लोहार जाति के युवाओं का भविष्य अधर में, आदेश के बाद भी नही बन रहा जाति प्रमाण पत्र, कैसे करें नौकरी के लिए आवेदन

Chhapra: राज्य सरकार द्वारा लोहार जाति को अत्यंत पिछड़ा वर्ग अनुसूची 1 में शामिल करने की आदेश के बाद भी प्रदेश में इस जाति का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है. जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने के एवज में हजारों युवक-युवती सरकारी नौकरी, शिक्षण संस्थान सहित अन्य कार्यों को ले लेकर आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. लाखों युवक-युवतियों का भविष्य सरकारी उदासीनता के कारण गर्त में जा रहा है.

इस संबंध में लोहार जाति के युवक-युवतियों का कहना है कि पूर्व में राज्य सरकार द्वारा जारी गजट के अनुसार उनका जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जनजाति का निर्गत किया गया था, लेकिन विगत दिनों सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद 19 अप्रैल को राज्य सरकार द्वारा पत्र जारी करते हुए अपने पूर्व के प्रकाशित गजट को रद्द कर दिया गया. साथ ही साथ लोहार जाति को अत्यंत पिछड़ी जाति अनुसूचित एक के तहत जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने का आदेश देते हुए अन्य सुविधाओं का लाभ भी देने का निर्देश जारी किया गया. लेकिन अब तक इस निर्देश का अनुपालन विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है.

युवक-युवतियों का कहना है कि शैक्षणिक संस्थानों विभिन्न तरह के निकाले गए नौकरियों के आवेदन सहित सरकारी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद को लेकर बीपीएससी की विज्ञापन में जाति प्रमाण पत्र एवं क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र की आवश्यकता है. लेकिन विगत कई सप्ताह से ना तो लोहार जाति का जाति प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है और ना ही क्रीमी लेयर.

युवाओं का कहना है कि राज्य सरकार की लोक सेवाओं के अधिकार को लेकर बनाए गए पोर्टल पर अब भी लोहार जाति अनुसूचित जनजाति में दिख रही है. आवेदन नहीं हो पा रहा है जिससे कि प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो पा रहा है. उसी तरह क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र बनाने में भी लोहार जाति अनुसूचित जनजाति के कॉलम में ही दिख रही है. कठिनाइयों से आवेदन पत्र भरने की तिथि धीरे-धीरे समाप्त हो रही है. लेकिन प्रमाण पत्र नहीं बनने से वह इस आवेदन को भरने से चूक रहे हैं.

कई युवाओं का कहना है कि पूर्व के निर्गत प्रमाण पत्र फार्म अप्लाई किया गया जिसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सहित अन्य प्रक्रियाओं में करंट प्रमाण पत्रों की मांग की जा रही है. कई युवाओं का इंटरव्यू होने के बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में भी प्रमाण पत्रों की मांग की गई है, लेकिन प्रमाण पत्र जारी नहीं करने के कारण उनकी जॉइनिंग तक रुकी हुई है. ऐसी स्थिति में उनका भविष्य अंधकार में हो रहा है.

युवा युवती आपाधापी की स्थिति में है उन्होंने सरकार और उनके विभाग के पदाधिकारी से निर्गत पत्र के आलोक में अभिलंब जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की है, जिससे कि वह अपने आवेदन पत्रों को पूर्ण रूप से भर सकें.

Chhapra: जिले के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाओं को फोटो, मोबाइल नंबर सहित अन्य जानकारियों को लगाया जाएगा. शिक्षा विभाग के द्वारा निर्गत इस आदेश पर भले ही शिक्षक संघ नाराज हो इसके बावजूद भी सरकार के इस फरमान पर गतिविधि तेज हो गयी है.

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा जारी इस फरमान को अमली जामा पहनाने के लिए पदाधिकारी आदेश जारी कर चुके है. उधर स्कूलों में भी इसको मूर्त रूप दिया जा रहा है.

