Chhapra: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 03 फरवरी से 13 फरवरी तक इंटर मीडिएट की परीक्षा आयोजित की जा रही है. इंटरमीडिएट की परीक्षा में इस बार नकल पर रोक लगाने के लिए कई सख्त कदम उठाए गए है. परीक्षा में केंद्राधीक्षक से लेकर वीक्षक तक की जिम्मेवारी तय की गयी है. जिसके अनुसार इस बार परीक्षा केंद्र पर प्रत्येक पाली में वीक्षक को इस बात का घोषणा पत्र देना होगा कि उनके द्वारा सभी परीक्षार्थियों की जांच कर ली गई है. उनके पास कोई भी नकल की सामग्री नहीं है.घोषणा पत्र पर वीक्षक को हस्ताक्षर करके केंद्राधीक्षकों को देना है.

परीक्षा के दौरान नोडल पदाधिकारी, दंडाधिकारी एवं वरीय पदाधिकारियों के केंद्र पर जांच में आने के दौरान उनके द्वारा मांगने पर केंद्राधीक्षक दिखाएंगे. इंटर परीक्षा में 25 परीक्षार्थियों पर एक वीक्षक की तैनाती करनी है. इसके साथ ही एक कक्ष में दो वीक्षकों को रखने को कहा गया है.

विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी इंटर की परीक्षा में वीक्षकों की ड्यूटी रैंडमाईजेशन के तहत दी जाएगी. जिसमें यह वीक्षकों को पहले नहीं पता नहीं चलेगा कि उनकी ड्यूटी की केंद्र पर होगी. महिला केंद्रों पर महिला वीक्षकों की तैनाती होगी. केंद्राधीक्षक को प्रत्येक पाली में शिक्षकों की ड्यूटी एक कक्ष से दूसरे कक्ष में करने को कहा गया है. इसके साथ ही वीक्षकों को केंद्र पर मोबाइल लेकर जाने पर रोक लगा दी गई है.

Chhapra (Kabir): इंटरमीडिए की परीक्षा छात्रों और प्रशासन दोनों के लिए चुनौती बनी हुई है. परीक्षार्थी नक़ल करने के नए तरीके ढूढ़ रहे है तो प्रशासन नक़ल को रोकने के हरसंभव कोशिशे कर रहा है. इससे नकलची परीक्षार्थियों के साथ साथ उनके अभिभावकों और शुभचिंतकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इन सब के बीच सबसे बड़ी चिंता उन मजनुओं की है जो सेंटर पर अपनी प्रेमिका को नकल कराने पहुँच रहे है. मजनुओं को समझ नहीं आ रहा कि आखिर नकल  करायी कैसे जाए. परीक्षा खत्म होने के बाद मजनुओं को प्रेमिकाओं से गाली भी सुननी पड़ रही है.   

एक प्रेमी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि वह अपनी प्रेमिका को नक़ल कराने का प्रयास कर रहा था पर प्रशासन और विद्यालय की सख्ती से कुछ भी सफल नहीं हो पाया.  परीक्षा केंद्र के बाहर दिन भर उदास बैठने के आलावे ऐसे मजनुओं को कुछ भी नहीं सूझ रहा है. 

अन्य वर्षों की तुलना इस वर्ष प्रशासनिक सख्ती का आलम यह है कि पहले ही दिन नकलची परीक्षार्थियों का बड़े पैमाने पर निष्कासन किया जा रहा है.  बिहार सरकार और सारण जिला प्रशासन द्वारा परीक्षा केन्द्रों पर नकल रोकने के लिए विशेष इंतजाम किये गए है. सभी केन्द्रों के बाहर लगने वाले मजमे अब देखने को नहीं मिल रहे है. ऐसे में मजनुओं का परेशान होना स्वाभाविक है.