉ. जया कुमारी पांडेय ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि सतत विकास के लक्ष्यों में लक्ष्य 2 में खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण को सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है, जिससे स्पष्ट है कि आज सम्पूर्ण विश्व पोषण के महत्व को समझ चुका है, और भारत सहित सभी अन्य देश इस दिशा में लगातार नीति निर्माण एवम उसके कार्यान्वयन द्वारा अपनी जन दक्षता में सुधार के लिए प्रयत्नशील हैं। परंतु जब तक जन जागरूकता, विशेष कर युवाओं में जागृति नहीं होगी, तब तक इस प्रकार के आयोजन सफलीभूत नहीं होंगे। अतः युवा वर्ग अपने पोषण की पूर्ति हेतु अपने रसोईघर की तरफ जाए।

मुख्य वक्ता डॉ. सीमा सिंह, विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी, सदर हॉस्पिटल छपरा ने अपने वक्तव्य का प्रारंभ करते हुए कहा कि आपका और आपके परिवार का पोषण जितना संतुलित और अच्छा होगा, उतना ही आप सभी एक्टिव व स्मार्ट होंगे। थाली में परोसी गई हर चीज आपके मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव डालती है। आप इस थाली को कितना पोषक बना सकते हैं यह आपके हाथ में है। पोषण का मतलब केवल इतना ही नहीं होता कि आप क्या खा रहे हैं? कितना खा रहे हैं? कितनी बार खा रहे हैं? इसका मतलब है कि आपके शरीर को कितने जरूरी पोषक तत्व मिल रहे हैं। वैसे भी कोरोना काल में इम्युनिटी का आधार सही पोषण एक मुख्य तत्व बनकर उभरा है। संतुलित पोषण के लिए पांच बिंदुओं की आवश्यकता है। पहला अन्न, दूसरा दालें। इनमें राजमा, छोले आदि आते हैं। तीसरे में फैट है, इसमें एक छिपा हुआ फैट होता है और एक दिखता हुआ फैट। दिखते हुए फैट में तो घी और मक्खन जैसी चीजें आ गईं और छिपे हुए फैट्स कई प्रकार के बीज और सूखे मेवे आ जाते हैं। चौथे में फल और पांचवे में सब्जियां। इनसे हमें विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं।

मुख्य वक्ता द्वारा पोषण के महत्व, उसे प्राप्त करने के दैनिक जीवन में विविध स्त्रोतों के विस्तार से छात्र छात्राओं का ज्ञान वर्धन कराने हेतु डॉ. अनुपम कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ. कामेश्वर सिंह, कन्हैया प्रसाद, गौरव कुमार समेत कई विद्यार्थी उपस्थित थे ।

पटना, 09 सितम्बर (हि.स.)। बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन में चली तकरार अभी थमी भी नहीं कि शिक्षा विभाग और बिहार लोक सेवा आयोग अब आमने-सामने आ गए हैं। बीपीएससी के पत्र के जवाब में शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक ने भी एक और पत्र आयोग को लिखा है और कहा है कि इस विवाद को अधिक बढ़ावा नहीं दें वरना मामला न्यायालय तक पहुंच सकता है।

इस मामले की शुरुआत तब हुई जब माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने बीपीएससी के सचिव को पत्र भेजकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मियों और शिक्षकों को शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र सत्यापन कार्य से अलग करने का आग्रह किया था। इस पत्र के जरिए कहा गया था यह प्रतिनियुक्ति किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है और न ही यह शिक्षा हित में है। इसके बाद आयोग के सचिव ने भी शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखकर संविधान के दायरे में रहने की हिदायत दी थी।

बीपीएससी के पत्र के जवाब में शनिवार को शिक्षा विभाग की तरफ से पत्र जारी कर कहा गया है कि आयोग के तरफ से जो पत्र लिखा गया है उसके संदर्भ में यह कहना है कि बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानान्तरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त) नियमावली में विहित प्रावधानों के विपरीत आयोग द्वारा की जा रही कार्रवाई से ध्यान भटकाव के लिए अनर्गल एवं अवांछित तथ्यों का उल्लेख किया गया है, जो न आवश्यक है और न ही उचित।

आयोग अपनी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है एवं इसकी सूचना शिक्षा विभाग के तरफ से पहले ही दी जा चुकी है। आयोग की आंतरिक प्रक्रिया का निर्वहन वह स्वयं करे। इसमें विभाग को कुछ नहीं कहना है। फिर भी आपकी तरफ से जो विभाग की तरफ से दबाव बनाने का जो तथ्य दिया गया है वह अनुचित एवं अस्वीकार्य है। आयोग अपने दायित्वों का निर्वहन करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन आयोग नियुक्ति नियमावली में विहित प्रावधानों के विपरीत ऐसा कोई कार्य न करे, जिससे भविष्य में अनावश्यक न्यायालयीय वादों का कारण बने।

शिक्षा विभाग ने कहा है कि विभाग आयोग का ध्यान बिहार राज्य अध्यापक (नियुक्ति, स्थानान्तरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त्त) नियमावली, 2023 के नियम 7 (ii) 7 (vii) 7 (viii) एवं 9 (i) की ओर आकृष्ट किया जाता है। उसका अनुपालन आवश्यक है ताकि नियुक्ति प्रक्रिया के ससमय एवं सफल पूर्णीकरण में कोई बाधा उत्पन्न न हो। इसके बावजूद अनर्गल शब्दों का प्रयोग करते हुए अनावश्यक पत्राचार में ऊर्जा व्यय करना अनुचित है।

शिक्षा विभाग ने कहा है कि आपने यह भी लिखा है कि बिहार लोक सेवा आयोग, शिक्षा विभाग या राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन नहीं है। शिक्षा विभाग आपको यह स्पष्ट करना चाहता है कि ऑटोनॉमी का अर्थ एनार्की (अराजकता) नहीं है। शिक्षा विभाग ने कहा कि आयोग अपनी स्वायत्तता के नाम पर विवेकहीन एवं मूर्खतापूर्ण निर्णय नहीं ले सकता है और स्थापित परम्पराओं से इतर नहीं जा सकता है।

शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में प्रशासी विभाग, शिक्षा विभाग है और संबंधित नियमावली में कई जगह लिखा है कि परीक्षा की विभिन्न पहलुओं पर प्रशासी विभाग से चर्चा कर ही कार्य किया जाएगा। अन्त में यह उल्लेख करना है कि जब मुख्य सचिव, बिहार द्वारा निर्गत पत्रांक 258/सी. दिनांक 06.09.23 द्वारा यह स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो गई थी तो पुनः आपका यह पत्र भेजना अनावश्यक एवं बचकानी हरकत है। अतः इस पत्र को मूल रूप में आपको लौटाया जाता है।