शिक्षा विभाग द्वारा विगत माह में विद्यालय में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाओं की फोटो सहित मोबाइल नम्बर, नाम, शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य जानकारी युक्त फ्लैक्स का निर्माण कर स्कूल परिसर के बरामदे में लगाने का निर्देश जारी किया गया था.

इस आदेश के बाद कई स्कूलों में यह कार्य शुरू हुआ लेकिन ज्यादातर स्कूलों में यह कार्य ना के बराबर था. शिक्षा विभाग द्वारा अनिवार्य रूप से उस आदेश को शत प्रतिशत पालन करने के लिए पुनः निर्देश देते हुए इसका पालन करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद विद्यालयों में इसके प्रति सक्रिययता बढ़ गयी है.

उधर इस आदेश का शिक्षक संघों ने विरोध किया है. शिक्षक नेताओं का कहना है कि विद्यालय के बरामदे में शिक्षक और शिक्षिकाओं की फोटो और मोबाइल नंबर से उनके साथ अप्रिय घटना हो सकती है. सरकार और विभाग इस फरमान को वापस ले.

इसुआपुर: गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बारिश और बाढ़ के पानी से चंवर और खेत पानी से भर चुके है वही पानी निचले इलाकों में पांव पसार रहा है. खेतों में पानी लगने से लाखो की फ़सल बर्बाद हो गयी है. किसानों के इस हाल का कारण सरकार की बारिश के पूर्व की तैयारी है.

जिले में बाढ़ की भयावहता और तांडव कोई नई बात नही है लेकिन इसके बाद भी सरकार सचेत नही है. प्रतिवर्ष किसान अपनी बदहाली पर पर आंशू बहाते है लेकिन सरकार चिरनिद्रा में रहती है.

बारिश और बाढ़ के पानी से प्रखण्ड के रामपुर अटौली पंचायत के डोइला, महुली गांव सहित आधे दर्जन गांव की फसल पूरी तरह तबाह है.

किसान एकता मंच के अध्यक्ष सह प्रमुख प्रतिनिधि युवा नेता अजय राय ने प्रखंड के जलमग्न गांवों की स्थिति का जायजा लिया और किसानों की बदहाल स्थिति को दर्शाते हुए कहा कि यहाँ पहले सभ्रांत किसान थे लेकिन अब यहाँ के किसान भुखमरी के कगार पर आ गए है. किसानों की स्थिति को लेकर सैकडों बार बिहार सरकार एवम संबंधित विभाग को ग्रामीणों द्वारा पत्र लिखा गया लेकिन सुशाशन की सरकार को किसानों से क्या मतलब भले ही किसान भूखा ही क्यों न हो, सरकार की किसान उत्थान योजना, किसानों की आय दुगना करने जैसी योजनाएं अखबार के पन्नो तक सिमट कर रह गई है. अब किसान सरकार का दरवाजा खट-खटा कर थक गए है. हज़ारो कोशिशों के बाद भी किसानों के साथ सरकार ने लगातार धोखा दिया है और बांध, स्विलिप गेट, पुल बनवाने के आड़ में करोडो रुपए लूट का खेल खेला गया है.

वही किसानों का कहना है कि जमींदारी बांध का जब निर्माण हुआ तो गांव में ख़ुशी का माहौल था. निर्माण के बाद जल नहर और बारिश के पानी के निकासी के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों का भूमि अधिग्रहण किया गया. जिससे डोइला से गोविन्दापुर डाबरा नही तक नहर का निर्माण सरकार द्वारा करना था. लेकिन 2006 से 2020 आ गया जल निकासी नहर का निर्माण न हो सका. इसी बीच जमीन्दारी बांध में सरकार द्वारा करोडो रुपये की लागत से सुइलिश गेट का निर्माण कर दिया गया और जो नहर कभी बना ही नही उस पर लगभग 5 करोड़ की लागत से 15 छोटे बड़े पुल पुलिया के निर्माण कर दिया गया.

प्रतिवर्ष किसानों अपनी बदहाली से ऊब चुके है और सरकार से इसका निदान चाहते है.जिससे कि बाढ़ और बारिश में उनकी फसल बची रही.

Patna: नियमित शिक्षकों की भांति राज्यकर्मी का दर्जा और हूबहू सेवा शर्त की मांग को लेकर जारी शिक्षकों की हड़ताल जारी है. शिक्षको की हड़ताल 50 दिन के बाद भी जारी है. हड़ताली शिक्षकों के प्रति सरकार का उदासीन रवैया शिक्षकों के आंदोलन को गति प्रदान कर रहा है ऐसे में सबसे विकट समस्या उन शिक्षकों की है जो आर्थिक तंगी के कारण एक एक कार इलाज के अभाव में मौत की गाल में समा रहे है.

सूबे में अबतक 42 शिक्षकों की मौत हो चुकी है. इन शिक्षकों की मृत्यु हड़ताल अवधि में हुई है. सरकार के उदासीन रैवये को देखते हुए परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर ब्रजवासी ने महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार, राज्यपाल बिहार एवं मानवाधिकारी आयोग बिहार को पत्र भेजकर बिहार में आर्थिक तंगी के कारण हो रही शिक्षकों की मौत पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है.इस संदर्भ में बंशीधर ब्रजवासी का कहना है कि राज्य के शिक्षक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है. कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉक डाउन में सभी हड़ताली शिक्षक भी सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे है. भारत सरकार ने निर्देश दिया कि इस लॉक डाउन अवधि में सभी सरकारी और निजी संस्थान में कर्मचारी को कर्तव्य पर मानते हुए उन्हें वेतन का भुगतान किया जाए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार सभी के लिए राहत योजना एवं अन्य राहत की घोषणाएं कर रही है लेकिन राज्य के 4 लाख शिक्षको को लेकर किसी तरह के बयान नही दे रही है. नियोजित शिक्षकों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. हालात यह है कि जो शिक्षक बीमार थे वह आर्थिक तंगी के कारण अपना इलाज नही करा पा रहे है. अपने परिवार के हालात सोंचकर कई शिक्षकों की ह्रदयघात से मृत्यु हो चुकी है.

राज्य में एक व्यक्ति की मौत कोरोना वायरस से हुई है. सरकार उनके प्रति जितनी सवेंदनशील दिख रही है वैसे राज्य के 42 शिक्षकों की मौत पर नही दिख रही. एक एक कार शिक्षक मौत के मुँह में जा रहा है लेकिन राज्य सरकार के रवैया उदासीन है. सरकार शिक्षकों के वेतन का भुगतान कर उन्हें इस आर्थिक तंगी से निजात दिलाये, शिक्षकों से वार्ता करें, उनकी मांगों पर पहल करें.

Patna: बिहार सरकार ने स्कूली छात्रों के लिए बड़ी घोषणा की है. सरकार की कैबिनेट ने वर्ग एक से लेकर 11 वी तक के छात्रों को बिना परीक्षा दिए अगली कक्षा में प्रवेश की अनुमति दे दी है. हालांकि इसमें 10वी के छात्र शामिल नही है.

इस आशय से सम्बंधित पत्र भी विभाग ने जारी कर दिया है. शिक्षा विभाग के उपसचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए विगत 17 मार्च से 14 अप्रैल तक विद्यालय बंद है. इसी बीच सरकार ने Lockdown की घोषणा की है. इस परिस्थिति में विद्यालयों में वार्षिक परीक्षा का आयोजन नही हो सकता. जिसको लेकर सरकार के विचारोंपरांत शैक्षणिक सत्र 2019-20 में कक्षा 1 से 11 वी तक 10वी कक्षा को छोड़कर अगली कक्षा में प्रोन्नति दी जाएगी.

Chhapra: परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में सदबुुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया. इस यज्ञ में शिक्षकों ने हवन करते हुए सरकार को सदबुुद्धि आने की मांग की. जिला अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि शिक्षकों ने सदबुुद्धि यज्ञ कर भगवान से यह कामना की है कि सरकार को सदबुुद्धि मिले जिससे कि वह शिक्षको की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें.

