Chhapra: भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष राम दयाल शर्मा के द्वारा साढा पंचायत में अग्निकांड के पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया गया.

ज्ञात हो कि बुधवार की रात्रि में साढा़ पंचायत दलित बस्ती में आग लगने की घटना हुई थी. इसमें गरीब लोग आहत हो गए थे. पार्टी के जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने बताया कि अगलगी से पीड़ित लोगों के बीच भोजन एवं राहत सामग्री का वितरण किया गया.

इस अवसर पर भाजपा के वरीय नेता कार्यसमिति सदस्य राजनाथ सिंह राजू, जिला महामंत्री शांतनु कुमार, जिला प्रवक्ता विवेक कुमार सिंह, आईटी सेल के जिला संयोजक कुमार भार्गव एवं आदित्य अग्रवाल आदि उपस्थित थे.

सुरभित दत्त

क्या लोग देश में आई कोरोना संकट को गंभीरता से ले रहे है? ऐसा सवाल इसलिए क्योंकि शहर की मंडियों, गलियों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है की लोग गंभीर नही है. ऐसे लोग अपने घर तक इस बीमारी को आमंत्रित कर रहे है. ऐसे लोगों को लग रहा है कि महामारी से वे बच के रह सकेंगे. लेकिन वे नही जानते की उनकी यह गलती केवल उन पर ही नही बल्कि उनके परिवार और समाज पर भारी पड़ेगी.

लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए सरकार ने मंडियों को खोलने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही एडवाइजरी भी दी थी की सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाए. इसके बावजूद लोग मानने को तैयार नही है. सामान बेचने वाले से लेकर खरीदने वाले लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ख्याल नही रख रहे है.

सोशल डिस्टेंसिंग शब्द बोलते हुए आपको लोग दिख जायेगे पर उनके व्यवहार से यह अब भी बाहर है. WHO के ताजा रिपोर्ट के अनुसार महामारी के और बढ़ने की संभावना है. ऐसे में भारत में लोगों की लापरवाही सरकार के सभी प्रयाशों पर पानी फेर सकती है. बिहार में जिस प्रकार पिछले एक हफ्ते में कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ें है वैसे में यह आने वाले बड़े खतरे की आहात है.  

सुबह होते ही जिस प्रकार घरेलू सामान खरीदने और बेचने वाले लोगों की भीड़ मंडियों में देखी जा रही है वह अलार्मिग है. बीमारी से किसी एक के संक्रमित होने पर भीड़ और आपस के संपर्क के कारण यह सैकड़ों लोगों तक कुछ पल में पहुंच सकता है. लोग अपने को सेफ मां रहे है और सड़क पर निकलना बंद नही कर रहे है. कभी दवाई, कभी सब्जी, कभी अन्य जरूरत के सामानों की खरीदारी के नाम पर सड़क पर घूमने वाले इस बीमारी के जद में आने के बाद पछतायेंगे और अपने साथ साथ परिवार के लोगों को भी आफत में डालेंगे.

इन दिनों जरूरतमंद लोगों को राहत की जरूरत है. कुछ लोगों ने बीड़ा भी उठाया है. लेकिन इस दौरान भी Social Distancing केवल एक शब्द के रूप में ही दिख रहा है व्यवहार में गायब है. हालांकि कुछ मामलों में पुलिस साथ रहने पर इसे मेंटेन कराया जा रहा है. जबकि छोटे स्तर पर राहत पहुंचाने वाले लोग इसका ख्याल रख रहे है पर लेने वालों में धैर्य की कमी दिखने से भीड़ बढ़ रही है और साथ ही बीमारी का खतरा भी उतना ही बढ़ रहा है. वही कुछ लोग घर घर राशन पहुंचाकर इसका पालन भी कर रहे है.

कोरोना वायरस के बढ़ते आंकड़ों ने अब देश में चिंता को बढ़ा दिया है. इस लिए सभी को मिलकर इससे निपटने में सहयोग करने की जरूरत है. ताकि इस महामारी को अब और बढ़ने से किसी भी तरह रोका जाए. जिससे की एक बार पुनः देश की व्यवस्था सही हो सके और हम सभी पूर्व के जैसे आराम से रह सकें.

Taraiya: प्रखंड के डेवढ़ी पंचायत के डेवढ़ी दलित व नोनिया बस्ती में सैकड़ों मजदूर व असहाय महिला पुरुषों के बीच इसुआपुर के डटरा पुरसौली पंचायत के मुखिया संगम बाबा ने राहत सामग्री का वितरण किया.

