Chhapra: गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में मन्दिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की. छपरा में इस दैरान बेहद खुशी का महौल देखने को मिला. तमाम मंदिरों में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा पुजारियों के साथ पूजन समारोह को लाइव देखा गया. इस दौरान छपरा के तमाम मंदिरों में हर्ष और उत्साह का माहौल देखा गया. मंदिर के पुजारी स्मार्टफोन, टैब और स्मार्ट टीवी पर भूमि पूजन समारोह देख रहे थे.

धर्मनाथ मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों में लोगों ने भूमि पूजन समारोह को लाइव देखा और प्रसाद बांट कर लोगों को बधाइयां दी.

छपरा में बजरंग दल के धनंजय ने बताया कि आज हम सभी का जीवन धन्य हो गया. इस ऐतिहासिक पल का गवाह हम सभी बने हैं. यदि कोरोनावायरस नहीं होता तो आज हम सभी अयोध्या में रहते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को किया अपना वादा पूरा किया है.

इसके अलावा मंदिर के महंत बिंदेश्वरी पर्वत ने कहा कि मोदी सरकार रामलला के लिए उनकी जन्मभूमि पर मंदिर बनवा रही है. पूरे देश में खुशी का माहौल है मिठाईयां बांट रही हैं.

वही पूजन समारोह को लाइव देख रहे चरण दास ने कहा कि आज हम सभी हर जगह पूजा-अर्चना हो रही है. पूरे देश में खुशहाली का माहौल है हम सभी राम मंदिर के लिए तन मन से समर्पित हैं आज करोड़ों देशवासियों का सपना पूरा हुआ है.

Chhapra: सावन में कोरोनावायरस पर लोगों की आस्था भारी पड़ती नजर आ रही है. 6 जुलाई को सावन की पहली सोमवारी के दिन छपरा के सभी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे. इस दौरान छपरा के धर्मनाथ मंदिर परिसर में अलग ही नजारा को देखने को मिला. जिला प्रशासन के निर्देश पर मंदिर का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया था . इस दौरान जब श्रद्धालु मंदिर के गेट पर पहुंचे तो गेट बंद पाया फिर श्रद्धालुओं ने मंदिर के गेट पर ही पूजा-पाठ की और फूल माला चढ़ाकर शिव की आराधना की.

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इस दौरान काफी लोगों ने मंदिर के गेट पर ही जल चढ़ा दिया और फूल माला चढ़ाकर शिवलिंग का दूर से ही दर्शन किया. लोगों को गेट पर पूजा अर्चना करते देख मंदिर प्रशासन की ओर से उन्हें वापस जाने का निर्देश दिया गया. हालांकि इसके बावजूद कई श्रद्धालुओं ने गेट पर पूजा-पाठ करके वापस चले गए.

इससे पहले रविवार को जिले के कई प्रसिद्ध मंदिरों को जिला प्रशासन की ओर से सील कर दिया गया था. ताकि कोई भी श्रद्धालु अंदर ना जाने पाए. धर्मनाथ मंदिर में भी एहतियातन सभी प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया गया था. उसके बाद श्रद्धालु गेट पर ही पूजा करके वापस चले गए.

आपको बता दें कि सावन में सभी मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखने का निर्देश दिया गया है. जिला प्रशासन ने अगस्त के पहले हफ्ते तक सभी शिव मंदिरों को बंद रखने का निर्देश दिया है.