उन्होंने कहा कि सरकार अविलंब नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिये समान वेतन दे. वार्ना अब वो दिन दूर नही जब झारखंड की तरह बिहार की हठधर्मी सरकार सड़क पर न आ जाए. शिक्षक और शिक्षा सूबे में दोनों ही हासिये पर जा रहे है. मुख्यमंत्री जी अब भी नही चेते तो एक वर्ष में आपकी गठबंधन की सरकार का देश मे क्या हाल है वह नए वर्ष में भी बिहार को देखने को मिल सकता है.

सदबुुद्धि यज्ञ में अशोक यादव, एहसान अंसारी, पंकज कुमार, सूर्यकांत सिंह, जितेंद्र राम, हवलदार मांझी, अनिल सिंह, सुनील सिंह, राजू सिंह, विनोद राय, संजय राय, सुमन प्रसाद कुशवाहा, बबलू सिंह सहित दर्जनों शिक्षक ने हवन की आहुति दी.

Chhapra: रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा हेतु 01 नवम्बर, 2017 से नई समय-सारणी लागू की जा रही है. नई समय-सारणी में पूर्व से चलाई गई नई गाड़ियों को शामिल किया गया है तथा कुुछ गाड़ियों के समय में परिवर्तन किया गया है. परिणामस्वरूप 21एक्सप्रेस गाड़ियों के संचलन समय में 485 मिनट की बचत की गई है एवं 21सवारी गाड़ियों के संचलन समय में 280 मिनट की बचत की गई है.

 

नई गाड़ी का संचलन

पूर्व में चलाई गई निम्न गाड़ियों को 01 नवम्बर,2017 से प्रभावी समय-सारणी में शामिल किया गया है
19041/19042 बांद्रा टर्मिनस-गाजीपुर सिटी-बांद्रा टर्मिनस द्विसाप्ताहिक एक्सप्रेस
22419/22420 आनन्द विहार टर्मिनस-गाजीपुर सिटी-आनन्द विहार टर्मिनस एक्सप्रेस(सप्ताह में चार दिन)

13121/13122 कोलकाता-गाजीपुर सिटी-कोलकाता साप्ताहिक एक्सप्रेस
22323/22324 कोलकाता-गाजीपुर सिटी-कोलकाता साप्ताहिक एक्सप्रेस
22433/22434 आनन्द विहार टर्मिनस-गाजीपुर सिटी-आनन्द विहार टर्मिनस द्विसाप्ताहिक एक्सप्रेस

22427/22428 आनन्द विहार टर्मिनस-बलिया-आनन्द विहार टर्मिनस साप्ताहिक एक्सप्रेस
15065/15066 गोरखपुर-पनवेल टर्मिनस-गोरखपुर एक्सप्रेस (सप्ताह में चार दिन)
15067/15068 गोरखपुर-बांद्रा टर्मिनस-गोरखपुर साप्ताहिक एक्सप्रेस

19305/19306 इन्दौर-गुवाहाटी-इन्दौर साप्ताहिक एक्सप्रेस

14117/14118 इलाहाबाद-बस्ती मनवर संगम एक्सप्रेस (सप्ताह में पाँच दिन)

12571/12572 गोरखपुर-आनन्द विहार टर्मिनस-गोरखपुर हमसफर साप्ताहिक एक्सप्रेस

गाड़ियों के समय में परिवर्तन

12535 लखनऊ जं0-रायपुर एक्सप्रेस लखनऊ जं0 से परिवर्तित समय 14.10 बजे चलेगी
15036 काठगोदाम-दिल्ली उत्तर सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस काठगोदाम से परिवर्तित समय 08.45 बजे चलेगी।
15056 रामनगर-आगरा फोर्ट एक्सप्रेस रामनगर से परिवर्तित समय 17.40 बजे चलेगी।
15159 छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस छपरा से परिवर्तित समय07.10 बजे चलेगी ।
13122 गाजीपुर सिटी-कोलकाता एक्सप्रेस गाजीपुर सिटी से परिवर्तित समय 14.10 बजे चलेगी ।
22419 गाजीपुर सिटी-आनन्द विहार टर्मिनस सुहेलदेव एक्सप्रेस गाजीपुर सिटी से परिवर्तित समय17.20बजे चलेगी
12559 मंडुवाडीह-नई दिल्ली षिवगंगा एक्सप्रेस मंडुवाडीह से परिवर्तित समय 19.40 बजे चलेगी।

