Chhapra: रोट्रेक्ट क्लब अॉफ सारण सिटी ने रांची में आयोजित रोट्रेक्ट के 32 वें मंडल अधिवेशन में बेस्ट फैल्ग का अवार्ड जीतकर शहर का नाम रौशन किया है. इस आयोजन में कुल 40 क्लब ने हिस्सा लिया था.

रोटरी सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल ने रोट्रेक्ट सारण सिटी के सदस्यों को जिले एवं रोटरी सारण का नाम रौशन करने के लिए बधाई दी.

रोट्रेक्ट सारण सिटी से सचिव टुन्ना सिंह, उपाध्यक्ष सुधांशु कुमार कश्यप, कोषाध्यक्ष उज्ज्वल रमण, संयुक्त सचिव निरव कुमार, महताब आलम, मो० इरफान, निकुंज कुमार ,अभिषेक कुमार, पंकज कुमार, अनिल कुमार ने अध्यक्ष अनिकेत के नेतृत्व में मंडल अधिवेशन में हिस्सा लिया.

इस मौके पर रोटरी सारण के अध्यक्ष डॉ मदन प्रसाद तथा सचिव सुरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि रोट्रेक्ट क्लब अॉफ सारण सिटी ने अपने बेहतरीन एवं उत्कृष्ट कार्यों से समाज मे तेजी से नाम स्थापित किया है. उसी का परिणाम यह पुरस्कार है.

इस मंडल अधिवेशन में रोट्रेक्ट सारण सिटी को 2 अवार्ड प्राप्त हुआ है. रोटरी सारण के सदस्यों ने रोट्रेक्ट सारण सिटी को बधाई दी है.

{सुरभित दत्त}
समाज के उत्थान और प्रगति के लिए शिक्षा बेहद जरुरी आयाम है. समाज को शिक्षित करने के मुहीम के माध्यम से समाजसेवा में जुटे कुछ जुनूनी युवाओं ने इन दिनों शहर में एक अभियान छेड़ रखा है. युवाओं द्वारा दलित बस्ती का चुनाव कर उनमें रह रहे बच्चों तक शिक्षा का अलख जलाया जा रहा है. 

इस कार्य में लगे फेस ऑफ़ फ्यूचर इंडिया संस्था के मंटू कुमार यादव बताते है कि समाज के गरीब बच्चों को शिक्षा देने की प्रेरणा उन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक के रूप में कार्य करते हुए मिली. मंटू राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक के रूप में अपने बेहतर कार्यो के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके है. 

बच्चों के साथ मंटू की टीम                                                                                       Photo: Mantu Kumar

शहर के दलित बस्तियों में आपको मंटू के संस्था के द्वारा चलायी ऐसी पाठशाला अमूमन दिख जाएगी. संस्था के माध्यम से इन दिनों एक अभियान चला कर दलित बस्ती के बच्चों को साक्षर बनाने में जुटे है.

प्रतिदिन शहर के किसी न किसी दलित बस्ती में शिविर के माध्यम से संस्था के युवा शिक्षा की अलख जगाने निकल पड़ते है. बस्ती का चुनाव होता है. बच्चों को बुलाया जाता है, और शुरू हो जाती है पाठशाला.

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मंटू ने बताया कि उनकी संस्था से जुड़े युवाओं की टोली अलग अलग स्थानों पर दलित बस्तियों में शिक्षा का अलख जा रही है. छपरा शहर के आलावे कई प्रखंडों में भी ऐसे शिविर के माध्यम से बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि दलित बस्तियों में पहले लोगों ने विरोध किया पर जब उन्हें पता चला की बच्चों के भविष्य के लिए शिक्षा जरुरी है और उनकी टीम बच्चों को शिक्षित करने पहुंची है, तो स्थानीय लोगों ने भी सहयोग करना शुरू किया और अभियान चल पड़ा. दलित बस्ती में लगी इस पाठशाला से बच्चों को निश्चित ही लाभ मिल रहा है. दलित बस्ती की महिलाओं ने भी इनके प्रयास की सराहना करते हुए इसे जारी रखने की बात कही.

तमाम सरकारी संसाधनों और योजनाओं के बाद भी कही ना कही गरीब बच्चे शिक्षा से दूर रह जाते है. मंटू की टीम ‘पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया’के अपने ध्येय वाक्य को लेकर आगे बढ़ रही है. इन युवाओं की निःस्वार्थ सेवा समाज को एक नई प्रेरणा दे रही है.