Chhapra: भारतीयता को ध्यान में रखकर नई शिक्षा नीति बनाई गई है. ऐसा पहली बार हुआ है कि देश में इस तरह की शिक्षा नीति लागू हो रही है. उक्त बातें शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास समिति के राष्ट्रीय सचिव अतुल भाई कोठारी ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के तत्वावधान में हेजलवुड स्कूल में आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कही.

उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति अभी ड्रॉफ्ट मोड पर है. 3 दिसंबर तक सुझाव इसमें मांगे गए हैं. उन्होंने स्कूल संचालक से अपने सुझाव सरकार को भेजने को कहा. उन्होंने कहा कि इसमें विशेषताएं में बहुत ज्यादा है. लेकिन कमियां भी कुछ है. इसे दूर करने के लिए सरकार से मांग की जाएगी.

इस सेमिनार में जिले भर के प्राइवेट स्कूल के संचालकों ने अपनी अपनी बातें रखी. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के साथ पीबी सिंह, पूर्व प्राचार्य अरुण सिंह, सीपीएस निदेशक हरेंद्र सिंह, सन्त जोसेफ के सचिव डॉ देव सिंह, पूर्व प्राचार्य रामदयाल शर्मा तथा हेजलवुड निदेशक बी सिद्धार्थ ने दीप प्रज्जवलित करके किया.

प्राइवेट स्कूलों का स्वामित्व खत्म करना चाहती है सरकार: सीमा सिंह
इस दौरान सेमिनार को सम्बोधित करते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति में बहुत सारी खामियां हैं. इसका बुरा असर प्राइवेट स्कूलों पर पड़ेगा. उन्होंने सरकार के स्कूल मैनेजिंग कमिटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्कूल हमारा और इसका संचालन बाहरी बॉडी के हाथों में दिया जा रहा है, जो कि बिल्कुल गलत है. नई शिक्षा नीति एसएमसी में स्कूल का एक भी सदस्य कोई नहीं होगा इससे कोई और हमारे स्कूल को मैनेज करेगा. बाहर के लोग स्कूल चलाएंगे. बाहरी लोग स्कूलों को समस्या नहीं समझ सकते. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा खराब कर रही है.

प्राइवेट स्कूल के संचालन में हस्तक्षेप न करे सरकार
महासचिव हरेंद्र सिंह ने कहा कि इस नीति पर सरकार को पुनः विचार करना चाहिए. अगर यह नीति लागू हुई तो प्राइवेट स्कूलों के स्वामित्व पर खतरा मंडरा जाएगा. वही सीपीएस के मैनेजर विकास सिंह ने कहा कि नयी शिक्षा नीति में बाहरी लोग स्कूल के व्यवस्था में हस्तक्षेप कर सकेंगे जो कि उचित नहीं है.

सेमिनार को संबोधित करते हुए सन्त जोसेफ अकादमी के सचिव देव कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा नीति में बहुत सारी कमियां हैं सरकार ने 2014 में गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा था. आज तक सरकार ने उसका पेमेंट नहीं किया. सरकार अपने सरकारी स्कूलों को मैनेज नहीं कर पा रही है. अब प्राइवेट स्कूलों के लिए नीति निर्धारित की जा रही है. शिक्षा सिर्फ प्राइवेट स्कूलों में बची है. सरकारी स्कूलों के हाल से सभी परिचित हैं. उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेट स्कूलों के संचालन में हस्तक्षेप ना करें तो ज्यादा बेहतर है.

