Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जारी Lockdown के दूसरे चरण में 20 अप्रैल को आमजनता को किसी भी तरह की रियायत नही मिली. प्रशासन ने खुले तौर पर यह कह दिया है कि सिर्फ कुछ सरकारी दफ्तरों में कामकाज को लेकर निर्धारित शर्तो पर काम करने की छूट मिली है. लेकिन आम जनता के लिए Lockdown अभी पूर्व की तरह जारी है.

लेकिन इन घोषणाओं और प्रचार प्रसार का कोई असर शहर के कुछ इलाकों में नही दिख रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात बेवज़ह सड़कों पर लोगों का घूमना जारी है, मटरगस्ती करने वाले सड़कों पर गप्पेबाजी का मजमा लगा ले रहे है.

स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब रोक के बावजूद समोसे, चाट, चाय, पान और गुटखा की दुकानें खुली हो. प्रशासनिक आदेश की धज्जियां और होने वाली कार्रवाई से बेख़ौफ़ ठेले वाले दुकानदार और खरीददार सड़कों पर खड़े होकर स्वाद की चुस्कियां ले रहे है.

प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 20 अप्रैल के बाद भी होटल और मिठाई दुकाने, चाय, पान, तम्बाकू की दुकानें नही खुलेगी. लेकिन नियमों को धत्ता बताते हुए शहर के मौना चौक पर समोसा, चाट, चाय, पान, गुटखा की ठेले वाली दुकानें सज रही है. बेधड़क लोग जिनमे सबसे ज्यादा युवा शामिल है उनकी भीड़ इन दुकानों पर जुट रही है. कुछ चोरी छिपे तो कुछ निर्भीक होकर खाने पीने वाली इन दुकानों को खोल रहे है. शाम के समय चौक से साढ़ा रोड जाने वाली सड़क आम दिनों की तरह लग रही है. वही साहेबगंज जाने वाली सड़क खाली दिखती है. मौना चौक एवं उससे जाने वाले चारों दिशाओं से पुलिस की उपस्थिति नदारद है जिसका यह दुकानदार खूब फ़ायदा उठा रहे है. समय समय पर हो रही पेट्रोलिंग के दौरान ही इनकी दुकान छिप जाती है.

हालांकि इन दुकानदारों से कही ज्यादा दोष उनलोगों का है जो अपने जीवन को दांव पर लगाकर न सिर्फ Lockdown को तोड़ रहे है बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग भी पूरी तरह समाप्त कर रहे है. सरकार और प्रशासन ने सिर्फ जनउपयोगी सामग्री की दुकानों को खुलने तथा आवश्यक पड़ने पर ही आम जनता को घर से बाहर निकलने का आदेश दिया है. ऐसे में कुछेक लोगों की यह लापरवाही पूरे शहर और जिले को परेशानी में डाल सकती है.

Chhapra: शहर का थाना चौक इन दिनों फ़ास्ट फ़ूड चौक बनकर रह गया है. शाम ढलते ही इस चौक पर दो दर्जन से अधिक ठेलों पर दुकान सज जाती है.

एक तरफ जिला प्रशासन शहर से अतिक्रमण हटाने का काम कर रही है वही इस चौक जिला प्रशासन की नाक के नीचे दर्जनों ठेला खोमचा के साथ साथ फुटपाथ पर अतिक्रमण का जाल बिछा है. चौक के चारो दिशाओं में देखने पर हर तरफ सिर्फ दुकानें ही दुकानें नज़र आती है. जिसके कारण सड़क पर इधर उधर गाड़िया खड़ी हो जाती है. जिससे पूरे दिन जाम की स्थिति बन जाती है.

हालांकि मजहरूल चौक पर फुटपाथी दुकानदारों के लिए नगर निगम द्वारा शेड गिराया गया है लेकिन कागजी कार्रवाई के चलते यह शेड सिर्फ बनने तक ही सीमित रह गया. इस शेड के आवंटन को लेकर कभी जागरूकता अभियान चला और ना ही फुटपाथी दुकानदारों से ही यहाँ अपनी दुकानें लगाने की अपील की गई.

यही कारण है कि शहर की नाक कहे जाने वाले थाना चौक पर दोपहर बाद से समोसा, बर्गर, चाट, चाप लिट्टी, डोसा, चौमिग सहित अन्य खाद्य पदार्थो की बिक्री शुरू हो जाती है और इसके साथ ही शुरू हो जाता है सड़को पर जाम लगना.

कई दुकानदार तो ऐसे है जो मिली भगत से एकदम मुख्य चौराहे पर ही अपनी दुकान लगाते है. पूरे दिन जिला प्रशासन के आलाधिकारी से लेकर निम्न स्तर के पदाधिकारी आते जाते सिर्फ अपनी ड्यूटी बजाते है और जनता की नोकझोक होती रहती है.