छपरा: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के प्रीमियर कॉलेज राजेन्द्र महाविद्यालय के समंजन कर्मी इन दिनों भारी वित्तीय अनियमितता का दंश झेल रहे हैं. समंजन कर्मी वित्तीय अनियमितता एवं नियमित वेतन भुगतान नहीं किये जाने के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. कर्मियों का धरना पिछले 22 जून से जारी है. 

हड़ताल पर बैठे समंजन कर्मी नवल किशोर सिंह ने बताया कि सामंजित कर्मचारियों के वेतन भुगतान के सन्दर्भ में जेपीयू के कुलसचिव ने दिनांक 27.05.2016 को पत्रांक 7701(R) के अंतर्गत महाविद्यालय को आतंरिक श्रोतों के माध्यम से भुगतान करने का निर्देश जारी किया. जिसके अनुसार महाविद्यालय में नामांकन पत्र के बिक्री से प्राप्त होने वाली राशि भी RTGS के जरिये उपलब्ध करा दी गई है. जिससे कर्मचारियों का भुगतान सुनिश्चित हो सके. धरना पर बैठे कर्मचारी

कर्मचारियों का आरोप है कि कुलसचिव के निर्देश के बाद भी महाविद्यालय के प्राचार्य समंजन कर्मियों का भुगतान नहीं कर रहे हैं जो घोर वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है. कर्मचारियों का कहना है कि सभी नियमों को धत्ता बताते हुए कटऑफ डेट 11.12.1990 के बाद विभिन्न प्राचार्यों द्वारा नियुक्त कर्मियों को आतंरिक श्रोतों से भुगतान किया जा रहा और पूर्व के कर्मियों को नियमित भुगतान नहीं दिया जा रहा है.

कर्मचारियों ने बताया कि स्नातक नामांकन फॉर्म के बिक्री से महाविद्यालय को प्रतिवर्ष कुल 24 लाख रूपए की धनराशि प्राप्त होती है और स्नातकोत्तर नामांकन फॉर्म के बिक्री से प्रतिवर्ष कुल 16.50 लाख रूपए प्राप्त होते हैं. जबकि प्रतिवर्ष तृतीय और चतुर्थवर्ग समंजन कर्मीयों के वेतन भुगतान में कुल खर्च 24 लाख 48 हजार का है जो प्राप्त राशि से काफी कम है. अगर महाविद्यालय चाहे तो आसानी से सभी कर्मचारियों को वेतन भुगतान हो सकता है.

समंजन कर्मीयों की मांग है कि विश्वविद्यालय जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप कर सभी कर्मियों का भुगतान सुनिश्चित कराने के व्यवस्था करे अन्यथा समंजन कर्मी सामूहिक आत्मदाह का भी निर्णय ले सकते हैं.

इस खबर पर हमने राजेन्द्र कॉलेज के प्राचार्य से संपर्क करने की कोशिश की पर उनसे संपर्क नहीं हो सका.   

छपरा: जय प्रकाश विश्वविद्यालय के प्रीमियर कॉलेज में शुमार राजेन्द्र कॉलेज को NAAC के द्वारा B ग्रेड दिया गया है. नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिएशन कांउसिल ने कॉलेज को B-grade (2.66 cgpa) दिया है. इसके साथ ही राजेन्द्र कॉलेज NAAC एक्रीडिएशन प्राप्त करने वाला जेपी विश्वविद्यालय का तीसरा कॉलेज बन गया है. इसके पहले जगदम कॉलेज को बी ग्रेड तथा नारायण कॉलेज गोरिया कोठी को नैक से सी ग्रेड मिल चूका है.

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कॉलेज के NAAC से B-Grade मिलने के बाद डा. रामश्रेष्ठ राय ने बताया कि कॉलेज को नैक से मान्यता के लिए प्रयास शुरू किये गए थे. जिसे लेकर कॉलेज में आधारभूत संरचना के साथ ही वाई फाई लैब, पुस्तकालय को आधुनिक व आन लाईन किया गया था. NAAC की टीम ने कॉलेज का मूल्यांकन कर B-Grade दिया गया है. जो कॉलेज के प्राध्यापकों, कर्मचारियों, छात्रों समेत सभी के लिए ख़ुशी की बात है. 

 

बताते चले कि 1938 में स्थापित राजेंद्र कॉलेज बिहार का पहला कॉलेज है जहां कामर्स की पढ़ाई शुरू हुयी थी.

 

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छपरा: राजेंद्र कॉलेज में आज National Assessment and Accreditation Council (NAAC) से मान्यता के लिए तीन सदस्यीय पीयर टीम ने जांच शुरू की. टीम तीन दिनों तक कॉलेज का मूल्यांकन करेगी. कॉलेज 

कॉलेज के प्राचार्य डा. रामश्रेष्ठ राय ने बताया कि नैक के टीम के आगमन के बाद उनका स्वागत किया गया. NCC के कैडेटों द्वारा गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया. जिसके बाद टीम ने कॉलेज के विभागों का निरीक्षण किया. 

प्राचार्य रामश्रेष्ठ राय
प्राचार्य रामश्रेष्ठ राय

उन्होंने बताया कि कॉलेज के विभिन्न विभागों को आधुनिक सुविधा से लैस कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि पीयर टीम के अध्यक्ष बंगलोर विश्वविद्यालय पूर्व कुलसचिव प्रो. आरएम रंगनाथ, सदस्यों में पूर्व प्रोफ़ेसर डॉ. यूए सुब्बा राव एवं आईबी पटेल कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स गुजरात के प्राचार्य डॉ. वीएस वनार शामिल है. कॉलेज को बेहतर ग्रेड मिले इसके लिए सभी जरुरी कार्य पूरी कर ली गयी है.