Chhapra: सम्पूर्ण भारतीय रेलवे के साथ-साथ वाराणसी मंडल पर स्वच्छता ही सेवा-2025 अभियान के अंतर्गत दिनांक 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 तक स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यरत कर्मचारियों को स्वच्छता शपथ दिलाई गई

इसी क्रम में स्वच्छता पखवाड़े के छपरा स्टेशन पर पहले दिन शपथ ग्रहण एवं जन जागरूकता दिवस मनाने के क्रम में छपरा स्टेशन पर मंडल वाणिज्य निरीक्षक गणेश यादव द्वारा स्टेशन के मुख्य भवन के सामने स्वास्थ्य कर्मियों एवं स्टेशन पर कार्यरत कर्मचारियों को स्वच्छता शपथ दिलाई गई।

स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत हर दिन को एक विशेष दिवस की तरह मनाया जाएगा

ज्ञातव्य है कि स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत हर दिन को एक विशेष दिवस की तरह मनाया जाएगा। स्वच्छता ही सेवा-2025 पखवाड़ा में स्वच्छता जागरूकता एवं स्वच्छता से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। साथ ही इन गतिविधियों में संपूर्ण स्वच्छता, स्वच्छता लक्ष्य इकाई, सफाई मित्र सुरक्षा शिविर, वृहद वृक्षारोपण, स्वच्छता पर प्रतियोगिता एवं नुक्कड़ नाटक, वाकाथॉन, वेस्ट टू आर्ट, यूथ कैंपेन, जल स्त्रोतों की सफाई इत्यादि प्रमुख हैं।

इस अभियान में उन स्थानों को भी चिन्हित किया जा रहा है, जहां पर नियमित साफ-सफाई नहीं हो पाती है। ऐसे स्थानों को पूर्ण रूप से साफ किया जाएगा।

इस दौरान छपरा स्टेशन सहित छपरा कचहरी, छपरा ग्रामीण, मशरख आदि स्टेशनों पर स्वच्छता के प्रति जागरूक करने हेतु जागरूकता अभियान, प्रभात फेरी, श्रमदान एवं स्वच्छता रैली का आयोजन कर आम यात्रियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक और उत्तरदायी बनाने हेतु प्रेरित किया गया।

Chhapra: हर कोई वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा है. इस बीच मौसम ने भी अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. आसमान से आग बरस रहे हैं. लोगों को घर से निकलना मुश्किल है. पारा 45 डिग्री के पास पहुंच चुका है. गर्मी में चिलचिलाती धूप बढ़ने के साथ ही बीमार होने का खतरा भी बढ़ गया है. जिसमें सबसे अहम है हीट स्ट्रोक यानी लू लगना. लू उन अधिक गर्म और शुष्क हवाओं को कहा जाता है. ऐसे मौसम में अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है तथा अति आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकलें.

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि लू लगने पर शरीर का तापमान एकदम बहुत बढ़ जाता है और शरीर में पानी और नमक की ज्यादा कमी हो जाती है. दरअसल जब शरीर का थर्मोस्टेट सिस्टम शरीर को वातारवरण के अनुकूल ठंडा रखने में नाकाम हो जाता है तो शरीर में गर्मी बढ़ जाती है. इससे शरीर की ठंडक कम हो जाती है और लू लग जाती है. साथ ही लू लगने पर शरीर में गर्मी, खुश्की और थकावट महसूस होने लगती है और ज्यादा प्यास लगती है.

पानी की पूर्ति रखें
लू लगने की अहम वजह शरीर में पानी की कमी होना है, इसलिए किसी ना किसी रूप में पानी की पूर्ति कर लें. ऐसे में आप आम का पन्ना लें, जो लू से बचाने में काफी कारगर साबित होता है. इसके अलावा नींबू पानी, सादा पानी, फल का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी आदि के माध्यम से पानी लेते रहें. ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं.

धूप में बाहर निकलें तो शरीर को ढककर रखें 
जब भी धूप में बाहर निकलें तो शरीर को ढककर रखें और धूप से बचें. इसके लिए ध्यान रखें कि जब भी आप धूप में जा रहे हैं तो सिर और आंखों को ढककर रखें. आंखों के लिए चश्मे और सिर के लिए कपड़े या टोपी का इस्तेमाल करें. साथ ही अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह पर जाने से बचें. जैसे अगर आप लंबे समय से एसी में बैठे हैं तो एकदम से धूप में ना जाएं.

खाली पेट घर से ना निकलें 
वैसे तो किसी भी मौसम में घर से खाली पेट नहीं निकलना चाहिए, मगर गर्मी में तो ऐसा बिल्कुल ना करें. जब भी कर से निकले तो गर्मी के अनुसार हेल्दी खाना खाएं और फिर बाहर निकलें. साथ में पानी की बोतल ले जाना भी नहीं भूलें.

तरबूज-ककड़ी, खीरा का करें सेवन 
गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए तरबूज, ककड़ी, खीरा खाना चाहिए. साथ ही ऐसे फ्रूट पर ज्यादा ध्यान दें, जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है. कहा जाता है कि टमाटर की चटनी, नारियल और पेठा खाने से भी लू नहीं लगती है. वहीं जौ खाना भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है और आप इसका अलग अलग तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए.

लू के लक्षण
•अचानक शरीर का तापमान बढ़ जाना
•सिर में तेज दर्द का होना
•लू लगने से किडनी, दिमाग और दिल की कार्य-क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है
•नाड़ी तथा सांस की गति तेज हो जाती है
•डिहाइड्रेशन के लक्षण नजर आते हैं-चक्कर आना,दस्त लगना,मिचली होना
•त्वचा पर लाल दाने हो जाना
•बार-बार पेशाब आना
•शरीर में जकड़न होना

फाइल फोटो