55131 छपरा-वाराणसी सिटी सवारी गाड़ी छपरा से परिवर्तित समय 07.30 बजे चलेगी।

75111 गाजीपुर सिटी-वाराणसी डेमू गाड़ी गाजीपुर सिटी से परिवर्तित समय 08.05 बजे चलेगी ।

55030 गोरखपुर-नरकटियागंज सवारी गाड़ी गोरखपुर से परिवर्तित समय 18.05 बजे चलेगी ।
12204 अमृतसर-सहरसा गरीब रथ गोरखपुर से परिवर्तित समय00.15 बजे चलेगी।
15621 कामाख्या-आनन्द विहार टर्मिनस एक्सप्रेस, 15529 सहरसा-आनन्द विहार टर्मिनस जनसाधारण एक्सप्रेस एवं14009 वापूधाम मोतिहारी-आनन्द विहार टर्मिनस एक्सप्रेस गोरखपुर से परिवर्तित समय 02.40 बजे चलेगी ।

15211 दरभंगा-अमृतसर जननायक एक्सप्रेस गोरखपुर से परिवर्तित समय 03.50 बजे चलेगी ।

15269 मुजफ्फरपुर-अहमदाबाद जनसाधारण एक्सप्रेस एवं 14603 सहरसा-अमृतसर जनसाधारण एक्सप्रेस गोरखपुर से परिवर्तित समय 04.20 बजे चलेगी ।
15707 कटिहार-अमृतसर आम्रपाली एक्सप्रेस गोरखपुर से परिवर्तित समय 12.35 बजे चलेगी ।

15097 भागलपुर-जम्मूतवी अमरनाथ एक्सप्रेस,
15651 गुवाहाटी-जम्मूतवी लोहित एक्सप्रेस, 15653 गुवाहाटी-जम्मूतवी एक्सप्रेस एवं
12491 बरौनी-जम्मूतवी मोरध्वज एक्सप्रेस गोरखपुर से परिवर्तित समय 14.00 बजे चलेगी ।

15273 रक्सौल-दिल्ली सत्याग्रह एक्सप्रेस गोरखपुर से परिवर्तित समय 15.30 बजे चलेगी ।

12565 दरभंगा-नई दिल्ली बिहार सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस गोरखपुर से परिवर्तित समय 16.05 बजे चलेगी ।

13019 हावड़ा-काठगोदाम बाघ एक्सप्रेस गोरखपुर से परिवर्तित समय 18.00 बजे चलेगी ।
12554 नई दिल्ली-बरौनी वैषाली एक्सप्रेस गोरखपुर से परिवर्तित समय 09.10 बजे चलेगी ।

15622 आनन्द विहार टर्मिनस-कामाख्या एक्सप्रेस, 15530 आनन्द विहार टर्मिनस-सहरसा जनसाधारण एक्सप्रेस तथा 14010 आनन्द विहार टर्मिनस-बापूधाम मोतिहारी एक्सप्रेस गोरखपुर से परिवर्तित समय 14.50 बजे चलेगी ।

