भारतीय रेल का सामान्य श्रेणी पर जोर, दस हजार नए डिब्बे बनाने की तैयारी: अश्विनी वैष्णव

–पुश-पुल तकनीकी से चलेंगी 165 नई अमृत भारत ट्रेन
— अमृत भारत के लिए 1181 कोच (डिब्बों) का निर्माण किया जा रहा है
— अमृत भारत में सिर्फ जनरल और स्लीपर कोच होंगे, इसमें वातानुकूलित कोच नहीं होंगे
— यह ट्रेनें पुश-पुल प्रणाली से संचालित होंगी, जिसकी गति 130 किलोमीटर प्रतिघंटा तक होगी
— सरकार का उद्देश्य गरीबों, निम्न मध्यम और मध्यम वर्ग को कम खर्च में बेहतर रेल यात्रा देना है

नई दिल्ली, 5 जुलाई (हि.स.)। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को रेल भवन में एक समझौता पत्र (एमओयू) के हस्ताक्षर समारोह के दौरान इस बात को दोहराया कि भारतीय रेल गरीबों, निम्न मध्यम व मध्यम वर्ग के लोगों को किफायती रेल यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि भारतीय रेल ने अगले दो वर्षों के दौरान 10,000 गैर-वातानुकूलित रेल के डिब्बों का निर्माण करने की योजना बनाई है। यह भी जानकारी दी गई कि मंत्री ने रेलवे परिचालन में सेवा की गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वच्छता को बढ़ाने के लिए चल रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।

अश्विनी वैष्णव ने देश भर के 12 लाख रेलकर्मियों से समर्पण के साथ काम करने और अपना मनोबल ऊंचा रखने की भी अपील की। साथ ही, उन्होंने रेलवे कर्मियों से सामूहिक रूप से काम करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भारतीय रेल पर लोगों का भरोसा कायम रहे।

भारतीय रेलवे के गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) वडोदरा और एयरबस ने आज भारतीय विमानन क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये। सितंबर 2023 में हस्ताक्षरित एमओयू (समझौता ज्ञापन) के बाद, रेमी मैलार्ड (अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, एयरबस इंडिया और दक्षिण एशिया) और प्रो. मनोज चौधरी (कुलपति, गति शक्ति विश्वविद्यालय) के बीच आज एक निश्चित समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

इस समझौते में जीएसवी के 40 छात्रों के लिए पूरे कार्यक्रम की अवधि के लिए एक पूर्ण छात्रवृत्ति कार्यक्रम, जीएसवी में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना और जीएसवी में एयरबस एविएशन चेयर प्रोफेसर का पद शामिल है। इसके अलावा, जीएसवी और एयरबस विमानन क्षेत्र में कार्यरत पेशेवरों के लिए कार्यकारी प्रशिक्षण के लिए साझेदारी करेंगे।

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