Chhapra: गर्मी के मौसम में जब तापमान बढ़ने और लू से लोग परेशान है. ऐसे में शीतल जल के साथ साथ अन्य पेय पदार्थो की डिमांड बढ़ी है.

शहर के लगभग है चौक चौराहे पर या पेड़ों के नीचे गन्ना, नारियल पानी, सत्तू आदि के ठेले दिख जायेंगे. गर्मी से परेशान लोग कुछ देर रुकते है आराम करते है और इन शीतल पेय पदार्थ से गर्मी से राहत की कोशिश करते है.

मई महीने की शुरुआत में गर्मी ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है. विगत दो दिनों से भीषण गर्मी से लोगों की परेशानी बढ़ी है. ऐसे में शीतल पेय पदार्थों की डिमांड बढ़ी है.

शहर के शिशु पार्क के पास गन्ना का जूस बेचने वाले दूकानदार बताते है कि गर्मी के बढ़ने के साथ ही डिमांड बढ़ी है. वह रोजाना एक क्विंटल गन्ना लेकर अपनी दूकान लगाता है. डिमांड बढ़ने से उसे फायदा हो रहा है.

कुछ ऐसा ही नगरपालिका चौक पर नारियल पानी बेचने वाले की है. नारियल पानी ठंडा होता है ऐसे में लोगों की पसंद बना हुआ है.

वही गर्मी से राहत के लिए लोग आइसक्रीम, लस्सी और छपरा में मिले वाले घसुआ बर्फ आदि का भी सेवन कर रहे है.

छपरा (कबीर): ठण्ड ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है तो वहीं ठण्ड में बिहार के सबसे पसंदीदा व्यंजन पर भी आफत आन पड़ी है. महंगाई के इस दौर में सबसे सस्ते में पेट भरने वाला यह व्यंजन अब महंगा हो चला है.

बात लिट्टी की हो रही है. जिस पर गायक मनोज तिवारी ने एक गीत भी गाया है. गाना कुछ यूँ है ‘इंटरनेशनल लिट्टी चोखा जे खईलस ना पईलस धोखा’.

सत्तू की बढ़ी कीमत इस व्यंजन से लोगों की दुरी बढ़ा रही है. लिट्टी में भरे जाने वाला चना का सत्तू बाज़ार में 180 रूपये प्रति किलो बिक रहा है. किराना दुकानदार ने बताया कि चना का दाम 125 से 135 रूपये किलो हो गया है. जिससे चना के सत्तू के दाम का बढ़ना लाजमी है.