पवित्र संगम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लगायी आस्था की डुबकी

पवित्र संगम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लगायी आस्था की डुबकी

महाकुम्भ नगर, 10 फरवरी (हि.स.)। देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को प्रयागराज की पावन धरा पर त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगायी। त्रिवेणी संगम पर राष्ट्रपति मुर्मु ने प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाया। बता दें, देश की प्रथम नागरिक का संगम में पावन डुबकी लगाने का यह ऐतिहासिक क्षण है। गौरतलब है कि इससे पहले भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में पावन स्नान किया था। राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सोमवार सुबह प्रयागराज पहुंचने पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। यहां से राष्ट्रपति अरैल घाट आईं, जहां से क्रूज पर सवार होकर वह त्रिवेणी संगम पहुंचीं। इस दौरान राष्ट्रपति ने डेक पर खड़े होकर नौका विहार का आनंद भी लिया और अपने हाथों से पक्षियों को दाना खिलाया। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच राष्ट्रपति ने पूरी आस्था के साथ त्रिवेणी संगम में स्नान किया। पावन डुबकी लगाने से पहले राष्ट्रपति ने त्रिवेणी संगम में पुष्प व नारियल अर्पित किया और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम किया। उन्होंने मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की अराधना करते हुए एक के बाद एक कई बार पवित्र जल में डुबकी लगाई। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चारण और श्लोकों के बीच उन्होंने संगम स्थल पर पूजा अर्चना की और संगम की आरती भी उतारी। इस दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें महाकुम्भ के आयोजन और इससे जुड़ी अनेक व्यवस्थाओं की जानकारी भी दी।

संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इसके धार्मिक आस्था को और अधिक मजबूती देने के लिए अक्षयवट का दर्शन-पूजन करेंगी। सनातन संस्कृति में अक्षयवट को अमरता का प्रतीक माना जाता है। यह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जिसकी महत्ता पुराणों में भी वर्णित है। इसके अलावा वो बड़े हनुमान मंदिर में भी दर्शन और पूजा-अर्चना कर देशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना करेंगी।

इसके साथ ही आधुनिक भारत और डिजिटल युग के साथ धार्मिक आयोजनों को जोड़ने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल को राष्ट्रपति समर्थन देंगी। वे डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का अवलोकन करेंगी। राष्ट्रपति शाम शाम पौने छह बजे प्रयागराज से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगी।

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