इतिहास के पन्नों में: 23 फरवरी

इतिहास के पन्नों में: 23 फरवरी

नाच्यो बहुत गोपालः पद्म भूषण से सम्मानित सुप्रसिद्ध साहित्यकार अमृतलाल नागर का 23 फरवरी 1990 को निधन हो गया। वे हिंदी साहित्य लेखन की क्लासिकल परंपरा की आखिरी पीढ़ी में शामिल साहित्यकार थे।

उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद और शरदचंद चट्टोपाध्याय से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे अमृतलाल नागर का जन्म 17 अगस्त 1916 को आगरा में एक गुजराती ब्राह्मण परिवार में हुआ था लेकिन आगे चलकर वे ताउम्र लखनऊ के होकर रह गए। नागर जी की पढ़ाई हाईस्कूल तक हुई थी लेकिन स्वयं से अध्ययन का जुनून ऐसा कि साहित्य, इतिहास, पुराण, पुरातत्व और समाज शास्त्र का गहन अध्ययन किया। इसके साथ हिंदी, गुजराती, मराठी, बांग्ला और अंग्रेजी भाषा पर समान अधिकार रखते थे।

1932 से अमृतलाल नागर ने निरंतर लेखन किया। पहले नौकरी की और आगे चलकर स्वतंत्र लेखन। आकाशवाणी लखनऊ में ड्रामा प्रोड्यूसर, कई पत्रिकाओं का संपादन और फिल्म फिल्म लेखन। लेकिन मुख्य रूप से हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें याद किया जाता है। मुहावरों, लोकोक्तियों और देसज शब्दों से सजी नागर जी की लेखन शैली पढ़ने वाले को जैसे सम्मोहित कर देती है। उनके प्रमुख उपन्यासों में ‘शतरंज के मोहरे’, ‘सुहाग के नुपूर’, ‘अमृत और विष’, ‘मानस का हंस’, ‘नाच्यौ बहुत गोपाल’, ‘खंजन नयन’, ‘अग्निगर्भा’ शामिल हैं। उन्होंने कहानियां, नाटक, व्यंग्य, बाल साहित्य और अनुवाद के काम किये।

अन्य अहम घटनाएं:

1664: छत्रपति शिवाजी महाराज के पिता साहूजी महाराज का निधन।

1886: अमेरिका के रसायन शास्त्री मार्टिन हेल ने अल्युमीनियम की खोज की।

1954: प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक गुरु बाबा हरदेव सिंह का जन्म।

1963: क्रांतिकारी नरेंद्र मोहन सेन का निधन।

1969: जानी-मानी अभिनेत्री मधुबाला का निधन।

1969: अभिनेत्री भाग्यश्री का जन्म।

0Shares

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें