छपरा: ‘कितना सुरक्षित है सड़क पर यात्रा करना’ ये सवाल आज छपरा और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण बन गया है. छपरा में आये दिन सड़क दुर्घटना आम बात बन कर रह गई है. हर महीने यहां कोई न कोई बड़ी सड़क दुर्घटना हो ही जाती है. ज्यादातर बड़ी घटना अनियंत्रित ट्रक या बस से होती है जिसका खामियाजा आम आदमी को जान गंवा कर भुगतना पड़ता है.

छपरा जिले में पिछले एक वर्ष में ऐसी दर्जनों घटनाएँ है जिसमे अनियंत्रित ट्रक से कुचल कर कई बेमौत मारे जा चुके है. अभी एक महीने पूर्व ही छपरा के पुलिस क्लब के पास हुई सड़क दुर्घटना में युवक को जान गवांनी पड़ी थी वही डोरीगंज-छपरा मुख़्यपथ पर आये दिन सड़क दुर्घटना के कई मामले सामने आये है. हद तो तब हो गई जब 31 अक्टूबर(शनिवार) की दोपहर में शहर के व्यस्ततम इलाके काशीबाजार मेन रोड पर अनियंत्रित ट्रक ने एक व्यक्ति को कुचल डाला.

विदित हो कि एक वर्ष पूर्व इसी सड़क पर सुबह-सुबह कोचिंग जा रही छात्रा को भी अनितंत्रित वाहन ने धक्का मार दिया था जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी. हर दुर्घटना के बाद अक्रोशितों द्वारा सड़क जाम, आगजनी, तोड़फोड़ किया जाता है पर ट्रैफिक की समुचित व्यवस्था पर किसी का ध्यान नहीं जाता. कल हुई घटना के पश्चात भी आक्रोशित लोगों ने दर्जनों ट्रकों के शीशे तोड़े, एक ट्रक को आग भी लगाई गई, जमकर हंगामा भी हुआ. पर क्या इतना करने से समस्या का समाधान हो जाएगा.

क्या है दुर्घटना के कारण:

  • शहर में बड़े वाहनों के परिचालन के लिए बाई-पास का नहीं होना
  • बड़े वाहनों के गति सीमा निश्चित नहीं होना

क्या है समाधान:

  • प्रशासन और आम जनता को मिलकर कोई रास्ता निकालना होगा.
  • ट्रैफिक नियमों का पालन करना होगा.
  • शहर में हर छोटे-बड़े पोस्ट पर ट्रैफिक कंट्रोल की व्यवस्था
  • मोटर बाईक चालको को भी हेलमेट की अनिवार्यता को समझनी होगी.
  • बड़े वाहनों के लिए शहर में गति की एक निश्चित सीमा तय होनी चाहिए.

ऐसे मामलो में प्रशासन को भी सक्रियता दिखानी होगी साथ ही आम लोगों को भी सुरक्षित वाहन परिचालन के लिए प्रयास करना होगा. दुर्घटनाओं में गलती चाहे जिसकी भी होती हो पर आगे ऐसे घटना ना हो इसे लेकर हम सब को आगे आना होगा और ट्रैफिक नियमों का पालन करना होगा.

याद रखे जब भी हम घर से बाहर जाते है तब कोई न कोई आपके वापस आने का इन्तजार कर रहा होता है.

छपरा: विधानसभा का चुनाव सारण में 28 अक्टूबर को संम्पन्न हो चूका है. चुनाव के बाद कुछ प्रत्याशी जहां अपने-अपने जीत का दावा करते नज़र आ रहे है. वहीं कुछ प्रत्याशी जीत तो नहीं पर अच्छा-खास वोट मिलने की बात करते नज़र आ रहे हैं. ज्ञात हो कि इस बार के चुनाव में सारण में कुल 58.29% वोटिंग हुई है जो पिछले बार की तुलना में ज्यादा है. सभी प्रमुख प्रत्याशी बढ़े वोट प्रतिशत पर अपना-अपना दावा कर रहे है.

सभी दलीय और निर्दल प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालय पर सुबह-शाम कयासों का बाजार लग रहा है, साथ ही उनके समर्थकों में भी हार-जीत को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. विधानसभा चुनाव का परिणाम 8 नवंबर को आना है पर आम जनता में अभी से ही सारण के भावी विधायक कौन होंगे इसको लेकर चौक-चौराहो, चाय दूकान, पान दूकान पर खूब चर्चा हो रही है. हालांकि इस बार जनता भी सीधे-सीधे किसी के जीत का दावा नहीं कर रही है पर अलग-अलग एरिया के हिसाब से आंकड़ो का गणित जरूर बैठाया जा रहा है. क्षेत्र में किस उम्मीदवार को कहां-कहां वोट मिले है इस बात पर भी चर्चा आम है. प्रत्याशियों द्वारा भी अपने पोलिंग एजेंट से मिले रिपोर्ट के आधार पर प्राप्त वोटों का अनुमानित आंकड़ा तय किया जा रहा है. 8 नवंबर को जब इवीएम खुलेगा तब सारण के सूरमाओं के भाग्य का फैसला हो जायेगा.

