पटना, 05 अक्टूबर (हि.स.)। बिहार में सीतामढ़ी लोकसभा से जनता दल यूनाइटेड के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने अपनी ही सरकार पर जाति जनगणना के सर्वे पर सवाल उठाएं है। उन्होंने कहा कि तेरी समाज इस जातीय गणना को नहीं मानता है।

जदयू सांसद पिंटू ने कहा है कि जातीय गणना में तेली समाज के लोगों के साथ गड़बड़ी की गयी है. सांसद ने कहा है कि उनके समाज के लोग इस जातीय गणना को खारिज करते हैं।

सांसद सुनील कुमार पिंटू ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने बीते दो अक्टूबर को जातीय गणऩा की जो रिपोर्ट जारी की है वह सही नहीं है।सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा है कि वे तेली समाज के संयोजक हैं और उन्होंने सभी जिलों में अपने समाज के लोगों से बात की है। सारे जिलों से ये जानकारी दी गयी है कि कई जगहों पर तेली समाज के मोहल्ले और टोलों की गिनती ही नहीं की गयी और आंकड़े गढ़ लिये गये।

सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट में तेली समाज की तादाद 2.81 प्रतिशत बतायी गयी है जो पूरी तरह से गलत है। इसलिए तेली समाज के लोग इस जातीय गणना को खारिज करते हैं।सांसद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि वह फिर से जातीय गणना करायें।अभी की गणना को तेली समाज के लोग नहीं मानेंगे।

सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट के खिलाफ 8 अक्टूबर को पटना में तेली समाज के लोगों को बुलायी गयी है।इसमें सारे जिले के लोग शामिल होंगे, जो ये बतायेंगे कि कहां-कहां उनके समाज के लोगों की गिनती नहीं हुई।इसका एक पूरा ड्राफ्ट तैयार कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिया जायेगा और उनसे मांग की जायेगी कि हमारे समाज की गणना फिर से करायी जाये।

सरकार ने जारी की जातीय गणना, कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा

पटना, 02 अक्टूबर (हि.स.)। बिहार सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। सरकार द्वारा जारी जातीय गणना के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है। जातीय गणना के आंकड़े के मुताबिक अत्यंत पिछड़ा- 36 फीसदी, पिछड़ा वर्ग- 27 फीसदी, अनुसूचित जाति- 19 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 1.68 फीसदी है।

बिहार सरकार की तरफ से जारी जातीय गणना के मुताबिक बिहार में सवर्णों की तादाद 15.52 फीसदी है। जिसमें भूमिहार की आबादी 2.86 फीसदी, ब्राह्मणों की आबादी 3.66 फीसदी, राजपूत की आबादी 3.45 फीसदी है। जबकि कुर्मी की जनसंख्या 2.87 फीसदी, मुसहर की आबादी 3 फीसदी, यादवों की आबादी 14 फीसदी है।

जनगणना में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा बताई गई है। इनमें हिंदू समुदाय की आबादी 81.9 प्रतिशत, मुस्लिम की आबादी 17.7 प्रतिशत, ईसाई 0.05 प्रतिशत, सिख- 0.01 प्रतिशत, बौद्ध 0.08 प्रतिशत, जैन 0.0096 प्रतिशत अन्य धर्म के लोगों की आबादी 0.12 प्रतिशत है। 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी में 10.07 करोड़ हिंदू और मुस्लिम की आबादी 2.31 करोड़ है।

बिहार में सभी दलों की सहमति से जातीय गणना कराने पर सहमति बनी थी। सभी दलों की सहमति के बाद विधानमंडल के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित हुआ।

केंद्र सरकार के इनकार के बाद बिहार सरकार ने अपने बूते पर जातीय गणना का काम शुरू किया लेकिन जाति आधारित गणना को लेकर बिहार में खूब बवाल मचा था। मामला हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद दो चरणों में जातीय गणना का काम पूरा हुआ।

जातीय गणना का काम पूरा होने के बाद विपक्षी दल लगातार सरकार से जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे। आखिरकार नीतीश सरकार ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर जातीय गणना के आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया।