New Delhi, 15 सितंबर (हि.स.)। पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। नकवी ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि संसद द्वारा पारित वक्फ व्यवस्था में सुधार का निर्णय विशुद्ध रूप से आस्था की रक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था के सुधार के लिए है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कुछ भ्रष्ट लॉबी लूट के लाइसेंस का लीगल छूट चाहती हैं। इसीलिए वे हंगामा और काल्पनिक भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने वक्फ की पूरी व्यवस्था को आसमानी किताब बना दिया था जिसे छूना मना था।

आगे नकवी ने कहा कि वक्फ बोर्ड को निशाना बनाने वाले वे लोग हैं जो अपनी स्वार्थ के लिए कानूनी छूट चाहते हैं। वे वक्फ बोर्ड में हुए सुधारों को बाधित करना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट को संवैधानिक दृष्टिकोण से हर कार्य की जांच करने का अधिकार है। सरकार अपना पक्ष रख रही है। वक्फ कानून प्रशासनिक सुधार और धार्मिक आस्था के संरक्षण की गारंटी के लिए है। इसमें कोई संशय नहीं है। उन्होंने कहा कि इस धर्मनिरपेक्ष देश में वक्फ बोर्ड सांप्रदायिक आधार पर प्रवेश या नो एंट्री का फॉर्मूला चाहते हैं। कोई भी दूसरे धर्म का व्यक्ति इस प्रशासनिक कानून का हिस्सा नहीं बन सकता। धर्मनिरपेक्ष देश में इस प्रकार का सांप्रदायिक हमला स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। संवैधानिक सुधार में सांप्रदायिक प्रहार करना ठीक नहीं है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर पूरी तरह से रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पूरे कानून पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं है। कोर्ट ने कुछ प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाई है।