15204 लखनऊ जं0-बरौनी एक्सप्रेस गोरखपुर से परिवर्तित समय 22.15 बजे चलेगी।

75003 गोरखपुर-बढ़नी डेमू गाड़ी गोरखपुर से परिवर्तित समय09.50 बजे चलेगी।

55043 गोरखपुर-नौतनवां सवारी गाड़ी गोरखपुर से परिवर्तित समय 18.20 बजे चलेगी।

75002 गोण्डा-बढ़नी-गोरखपुर डेमू गाड़ी गोण्डा से परिवर्तित समय 02.40 बजे चलेगी।

55050 लखनऊ जं0-नकहा जंगल सवारी गाड़ी गोण्डा से परिवर्तित समय 10.50 बजे चलेगी ।

75004 बढ़नी-गोरखपुर डेमू गाड़ी बढ़नी से परिवर्तित समय13.15 बजे चलेगी।

15020 नौतनवा-गोरखपुर सवारी गाड़ी नौतनवा से परिवर्तित समय 14.35 बजे चलेगी।

11112 बलरामपुर-ग्वालियर सुषासन एक्सप्रेस बलरामपुर से परिवर्तित समय 11.55 बजे चलेगी ।

 

Chhapra: महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने रोजगार मेले को संबोधित करते हुए कहा कि सारण जिला अति पिछड़ों का जिला है, इसके बावजूद भी इस जिले में अपनी अलग पहचान स्थापित की है.

उन्होंने मढ़ौरा के औद्योगिक क्षेत्र की चर्चा करते हुए कहा कि मढ़ौरा अनुमंडल रोजगार से भरा था, अगर मढ़ौरा को विकसित किया गया होता तो आज इस रोजगार मेले की जरूरत युवाओं को नहीं होती.

श्री सिग्रीवाल ने मढ़ौरा की पुनः स्थापना के बारे में सरकार से सोचने का आग्रह किया, जिससे की औद्योगिक क्षेत्र को पुनः विकसित किया जा सके. श्री सिग्रीवाल ने कहा कि पूर्व मंत्री सह सांसद द्वारा मढ़ौरा के विकास को लेकर पहल की गई थी लेकिन राज्य सरकार का समर्थन नहीं मिला.

23 साल बाद यह मौका मिला है जब देश और प्रदेश में एक सरकार है. हम सबको मिलकर रोजगार विकसित बिहार के निर्माण में सहयोग करना चाहिए.

उन्होंने मेले में आई कंपनियों से युवाओं के साथ उनके मान सम्मान की कद्र करने का आह्वान किया.

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छपरा(कबीर अहमद): पूरी ज़िंदगी की कमाई एक पल में खो देने का दर्द, खोने वाले से बेहतर और कौन समझ सकता है. दुनिया दो पल के लिए तो सांत्वना दे सकती है लेकिन वो दर्द को न तो कम कर सकती है ना ही महसूस कर सकती है.

सुबह में आँख खुली नही की शाम में घर में चूल्हा कैसे जलेगा इसकी चिंता सताने लगती थी. ऐसे ही कई परिवार जिसके पास अपनी ज़मीन नही किराया पर ठिकाना और वो भी एक पल में सब ख़ाक हो गया. वो प्यारी सी कुटिया जो महल से कम नहीं थी. अब वो भी नही रही.

जिले में इन दिनों तेज पछुआ हवा के कारण अगलगी की घटनाओं में इजाफा हुआ है. लोग आग के लगने से एक पल में अपने जीवन भर की कमाई को खो दे रहे है.

रविवार की दोपहर शहर के भगवान बाज़ार थाना क्षेत्र के मिर्चईया टोला मुहल्ले में एक परिवार की ज़िन्दगी भर की कमाई पल में आगलगी से ख़ाक हो गयी. किराये की ज़मीन पर ज़िन्दगी भर की कमाई और पाई-पाई जोड़कर मोहम्मद अली ने अपना आशियाना बनाया था. वह एक पल में सब ख़ाक हो गया. मोहम्मद अली की पत्नी ने बार बार कह रही थी कि मेरे के पास अब कुछ नही बचा. जो पैसे थे घर में वो भी जल गए. सर के ऊपर जो छत संजोया था वो भी अब नही रहा. 20160424060133

वही दूसरी ओर गड़खा थाना क्षेत्र के तीन स्थानों पर हुई आगलगी की घटना में तीन लोगों की मौत आग के चपेट में आने से हो गयी. यह केवल एक दिन की बात नहीं पिछले एक महीने के अंदर लगभग सैकड़ों घर आग की चपेट में आये है और लोग बेघर हुए है.   

