Patna: बिहार के जाने माने रंगकर्मी, भिखारी ठाकुर के मंडली के सदस्य और लौंडा नाच को एक नई पहचान देने वाले पद्मश्री रामचंद्र मांझी का बुधवार को निधन हो गया. उन्होंने पटना में अंतिम सांस ली जहाँ वे कुछ दिनों पहले अस्पताल में ईलाज के लिए भर्ती कराये गए थे.

पद्मश्री रामचंद्र मांझी के निधन से कला जगत में शोक की लहर दौर गयी है. सभी उन्हें नमन कर रहें हैं.

सारण जिले के मढ़ौरा अनुमंडल के तुजारपुर ग्राम निवासी रामचंद्र मांझी ने लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की मंडली में कार्य किया था. वे भिखारी ठाकुर की मंडली के अंतिम सदस्य थें. उनके निधन से एक युग का अंत हुआ है.

साल 2021 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया था. इसके पूर्व उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी मिला  था. बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग के द्वारा भी उन्हें लाइफ टाइम अचेव्मेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था.

उनके करीबी रंगकर्मी जैनेन्द्र दोस्त ने फेसबुक के माध्यम से यह जानकारी साझा करते हुए लिखा “उस्ताद का साया सर से उठ गया, जिंदगी की जंग हार गए पद्मश्री रामचंद्र मांझी जी”

सारण के रामचंद्र मांझी को आज राष्ट्रपति करेंगे पुरस्कृत, 

Chhapra:सारण के रामचंद्र माझी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा संगीत नाटक अकादमी सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. रामचंद्र मांझी, भिखारी ठाकुर की नाच मंडली में काम करने वालों में से एक है. 93 वर्ष की उम्र में उन्हें यह सम्मान मिलने वाला है. इस पुरस्कार में उन्हें एक लाख नगद, ताम पत्र, अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया जाएगा.

 

लौंडा नाच के लिए जाने गए:
उन्होंने 10 साल की उम्र से भिखारी ठाकुर की मंडली में लौंडा नाच के साथ विभिन्न नाट्यों में कार्य किया है. उन्होंने विदेशिया नाटक, बेटी बचवा समेत कई नाट्यों में अपने किरदार से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. 40 वर्षों तक उन्होंने भिखारी ठाकुर के साथ कार्य भी किया है.

10 साल की उम्र से किया कार्य

रामचंद्र माझी बताते हैं कि वह 10 वर्ष से तभी से मैं भिखारी ठाकुर से जुड़े उन्हीं से प्रशिक्षण मिला और फिर उनसे साथ काम करने लगे रामचंद्र जी को वह भी द्वार याद है जब वह अपने घर से पैदल क़ुतुबपुर दियारा भिखारी ठाकुर के गांव जाकर प्रशिक्षण और कार्य करते थे. रामचन्द्र बताते हैं की आजकल के लोग इन नाटकों को पसंद नहीं करते हैं. आर्केस्ट्रा का बाज़ार चल रहा है. पुरानी परंपरा धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है. 

Chhapra: भोजपुरी के शेक्सपियर पद्मश्री भिखारी ठाकुर के मंडली के साथी रामचंद्र मांझी की कला का सम्मान होगा. उन्हें प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. इस पुरस्कार के रूप में उन्हें सगीत नाटक अकादमी की ओर से एक लाख रुपये नकद और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा.

रामचंद्र मांझी ने भिखारी ठाकुर के साथ नाटकों में अभिनय किया. वे भिखारी ठाकुर के नाटक ‘बिदेशिया’ में वेश्या की भूमिका अदा करते थे.

उनके अन्दर का कलाकार अब भी जवान है. पिछले वर्ष छपरा में आयोजित भिखारी ठाकुर रंग महोत्सव में भी इन्होने नाटक में अभिनय कर बढ़ती उम्र में भी अपनी कला के माध्यम से नाटक को दर्शकों के सामने जीवंत किया था.

आपके छपरा टुडे डॉट कॉम ने पिछले साल रामचंद्र मांझी से खास मुलाकात की थी. छपरा टुडे डॉट कॉम के लिए जाने माने कलाकार मेहंदी शॉ ने रामचंद्र मांझी से बातचीत की थी.

यहाँ देखे VIDEO