Chhapra: रविवार को छपरा आईबी के सभागार में पूर्व एमएलसी डॉ चंद्रमा सिंह ने प्रेस वार्ता की. मीडिया को समबिधित करते हुए उन्होंने कहा कि डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा शिक्षकों के नेता थे जिन्होंने शिक्षकों को मान सम्मान ही नहीं वेतनमान भी दिया था.
लेकिन 2006 में नियोजन की प्रक्रिया की शुरुआत कर सरकार ने माध्यमिक शिक्षा को नेस्तनाबूद कर दिया गया. जगन्नाथ मिश्रा ने अपने समय शिक्षकों को एक वेतनमान, सभी राज्य सरकार के कर्मचारियों के भांति सभी सुविधा तथा पेंशन तथा संवर्ग दिलवाया, लेकिन महामंत्री एवं विधान परिषद राज्य सरकार से मिल सुनियोजित तरीके से माध्यमिक शिक्षा को बरबाद कर दिया.
उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य तथा उद्देश्य यही रहेगा कि पुरानी व्यवस्था वापस हो एवं शिक्षकों को वेतनमान एवं अधिकार मिले. इसी तरह इंटरमीडिएट एवं वित्त रहित शिक्षकों को भी 37 वर्ष के उपरांत जो मान्यता नहीं मिली है. वह उन्हें प्राप्त हो.
अनुदान के बदले वेतनमान मिल डिग्री महाविद्यालयों के कर्मचारियों का सेवा नियमित एवं अभिलंब भुगतान किया जाए. उन्होंने कहा कि आज नियोजित शिक्षक विद्वान होने के बावजूद भी अल्प वेतनभोगी हैं, क्या इन्हें अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ति करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं संकल्प करता हूं कि इन शिक्षकों को इनका मूल्य अधिकार अवश्य दिलवाऊंगा, यही मेरा चुनावी मेमोरेंडम है.

									
									
									
									
									
									
																																
									
																																
									
																																
									
																																
									
																																
									
																																
									
																																
									
																																



																			
                        
                        
                        
                        
                        
				
				
				
				
				
				
				
				
				
				