Chhapra: मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग कृत संकल्पित है. हर रोज नये-नये उपकरण लगाये जा रहे हैं. सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है. इसके साथ ही मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराया जा रहा है. इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य समिति ने मरीजों की समस्याओ को ध्यान में रखते हुए एक नया मोबाइल एप लंच किया है.जिसके तहत राष्ट्रीय 102 एंबुलेंस सेवा की निगरानी की जायेगी. इस एप्लीकेशन से अधिकारी एम्बुलेंस की रियल टाइम ट्रैकिग कर सकेंगे. 102 एंबुलेंस अब आसानी से हर किसी के लिए सुलभ होगी. लाइव लोकेशन ट्रेस करने के लिए इन्हें मोबाइल एप से जोड़ा जा रहा है. इसके माध्यम से पल-पल की जानकारी कंट्रोल रूम के साथ ही एंबुलेंस के लिए कॉल करने वालों को मिलती रहेगी. इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने पत्र लिखकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है.इस संबंध पीडीपीएल ने सभी एंबुलेंस चालक व ईएमटी को पत्र जारी कर निर्देश दिया है.

एंबुलेंस का रेस्पांस टाइम कम करने के लिए यह कवायद की गई है.मरीज को समय से एम्बुलेंस मिल सके, इसके लिए भी यह एप तैयार किया गया है.सभी एंबुलेंस को जीपीएस से लैस कर एप से जोड़ा गया है.एप से जब मरीज के तीमारदार को एंबुलेंस की लोकेशन दिखने लगेगी तो वह बार-बार फोन करके एंबुलेंस के बारे में अपडेट नहीं लेगा.इससे जानकारी देने वाला कर्मचारी भी डिस्टर्ब नहीं होगा साथ ही तीमारदार को भी सुविधा होगी.

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कई बार एंबुलेंस मरीज तक नहीं पहुंच पाती है, जिससे मरीज को समय से इलाज नहीं मिल पाता है. ऐसे में मरीज या तीमारदार को बार-बार फोन करना पड़ता है, लेकिन फोन रिसीव करने वाला व्यक्ति भी उन्हें एंबुलेंस की सही लोकेशन नहीं बता पाता था.अब एप की सुविधा शुरू होने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी.

जैसे ही कोई मरीज या परिजन 102 एंबुलेंस के लिए कॉल करेगा, संबंधित के पास मैसेज चला जाएगा.इसमें चालक, टेक्नीशियन के मोबाइल नंबर, एंबुलेंस के नंबर लिंक होंगे. इस लिंक को खोलने पर एंबुलेंस की लाइव लोकेशन मिलती रहेगी. टेक्नीशियन को भी मरीज के पास पहुंचने पर संबंधित जानकारी एप पर डालनी होगी.साथ ही किस अस्पताल में ले जा रहे हैं, यह भी विवरण दर्ज कराना होगा. एंबुलेंस में पहले से जीपीएस लगा है.मोबाइल एप से निगरानी और बेहतर होने का दावा है.

मोबाइल एप की सफल एंव सुगम संचालन के लिए केयर इंडिया के द्वारा एंबुलेंस चालकों व ईएमटी को प्रशिक्षण दिया जायेगा.मोबाइल एप संचालन के लिए पीडीपीएल के द्वारा एंड्रवायड मोबाइल भी उपलब्ध कराया जायेगा.मोबाइल एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की खरीदारी प्रक्रियाधीन है.तब तक चालक व ईएमटी को अपने फोन में ही मोबाइल एप इंस्टाल करना होगा. इसके लिए सभी को प्रशिक्षित किया जायेगा.

छपरा: कोरोना संक्रमण के मद्देनजर संदिग्ध मरीजों को उनके घर से अस्पताल लाने ले जाने की सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में एंबुलेंस को लगाया गया है. इस वजह से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. राज्य में एंबुलेंस को लेकर हो रही असुविधा के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य समिति ने जरूरी फैसला लिया है. इस फैसले के तहत एंबुलेंस की सुविधा नहीं उपलब्ध होने पर अब गर्भवती महिला को उसके परिजन किसी अन्य वाहन से अस्पताल ला सकते हैं. इसके लिए तत्काल 500 रुपये का भुगतान स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया जायेगा.

