नई दिल्‍ली, 22 सितंबर (हि.स)। देश में वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें आज से लागू हो गईं। नवरात्रि के पहले दिन से लागू इन दरों में मुख्य रूप से अब पांच फीसदी और 18 फीसदी की दो दो श्रेणी हैं। लग्जरी और विलासितापूर्ण वाली वस्तुओं पर अलग से 40 फीसदी कर लगेगा। सिगरेट, तंबाकू और अन्य संबंधित वस्तुओं को छोड़कर नई कर दरें आज से प्रभावी हो गईं। इससे हर आयु वर्ग और हर समुदाय के लोगों को बड़ी राहत मिली है।

रसोई में इस्तेमाल होने वाले सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां और उपकरणों और वाहनों समेत करीब 400 वस्तुएं सस्ती हो गई हैं। रोजमर्रा की जरूरतों का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली प्रमुख कंपनियों ने जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मे स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की है। उन्होंने इस अवसर की पू्र्व संध्या पर पांच बजे देश के नाम संबोधन में कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे। कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे। पिछले एक वर्ष में जीएसटी और आयकर में छूट के कारण देशवासियों को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई। इससे बाजार में उपभोक्ता विश्वास और मांग में इजाफा हुआ है।

देश में इससे पहले जीएसटी के चार स्लैब- पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी लागू थे। कुछ महंगी चीजों पर अलग से सेस लगता था। सरकार ने 12 फीसदी वाले 99 फीसदी सामान को 5 फीसदी में और 28 फीसदी वाले 90 फीसदी आइटम को 18 फीसदी में शिफ्ट कर दिया है। इससे आम लोगों को हर महीने थोड़ी राहत मिलेगी। आज साबुन, पाउडर, कॉफी, डायपर, बिस्कुट, घी और तेल जैसी दैनिक जरूरत की वस्तुएं सस्ती हो गईं। पनीर, मक्खन, नमकीन, जैम, कैच-अप, सूखे मेवे, कॉफी और आइसक्रीम जैसी चीजों पर अब कम टैक्स लगेगा। पहले इन वस्‍तुओं पर 12 फीसदी या 18 फीसदी जीएसटी लगता था, अब इन्हें पांच फीसदी की स्लैब में रखा गया है। ग्लूकोमीटर, डायग्नोस्टिक किट्स और ज्यादातर दवाओं पर जीएसटी सिर्फ पांच फीसदी हो गया है। पहले ये 12 या 18 फीसदी की स्लैब में थे।

सीमेंट पर जीएसटी की दर अब 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई है। टीवी, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसी चीजों पर भी टैक्स कम हुआ है। पहले इन पर 28 फीसदी जीएसटी था। अब ये18 फीसदी के स्लैब में हैं। छोटी कारों पर अब 18 फीसदी और बड़ी गाड़ियों पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। पहले एसयूवी और एमपीवी जैसी गाड़ियों पर 28 फीसदी टैक्स के साथ 22 फीसदी सेस भी लगता था। जीएसटी कटौती के बाद अब कुल टैक्स घटकर करीब 40 फीसदी हो गया है। सैलून, गा सेंटर, फिटनेस क्लब, हेल्थ स्पा जैसी सेवाओं पर जीएसटी 18 से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। हेयर ऑयल, साबुन, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टैल्कम पाउडर, शेविंग क्रीम, आफ्टरशेव लोशन जैसी चीजों पर अब सिर्फ पांच फीसदी जीएसटी लगेगा।

नई दिल्ली, 21 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कल से लागू होने वाले सुधारों को ‘बचत उत्सव’ बताते हुए आज कहा कि नागरिक देवो भव: की सोच पर आधारित ‘कर सुधारों’ से देश के लोगों के ढाई लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बचेंगे और आत्मनिर्भरता की दिशा में स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को गति मिलेगी।

मोदी ने सोमवार को शारदीय नवरात्रि के साथ जीएसटी की नयी दरों के लागू होने की पूर्व संध्या पर रविवार शाम को राष्ट्र के नाम संदेश में त्योहारों के इस मौसम में “सबका मुंह मीठा करने वाले और देश के हर परिवार की खुशियां बढ़ाने वाले” जीएसटी के अगली पीढ़ी के सुधार लागू होने पर देश के कोटि-कोटि परिवारजनों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी सुधारों से रोजमर्रा की ज्यादातर जरूरत की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि ज्यादातर सामान अब 5 प्रतिशत के टैक्स दायरे में आएगा। इससे खाना-पीना और यहां तक कि घूमना-फिरना भी सस्ता हो जाएगा। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर स्वदेशी वस्तुओं की अपील करते हुए कहा कि देश के लोग भारत में बनी वस्तुओं को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए आत्मनिर्भर भारत बेहद जरूरी है।

उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता को स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली। वैसे ही देश की समृद्धि को भी स्वदेशी के मंत्र से ही शक्ति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में छोटे, मझोले एवं लघु उद्योगों (एमएसएमई) की भूमिका को रेखांकित किया और उन्हें देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ ही वैश्विक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भारत के स्वर्णिम काल में भी इन्हीं उद्योगों ने भारत की साख बनाई थी। उन्हें भारत का वही गौरव वापस लौटना है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह से जीएसटी आने से पहले देश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक सामान भेजना महंगा और कठिन होता था। बेंगलुरु से हैदराबाद सामग्री भेजने की बजाय बेंगलुरु से यूरोप और यूरोप से हैदराबाद भेजना ज्यादा आसान होता था। कई तरह के टैक्स जंजाल थे, जिसकी कीमत आखिरकार ग्राहक को उठानी पड़ती थी। उनकी सरकार ने आते ही सभी हितधारकों से बातचीत कर जीएसटी लाए और इसमें लगातार सुधार जारी है। उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने राज्यों में विनिर्माण गतिविधियों में तेज़ी लाकर आत्मनिर्भर भारत पहल और स्वदेशी कार्यक्रम का सक्रिय समर्थन करें। निवेश आकर्षित करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर ध्यान केंद्रित करें।

प्रधानमंत्री अपने भाषण की शुरूआत शक्ति की उपासना के पर्व नवरात्रि की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं से की और कहा कि नवरात्रि के पहले ही दिन से देश आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा रहा है।

उन्होंने कहा कि 22 सितंबर की सुबह से देश में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि इसके साथ ही पूरे देश में जीएसटी बचत उत्सव शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस उत्सव से लोगों की बचत बढ़ेगी और अपनी पसंद का सामान खरीदना आसान होगा। इससे गरीब, मध्यम वर्ग, नव मध्यम वर्ग, युवा, किसान, महिलाएं, दुकानदार, व्यापारी और उद्यमी सभी को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस त्योहार के मौसम में हर परिवार की खुशियां बढ़ेंगी और देशवासियों को जीएसटी बचत उत्सव की शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सुधार भारत की विकास यात्रा को गति देंगे, कारोबार को आसान बनाएंगे, निवेश को आकर्षक बनाएंगे और हर राज्य को विकास की दौड़ में बराबर का भागीदार बनाएंगे।

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि दशकों तक लोग और व्यापारी ऑक्ट्रॉय, एंट्री टैक्स, सेल्स टैक्स, एक्साइज, वैट, सर्विस टैक्स जैसे दर्जनों करों के जाल में फंसे रहते थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्थिति से देश को निकालना बहुत जरूरी था। इसलिए जब 2014 में उन्हें जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने जीएसटी को प्राथमिकता दी। सभी पक्षों से चर्चा की गई, और “एक राष्ट्र-एक टैक्स” का सपना साकार हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है। समय बदलने और देश की जरूरतें बढ़ने के साथ ही अगली पीढ़ी के सुधार जरूरी हो जाते हैं। इसी कारण अब नए जीएसटी सुधार लागू किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि अब सिर्फ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब रहेंगे। इसका मतलब है कि रोजमर्रा की ज्यादातर चीजें सस्ती होंगी। खाने-पीने का सामान, दवाइयाँ, साबुन, ब्रश, पेस्ट, स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी सेवाएं या तो टैक्स-फ्री होंगी या केवल 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। पहले 12 प्रतिशत टैक्स वाली लगभग सभी चीजें अब 5 प्रतिशत श्रेणी में आ गई हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और नव मध्यम वर्ग के रूप में देश की प्रगति में भूमिका निभा रहे हैं। अब जीएसटी में राहत से गरीब और नव मध्यम वर्ग को दोहरा फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि घर बनाना, टीवी-फ्रिज खरीदना, स्कूटर-बाइक-कार लेना सब सस्ता होगा। घूमना-फिरना भी आसान होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की समृद्धि के समय एमएसएमई और कुटीर उद्योग देश की रीढ़ थे। भारत की मैन्युफैक्चरिंग और क्वालिटी दुनिया में पहचान रखती थी। हमें वह गौरव वापस पाना है। छोटे उद्योग जो भी बनाएं, वो हर कसौटी पर बेहतरीन होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें मेड इन इंडिया सामान खरीदना चाहिए, जिसमें देश के युवाओं की मेहनत हो। हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना है और हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है। उन्होंने कहा कि गर्व से कहें “मैं स्वदेशी खरीदता हूं, मैं स्वदेशी बेचता हूं।” यही हर भारतीय का स्वभाव बनना चाहिए।

अंत में प्रधानमंत्री ने नवरात्रि और जीएसटी बचत उत्सव की शुभकामनाएं दीं।

नई दिल्ली: देशभर में आज सोमवार, 18 जुलाई, 2022 से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स में बदलाव लागू हो रहे हैं, जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है. नई दरों के आने से कई उत्पाद आज से महंगे हो गए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली बैठक में डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था. हालांकि, वहीं खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी.

