Chhapra/Patna: भाजपा नेता और सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार से मिलकर शिक्षकों से जुड़े कई ज्वलंत मुद्दों से उन्हें अवगत कराया।

अपने अनुरोध पत्र में शिक्षक नेता डॉ धर्मेंद्र सिंह ने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि वैसे नियोजित शिक्षक जो परीक्षा के उपरांत विशिष्ट शिक्षक या विद्यालय अध्यापक बने हैं, उन्हें सेवा निरंतरता का लाभ प्रदान किया जाए। साथ ही, दूरी के आधार पर महिला एवं पुरुष शिक्षकों के आवेदन पर सम्यक विचारोपरान्त उनका यथाशीघ्र स्थानांतरण किया जाए।

जय प्रकाश विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक सह भाजपा नेता डॉ धर्मेंद्र सिंह ने शिक्षकों की समस्याओं से मंत्री को अवगत कराते हुए यह मांग की है कि सारण प्रमंडल के TRE 1 एवं TRE 2 में नियुक्त शिक्षकों को इंक्रीमेंट तथा जो शिक्षक नगर क्षेत्र में पदस्थापित हैं, उन्हें सिटी ट्रेवल अलाउंस का लाभ भी दिया जाए।

अपना मांग पत्र सौंपते हुए डॉ धर्मेंद्र ने कहा कि वित्तरहित विद्यालय, इंटर कॉलेज और डिग्री महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को ससमय वेतन देने की व्यवस्था शिक्षा विभाग की ओर से सुनिश्चित की जाए। साथ ही, राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यरत सहायक प्राध्यापकों की सेवा नियमित कर उनकी सेवानिवृत्ति की सीमा 65 वर्ष की जाए।

शिक्षक नेता डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह की मांगों को गंभीरता से लेते हुए माननीय शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों की समस्याओं पर सकारात्मक हस्तक्षेप करने का आश्वासन दिया है।

Chhapra: सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र चुनाव के नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन सोमवार को पीसी विज्ञान महाविद्यालय के दर्शनशास्त्र के पूर्व प्राध्यापक प्रोफेसर डॉ योगेंद्र यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पर्चा भरा.

प्रो यादव ने कहा कि उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पर्चा भरा है. उन्होंने खुद को राजद का पुराना सिपाही भी बताया.

नामांकन से पहले शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि इस बार वह चुनाव जीतते हैं तो शिक्षकों की जो भी समस्या है उसे सुलझाने के लिए प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वित्त रहित शिक्षक, नियोजित शिक्षक, अनुदान पर कार्यरत शिक्षकों की जो भी समस्याएं होंगी उन्हें तुरंत सुलझाने का कार्य किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान, स्थाई नौकरी और सरकारी कर्मचारी के तरह दर्जा मिलना चाहिए, शिक्षकों को फिक्स वेतन मिले. शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन, नियोजित शिक्षकों का सेवा शर्त में सुधार वित्त रहित शिक्षकों के लिए वेतनमान फिक्स होना चाहिए तथा नियोजन इकाई को भंग कर नियुक्ति के लिए इकाई व्यवस्था करना भी शामिल है.