डीबीटी के माध्यम से होगा 500 रुपये का भुगतान

राज्य स्वास्थ्य समिति ने इस निर्देश के आलोक में पत्र जारी किया है. पत्र के माध्यम से कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए 102 एंबुलेंस का उपयोग संदिग्ध या संक्रमित मरीजों के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. इस वजह से राज्य में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने जाने के लिए 102 एंबुलेंस की सेवा प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है. इस स्थिति को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति ने यह निर्णय लिया है कि 31 मई तक 102 एंबुलेंस की अनुपलब्धता के कारण यदि कोई गर्भवती महिला संस्थागत प्रसव के भाड़े के वाहन से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आती हैं तो उसे तत्काल आने जाने के लिए 500 रुपये का भुगतान किया जायेगा. रशि का भुगतान नेशनल हेल्थ मिशन के फ्री रेफरल ट्रांसपोर्ट से उसके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से किया जायेगा.

भाड़े पर वाहन रखने का भी लिया गया है निर्णय

वहीं पत्र के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध या संपुष्ट मरीजों के परिवहन के लिए एक पूर्ण रूप से सेनेटाइज्ड एंबुलेंस को चिन्हित कर उसी विशेष चिन्हित एंबुलेंस से कोविड 19 के संदिग्ध या संपुष्ट मरीजों का परिवहन करने हेतु सभी संबंधित को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं ताकि साधारण मरीज एवं गर्भवती महिलाओं में संक्रमण फैलने की संभावना नहीं रहे. इसके साथ ही 102 एंबुलेंस सेवा के तहत चिन्हित एंबुलेंस के अतिरि​क्त कोविड 19 से संबंधित कार्यों के लिए जिलों व मेडिकल कॉलेजों द्वारा आवश्यकतानुसार भाड़े पर वाहन रखने का निर्णय लिया गया है जिसका भुगतान कोविड 19 से संबंधित नेशनल हेल्थ मिशन के खाते से किया जायेगा.

Chhapra: सारण जिले के 45 पंचायतों को एक एक आधुनिक एंबुलेंस उपलब्ध कराया जाएगा.ये एंबुलेंस जीपीएस से लैस होंगे तथा इनमें मरीजों के लिए कई सुविधाएं होंगी. इन एम्बुलेंसों में सीएम सिलेंडर व ऑक्सीजन मास्क के साथ कई और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध होंगी. 28 फरवरी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा शहर के राजेंद्र स्टेडियम से सारण जिले के 45 पंचायतों को आधुनिक एंबुलेंस समर्पित किए जाएंगे.

उक्त जानकारी सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी ने दी.उन्होंने कहा कि गांव में एंबुलेंस ना मिलने की वजह से ही रोगी सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं. आधुनिक एंबुलेंस सुविधा मिलने से उन्हें सहूलियत होगी.

Garkha: मंगलवार की सुबह छपरा- मुजफ्फरपुर पथ पर तेज़ रफ़्तार एम्बुलेंस ने एक मजदूर को रौंद दिया. जिससे मौके पर ही उसकी की मौत हो गई. मजदूर को रौंदने के बाद एंबुलेंस भी अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गड्ढे में जा गिरा.

उक्त घटना जिले के गरखा थाना क्षेत्र के कमालपुर गांव के फाल्गुनी बाजार की है. जहां सड़क पार करते समय मज़दूर को एम्बुलेंस ने ठोकर मार दी. जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी. मृतक आलोनी गांव निवासी ज्ञानचंद माझी का 38 वर्षीय पुत्र सुशील माझी बताया जा रहा है.

मज़दूर की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने छपरा मुजफ्फरपुर रोड को जाम कर दिया. घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा बुझा कर जाम हटवाने का प्रयास किया.