यह हाल किसी एक परिवार का नहीं बल्कि जिले के कई परिवार इस विभीषिका से जूझ रहे है. जिले में लगातार हो रही आगलगी की घटनाओं से कितनों के आशियाने उजड़ गए और कितनो ने अपनों को खो दिया. कुदरत के इस कहर से कई लोग खुले आसमान के नीचे रात बिताने को विवश हुए है. मुआवजे के नाम पर जो भी सरकारी सहायता मिल रही है. वह महज एक औपचारिकता मात्र है. जीवन भर संजोया एक पल में गवां बैठे लोगों को अब समझ नहीं आ रहा की जिंदगी की गाड़ी को पटरी पर फिर से कैसे लाया जाए.

{फोटो: अमन कुमार, छपरा टुडे} 

नयी दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में कलिखो पुल ने शुक्रवार को शपथ लिया. अरुणाचल प्रदेश में सरकार गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से मंजूरी के बाद कांग्रेस से असंतुष्ट चल रहे कलिखो पुल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. कलिखो पुल को राज्यपाल जेपी राजखोवा ने पद और गोपनियता की शपथ दिलाई. बीते करीब एक महीने से राज्य में थी सियासी अस्थिरता
बीते करीब एक महीने से राज्य में सियासी अस्थिरता का माहौल था. शपथ ग्रहण के बाद कलिखो पुल ने कहा कि सहयोगियों से चर्चा के बाद मंत्रिमंडल विस्तार पर फैसला किया जाएगा.
बताते चले कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में यथास्थिति का फैसला वापिस ले लिया. जबकि इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश से राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश की थी. सोमवार को कांग्रेस के असंतुष्ट कलिखो पुल के नेतृत्व में 31 विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की थी और राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया था. उनके साथ कांग्रेस के 19 बागी विधायक और बीजेपी के 11 विधायक और दो निर्दलीय सदस्य शामिल थे.

(कबीर अहमद) स्वामी विवेकानंद ने कहा था की बेरोजगारी किसी भी राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा अभिशाप है. आज हमारे देश में भी बेरोजगारी एक बहुत विकट समस्या बन चुकी है.

देश की आजादी के बाद कई सरकारें आई और गईँ, लेकिन बेरोजगारी की समस्या यथावत बनी हुई है. हालाँकि कुछ सरकारों ने इस दिशा में  सार्थक पहल जरूर किये पर रोजगार को समाज के अंतिम पावदान तक ले जाने में ज्यादातर विफलता ही मिली है.

देश में रोजगार का स्वरुप आसानी से हर व्यक्ति को उपलब्ध होने जैसा नहीं है. पैसा और पैरवी का आभाव आज भी जरूरतमंदों को रोजगार दिलाने में बाधक है. देश में रोजगार का आवंटन पारदर्शी ना होना भी बेरोजगारों के लिए एक कठिन चुनौती है.

आज हमारे देश में एक पूर्ण बहुमत की सरकार है. देश के युवाओं को इस सरकार से काफी उम्मीदें हैं. सरकार को बेरोजगारी के इस विकट समस्या को समाप्त करने हेतु कुछ सार्थक पहल करने की आवश्यकता है.

बढ़ते बेरोजगारी से युवाओं में जो निराशा की भावना उत्पन्न हो रही है वो निश्चित ही देश के लिए चिंता का विषय है. सरकार को जल्द ही इस विषय में सोंचने की जरूरत है.

युवाओं का भविष्य बेरोजगारी के संकट में अंधकारमय ना हो इसके लिए बेरोजगारी उन्मूलन  योजनाओं को लागू करने के साथ-साथ उसके क्रियान्वयन की भी आवश्यकता है.

किसी भी देश को ये कभी नहीं भूलना चाहिए की राष्ट्र का विकास तभी संभव है जब वहां के जनता के पास रोजगार होगा. हर हाथ में काम होगा तभी राष्ट्र तरक्की के पथ पर अग्रसर हो पाएगा.