Patna: भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और हाल ही में एनडीए में लौटे पवन सिंह की राजनीतिक सक्रियता ने बिहार की सियासत को एक नया मोड़ दे दिया है। मंगलवार को पवन सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। इस भेंट के बाद कुशवाहा का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने साफ कहा कि पवन सिंह की वापसी से एनडीए को खासकर शाहाबाद और मगध के इलाके में व्यापक लाभ मिलेगा।

राजपूत और कुशवाहा वोटर होंगे एकजुट: उपेंद्र कुशवाहा

राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पिछली बार के लोकसभा चुनाव में एनडीए को वोट बंटवारे का खामियाजा उठाना पड़ा था, लेकिन इस बार रणनीति अलग होगी। उनका कहना था कि एनडीए एकजुट होकर मैदान में उतरेगा और वोटों के बिखराव पर पूरी तरह रोक लगेगी। पवन सिंह हमेशा गठबंधन के हित की बात करते हैं। उनकी मौजूदगी से राजपूत और कुशवाहा समाज के बीच एकजुटता बनेगी, जिसका सीधा असर चुनावी नतीजों पर दिखेगा।

पवन सिंह के आने से एनडीए की ताकत और बढ़ेगी: उपेंद्र कुशवाहा

उन्होंने व्यक्तिगत सवालों पर टिप्पणी करने से इनकार किया, लेकिन यह जरूर कहा कि पवन सिंह के आने से एनडीए की ताकत और बढ़ेगी। उपेंद्र कुशवाहा का मानना है कि गठबंधन अब पहले से ज्यादा आक्रामक और ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है।

दरअसल उपेंद्र कुशवाहा बुधवार को सासाराम के वेदा इलाके में एक वर्कशॉप का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इसी दौरान पत्रकारों ने उनसे पवन सिंह को लेकर सवाल पूछा, जिस पर उन्होंने विस्तार से अपनी प्रतिक्रिया दी।

गौरतलब है कि पवन सिंह की एनडीए में सक्रियता ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कुशवाहा और राजपूत वोटरों का समीकरण तय कर सकता है कि सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

कोलकाता, 03 मार्च (हि.स.)। भाजपा द्वारा पश्चिम बंगाल के कोयलांचल क्षेत्र आसनसोल से उम्मीदवार के तौर पर घोषित किए गए भोजपुरिया स्टार और मशहूर सिंगर पवन सिंह ने यू टर्न ले लिया है। शनिवार शाम जब उन्हें पार्टी ने उम्मीदवार बनाया तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं का आभार जता रहे थे और कहा था कि वह आसनसोल की जनता पर भरोसा करते हैं। इसके बाद रविवार दोपहर उन्होंने घोषणा कर दी है कि वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगे।

सूत्रों ने बताया कि भोजपुरी गानों को लेकर हुए विवाद के बाद ही उन्होंने यह निर्णय लिया है। रविवार दोपहर पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को दिल से आभार प्रकट करता हूं। पार्टी ने मुझ पर विश्वास करके आसनसोल का उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन किसी कारणवश मैं आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा।

इधर, दूसरी ओर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पवन सिंह के इस पीछे हटने के कदम पर भाजपा पर निशाना साधा है। पार्टी ने कहा है कि खेला शुरू हो गया है।

पार्टी के नेता अभिषेक बनर्जी ने पवन सिंह के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान पर कहा है कि यह पश्चिम बंगाल के लोगों की अदम्य भावना और शक्ति की जीत है।

भाजपा की तरफ से आसनसोल से पवन सिंह को उम्मीदवार बनाने पर तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा हमला बोला था। तृणमूल ने पवन सिंह के पुराने गानों में बंगाल की महिलाओं के चित्रण पर सवाल खड़े किए थे। कुछ ही घंटों में यह विवाद काफी बढ़ गया। तृणमूल ने इसे बंगाल की महिला सम्मान से जोड़ दिया था। पार्टी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि चुनाव के पहले भी खेला होने की शुरुआत हो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि आसनसोल सीट पर फिलहाल तृणमूल कांग्रेस की ओर से शत्रुघ्न सिन्हा सांसद हैं।