Chhapra: पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ ने छपरा जं० रेलवे के वर्तमान स्टेशन प्रबंधक पर रेलवे आवास के आवंटन में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. कर्मचारी संघ ने वरीय अधिकारीयों को पत्र जारी कर स्टेशन प्रबंधक पर एक यूनियन विशेष के लिए कार्य करने का आरोप लगाया. संघ ने गंभीर आरोप लगाते हुए उनपर कर्मचारियों के साथ भेद भाव, दोहन और शोषण का आरोप लगाया है. जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है.

पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के वाराणसी मंडल के मंडल अध्यक्ष ए एच अंसारी ने बताया कि रेलवे आवास के आवंटन अनियमितता एवं नियमों की अनदेखी की गई है. पूर्व में जब एक कर्मचारी ने इसकी शिकायत पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ से की, तो संघ ने इसे मंडल रेल प्रबंधक(परि०) के सामने उठाया और तब उसे रेलवे आवास आवंटन हुआ. पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ ने कर्मचारी हित में पत्र सं० – आवास/छपरा जं०/01/2017 , दि०- 23-09-2017 के द्वारा छपरा जं० अवस्थित नव निर्मित रेलवे आवास के आवंटन के संबंध में स्टेशन प्रबंधक से सूचना माँगा और जानना चाहा कि आवंटन की प्राथमिकता क्या है. किन्तु स्टेशन प्रबंधक ने आजतक को कोई जवाब नहीं दिया है. इससे प्रतीक होता है कि रेलवे आवास के आबंटन में कोई न कोई गड़बड़ी है जिसके कारण संघ को अभी तक उनके द्वारा जवाब नहीं दिया गया है.

उन्होंने  बताया कि संघ अब इस मामले को मंडल रेल प्रबंधक(परि०) के सामने उठाएगा और जाँच की माँग करेगा. यदि वहाँ से भी निष्पक्ष जाँच नहीं हुई तो इसे महाप्रबंधक , रेलवे बोर्ड , रेल मंत्री/भारत सरकार और विजिलेंस विभाग के संज्ञान में लाया जाएगा और जाँच की माँग की जाएगी. संघ के पत्र का जवाब नहीं देना संदेह पैदा कर रहा है.

क्या कहा स्टेशन प्रबन्धक ने:

इस पूरे मामले पर स्टेशन प्रबन्धक जीके लाल ने कहा कि उन्होंने आवास आवंटन में कोई गड़बड़ी नही की है. उनके उपर लगाए गये आरोप गलत हैं.

नई दिल्ली: यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखकर काम कर रही रेलवे ने पटरियों के नवीनीकरण पर खासा जोर दिया है. इसके तहत देशभर में रेलवे ट्रैक नवीनीकरण का कार्य चल रहा है. साल 2017-18 में कुल 4405 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का नवीनीकरण किया गया.

ट्रैक नवीनीकरण में टूटी-फूटी या घिसी हुई कमजोर पटरियों को मरम्मत कर इन्हें दुरुस्त किया जाता है. कमजोर ट्रैक ही अक्सर ट्रेन के पटरी से उतरने और दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. 

रेलवे नवीनीकरण का कार्य ट्रैक पर ब्लॉक लगाकर करती है. जो कई बार ट्रेन के लेट होने का भी कारण बनता है.रेलवे ट्रैक के नवीनीकरण पर किए गए रिकॉर्ड काम का ही नतीजाहै कि देश में होने वाली रेल दुर्घटनाओं में बड़ी गिरावट आई है. साल 2017-18 में देश में 73 रेल हादसे हुए.  ऐसा पहली बार हुआ है जब रेल हादसों की संख्या दो अंको में सिमट कर रह गई.

अपने अथक प्रयासों से रेलवे दुर्घटनाओं में कमी लाने में कामयाब हुई है. भविष्य में भी दुर्घटनाओं पर और काबू पाने के लिए रेलवे ने यात्री सुरक्षा को लेकर और भी सजग होने का प्रयास कर रही है.