महाकुम्भ के अवसर पर 22 फरवरी,2025 तक थावे से 03, तथा छपरा जं. रेलवे स्टेशन से कुल 39 मेला विशेष ट्रेनों का संचालन

महाकुम्भ के अवसर पर 22 फरवरी,2025 तक थावे से 03, तथा छपरा जं. रेलवे स्टेशन से कुल 39 मेला विशेष ट्रेनों का संचालन

महाकुम्भ के अवसर पर 22 फरवरी,2025 तक थावे से 03, तथा छपरा जं. रेलवे स्टेशन से कुल 39 मेला विशेष ट्रेनों का संचालन

Chhapra : महाकुम्भ-2025 के पावन अवसर पर श्रद्धालु यात्रियों की सुगम, सुविधाजनक एवं आरामदायक कुम्भ यात्रा हेतु पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल द्वारा विभिन्न स्टेशनों – भटनी,मऊ, बलिया, गाजीपुर सिटी, बनारस, छपरा एवं थावे से कुम्भ मेला विशेष गाड़ियों का संचलन किया जा रहा है। स्टेशनों पर श्रद्धालु यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए भी रेलवे प्रशासन द्वारा तत्काल निर्णय लेते हुए बिना शिड्यूल की हुई गाड़ियों का संचलन कर श्रद्धालुओं को प्रयागराज मेला क्षेत्र तक सुविधा प्रदान की जा रही है।

स्टेशनों पर श्रद्धलु यात्रियों की भीड़ का प्रबंधन करने के लिए यात्री होल्डिंग एरिया की व्यवस्था भी की गई है। इसी क्रम में छपरा जं स्टेशन पर 3600 वर्गफीट, सीवान स्टेशन पर 5250 वर्गफीट में अस्थाई पैसेंजर होल्डिंग एरिया का निर्माण किया गया है। इन पैसेंजर होल्डिंग एरिया में यात्रियों की सुविधा के लिए समुचित व्यवस्था की गई है तथा यात्रियों को ट्रेनों की जानकारी हेतु कम्प्यूटर आधारित जन उदघोषणा प्रणाली स्थापित की गई है।

इसी क्रम में छपरा से 39, थावे से 03 ट्रेनें चलाई जा चुकी है। यात्रियों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए इन स्टेशनों से अभी भी कुम्भ मेला विशेष गाड़ियाँ चलाई जा रही है। मेला विशेष गाड़ियों के संचलन हेतु पर्याप्त संख्या में रेक/कोचों की व्यवस्था की गई है, जिससे नियमित अन्तराल पर विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। ट्रेनों के दोनों तरफ इंजन लगाये गये, जिससे इंजन रिवर्सल का समय बचाया जा सका है।

पिछले छः वर्षों में किये गये विद्युतिकृत लाइनों के साथ दोहरीकरण,यार्ड रिमॉडलिंग एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार कार्यों के कारण इतनी ज्यादा ट्रेनें चलाना सम्भव हो पाया। बनारस-माधोसिंह-प्रयागराज खंड के दोहरीकरण परियोजना के अन्तर्गत गंगा नदी पर रेल पुल निर्माण सहित झूसी-प्रयागराज खंड का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण के फलस्वरूप इतनी अधिक संख्या में ट्रेनों का संचलन सम्भव हो पाया है।

झूसी-प्रयागराज खंड के दोहरीकरण के अन्तर्गत गंगा नदी पर दोहरी लाइन के रेल पुल सं.-111 का निर्माण रू. 496.62 करोड़ की लागत से किया गया। यह एक महत्वपूर्ण पुल है, जिसकी लम्बाई 1,934 मीटर है। पुल के दोनों एप्रोचों पर वायाडक्ट का भी निर्माण किया गया है, जिसकी कुल 872 मीटर लम्बाई है। इस पुल के कारण मेला के दौरान श्रद्धालुओं का आवागमन सुगम हुआ है तथा क्षमता के विस्तार होने के फलस्वरूप महाकुम्भ के दौरान अधिक ट्रेनों का संचालन सम्भव हो पा रहा है।

 

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