• अपने आस-पास साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल
• डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
• केंद्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन
Chhapra: वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे में डेंगू को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। जगह-जगह रुके बारिश के पानी से अब मच्छरजनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया का प्रकोप बढने की संभावना प्रबल हो गई है। आमतौर पर अगस्त एवं सितंबर माह से डेंगू का प्रकोप बढने लगता है। इसके लिए मरीजों की जांच के साथ उनके इलाज के लिए अस्पतालों में अलग वार्ड भी बनाया गया है। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी कर लोगों से कोरोना वायरस महामारी के दौर में डेंगू से बचाव की सलाह दी है। गाइडलाइन में बताया गया है कि डेंगू का इलाज संभव है, इसलिए इसके इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही करना ठीक नहीं होगा। डेंगू के ईलाज के प्रति किसी तरह की लापरवाही आगे चलकर गंभीर समस्या बन सकती है। स्वास्थ मंत्रालय ने इस बीमारी के लक्षण और रोकथाम के लिए उपाय भी बताएं है।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कोरोना संक्रमण और डेंगू दोनों में ही रोगी को बुखार आता है। डेंगू के बुखार में उल्टी, सूजन एवं रैशेज होते हैं। डेंगू के गंभीर लक्षण में बार-बार उल्टी आना, सांस तेज चलना, बदन व पेट में दर्द, मसूड़ों में खून निकलना एवं कमजोरी आदि शामिल है। उन्होने बताया लोगों की थोड़ी सी सतर्कता डेंगू के गंभीर नतीजों से बचाव कर सकती है। मच्छर जनित रोगों से बचाव में बेहतर साफ- सफाई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इसकी प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है। अपने घर को स्वच्छ रखना तो स्वभाविक है लेकिन साथ में अपने आस-पास भी गंदगी व पानी नहीं जमा होने दें। उन्होंने बताया साफ़ पानी में डेंगू के मच्छर के पनपने की संभावना अधिक होती है। इसलिए घर में जहां भी जमा हो जैसे कूलर व अन्य इस प्रकार की कोई भी जगह तो उसे साफ़ जरूर करें एवं आवश्यकतानुसार मिट्टी का तेल भी पानी में डाल सकते हैं।

ये हैं डेंगू के लक्षण

• अचानक तेज बुखार आना
• सिरदर्द और आंखों में दर्द होना
• मांसपेशियों और जोड़ों में भयानक दर्द
• शरीर में चकत्ते निकलना
• ठंड लगना और बुखार आना
• त्वचा पर लाल चकत्ते बनना
• भूख न लगना
• गले में खराश
• असामान्य रूप से कान, मसूड़ों और पेशाब आदि से ख़ून बहना

कैसे फैलता है डेंगू

डेंगू एडीज एजिप्टी मादा मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में और रात कभी भी काटता है। इस रोग के वायरस चार प्रकार के होते हैं, जिन्हें सिरोटाइप कहा जाता है। जब मादा मच्छर द्वारा संक्रमित व्यक्ति को काटा जाता है। इसके बाद जब यही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तब यह वायरस व्यक्ति में चला जाता है और इस तरह यह चक्र लगातार चलता रहता है।

डेंगू से बचने के उपाय
• रोकथाम का सबसे सरल उपाय यह है कि मच्छरों के काटने से खुद को बचाया जाएं.
• दिन में मच्छर के काटने से बचने वाले उत्पादों का प्रयोग करें
मच्छरदानी लगाकर सोएं.
• बाहर जाते समय पूरी बांह और लंबी पैंट का प्रयोग करें. शरीर को मच्छर के काटने से बचने के लिए कीटनाशक का प्रयोग करें.
• जब आप डेंगू प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें तो शरीर के अधिकांश भागों को ढंक कर रखें.
• मच्छरों की प्रजनन क्षमता को कम करने के लिए पानी के कंटेनर को ठीक तरह से हमेशा कवर करके रखें.

Chhapra: सारण में Covid19 से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या एक सौ के पार चली गई है. अब तक जिले में 108 मरीज ठीक हो चुके हैं. जो अपने आप में अच्छी खबर है. ज़िले में कोरोना के अब 53 एक्टिव केस हैं.

बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सारण में 164 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे. जिसमें अब 53 एक्टिव केस बचे हैं. वहीं 108 लोग संक्रमण के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. 3 लोगों की मौत हुई है. 

सारण के सिविल सर्जन माधेश्वर झा ने जानकारी दी कि सारण के लोगों का रिकवरी रेट बढ़ रहा है. लोग वायरस से जल्दी ठीक हो रहे हैं. अब तक जितने भी लोग संक्रमित पाए गए थे 80 फीसदी से अधिक लोगों में कोई लक्षण नहीं था. उन्होंने बताया कि अभी भी 53 एक्टिव केसेस जिले में है. ऐसे में सावधानी बरती जा रही है. ताकि संक्रमण चेन को तोड़कर जिला को कोरोना से मुक्त किया जा सके.

आपको बता दें कि सारण में कोरोना वायरस से अब तक 3 लोगों की मौत हुई है. वहीं जिले में कई क्षेत्र कंटेनमेंट जोन से मुक्त भी हुए हैं. कोरोना का असर कब तक रहेगा यह देखने वाली बात होगी. लेकिन 108 मरीजों के ठीक होने के बाद सारण के लोगों ने राहत की सांस ली है.

वहीं बिहार में कोरोना वायरस से ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा 4961 को पहुंच चुका है. जबकि बिहार में अब 1987 एक्टिव केस हैं. बिहार में कोरोना वायरस के कुल संख्या की बात करें तो अब तक 6993 लोग इससे संक्रमित हैं. जिसमे 44 लोगों की मौत हुई है.

Chhapra: सदर अस्पताल परिसर में स्वास्थ्य कर्मियों को आगलगी से होने वाली घटनाओं से बचाव का प्रशिक्षण जिला अग्निशमन विभाग के द्वारा दिया गया.

अग्निशमन कर्मियों के द्वारा मॉक ड्रिल कर घटना से बचने के उपाय सभी को बताया गया. वही आग पर सुरक्षित काबू पाने का सही तरीका बताते हुए मौके पर उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों से मॉक ड्रिल करवाया गया.

इस अवसर पर सीएस डॉ मधेश्वर झा, सदर अस्पताल के मैनेजर, अग्निशमन विभाग की ओर से कन्हैया यादव, विनोद कुमार तथा विदेशी पासवान सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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