Patna, 19 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना के आसपास गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने जेपी गंगा पथ पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा विकसित किए जा रहे पार्क का भी मुआयना किया।

मुख्यमंत्री ने  गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का निरीक्षण किया

मुख्यमंत्री ने जायजा लेने के क्रम में पटना सिटी के कंगन घाट से दानापुर के नासरीगंज घाट तक गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जेपी गंगा पथ पर एलसीटी घाट से गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का जायजा लेने के बाद एनआईटी घाट पहुंचे जहां उन्होंने गंगा नदी के बढ़े जलस्तर एवं तटीय इलाकों के वर्तमान स्थिति की पूरी जानकारी अधिकारियों से ली।

एनआईटी घाट से जेपी गंगा पथ होते हुए मुख्यमंत्री कंगन घाट के बाद दीघा घाट और दानापुर स्थित नासरीगंज घाट पहुंचकर गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का भी जायजा लिया। इस दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह अलर्ट रहें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर समय तैयार रहें। ताकि लोगाें को बाढ़ के पानी से होने वाली परेशनी से बचाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी के तटीय इलाकों खासकर निचले क्षेत्रों की स्थिति की लगातार समीक्षा करते रहें और जरूरत पड़ने पर तत्काल रूप से आवश्यक कार्रवाई करें ताकि कोई नुकसान न हो। नासरीगंज घाट, गांधी घाट सहित कई स्थानों पर गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है तथा नदी की धारा भी बहुत तेज है। संभावित परिस्थितियों पर पूरी नजर रखें तथा बढ़ते जलस्तर से प्रभावित लोगों को एसओपी के अनुसार जरूरी सहायता उपलब्ध कराएं।

Patna, 19 जुलाई (हि.स.)। बिहार में दाे दिन पहले तक लगातार हाे रही बारिश शाैर नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण गंगा नदी रौद्र रूप ले चुकी है। राजधानी पटना में गंगा के कई घाटों पर पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर आ चुकी है,जिससे दियारा और निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।

जिला प्रशासन ने राहत और बचाव की व्यापक तैयारियां की हैं

जल संसाधन विभाग ने हाई अलर्ट जारी किया है और बांधों की 24 घंटे निगरानी शुरू कर दी है। हर पल एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। जिला प्रशासन ने राहत और बचाव की व्यापक तैयारियां की हैं। पटना के दियारा इलाके में गंगा का पानी तेजी से फैल रहा है, जिससे कई गांवों में खेत और घर जलमग्न हो गए हैं।

संभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 119 ऊंचे स्थानों की पहचान कर राहत शिविरों की तैयारी की गई है

दानापुर में गंगा और सोन नदी के जलस्तर से कटाव की समस्या शुरू हो गई है। मनेर और हथिदह में नदी किनारे बसे गांवों में पानी घुसने की खबरें हैं। जिला प्रशासन ने 245 नाविकों के साथ समझौता किया है, ताकि जरूरत पड़ने पर नाव और गोताखोरों की मदद से बचाव कार्य तेज किया जा सके। गायघाट में एसडीआरएफ और दीदारगंज में एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। संभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 119 ऊंचे स्थानों की पहचान कर राहत शिविरों की तैयारी की गई है।

हथिदह में जलस्तर 41.54 मीटर (खतरे का निशान 41.76 मीटर) दर्ज किया गया।

जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पटना के प्रमुख घाटों पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है या उसके करीब है। गांधी घाट पर जलस्तर 48.76 मीटर (खतरे का निशान 48.60 मीटर), दीघा घाट पर 50.13 मीटर (खतरे का निशान 50.45 मीटर), मनेर में 51.73 मीटर (खतरे का निशान 52 मीटर) और हथिदह में 41.54 मीटर (खतरे का निशान 41.76 मीटर) दर्ज किया गया। देवनानाला में जलस्तर 165.50 फुट है जो खतरे के निशान 167 फुट से थोड़ा नीचे है। पिछले दो दिनों में जलस्तर में ढाई फुट की वृद्धि हुई है। जिससे दियारा, दानापुर और मनेर में पानी फैलने लगा है।

मौसम विभाग ने रविवार को उत्तर और पूर्वी बिहार में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी है

मौसम विभाग ने रविवार को उत्तर और पूर्वी बिहार में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी है। सीमांचल और कोसी क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना है, जिससे गंगा, कोसी और गंडक नदियों का जलस्तर और बढ़ सकता है। ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों (पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर, जमुई, बांका) में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश हैं। प्रशासन ने लोगों से नदियों के किनारे न जाने, वज्रपात के दौरान खुले स्थानों से बचने और स्थानीय प्रशासन के संपर्क में रहने की अपील की है।