Chhapra: शहर के लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार व समाजसेवी प्रो० बच्चू पांडेय की जयन्ती समारोह रविवार 8 अगस्त 1 बजे दिन से होटल राज लक्ष्मी, रामलीला मठिया के सभागार में गरिमापूर्ण साहित्यिक वातावरण में बडी़ ही सादगी के साथ मनायी गयी। इस अवसर पर जिला भर के प्रख्यात कवि,साहित्यकार,समाजसेवी आदि ने भाग लिया।प्रो०बच्चू पाण्डेय जयन्ती समारोह की अध्यक्षता वरीय साहित्यकार प्रो०उषा वर्मा ने की।स्वागत वरिष्ठ साहित्यकार शम्भु कमलाकर मिश्र ने किया.
दीप प्रज्जलन के बाद स्वर्गीय बच्चू पाण्डेय की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर सभी साहित्य प्रेमियों ने उन्हें याद किया।इस समारोह के मंच संचालन के दायित्व का निर्वाह वरीय साहित्यकार दक्ष निरंजन शम्भु द्वारा कार्यक्रम की समाप्ति तक किया गया।इस अवसर पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार जिले के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्य सेवी जाने माने व्यक्तित्व की पहचान प्रो०डी०पी० सिन्हा पूर्व प्राचार्य,राजेन्द्र महाविद्यालय छपरा को बच्चू पाण्डेय सम्मान 2021 से साहित्यिक संस्था बच्चू पाण्डेय कला वीथी छपरा द्वारा अंगवस्त्र, प्रतीक चिह्न एवं सम्मान पत्र प्रदान कर संस्था के सचिव ज्योतिष पाण्डेय द्वारा सम्मानित किया गया. स्वर्गीय बच्चू पाण्डे के साहित्यिक, सामाजिक, शैक्षणिक सेवाओं पर वरीय साहित्यकारों ने अपना उद्गार व्यक्त करते हुए उनके जीवन वृतांत पर कई पक्ष को अपने-अपने तौर पर श्रोताओं के बीच रखा. बच्चू पाण्डेय पर बोलते हुए प्रो०डी०पी०सिन्हा ने कहा कि बच्चू पाण्येड को मैं जब से छपरा आया तब से जानता रहा हूँ वे अभी छात्र ही थे किन्तु साहित्य में उन्होंने अपना स्थान बना लिया था.
मुख्य वक्ता के रुप में प्रो०सुधा बाला ने अपने परिवार के साथ उनकी अंतरंगता को प्रगट करते हुए बडे़ भाई की संज्ञा दी. अध्यक्ष के रुप में बोलते हुए प्रो०उषा वर्मा ने बच्चू पाण्डेय को इस तरह से याद करते हुए कहा की वे साहित्य के अनमोल धरोहर हैं उनके कारण हम सभी गौरवान्वित होते हैं. प्रोफेसर लाल बाबू यादव ने इस अवसर पर कहा की भोजपुरी, हिन्दी, उर्दू में अपनी रचनाओं से उन्होंने समाज को नई दिशा प्रदान की है.
प्रो०विरेन्द्र नारायण यादव ने ये कहते हुए बच्चू पाण्डेय को याद किया उन्होंने कहा कि बच्चू बाबा ने सारण की साहित्यिक यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान किया है. शंभु कमलाकर मिश्र ने कहा कि बच्चू बाबा की रचनाएं सामाजिक परिप्रेक्ष्य में आज भी प्रासंगिक हैं. उन्होंने अपनी रचना में समाज के हर रंग को भरा हैं. यथार्थ की कसौटी पर वे सिद्धहस्त रचनाकार हैं. प्रोफेसर के०के० द्विवेदी ने उनको याद करते हुए कहा कि प्रो बच्चू पांडेय ने साहित्य की नई कोंपलों की सींचा तो समाज में सुधार व विकास के हमेशा अगुआ बने रहे. सरस्वती शिशु/विद्या मंदिर के पूर्व प्राचार्य राम दयाल शर्मा ने कहा की बच्चू बाबा अपनी रचनाओं में सामाजिक विसंगतियों के प्रति सबको आगाह किया तो वहीं युवाओं को हमेशा अपना मार्गदर्शन देते रहे।प्रोफेसर एच०के०वर्मा ने कहा की हिन्दी, उर्दू और भोजपुरी में उनके योगदान को हमेशा याद किया जायेगा।बच्चू बाबा साहित्यिक गतिविधियों के इस जिले में एक आधार स्तम्भ थे.