फिलहाल मौसम का मिज़ाज जरूर कुछ नर्म हुवा है पर सारण में प्रत्याशियों के हार-जीत को लेकर चर्चा का बाजार जरूर गर्म हो गया है.

छपरा: श्री हनुमज्जयंती समारोह का 48वां वार्षिक अधिवेशन रविवार से शहर के मारुती मानस मंदिर में शुरू हो गया. 10 नवम्बर तक चलने वाले इस अधिवेशन में देश के विभिन्न जगहों से आये संत प्रवचन करेंगे. श्री रामार्चा पूजा के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई. इस दौरान रामानंदाचार्य, श्रीराम भद्राचार्यजी, चित्रकूट, प्रज्ञा भारती गिरि (पंछी देवी) , हरदोई, मानस मर्मज्ञ वैराग्यानंदजी परमहंस, खलीलाबाद, कृष्णानंद त्रिपाठी रामायणी, वाराणसी, ईश्वर दास ब्रह्मचारी, जलौन, विद्याभूषण कविजी, छपरा और शिववचनजी, आमी प्रवचन करेंगे.

यहाँ देखे कार्यक्रम:
HANUMAAN JAYANTI (1)

HANUMAAN JAYANTI (2) HANUMAAN JAYANTI (3)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रवचन के लिए बड़े पंडाल का हुआ निर्माण:

समारोह को लेकर मारूति मानस मंदिर परिसर में विशाल पंडाल का निर्माण कराया गया है. जहां बैठकर श्रद्धालु महिला-पुरूष प्रवचन सुनेंगे.

प्रवचन सुनने वालों के लिए बना भव्य पंडाल
प्रवचन सुनने वालों के लिए बना भव्य पंडाल

मेले जैसा रहता है नजारा:

श्री हनुमज्जयंती समारोह में प्रवचन सुनाने दूर दूर से लोग आते है. ऐसे में मंदिर परिसर में मेले जैसा नजारा देखने को मिलता है. धार्मिक पुस्तकों से लेकर खाने पीने के सामान के स्टॉल लगाये गए है. बच्चों के लिए झूला भी लगाया गया है.

11 नवंबर को शोभा यात्रा के साथ कार्यक्रम का समापन हो जायेगा.

 

पटना: बिहार विधानसभा की  55 सीटों के लिए चौथे चरण का मतदान जारी है। सुबह 11 बजे तक 27.77% मतदान. अबतक हुए चुनाव में सबसे अधिक मतदान पश्चिमी चंपारण में 31.30%, वहीँ सबसे कम 22.85% मतदान सीतामढ़ी में हुआ है.

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पूर्वी चंपारण के मधुबन विधान सभा क्षेत्र के बूथ संख्या 56-57 पर मतदाताओं की कतार Photo: अवनीश कुमार  

चौथे चरण में सात जिलों – मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज और सीवान की 55 सीटों पर वोट डाले जा रहे है.

सिवान जिले के महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र के भगवानपुर में बूथ पर खड़े मतदाता
सिवान जिले के महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र के भगवानपुर में बूथ पर खड़े मतदाता Photo :Dharmendra 

सीवान जिले के रघुनाथपुर विधान सभा के बूथ संख्या 150 पर मतदाताओं ने सड़क, आंगनबाड़ी, बिजली सहित अन्य समस्याओं को लेकर वोट बहिष्कार किया है. वहीँ सीवान के दरौली विधान सभा क्षेत्र के गुठनी प्रखंड अंतर्गत देवरिया गांव में भी विकास के लिए वोट का बहिष्कार किया गया है.

2010 के विधानसभा चुनाव में 55 में से 26 सीटों पर बीजेपी और 24 सीटों पर जेडीयू ने जीता था वहीँ आरजेडी को केवल दो सीटों से संतोष करना पड़ा था, जबकि तीन सीटें निर्दलीयों के खाते में गई थीं. लेकिन इस बार महागठबंधन के खेमे से आरजेडी ने 26 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं जबकि जेडीयू ने 21 और कांग्रेस ने आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं.

सुरक्षा व्यवस्था को मद्देनज़र रखते हुए 43 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान सुबह सात से शाम पांच बजे तक होगा, जबकि आठ सीटों पर चार बजे तक होगा और चार सीटों पर मतदान तीन बजे ही खत्म हो जाएगा. 3043 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों और राज्य पुलिस की 1163 कंपनियां (प्रत्येक कंपनी में 100 जवान) तैनात की गयी. नदी में गश्त करने के लिए 38 मोटर बोट को सेवा में लगाया गया है.