Chhapra: शहर के बाजार समिति परिसर स्थित कृषि भवन में आयोजित दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेले में पहले दिन किसानों ने सोलह लाख रुपये 0के अनुदानित यंत्रों की खरीदारी की. मेले में पहुंचे जिलेभर के किसानों ने विभिन्न तरह के कृषि यंत्रों की खूब खरीददारी की. जिसमें किसानों ने जबसे अधिक लपेटुआ पाइप व पंप सेट की खरीदारी की.

इस खरीदारी के लिए किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किए थे जिसके बाद प्रखंड कृषि पदाधिकारी द्वारा जारी किए गये परमिट के आधार पर मेले में यंत्रों का पूरा मूल्य देकर खरीदारी की गई. जांच रिपोर्ट व फोटो सत्यापन के बाद अनुदान की राशि किसानों के खाते में भेजी जाएगी. मौके पर प्रखंडों में किसानों से अधिक से अधिक यंत्र के लिए आवेदन कराने का निर्देश सभी बीएओ, कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकारों को दिया.

इसके पूर्व जिप अध्यक्षा मीना अरुण व कृषि विभाग के जेडीए विजेंद्र चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर मेले का उद्घाटन किया. इस मौके पर डीएओ जयराम पाल ने कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले पुरस्कृत किए जाएंगे लेकिन जो लक्ष्य को पूरा नहीं करेगा उसपर कार्रवाई की जाएगी. सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए किसी भी प्रकार की गड़बड़ी व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. 2022 तक किसानों की आमदनी डबल करने के लिए सरकार रोड मैप तैयार की है. इसपर काम करें.

इस अवसर पर सहायक निदेशक अरविंद कुमार सिंह, विनोद कुमार, समन्वयक दीपक कुमार, अनिरूद्ध सिंह, मुकेश सिंह, सभी प्रखंडों के बीएओ व किसान सलाहकार भी उपस्थित थे.

नगरा (अयूब रजा): बिहार सरकार द्वारा सिंचाई के लिए लगाये गए नलकूप 20 सालों से बंद पड़े है. नलकूप के बंद होने के कारण सिंचाई कार्य पूरी तरह बाधित हो चूका है. जिससे किसान काफी परेशान है.

ग्रामीणों के अनुसार प्रशासन की उपेक्षापूर्ण नीति की वजह से अफौर, डुमरी, खोदाईबाग, पटेढ़ा, तुजारपुर, खैरा आदि आसपास के क्षेत्रों में 20 वर्षो से सिंचाई की बदतर व्यवस्था होने से कृषि कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

क्षेत्र निवासी रमेश कुमार, पंकज सिंह, अजय महतो, महन्त सिंह, आजाद अली, असरफ अली, आरती कुँवर, देवरती कुमारी, शम्भू राय, सोनू कुमार आदि दर्जनों किसानों ने कहा कि नगरा प्रखंड में कई नलकूप है जो समुचित देख-भाल अधिकारीयों एवम् कर्मियों को इन नलकूपों से कोई मतलब नही रहता है. जबकि मौजूदा हालत यह है कि कई नलकूप बिजली ट्रांसफार्मर जले होने के कारण कई वर्षो से जंगल-झार में ध्वस्त हो चुके है. यह हाल तब है जब नलकूपों को चलाने के लिए सरकार द्वारा ऑपरेटर भी बहाल किया है. फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. किसानों ने कहा कि अगर विभाग ने इस ओर ध्यान न दिया तो चरणबध्द आंदोलन चलाया जायेगा.