विश्व रक्तदान दिवस विशेष: समाज के वैसे लोग जिन्होंने अपने रक्त को दान कर दूसरों को दी नई जिंदगी

Chhapra: वैशिक महामारी कोरोना वायरस से जहाँ देश संकट की स्थिति में घिरा हुआ है. वही छपरा के युवा क्रांति रोटी बैंक के सदस्य श्रीनिवास चंदवंशी ने रक्त से जूझती एक माँ को रक्तदान कर जिंदगी बचाई है. सामाजिक दूरी बनाते हुए सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान किया गया.

रक्तदाता श्री चंदवंशी ने कहा कि मुझे मेरे दोस्त सुजीत गुप्ता के माध्यम से खबर मिली कि मेरे मोहल्ले की एक महिला को AB+ ब्लड की अत्यंत आवश्यकता है और डिलेवरी के कारण रक्त की जरूरत है तो फ़ोन से बात कर मै ब्लड बैंक में रक्तदान करने का संकल्प लिए और रक्तदान किया.

वही युवा क्रांति रोटी बैंक के संस्थापक विजय राज ने कहा कि हर समय हमलोग सदस्यों के साथ साथ औरों को भी रक्तदान करने को प्रेरित करते रहते है. जैसे ही मेरे सदस्य सुजीत गुप्ता के द्वारा हमे मालूम हुआ तभी हम लोगो के द्वारा विभिन्न सदस्यों से मालूम किया गया कि किस के पास AB+ ब्लड है और तब चंदवंशी जी से संपर्क कर उनसे मदद मांगी गई और ब्लड बैंक में आकर ब्लड डोनेट कर रक्तदान कर एक माँ की ज़िंदगी बचाई गयी. युवा क्रांति रोटी बैंक की पूरी टीम ने चंदवंशी जी को धन्यवाद दिया.

Chhapra: रेड क्रॉस सोसाइटी सारण के द्वारा इसुआपुर निवासी अवधेश सिंह को 1 यूनिट ब्लड उपलब्ध कराई गई. अवधेश सिंह जिनका होमोग्लोबिन अचानक कम हो जाने के बाद छपरा सदर अस्पताल में भर्ती लिये थे. जहां डॉक्टरों ने उन्हें ब्लड चढ़ाने की बात कही.

अमन राज ने बताया कि अवधेश सिंह के बेटे ने रेड क्रॉस सोसाइटी छपरा इकाई के सचिव जीनत जरीना मसीह से संपर्क किया.
दो युवा स्वयंसेवको भुनेश्वर कुमार और राहुल प्रजापति के साथ ब्लड बैंक पहुँचे. राहुल प्रजापति के डोनर कार्ड से ब्लड उपलब्ध कराई.

ब्लड उपलब्ध हो जाने के बाद मरीज के परिजन ने रेड क्रॉस संस्था को धन्यवाद दिया. जिला सचिव जीनत मसीह ने बताया कि इस लॉक डाउन में भी रेड क्रॉस के युवा स्वयंसेवको इस पुनीत कार्य मे अपनी भागीदारी निभा रहे है, जो काफी सराहनीय है.