PATNA: शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा चर्चित रहने वाले बिहार शिक्षा विभाग एक बार फिर चर्चे में है. प्रत्येक वर्ष इंटर मैट्रिक की परीक्षा में अपने कारनामो के कारण चर्चा में आ जाता है. 2020 में एक बार फिर चर्चा में है जहाँ इंटर परीक्षा में मूल्यांकन को लेकर मृत शिक्षको को परीक्षक बनाया गया है. इतना ही नही अनुपस्थित होने पर विभाग ने दोनों मृत शिक्षको को निलंबित भी कर दिया है.

बेगूसराय और बांका डीईओ ने जारी किया आदेश

यह कारनामा बिहार के बेगूसराय और बांका जिले में जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किया है. बेगूसराय में शिक्षक रंजीत कुमार की दो साल पहले मौत हो गई थी. फिर भी उनको परीक्षक बना दिया. बांका में भी तीन साल पहले जिस शिक्षक हैदर की मौत हो गई थी उसको भी परीक्षक बना दिया है. दोनों में से किसी का भी जांच पड़ताल नहीं की गई है.

बिहार में इंटर की कॉपी जांच करने वाले शिक्षक भी हड़ताल पर चले गए है. जिससे कॉपी जांच कराने में शिक्षा विभाग को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कॉपी जांच का विरोध करने वाले बिहार के करीब 1200 शिक्षकों पर विभाग अब तक कार्रवाई कर चुका है. अब शिक्षकों से अधिक अधिकारियों को मुर्दों पर भरोसा हो गया है. कॉपी की जांच के लिए मृत शिक्षकों के बुलाया जा रहा है और जब यह शमशान घाट से नहीं पहुंचे तो उनको सस्पेंड कर दिया गया है. बिहार में शिक्षा विभाग पहले भी अपने कारनामों को लेकर देश ही नहीं विदेश में भी फेमस रहा है.

Chhapra: बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा के बाद विगत 26 फरवरी से आयोजित मूल्यांकन को लेकर शिक्षा विभाग सख़्त दिख रहा है.शनिवार को मूल्यांकन केंद्रों पर योगदान नही करने वाले शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के 42 शिक्षकों पर शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र निर्गत करते हुए निलंबन और विभागीय करवाई की मांग की है.

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उप विकास आयुक्त एवं निगम आयुक्त को पत्र लिखते हुए जिला परिषद क्षेत्र तथा नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत उच्च एवं उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक जिन्होंने मूल्यांकन केंद्रों पर अपना योगदान नही दिया है वैसे शिक्षको की सूची उपलब्ध कराते हुए निलंबन एवं विभागीय कार्रवाई की मांग की है.

जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा भेजी गई सूची, यहाँ देखें

 

छपरा: सरकारी विद्यालयों में छात्रों की शैक्षणिक स्थिति बेहतर बनाने के उद्देश्य से कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा.

बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक संजीवनी सिन्हा द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान को पत्र भेजकर तीन चरणों में मूल्यांकन कराने का निर्देश दिया है.  श्री सिन्हा ने कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2016-2017 मे विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धि में सुधार को लेकर विशेष प्रयास की आवश्यकता है. जिसके लिए बच्चों के सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन को प्रक्रिया बद्ध तरीके से कराना जरुरी है. वर्ग 1 से 8 तक के छात्रों का मूल्यांकन मासिक, अर्द्धवार्षिक और वार्षिक किया जाएगा.

शिक्षा परियोजना द्वारा मूल्यांकन कार्य को लेकर मार्गदर्शिका,  मासिक शैक्षिक कैलेंडर, और प्रश्न पत्र को जिला कार्यालय को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की तैयारी में है.