Chhapra (Santosh kumar Banty): सारण के विकास को लेकर नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार नई योजना लागू करने जा रही है. जिससे न सिर्फ देश के मानचित्र पर सारण का नाम स्थापित होगा बल्कि विकास के नए मार्ग भी प्रशस्त होंगे.

दिल्ली में हुई बैठक का अनुसार केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जलमार्ग-एक (एनडब्ल्यू-1) के हल्दिया-वाराणसी खंड में नौवहन के विस्तार के लिए 5,369 करोड़ रुपए की जल विकास परियोजना (जेपीएमपी) को शुक्रवार को मंजूरी दे दी है. यह परियोजना उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में पड़ती है.

इन जिलों को मिलेगा लाभ

इसके तहत आने वाले प्रमुख जिलों में वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, बक्सर, छपरा, वैशाली, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, साहिबगंज, मुर्शिदाबाद, पाकुर, हुगली और कोलकाता शामिल हैं.

पोत परिवहन मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) की बैठक में जल मार्ग विकास परियोजना के क्रियान्वयन को मंजूरी दी गई.

2023 तक पूरी होगी परियोजना

इसके तहत राष्ट्रीय जलमार्ग-एक पर क्षमता विस्तार किया जाएगा. इस पर 5,369.18 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इसके लिए विश्व बैंक की ओर से तकनीकी और निवेश सहयोग मिलेगा. इस परियोजना के मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है. इससे परिवहन का वैकल्पिक तरीका उपलब्ध होगा जो पर्यावरणानुकूल और लागत दक्ष होगा. इस परियोजना से देश में लॉजिस्टिक्‍स की लागत को नीचे लाने में मदद मिलेगी. सरकार ने कहा है कि इससे बुनियादी ढांचा विकास मसलन मल्टी माडल और इंटर मॉडल टर्मिनल, रोल ऑन-रोल ऑफ (रो-रो) सुविधा, फेरी सेवाओं तथा नौवहन को प्रोत्साहन मिलेगा.

1.50 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

बयान में कहा गया है कि एनडब्ल्यू-1 के विकास एवं परिचालन से 46,000 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. इसके अलावा जहाज निर्माण उद्योग में 84,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

5369 करोड़ की आएगी लागत

परियोजना के फाइनेंस पर सरकार ने कहा कि इसमें आईबीआरडी ऋण का हिस्सा 2,512 करोड़ रुपए (37.5 करोड़ डॉलर) और भारत सरकार के सहयोग के कोष का हिस्सा 2,556 करोड़ रुपए (38 करोड़ डॉलर) होगा. इसे बजटीय आवंटन तथा बांड निर्गम से प्राप्त राशि के जरिए जुटाया जाएगा. सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 301 करोड़ रुपए (4.5 करोड़ डॉलर) होगी.

परियोजना के तहत फेयरवे विकास, वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया में मल्टी मॉडल टर्मिनल के अलावा कालूघाट और गाजीपुर में इंटर माडल टर्मिनल और फरक्का में नए नौवहन लॉक का निर्माण शामिल है.

पटना: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बक्सर के पूर्व सांसद लालमुनी चौबे का शुक्रवार को निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एम्स में 74 वर्ष की उम्र में अंतिम साँस ली. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे.

लाल मुनि चौबे का जन्म चौबे का जन्म 6 सितम्बर 1942 को हुआ था. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और फिर जनसंघ के सदस्य बने. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीबी माने वाले चौबे चार बार लोकसभा सांसद रहे. 

अभी -अभी भारत के वित्त मंत्री माननीय अरुण जेटली जी और पूर्व मंत्री शहनवाज़ हुसैन ने एम्स आकर स्वर्गीय चौबे जी को अपनी ष्र्द्धांजलि दी!

Posted by RK Sinha on Friday, March 25, 2016

उन्होंने पहली बार वर्ष 1972 में चैनपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. चौबे ने वर्ष 1996 से 2009 तक लगातार लोकसभा में बक्सर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. वे यहां से वर्ष 1996, 1998, 1999 व 2004 में चुनाव लड़ें.

लाल मुनि चौबे के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय, केंद्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल, सांसद आरके सिन्हा, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शाहनवाज हुसैन ने शोक जताया है.