Patna: उत्तर बिहार को प्रदेश की राजधानी से जोड़ने वाला गाँधी सेतु पुल बहुत जल्द नए रूप में नजर आएगा. 1980 में बना यह पुल वर्षों से जर्जर हो गया था. जिसके बाद इसपर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गयी थी.  अब

इस पुल को नए सिरे से बनाया गया है, जो अब नए रूप में नजर आएगा. मीडिया रिपोर्ट्स  के अनुसार 31 जुलाई को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इसका उद्घाटन करेंगे.

महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन को पूरी तरह से स्टील का बनाया गया है. नए लेन का निर्माण पुराने और जर्जर हो चुके सुपर स्ट्रक्चर को हटा कर किया गया है. सेतु के नई सिरे से मरम्मत करने के लिए 2014 में केंद्र और राज्य सरकार के बीच सहमति बनी थी. फिलहाल पश्चिमी लेन का निर्माण हुआ है. अगले महीने पूर्वी लेन कानिर्माण कार्य शुरू होगा. सेतु के दोनों लेन के बन जाने के बाद जेपी सेतु और राजेंद्र पुल पर वाहनों का भार कम होगा. इसके साथ ही लोगों को जाम की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा.

गाँधी सेतु का निर्माण 1980 में हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसका शिलान्यास किया था. 5.575 किलोमीटर लंबे इस पुल को एशिया के सबसे लम्बे पुल होने का गौरव भी प्राप्त था. वर्तमान में असम में लोहित नदी पर बन भूपेन हजारिका सेतु एशिया का सबसे लम्बा सेतु है. जिसकी लम्बाई 9150 मीटर है.

Patna: उत्तर बिहार को राजधानी पटना से जोड़ने वाले गांधी सेतु से मंगलवार सुबह करीब 5 बजे एक स्कार्पियो गंगा नदी में गिर गया. घटना पल के पाया नंबर 38 के पास हुई.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार स्कार्पियो हाजीपुर की ओर से आ रही थी और पटना जा रही थी. तभी पाया नंबर 38 के पास हादसा हुआ. हादसे के वक़्त स्कार्पियो में चालक के आलावे कितने लोग सवार थे फिलहाल इसका पता नही चल सका है.

घटना की जानकारी मिलते ही आलमगंज थाना के वरीय अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. वही NDRF की टीम को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है. अभी तक स्कार्पियो का पता नहीं चल सका है.

आपको बता दें कि सेतु पर निर्माण कार्य काफी समय से चल रहा है. 

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने उत्तर बिहार को राजधानी पटना से जोड़ने वाले महात्मा गाँधी सेतु के पुनर्निर्माण के लिए 1742 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. बुधवार को केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी.

बिहार के महत्वपूर्ण पुलों में से एक महात्मा गांधी सेतु को पर वाहनों का काफी दबाव रहता है. पुल के पुराने होने के कारण पुनर्निर्माण के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी है. अब इस पुल को चार लेन का बनाया जाएगा.

आपको बता दें कि महात्मा गांधी सेतु एशिया का सबसे लम्बा सड़क पुल है. इस पुल की कुल लम्बाई 5,575 मीटर है. वर्ष 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने इस पुल का उद्घाटन किया था. नियमित रखरखाव के आभाव में पुल जर्जर होता चला गया. केंद्र सरकार के इस फैसले से इस पुल के सुनहरे दिन लौटेंगे.