मुखिया संगम बाबा ने बताया कि इस कोरोना महामारी की संकट में दैनिक मजदूरी करने वाले सैकड़ों महिला व पुरुष मजदूरों के समक्ष दो वक्त के भोजन की समस्या दिन प्रतिदिन उत्पन्न हो रही है. लॉक डाउन के कारण लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे है ऐसे में लोगों का घर चलाना बड़ी समस्या बन गयी है. घर मे खाने के लिए राशन नही है. परिवार में सदस्यों की संख्या भी अधिक है. इसलिये विपदा की इस घड़ी में वैसे जरूरतमंद को चिन्हित कर सूखा राशन वितरित किया जा रहा है.

मौके पर मुखिया संगम बाबा के साथ राजेश बाबा एवं अन्य शामिल थे.

Chhapra: छपरा में लॉक डाउन के बीच लोगों को मदद के लिए युवाओं का एक समूह सामने आया है. कुछ युवाओं द्वारा एक कदम इंसानियत की ओर नाम से समूह बनाकर जरूरतमंदों लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. अब तक पिछले 28 दिनों से यह युवा शहर में घूम घूम कर हर रोज लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. लॉक डाउन के पहले चरण शुरू होने के दो-तीन दिन बाद से ही इन युवाओं ने समूह बनाकर खाद्य सामग्री व राशन बांटना शुरू कर दिया था. 28 दिन बीत जाने के बाद भी इन युवाओं ने खाद्य सामग्री वितरण कार्य जारी रखा है. जिसमें छपरा के मोबाइल सिटी के आशीष आर्यन, रजनीश बाबा राहुल, निमन्त्रण मोबाइल, अजय बाबा आदिशक्ति मोबइल समेत आधा दर्जन युवाओं ने लोगों की मदद का बीड़ा उठाया है.

युवाओं द्वारा खाद्य सामग्री वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंस का भी ख्याल रखा जा रहा है. इस दौरान भोजन वितरण कार्यक्रम में पुलिस की ओर से भी जवान मौजूद रह रहे हैं. आशीष ने बताया कि जब तक लॉक डाउन जारी रहेगा तब तक राशन वितरण का काम होते रहेगा ताकि जो भी जरूरतमंद है उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जा सके.

Patna: कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर सभी लोगों को मॉस्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. बिना मॉस्क पहने लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. इसे लेकर स्वास्थय विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है. इसके तहत फल बेचने वाला, सब्जी विक्रेता, सफाई कर्मी, किराना दूकानदार, सुधा डेयरी, दवा के दूकानदार व कर्मी सहित उन सभी लोगों को इसका अनुपालन करना है जो खरीदारी करने के लिए इन दुकानों पर जाते हैं. अनुपालन नहीं करने पर संबंधित व्यक्ति को दंडित किया जायेगा.

बता दें कि आम जन एन- 95 मॉस्क के अलावा घर के बने हुये मॉस्क या जीविका समूहों के द्वारा तैयार की गई मास्क का प्रयोग कर सकते हें. विभाग का कहना है कि एन- 95 मास्क चिकित्सा से जुड़े कर्मियों के लिये आवश्यक है. अन्य कर्मी व लोगों को थ्री प्लाई मास्क या कपड़ा से बना हुआ डबल लेयर मास्क उपयुक्त है.

कपड़ें के मास्क को साफ कर बार- बार प्रयोग में लाया जा सकता है. मालूम हो कि कोरोना वायरस का संक्रमण एक आदमी से दूसरे में फैलता है. दिनों दिन कोरोना वायरस संक्रमण के पोजिटिव केस में इजाफा हो रहा है.

इस परिदृश्य में कोई भी संक्रमित व्यक्ति अनजाने में दूसरे को संक्रमित कर सकता है. साथ ही सामान्य व्यक्ति भी इस संक्रमण का शिकार हो सकता है. इसके मद्देनजर सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया हे. ताकि कोराना वायरस संक्रमण को यथासंभव कम किया जा सके.

कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए उठाया कदम

बिहार व अन्य जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. रोजाना पॉजिटिव के सामने आ रहे हैं. इसके मद्देनजर सरकार ने ये सुरक्षात्मक कदम उठाया है. संक्रमण के इस दौर में सभी लोगों को इसका अनुपालन करना अनिवार्य कर दिया गया है. विभाग के अनुसार मास्क पहन कर बाहर निकलने से संक्रमण के फैलाव को कम किया जा सकता है. इसीलिए सभी लोगों के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है.

