Chhapra: अप्रैल का आधा माह बीतने को है. इसके साथ ही मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है. गर्मी बढ़ रही हों और तापमान भो तेजी के साथ उठ रहा है. रविवार को शहर का तापमान 38 डिग्री तक पहुंच गया. हालांकि शाम ने राहत दी.

कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जारी Lockdown के कारण लोग घरों में है जिसके कारण इसका असर सड़को पर नही दिख रहा है. धूप में तपिश है और तेज गर्मी भी. शहर के कई इलाकों में इस तापमान के बढ़ने का असर दिखने लगा है. शहरी क्षेत्रों के कई वार्ड में पानी की समस्या धीरे धीरे शुरू हो चली है. हालांकि यह समस्या अभी कुछ इलाकों में ही है लेकिन जैसे जैसे तापमान चढ़ेगा यह समस्या भी बढ़ेगी.

शहर के कई चौक चौराहों पर लगे चापाकल पानी नही दे रहे है कारण यह है कि Lockdown में यह चापाकल नियमित रूप से नही चल रहा है. अभी मई और जून के महीना बाकी है. अगर गर्मी और तापमान इसी तेजी के साथ बढ़ते रहे तो आने वाले दिनों में एक बार फिर बीते वर्ष की तरह स्थिति गंभीर होने वाली है.

पटना: बिहार में गंगा, कोसी और उसकी सहायक नदियों में एक बार फिर बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है. राजधानी के आसपास सोन और पुनपुन नदी का जलस्तर भी चढ़ने लगा है. गंगा नदी पटना, कटिहार और मुंगेर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, सोन, पुनपुन, घाघरा, बागमती, महानंदा और परमान नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में पानी फैल गया है. बचाव और राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को तैनात कर दिया गया है. वहीं, जल संसाधन विभाग ने अपने सभी तटबंधों के सुरक्षित होने का दावा किया है.

जल संसाधन विभाग के मुताबिक, आज दिन में दो बजे गंगा नदी के जलस्तर में बक्सर, गांधीघाट, हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर एवं कहलगांव में लगातार वृद्धि की प्रवृत्ति दर्ज की गयी है. हालांकि, गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से बक्सर में 33 सेमी गांधीघाट में 81 सेमी तथा हाथीदह में 49 सेमी खतरे के निशान से ऊपर है. संबंधित अभियंता अपने-अपने परिक्षेत्राधीन तटबंधों की सुरक्षा हेतु निगरानी एवं चौकसी बरत रहे हैं.

छपरा: छपरा से पटना जाने वाला एक मात्र जुगाड़ू पुल पर पानी चढ़ गया है. बरसात के कारण नदी के जलस्तर में हुई बढोतरी के कारण यह पुल धीरेधीरे डुब रहा है. पुल पर पानी चढने से पूरी तरह यातायात बंद हो चुका है. अब दियरा क्षेत्र अकिलपूर में आने-जाने का एकमात्र साधन नाव ही बचा है.
जुगाड़ु पुल पर पानी चढने से छपरा से पटना जाने वाले लोगों की मुश्किलें बढ गई है. अब इस पुल से पानी हटने के बाद जब-तक उसे पूरी तरह से मरम्मत नहीं किया जाता तब-तक इस पुल पर आवागमन बहाल नहीं हो सकता. लेकिन मौसम विभाग के बरिश के अनुमान को  देखकर लगता है कि अब 2017 में ही इस पुल पर आवागमन बहाल होगा.
बताते चलें कि छपरा से पटना जाने के लिए दिघवारा नदी किनारे बास बल्ले की सहायता से छोटी नदी पर जुगाड़ पुल स्थानीय लोगों द्वारा बनाया गया. इस पुल के बनने से पटना की दूरी महज़ 55 किमी हो जाती हैं, अकिलपुर गांव होते हुए दानापुर लोग आसानी और सहजता से 30 से 45 मिनट में पहुंच जाते हैं लेकिन इस पुल को पार करने के लिए मोटरसाईकिल को 10 तथा  चारपहिया वाहन को 50 रुपये का शुल्क अदा करना पड़ता है. अब इस पूल के उपर पानी चढ जाने से  हाजीपुर के रास्ते गाँधी सेतु पार कर पटना जाना होगा. जो राहगीरों के लिए बड़ी चुनौती है.