अनियमित जीवनशैली मधुमेह के लिए जिम्मेवार : सुरेश
Chhapra:अंतरास्ट्रीय थियोसोफिकल सोसाइटी छपरा शाखा के तत्वावधान में गुरुवार को मधुमेह रोग से बचाव व इसके ईलाज की विभिन्न पद्धतियों की जानकारी से संबंधित बुलेटिन का लोकार्पण किया गया. स्थानीय सोसाइटी के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बुलेटिन का लोकार्पण संस्था के उपाध्यक्ष प्रो केके द्विवेदी एवं सचिव सुरेश प्रसाद श्रीवास्तव द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. इस अवसर पर श्री श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान समय में मधुमेह एक महारोग होते जा रहा है. मधुमेह अनेक असाध्य रोग का जन्मदाता है. जो देश के तीन प्रतिशत लोगों के मौत का कारण भी है. लोगों के असंयमित जीवन शैली, मादक पदार्थों का सेवन, शारीरिक श्रम की कमी आदि कारणों से मधुमेह रोग लोगों को जकड़ लेता हैं.
मधुमेह होने पर व्यक्तियों में विभिन तरह के लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं. जिसमे मूत्र की मात्रा में शुगर की मात्रा बढ़ना, रात्रि समय में बार-बार पेशाब आना, असाध्य चर्म रोग , घाव जल्दी ठीक नही होना आदि लक्षण प्रमुख हैं. एलोपैथ चिकित्सा इस रोग को पूर्णतः ठीक करने में कारगर नही हुआ है.
कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति, होमियोपैथ आदि इस रोग में कारगर है. कार्यक्रम में मधुमेह से बचाव के विभिन्न तथ्यों की जानकारी दी गई. आज के परिवेश में उक्त बीमारी बच्चे से लेकर बुजुर्गों में घर कर रहा हैं. इस मौके पर अनिल कुमार श्रीवास्तव,मंजूर अहमद, प्रो पशुपति नाथ, लालेश्वर बैठा, गंगोत्री प्रसाद, कन्हैया मिश्रा, श्रवण कुमार पांडेय, मोहन पांडेय आदि उपस्थित थे.

									
									
									
									
									
									
																																
									
																																
									
																																
									
																																
									
																																
                        
                        
                        
                        
                        