मास्क के प्रयोग से संक्रमण के फैलाव को कम किया जा सकता है

मास्क पहने के अलावा लोगों को सरकार की ओर से लगाए गए लॉक डाउन का शत-प्रतिशत पालन करना चाहिए. सोशल डिस्टनसिंग से ही कोरोना को मात दी जा सकती है. लोगो को आवश्यक कार्य होने पर बाहर निकलना चाहिए. इसके अलावा घर के किसी भी सदस्य का बाहर से घर आने पर सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए चिकित्सकों का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को घर प्रवेश नहीं करना चाहिए इसके पूर्व स्नान कर लेवे. स्नान नहीं करने की स्थिति में हाथ को सैनिटाइजर व साबुन से धोना अनिवार्य है साथ ही उस व्यक्ति को पहने हुए कपड़े को भी बाहर छोड़ देना चाहिए. पूरे शरीर को साफ करने के बाद ही घर में प्रवेश करना चाहिये. इसका अनुपालन कर कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को बहुत हद तक कम कर सकते हैं.

Manjhi: प्रखण्ड के आधा दर्जन बाजारों पर भीड़-भाड़ की सूचना मिलने के बाद बीएमपी के जवानों ने पहुंचते हीं हल्के बल का प्रयोग किया. जिससे कुछ देर तक सब्जी दुकानदारों व ग्राहकों में भगदड़ मची रही. बेवज़ह घूमने वाले, मनचले युवक इधर-उधर भाग कर छिपते नजर आये. इसे भी पढ़ें: अग्निपीड़ितों को समाजसेवी धर्मेंद्र सिंह ने मुहैया कराया जरूरी सामान 

प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को नरपलिया, ताजपुर, मेहंदीगंज, डुमरी, शनिचरा बाजार, चौबाह स्थान आदि बाजारों पर अचानक पहुंचे बीएमपी के जवानों पर नजर पड़ते हीं लोग इधर-उधर भागने लगे. इस दौरान दुकानदारों समेत कुछ लोगों को उनके डंडे का सामना भी करना पड़ा. हालांकि उनके गिड़गिड़ाने पर जवानों ने कान पकड़ा कर उठक-बैठक कराने के बाद चेता कर छोड़ दिया.

वहीं स्थानीय प्रशासन व बीएमपी अधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए लोगों से कहा कि संक्रामक महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हर हाल में करना है. लोगों की लापरवाही व मनमानी बर्दास्त नही की जाएगी. वहीं सब्जी दुकानदारों को प्रशासन ने निर्देश दिया कि वे अपनी दुकान दुरी बना कर ठेले पर लगायें. दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग नही दिखा तो उनके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इस कार्रवाई से प्रखण्ड क्षेत्र में सरकारी निर्देश का पालन नही करने वाले व बेवजह बाहर निकल कर घूमने वाले लोगों में हड़कम्प मच गया है.

Chhapra: शहर के साढ़ा ढाला बस स्टैंड खेमाजी टोला के दलित बस्ती में आग लग गयी. बुधवार की देर रात दस झोपड़ीनुमा घरों में अचानक आग लग गई. जिसमें लाखों के सामान जलकर नष्ट हो गए. इस अगलगी की घटना से दलितों पर मुसीबत के पहाड़ खड़ा हो गया है.

सूत्रों के मुताबिक अगलगी की घटना शॉर्ट-सर्किट से बतायी जा रही है. इस लॉकडाउन की स्थिति में दलितों को बेघर होना पड़ा.

गुरुवार को समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने घटनास्थल पर पहुंचकर बेघर हुए लोगों को राशन की व्यवस्था कर उनके बीच वितरण किया. इसमें लक्ष्मण चौधरी, दीपक नट, छठी नट, मुन्ना चौधरी, सुदिष्ट सहनी, सुनेहरी देवी, कोरेया सहनी व अन्य दो की घर की पूरी तरह क्षति हुई है.

मौके पर समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने जिला प्रशासन से अविलंब उनलोगों को सुरक्षित जगह रहने की व्यवस्था करने और साथ ही खाने-पीने के लिए भी समुचित इंतजाम करने की बात कही.

उन्होंने इस विकट स्थिति में सांत्वना देते हुए कहा कि घबराने की बात नहीं है. गरीबों व असहायों के प्रति हमेशा खड़ा रहेंगे. किसी भी परिस्थिति में पीड़ितों को खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर नहीं किया जाएगा. जिला प्रशासन से हर सम्भव मदद के लिए कहा जाएगा.

Chhapra: भारत स्काउट और गाइड के डिस्ट्रिक्ट ओपन ट्रूप ने कामता सखी मठ, उत्तरी दहियावां टोला समेत अन्य जगहों पर 51 जरूरतमंद परिवारों के बीच घर घर जा कर सूखा राशन (चावल,आटा और आलू तथा अन्य किराना सामग्री) का वितरण किया.