क्या-क्या महंगा हुआ?

1. पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर, लस्सी और दही महंगे हो जाएंगे. शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरा भी मंहगा हो जाएगा. प्री-पैकेज्ड,, लेबल युक्त दही, लस्सी और पनीर पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. चूड़ा, खोई, चावल, शहद अनाज, मांस, मछली भी इसमें शामिल हैं.

2. टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा.

3. ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर टैक्स टर बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं. सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले पांच प्रतिशत कर लगता था.

4. 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा. इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है.

5. बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकोनॉमी’ कैटेगरी तक के यात्रियों को ही मिलेगी.

New Delhi: केंद्र सरकार ने कुल 88 उत्पादों पर लगने वाले GST में कटौती की है. GST की नई दरें आज से लागू हो जाएंगी. यही कारण है कि शुक्रवार से फुटवियर, सैनिटरी नैपकिन, रेफ्रिजरेटर सहित कुल 88 चीजें सस्ती हो जाएंगी.

पिछले सप्ताह वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की बैठक में 28 प्रतिशत के सबसे ऊंचे कर स्लैब से कई उत्पादों को हटाया था और उन्हें 18 प्रतिशत कर स्लैब में डाला गया था.

इसके तहत छोटी स्क्रीन वाला टीवी, स्टोरेज वॉटर हीटर, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, पेंट पर आज से 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. इन उत्पादों पर पहले 28 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू थी. सैनिटरी नैपकिन को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है. पहले इसपर 12 प्रतिशत कर लागू था.

ये चीजें हो गईं सस्ती

पेंट, रेफ्रिजरेटर, वैक्यूम क्लीनर, 25 इंच तक की टीवी सेट आदि एक दर्जन इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों पर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत जीएसटी कर दिया गया है. 1000 रुपये से कम मूल्य के जूते पर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत जीएसटी किया गया है. परफ्यूम, टॉयलेट स्‍प्रे आदि उत्‍पाद पर भी 10 फीसदी कम जीएसटी लगेगा. जीलिथियम ऑयन बैटरी, वैक्‍यूम क्‍लीनर, फूड ग्राइंडर, मिक्‍सर, स्‍टोरेज वाटर हीटर पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगा. हेड ड्रायर, हैंड ड्रायर, पेंट, वार्निश, वाटर कूलर, मिल्‍क कूलर, आइसक्रीम कूलर पर भी जीएसटी 10 फीसदी घटा दिया गया है.

इसके अलावा, आयातित यूरिया पर 5% की कटौती की गई है. वॉशिंग मशीन पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है. वहीं हैंडबैग, ज्वेलरी बॉक्स, पेटिंग के लकड़ी के बॉक्स, हाथ से बने लैंप से जीएसटी घटाकर 12% कर दिया गया है.

इन उत्पादों पर नही लगेगा जीएसटी

लकड़ी की मूर्तियां, मूर्ति-पत्थर, संगमरमर, राखी जैसे उत्पादों को जीएसटी से बाहर रखा गया है.

होली आने से पहले ही सोशल साइट्स पर इन दिनों ‘होली में GST’ गाने ने धूम मचा रखी है. दहेज जैसी कुप्रथा पर वार करता ये गाना इन दिनों सोशल साइट्स पर वाइरल हो रहा है. ऑडियंस इस होली के गाने को खूब पसंद भी कर रहे हैं. इस गाने को को भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादवऔर आम्रपाली दुबे पर फिल्माया गया है.

वीडियो की शुरुआत भोजपुरी के दो बड़े कलाकार मनोज सिंह टाईगर और एंटी हीरो संजय पांडे के वार्तालाप से शुरू होती है, जिसमें शादी के एवज में 10 लाख रु. दहेज जीएसटी जोड़ के मांगा जा रहा है. गाने को खुद निरहुआ ने डायरेक्ट किया है, वहीं कोरियोग्राफ किया है पप्पू खन्ना ने. 

भोजपुरी सिनेमा पर हमेशा से ही ये आरोप लगते रहे हैं कि भोजपुरी सिनेमा में केवल अश्लीलता ही परोसी जाती है, लेकिन इस बार एक ऐसा गाना रिलीज हुआ है, जो शायद लोगों की इस राय को बदल दे.

इस गीत के माध्यम से समाज के सामने दहेज प्रथा की बुराइयों को सामने लाया गया है.