Chhapra: सोमवार को छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह के कार्यालय मेंस्टैंडिंग कमिटी की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में मेयर प्रिया सिंह के साथ उप मेयर अमितांजली सोनी, नगर आयुक्त अजय सिन्हा, वार्ड पार्षद उदय प्रताप सिंह, वार्ड पार्षद नरगिस बानो, अभियंता एसके श्रीवास्तव ने हिस्सा लिया.

बैठक के बारे में नगर आयुक्त अजय सिन्हा ने बताया कि बैठक में आवास योजना की समीक्षा की गई है. साथ ही जो भी बचे हुए लाभुकों की सूची हैं उसे जल्द से जल्द भेजी जायेगी.

साथ ही साथ शहर में चल रहे शौचालय योजना की भी समीक्षा की गयी. साथ ही छपरा नगर निगम को को जल्द से जल्द ओडीएफ घोषित करने पर चर्चा की गयी. जिसमें खुले में शौच करने वालों को शौचालय निर्माण के लिए आवेदन को प्रेरित किया जायेगा.

25 जमादारों की होगी बहाली: 

बैठक की जानकारी देते हुए नगर आयुक्त अजय सिन्हा ने बताया कि नगर निगम जल्द ही शहर के विभिन्न वार्डों के लिए जमादारों की बहाली करेगा. इसके तहत निगम द्वारा शहर में 25 जामदारों की नियुक्ति की जायेगी. जो विशेष रूप से सम्बंधित वार्डों में सफाई व्यवस्था को देखेंगे. गौरतलब है कि जमादारों की कमी के कारण कई वार्डों में सफाई व्यवस्था सही नहीं है. इनकी बहाली के बाद इन वार्डों में सफाई व्यवस्था सुदृढ़ हो जाएगी. नगर आयुक्त अजय सिन्हा ने बताया कि जमादारों को बोर्ड की बैठक के बाद बहाल किया जाएगा.

डेंगू के मरीज मिलने के बाद हरकत में आया निगम

शहर में डेंगू के मरीज मिलने के बाद नगर निगम भी हरकत में आ गया है. नगर आयुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से इस बारे में निगम को कोई रिपोर्ट नहीं भेजी गई है. लेकिन निगम द्वारा शहर के सभी वार्डों में वार्ड पार्षदों की देख रेख में नियमित में से लगातार फॉगिंग कराई जाएगी.

दशहरा के पहले साफ होगा शहर
दशहरा से पहले शहर की साफ सफाई में तेज़ी तेजी लाने के लिए सफाईकर्मियों व एनजीओ को विशेष रूप निगम द्वारा निर्देशित किया गया है. साथ ही शहर में निकलने वाले मूर्ति जुलूसों के रास्ते मे पड़ने वाले पुलियों की मरम्मती के भी आदेश दिए गए हैं.

 

 

छपरा: छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह ने गुरुवार को
शहर के वार्ड संख्या 38 में चलाय जा रहे विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का अचौक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने वार्ड 38 के 4 विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया. इन चार आंगनबाड़ी केंद्रों में सेे 2 में ताला लटका मिला. वहीं अन्य दो केंद्रों पर सहायिका अनुपस्थित पायी गयी. साथ ही साथ इन केंद्रों पर बच्चों की संख्या आधा दर्जन से भी कम थी. इस निरीक्षण के दौरान मेयर के साथ उप मेयर अमितांजली सोनी व वार्ड 38 की पार्षद नरगिस बानो भी मौजूद रही.

वहीं जब मेयर में आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन को लेकर आसपास के लोगों व बच्चों के अभिभावकों से बात की तो लोगों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है. साथ ही लोगों ने इन केंद्रों में हो रही अनियमितता को लेकर मेयर से शिकायत भी की.

निरीक्षण के बाद मेयर प्रिया सिंह ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन से करके इन केंद्रों पर उचित कार्यवाई करने की बात कही है.

Chhapra: विभाग के निर्देश के बाद भी छपरा नगर निगम क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त नही हो पाया है. छपरा को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए विभाग ने नगर निगम को 2 अक्टूबर तक का समय दिया था. जिसके बाद 2 अक्टूबर बीत जाने के बाद भी छपरा को खुले में शौच से मुक्त नहीं कराया जा सका है. शौचालय के अभाव में अब भी निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों के लोग खुले में शौच के लिए जा रहे हैं. सबसे ज्यादा तो वार्ड 12, 14 के साथ अन्य वार्डों के लोग दियारा इलाक़ों में खुले में शौच के लिए जा रहे हैं.

नगर निगम की सुस्ती के कारण नहीं खत्म हुई समस्या

इस क्षेत्र में होने वाले कार्य में नगर निगम लगातार सुस्ती दिखा रहा है. जिस कारण छपरा खुले में शौच से मुक्त नहीं हो पाया है. इससे पहले छपरा नगर निगम के 28 वार्डों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया था. जिसके बाद 2 अक्टूबर तक 7 और वार्डों को ओडीएफ घोषित किया गया है. अभी भी शहर के 10 वार्ड ओडीएफ घोषित होने का इन्तेजार कर रहे हैं.

छपरा को खुले में शौच से मुक्त करने की दिशा में नगर निगम ने सामुदायिक शौचालय बनवाने की बात कही गयी थी. इसके तहत वैसे लोग जिनके घरों में शौचालय बनवाने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं है. उनके लिए सामुदायिक शौचालय बनाने की बात कही गयी थी. लेकिन तय समय सीमा बीत जाने के बाद भी शहर में एक भी सामुदायिक शौचालय नहीं बनवाया जा सका है.

इसके अलावें शहर में पहले से मौजूद सामुदायिक शौचालयों का हाल बेहद खराब है. नगर निगम की अनदेखी के कारण कई शौचालय जजर्र हो गए है. इनकी मरम्मती तक भी नहीं करायी गयी है. इसके अलावें कुछ सामुदायिक शौचालय अतिक्रमण का भी शिकार हो गए हैं.

नही खरीदे एक भी नये मोबाइल टॉयलेट

इसके अलावा नगर निगम द्वारा शहरवासियों के लिए बड़ी संख्या में मोबाइल टॉयलेट खरीदने की बात कही गई थी. लेकिन 2 अक्टूबर बीत जाने के बाद भी एक भी नये मोबाइल टॉयलेट नहीं खरीद पाया है. वही पहले से मौजूद मोबाइल टॉयलेट इस्तमाल करने को लेकर लोगों को जागरूक भी नहीं किया गया. ये मोबाइल टॉयलेट लावारिस हालात में इधर उधर पड़े हुए हैं.

गौरतलब है कि छपरा नगर निगम द्वारा कराय गये सर्वे में 6500 से अधिक परिवारों में शौचलय नहीं होने की बात सामने आयी थी. जिसके बाद हज़ारों परिवारों से आवेदन लेकर उन्हें दो मुश्त में शौचालय बनाने की राशि दी जानी थी. निगम कर्मचारियों का कहना है कि लगभग लोगों को पहली किश्त व दूसरी किश्त राशि भेज दी गयी है. कुछ ही लोगों को ये रकम भजेना बाकी है. साथ ही शौचालय बनवाने के लिए नये आवेदन अब नहीं आये हैं. देखने वाली बात यह होगी कि आखिर कब तक छपरा नगर निगम खुले में शौच से मुक्त हो पाता है.क्या बोलीं मेयर: शौचालय की समस्या को लेकर छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिन्हा का कहना है कि शौचालय से सम्बन्धित कार्य नगर आयुक्त देखते हैं. आगामी बोर्ड की बैठक में नगर आयुक्त से इस बारे में सवाल किया जाएगा.