राष्ट्रीय मुख्यालय द्वारा कोविड 19 के तहत लागू लॉक डाउन में जीरो हंगर (कोई भूख न रहे) के तहत वितरण किया. तथा मास्क के साथ साथ सभी लोगो को कोरोना जागरूकता पंपलेट का वितरण करते हुए उन्हें जागरूक भी किया.

इस मौके पर डिस्ट्रिक्ट ओपन ट्रूप के स्काउट मास्टर सह राष्ट्रपति स्काउट अमन राज ने कहा कि वैश्विक महामारी की इस दौर में समाज के वंचित तबके की सहायता करना सभी का दायित्व है.

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स्काउट एंड गाइड संगठन ने अपने बलबूते पर वैसे लोगों को चिन्हित कर सहायता करने का निर्णय लिया है, जो प्रतिदिन कमा कर अपना तथा अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं, लेकिन लॉक डाउन के कारण उनके समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. साथ ही साथ अमन राज ने स्वच्छता पर विशेष ध्यान देंने के अलावे बार – बार हाथ को साबुन से धोने, नाक, कान और आंख को बिना वजह न छुए की अपील की.

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Chhapra: रोटरी क्लब सारण के द्वारा रौजा गाँव में जरूरतमंद तीन सौ परिवारों के बीच खाद्य सामग्री तथा मास्क का वितरण किया गया.

खाद्य सामग्री में एक पैकेट में पाँच किलो चावल, तीन किलो आटा, तीन किलो आलू, दो किलो प्याज, एक किलो नमक, दो बड़ा पैकेट बिस्कुट, दो पीस लाइफ़बॉय साबुन, मास्क आदि था.

रोटरी क्लब सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल ने सभी से अपील की हैं अपनें आस-पास के जरूरतमंदो का ख्याल रखें तथा उन्हें भोजन उपलब्ध करवायें। हमेशा मास्क पहन कर रहें, हमेशा साबुन से हाथ धोते रहें, अपनी सावधानी हीं कोरोना से बचाव हैं. बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर बिल्कुल भी न निकलें. हमेशा सामाजिक दूरियाँ बना कर रखें.

उन्होंने बताया कि इस कार्य में बी अलंकार के विनोद कुमार प्रसाद एवम आर्या कंस्ट्रक्शन एण्ड सप्लायर्स के पुनीत कुमार गुप्ता, रोहित कुमार, नीरज जैन ने सहयोग किया.

इस अवसर पर अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार गुप्ता, सचिव अजय कुमार गुप्ता, यातायात प्रभारी राजेश सिंह आदि उपस्थित थे.

Chhapra: शहर के साढ़ा बस स्टैंड के पास झुग्गियों में बुधवार देर रात आग लग गयी. आग लगने की घटना से आसपास के लोगों में दहशत फैल गयी और सभी आग बुझाने में जुट गए. रात्रि के समय आग लगने के कारण लपटे काफी दूर से भी आसमान में देखी जा रही थी.

स्थानीय लोगों ने अग्निशमन विभाग को सूचना दी जिसके बाद मौके पर पहुंचे अग्निशमन कर्मियों ने आग पर काबू पाया. हालांकि तेज हवा के कारण उन्हें भी काफी मसक्कत करना पड़ा. इस अगलगी में हुए नुकसान का फिलहाल आंकलन किया जा रहा है. किसी के हताहत होने की सूचना फिलहाल नही है.

हर साल 22 April को दुनिया में 193 देशों मे पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसकी शुुुुरुआत 1970 में  अमेरिका में हुई थी। मगर  इस वर्ष खास बात है कि इस वर्ष इसकी पचासवीं वर्षगांठ है। दूसरी खास बात है कि इस वर्ष पूूरी दुनिया में वैश्विक महामारी फैली हुई है ऐसे में पर्यावरण में हमारी गलतियों से हुई बदलाव से सभी अचंभित है।  प्रदूषण के स्तर में गिरावट और वायु की स्वच्छता को देखते हुए हमे समझना चाहिए कि मानव ने किस हद तक प्राकृतिक संतुलन को हानि पहुंचाया है।

महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉक डाउन से प्रकृति को भी फायदा हुआ है।जैसे गंगा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी एवं यमुना के पानी में भी थोड़ा सुधार हुआ है। हवा सांस लेने के लायक हुई। ओजोन परत में सुधार हुआ। पृथ्वी के कम्पन में भी कमी आईं है।