इस अवसर पर जिले के निजी विद्यालयों के संचालक और उनके प्रतिनिधि मौजूद थे.

new education policy, seminar, chhapra, saran,

 

यहाँ देखिये VIDEO

छपरा: हिन्दी दिवस के अवसर पर छपरा टुडे के स्थानीय कार्यालय में ‘राष्ट्रभाषा हिन्दी, दशा और दिशा विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम को संबोधित करते वरिष्ठ पत्रकार डॉ एच के वर्मा
कार्यक्रम को संबोधित करते वरिष्ठ पत्रकार डॉ एच के वर्मा
ct-seminar-3
संगोष्ठी को संबोधित करते पश्चिमोत्तर बिहार व्यवसायी संघ के अध्यक्ष पवन कुमार अग्रवाल

संगोष्ठी में अतिथियों ने खुलकर वर्तमान समय में हिन्दी की दशा और दिशा पर अपने विचार व्यक्त किये. संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वरीय पत्रकार डॉ. एच. के. वर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में हिन्दी की दशा और दिशा दोनों में विकास हुआ है. कल की अपेक्षा वर्तमान समय में हमारा भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है. उन्होंने कहा कि हिन्दी को लेकर अशुद्धियों को हमे पूर्ण रूप से त्यागना होगा. अशुद्धियों का केन्द्रीयकरण हमें इससे दूर करता है जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है. उन्होंने शैक्षणिक संस्थान में हो रहे प्रयोग का स्मरण कराते हुए कहा कि कल तक हिन्दी विषय का शोध पत्र अंग्रेजी भाषा में लिखे जाते थे लेकिन अब हिन्दी में लिखे जा रहे है. यह इसके विकास को दर्शाता है. लेकिन इन सबके बावजूद हिन्दी के प्रति समाज को जाग्रत् होना होगा. हम अशुद्धियों को नकारात्मक रूप में ना लेकर भाषा के प्रति सकारात्मक भावनाओं को प्रबल बनावें.  

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जेपीयू के राजनीति शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० लाल बाबू यादव ने कहा कि आज हिन्दी अपने चर्मोत्कर्स पर है और हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व करने की जरूरत है. यह हिन्दी के प्रति हमारा आकर्षण ही है जिसके कारण अंग्रेजी को पढ़कर हम उसका त्वरित हिन्दी अनुवाद कर लेते हैं. भाषा जनमानस में पैदा होती है इसलिए इसकी व्यापकता को समझना होगा. भारत जैसे देश में भाषा के सवाल को हल नहीं किया जा सकता क्योंकि यहां 14 हजार भाषाएँ बोली जाती हैं. 

उन्होंने कहा कि भाषा के सवाल पर हमें गंभीरता से बात करनी होगी ना कि उसकी अशुद्धियों और शुद्धिकरण पर. कोई व्यक्ति अपनी बात को दूसरे तक पहुंचा देता है यही शुद्ध भाषा है. उन्होंने भाषा के प्रबलता से उसके आधार पर बने बांग्लादेश की चर्चा की. उन्होंने हिन्दी भाषा को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हम जो बोलते हैं वह सही है. यह बहता हुआ झरझर पानी है. भाषा बहती रहती है लेकिन जैसे ही उसमें व्याकरण का अंकुश लगता है तो यह खतरनाक बन जाता है. वर्तमान समय में हिन्दी अच्छी जगह पर हैं जिसकी दशा और दिशा दोनों ही ठीक है.

गोष्ठी के दौरान अन्य वक्ता के रूप में सारण जिला कबड्डी संघ के अध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह, पश्चिमोत्तर बिहार व्यवसायी संघ के अध्यक्ष पवन कुमार अग्रवाल, रोटरी सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल, छात्र नेता विश्वजीत सिंह चंदेल, NUJI सारण के महासचिव धर्मेन्द्र रस्तोगी, पत्रकार मनोरंजन पाठक, दैनिक भास्कर समाचार पत्र के स्थानीय प्रभारी अमन कुमार, सामाजिक कार्यकर्त्ता भंवर किशोर, तरुण प्रकाश जैसे कई गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.

कार्यक्रम का संचालन छपरा टुडे डॉट कॉम के प्रबंध संपादक सुरभित दत्त ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन स्थानीय संपादक संतोष कुमार बंटी ने किया. छपरा टुडे टीम के सदस्य प्रभात किरण हिमांशु, कबीर अहमद और अमन कुमार ने भी इस कार्यक्रम में अपने विचार रखे और संगोष्ठी को सफल बनाने में अहम् भूमिका निभाई.