जयपुर, 15 मई (हि.स.)। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सोमवार को अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है। उन्होंने सरकार के सामने तीन मांगे रखीं और कहा कि इस महीने के आखिर तक यदि ये मांगें नहीं मानी गईं, तो पूरे प्रदेश में हम आंदोलन करेंगे।
पांच दिन की जनसंघर्ष यात्रा के समापन पर जयपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए पायलट ने तीन मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि मेरी पहली मांग है कि भ्रष्टाचार की जननी राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग करके इसका पुनर्गठन किया जाए। चेयरमैन और सदस्यों के चयन के लिए नए कानून और मापदंड बने और पारदर्शिता से लोगों का चयन हो। दूसरी मांग में कहा गया है कि पेपर लीक होने से प्रत्येक बच्चे को उसका पूरा मुआवजा मिलना चाहिए। तीसरी मांग में कहा गया है कि वसुंधरा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
उन्होंने कहा कि आज 15 मई को जन संघर्ष यात्रा समाप्त हो रही है। अगर इस महीने के आखिर तक यह तीनों मांगे नहीं मानी गई, तो मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि अभी तक मैंने गांधीवादी तरीके से अनशन किया है। जनसंदेश यात्रा की है, लेकिन महीने के आखिरी तक कार्यवाही न होने पर पूरे प्रदेश में आप लोगों के साथ आंदोलन करूंगा।
पायलट ने कहा कि गांव-ढाणी, शहरों में बड़ा आंदोलन होगा। न्याय करवाएंगे। हम लोगों के पास कुछ नहीं है। हम तो पैर में जूता डालकर निकल पड़े थे। गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि हम बिना पद के गाली खा-खाकर संगठन के लिए काम कर रहे हैं और आप सत्ता में बैठकर मलाई खा रहे हो। लोग यह सुन लें कि मुझे किसी सीमा में न बांधें, मैं किसी एक धर्म या समाज का नहीं हूं। मैं 36 कौम का बेटा हूं। राजस्थान का बेटा हूं। पायलट ने कहा कि मैं किसी पद पर रहूं या न रहूं। राजस्थान की जनता की सेवा करता रहूंगा। डरने वाला नहीं हूं, दबने वाला नहीं हूं। आपके लिए लड़ा हूं और लड़कर रहूंगा।