लोग विकास की धुन में लगे हुए थे किन्तु विकास एवं  विनाश समानांतर रूप से होता है फिर ऐसा विकास क्यों और किसके लिए ? अपनी भावी पीढ़ी को विरासत में क्या देंगे जब पर्यावरण बचेगा ही नहीं ।अतः मानव को विवेक एवं बुद्धि से सचेत होकर विनाश रहित विकास करना चाहिए अन्यथा विकास की कीमत विश्व के विनाश से चुकानी पड़ेगी।

सर्वोदय दर्शन का मूलमंत्र है ” सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया:। सर्वे भद्राणि पश्यं तू मा कश्चित दूखभाग भवेत्”। तात्पर्य है कि सभी जनसमुदाय सुखी रहें, सभी निरोग रहें, सभी पारस्परिक कल्याण का प्रयास करें तथा किसी को किसी प्रकार का दूख न हो। यदि हम सर्वोदय दर्शन के इस प्रमुख अवधारणा को भारतीय परिवेश में क्रियान्वित करने का काम करें तो हमें सबसे पहले पर्यावरणीय प्रदूषण से विमुक्त होने का प्रयास करना पड़ेगा।

प्रकृति ने मानव को अन्य जीवों की अपेक्षा एक विलक्षण वस्तु ” मस्तिष्क” प्रदान किया है जिसका दुरुपयोग किया गया।उसने अपने जैविक और भौतिकवाद के चक्कर में पड़कर एवं स्वार्थ में पड़कर प्रकृति और पर्यावरण संकलन को क्षत विक्षत कर दिया। विज्ञान की निरंतर भाग दौड़ तथा मानव द्वारा भौतिकवाद प्राकृतिक संसाधनों को तीव्रता से नष्ट किया जा रहा है। हमारा भरा पूरा संसार प्रदूषण के मायाजाल में फंसकर विनाश की ओर जा रहा है।हमे उससे मुक्ति पाना असम्भव तो नहीं है यह हमे करोना के कारण लॉक डाउन ने सीखा दिया।प्रदूषण की लपेट में धरती, आकाश,जल एवं वायु आ चुका है।इस चुनौती को सामना करने के लिए हमे तुरंत प्रभावी कदम उठाने होंगे।भविष्य में संसाधन और पर्यावरण संतुलन आदि सब खत्म हो जाएंगे तो हम हम भावी पीढ़ी को क्या देंगे।

लोगों को उपभोक्तावादी जीवन शैली को बदलने और विकास की अवधारणाओं को पुनर्विचार करने की जरूरत है। पर्यावरण के अनुकूल नीति अपना कर ही हमारा भविष्य प्रकृति सम्मत विकास पर निर्भर करेगा। ज़रूरी है कि हम ग्रीन बिल्डिंग, प्रदूषण मुक्त स्वच्छ टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिक वाहन की ओर अग्रसर हो।

करोना वायरस महामारी के बाद हमे अपने विकास और आर्थिक नीतियों की नए सिरे से दोबारा समीक्षा करना चाहिए।
सभी लोग संकल्प के साथ धरती को बचाने के लिए आगे आएं और मिलजुल कर इसे खूबसूरत बनाएं।

लेखक के विचार उनके ब्लॉग से लिए गए है.

प्रशांत सिन्हा
 पर्यावरणविद् 

आप उन्हें इनके Blog https://prashantpiusha.blogspot.com/ पर भी पढ़ सकते है.

Photo Courtesy: Google

Chhapra: कोरोना संक्रमण काल में सब lockdown है. ऐसे में प्रतिदिन दिहाड़ी मजदूरी, रिक्शा चलाकर और अन्य तरीके से गुजर बसर करने वाले लोग काफी संकट में है. ऐसे में इन लोगों की मदद करने के लिए समाज के प्रतिष्ठित लोग आगे आ रहे है.

छपरा शहर के वार्ड 9 के पूर्व पार्षद व समाजसेवी ओम प्रकाश पुतुल ने भी इन दिनों जरुरतमंदों की मदद के लिए हाथ बढाए है. श्री पुतुल के द्वारा जरुरतमंदों तक राहत सामग्री उनके घर तक पहुंचाई जा रही है.

उन्होंने बताया की मुहल्ले में कई ऐसे परिवार है जिनको इस संकट की घडी में मदद की जरुरत है. इसके मद्देनजर उन सब तक सामाजिक दूरी को बनाये रखते हुए उनके घर तक मदद पहुंचाई जा रही है. ताकि वे अपने घर में भूखे ना सोये.

उन्होंने बताया कि लगभग 250 परिवारों तक राहत पहुँचाने की कोशिश की है. इससे इस संकट के दौर जरूरतमंद लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी.