नयी दिल्ली: नेपाल के प्रधानमंत्री भारत की छह दिवसीय यात्रा पर है. शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष के. पी. शर्मा ओली ने मुलाकात की और प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया. दोनों नेताओं के मुलाकात के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया. इस मुलाकात में भारत और नेपाल के बीच 9 महत्वपूर्ण समझौते हुए.

समझौते के तहत अगले 2 साल में भारत नेपाल को 80 मेगावाट बिजली देगा. प्रधानमंत्री मोदी और ओली ने मुज्जफरपुर-ढालकेबार पावर ट्रांसमिशन लाइन की भी बटन दबाकर शुरुआत की. दोनों देशों के बीच के ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर और कई हाईवे बनाए जाएंगे. नेपाल ने भारत को भरोसा दिलाया है कि वो अपनी धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देगा. आर्ट और कल्चर के क्षेत्र में भी करार हुए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं नेपाल के लोगों की आशाओं का, जागरुकता का और उनके विवेक का सम्मान करता हूं. एक धनी संस्कृति और परंपरा के हम साझे उत्तराधिकारी हैं’.

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विशाखापत्तनम: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू का शनिवार को भव्य आगाज हुआ. इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. ifr 2

सशस्त्रबलों के प्रमुख के तौर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नौसेना के युद्ध पोतों का निरीक्षण किया. इस क्रम में वह आईएनएस सुमित्रा पर सवार हुए और भारतीय नौसेना के 71 जहाजों वाले बेड़े का निरीक्षण किया. राष्ट्रपति के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और तीन अन्य सेवा प्रमुख भी आईएनएस सुमित्रा पर मौजूद थे.

फ्लीट रिव्यू में भारतीय नौसेना के 71 जहाज हैं, जिसमें दोनों विमानवाहक आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विराट भी शामिल हैं. आईएनएस विराट हालांकि जल्द ही भारतीय नौसेना बेड़े को अलविदा कह देगा.

इस अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में लगभग 50 देशों की नौसेनाएं और 24 विदेशी जहाज हिस्सा ले रहे हैं. भारत दूसरी बार इसकी मेजबानी कर रहा है जो अब तक देश की मेजबानी में पहला सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास है. इससे पहले 2001 में दिवंगत राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की अध्यक्षता में मुंबई में फ्लीट रिव्यू का आयोजन किया गया था, जिसमें 29 देशों ने हिस्सा लिया था.