पटना, 12 दिसंबर (हि.स.)। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शुक्रवार सुबह सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के विकास पदाधिकारी भावेश कुमार सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में पटना और गोपालगंज स्थित 6 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। कार्रवाई सुबह 9 बजे शुरू हुई और शुरुआती जांच में ही उनके पास आय के ज्ञात स्रोतों से 60 प्रतिशत अधिक संपत्ति पाए जाने का खुलासा हुआ।
ईओयू टीम के पहुंचने पर भावेश कुमार पटना स्थित अपने आवास में मौजूद थे। टीम ने उन्हें एक कमरे में बैठाकर पूछताछ शुरू की और सर्च ऑपरेशन को आगे बढ़ाया। तलाशी के दौरान बिहटा स्थित जय माता दी राइस मिल से 40 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। वहीं, पटना स्थित उनके आवास से नकदी, ज्वेलरी, महंगी घड़ियां, जमीन के कागजात और कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले। बिस्तर और अलमारी में रखे बैगों से विभिन्न संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए गए।
बैंक अधिकारी के 6 ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई
दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने सुबह 9 बजे बैंक अधिकारी के 6 ठिकानों पर एक साथ ये कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान भावेश पटना में मौजूद थे। टीम के पहुंचने पर नौकर ने दरवाज़ा खोला। एक साथ इतने अधिकारियों को देखकर वह चौंक गए। टीम के अंदर जाने के बाद मेन गेट बंद था। टीम ने भावेश को एक कमरे में बिठाया और उनसे पूछताछ शुरू की। पहले तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। इसके बाद टीम ने अपना सर्च ऑपरेशन शुरू किया। बिस्तर खोलकर अंदर से बैग निकाले गए। जांच की गई। टीम को सबसे पहले कुछ कैश मिला। आगे की जांच के बाद अलमारी से ज़मीन के कागज़ात और महंगी घड़ियां मिलीं।
गोपालगंज स्थित उनके पैतृक आवास और भावना पेट्रोलियम नामक पेट्रोल पंप पर भी छापेमारी
ईओयू की ओर से गोपालगंज स्थित उनके पैतृक आवास और भावना पेट्रोलियम नामक पेट्रोल पंप पर भी छापेमारी की गई। पेट्रोल पंप को ईओयू टीम ने सील कर दिया है। इसके अलावा पटना के पुष्पक रेसिडेंसी में किराए के फ्लैट, अगमकुआं स्थित जी+5 भवन, राइस मिल और पाटलिपुत्रा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के दफ्तर सहित कुल 6 स्थानों पर तलाशी जारी है।
संपत्तियों की गहन जांच शुरू
ईओयू अधिकारियों ने बरामद दस्तावेजों और संपत्तियों की गहन जांच शुरू कर दी है, ताकि कुल अवैध संपत्ति का सही आकलन किया जा सके। ईओयू के अनुसार, भावेश कुमार सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है।
उधर, उनके बड़े भाई और पूर्व ग्राम प्रधान राजेश सिंह ने आरोप लगाया कि चुनाव नजदीक होने के कारण उन्हें राजनीतिक रूप से फंसाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि ईओयू टीम ने पेट्रोल पंप के सेल्स रिकॉर्ड की जांच की, लेकिन कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।








