Chhapra: देशभर के विभिन्न शहरों में 4 जनवरी से स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने वाला है. छपरा में भी स्वच्छता सर्वेक्षण होगा. स्वच्छ शहरों की लिस्ट में छपरा की रैंकिंग सुधारने को लेकर जिला प्रशासन और छपरा नगर निगम, शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने में लग गए हैं. गुरुवार को सदर एसडीओ लोकेश मिश्र और नगर निगम के पदाधिकारी शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर निरीक्षण करने निकले.

इस दौरान सदर एसडीओ ने शहर में कूड़ा डंपिंग को लेकर कई निर्देश दिए. साथ ही साथ कई जगहों पर कूड़ा उठने के बाद फिर तुरंत गंदगी फैलाने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई की करने का भी निर्देश दिया. इसपर सिटी मैनेजर ने बताया कि निगम के सफाईकर्मियों द्वारा कचरा उठाने के तुरंत बाद कई लोग फिर से उस स्थान पर गंदगी फैला देते हैं. वैसे लोगों को चिन्हित कर लिया गया है. उन्हें लीगल नोटिस भी भेजा जाएगा.

गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले छपरा नगर निगम और जिला प्रशासन शहर को साफ सुथरा करने में जुटा है. वर्ष 2018 में हुए स्वच्छता सर्वे में छपरा को 417 वां स्थान मिला था.

2019 के सर्वेक्षण में छपरा की रैंकिंग सुधारने के लिए नगर निगम द्वारा सफाई कर्मियों को शहर में साफ सफाई को लेकर विशेष निर्देश भी दिया गया है. वही गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है.।

Chhapra: शहर की स्वच्छता को लेकर सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ हो चुका है. विगत 2 वर्षों से लगातार निचले पायदान पर रहने वाले छपरा शहर को इस बार ऊपरी पायदान पर बढ़ने के आसार दिख रहे हैं. हालांकि छपरा नगर निगम द्वारा स्वच्छता को लेकर किए गए प्रयासों के बावजूद भी विगत 1 वर्षों में शहर की तस्वीरों में बदलाव नहीं दिख रहा है.

4 जनवरी से स्वच्छता को लेकर प्रारंभ होने वाले इस सर्वेक्षण में इस बार बदलाव किए गए हैं. पिछले 3 वर्षों की तुलना में इस बार देश के सभी शहरों में स्वच्छता का सर्वेक्षण किया जाना है. जिससे छपरा शहर को इस सर्वेक्षण में 500 के भीतर रहने में भी परेशानी होगी.

शहर के सफाई की चर्चा करें तो नियमित रूप से कचड़ों का उठाव होने के बावजूद भी शहर के कई मुख्य स्थानों पर कचड़ों का अंबार लगा है. वहीं शहर की कई सड़कों में मूत्रालय एवं शौचालय की स्थिति नगण्य है.।

यहां तक की नगर निगम कैंपस एवं नगरपालिका चौक, थाना चौक, मौना चौक, गांधी चौक, साहेबगंज, दरोगा राय चौक, बस स्टैंड, कचहरी स्टेशन सहित कई स्थानों पर ना हीं एक मूत्रालय है और ना ही शौचालय. जिससे गंदगी फैल रही है.

साहेबगंज चौक से लेकर मौना चौक एवं कटहरी बाग तक सड़कों पर कचरा फैला हुआ है.

ऐसे में स्वच्छता को लेकर कराए जा रहे सर्वेक्षण 2019 में छपरा शहर को 500 के भीतर आना नामुमकिन साबित होगा. हालांकि इस बार सर्वेक्षण की प्रक्रिया में बदलाव है. शहरवासियों को स्वयं सर्वेक्षण में भाग लेना होगा एवं आवंटित कंपनी भी अपने तरीके से सर्वेक्षण करेगी.

विदित हो कि वर्ष 2016 में देश के सिर्फ 73 शहरों का सर्वेक्षण किया गया था. जिसके बाद 2017 में 434 शहरों का सर्वेक्षण किया गया. जिसमे अपना शहर छपरा शामिल था और 422वे नम्बर पर था. वही विगत वर्ष 2018 में 4203 शहरों के सर्वेक्षण में 417वे नंबर पर था. नगर निगम द्वारा प्रतिदिन करीब 13 लाख रुपयें सफाई पर एनजीओ के माध्यम से खर्च किये जाते है. इसके बावजूद भी अपना शहर 2018 के सर्वेक्षण के दौरान देश के सबसे 15 गंदे शहरों में 13वे नम्बर पर शामिल था.

ऐसे में शहर की स्वच्छता को लेकर कराए जा रहे सर्वेक्षण में शहर की संख्या बेहतर करने के लिए आम से लेकर खास तक को सर्वेक्षण में भाग लेने की जरूरत है.