छपरा में लगातार बढ़ रहा है डेंगू का प्रकोप, निगम द्वारा कछुए की चाल से कराई जा रही फॉगिंग
Chhapra: बीते कुछ दिनों से शहर में बढे डेंगू के प्रकोप से कई लोग इसकी इसकी चपेट में आ गए हैं. शहर के कई मुहल्लों में दर्जनों लोग इसके चपेट में आने से बीमार हो गए हैं. तेजी से फैल रहे इस खतरनाक बीमारी से अबतक छपरा के दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. जिसमें एक चिकित्सक भी शामिल हैं.
शहर के रामलीला मठिया मुहल्ले में डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं. बावजूद इसके सरकारी तंत्र इन सबसे बेखबर है. स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ शहर की सफाई और मच्छरों को मारने के लिए फोगिंग के लिए नगर निगम भी उदासीन दिख रहा है. निगम के द्वारा जो फोगिंग करायी भी जा रही है वो कुछ खास इलाकों के सड़कों तक ही सिमित है. लोगों के घरों गलियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. फोगिंग के नाम पर निगम केवल औपचारिकता ही पूरा कर रहा है.
कछुए की चाल से हो रही फॉगिंग
शहर में लगातार बढ़ते ड़ेंगू के प्रकोप के बाद भी नगर निगम द्वारा शहर में कराई जा रही फॉगिंग काफी सुस्ती से की जा रही है. इसके लिये निगम द्वारा जो रोस्टर तैयार किया गया है. उसमे प्रत्येक दिन शहर के दो वार्डों में फोगिंग करनी है. कूल मिलाकर शहर में 45 वार्ड हैं. प्रत्येक दिन दो-दो वॉर्डों में फोगिंग करते करते 22 से 23 दिन लग जाएंगे. जो लोगों के लिए चिंता का विषय है.
लोगों में है ड़ेंगू का डर
निगम कर्मियों के अनुसार बीते 11 अक्टूबर से शहर में फोगिंग शुरू की गई है. इसके तहत शहर के प्रत्येक गली में मोटरसाइकल पर मशीन रखकर फोगिंग करनी है. लेकिन लोगों का कहना है कई इलाकों में यह फोगिंग नही हो रही है. जिससे उन्हें भी ड़ेंगू का डर सताने लगा है.
पांच में 2 मशीनों से ही हो रही फॉगिंग
नगर निगम के पास फॉगिंग के लिए पांच मशीनें उपलब्ध हैं. लेकिन इनमें से मात्र दो को ही शहर में शाम के वक़्त फोगिंग के लिए भेजा रहा है. साथ ही साथ निगम के पास सड़कों पर फोगिंग के लिए एक बड़ा सा मशीन भी है. लेकिन किसी कारणवश वह मशीन निगम परिसर में ही रखा हुआ है. अगर निगम सभी मशीनों को शहर में भेजता है. तो ड़ेंगू के के प्रकोप को कम किया जा सकता है.